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फ्रेंडशिप डे पर कविता

इस दुनिया में दोस्ती ही एक ऐसा रिश्ता है, जो हम खुद अपनी पसंद से चुनते है। एक सच्चा दोस्त वही होता है, जो आपका साथ जिन्दगी के हर मोड़ पर दे।

कहा जाता है कि अच्छे फ्रेंड बहुत नसीब वालों को ही मिलते हैं। एक सच्ची दोस्ती जाति, धर्म, अमीरी-ग़रीबी आदि सभी बंधनों से पूरी तरह से मुक्त होती है।

Poetry in Hindi For Friendship
Friendship Poem in Hindi

वैसे तो हम सभी अपने दोस्तों का हमेशा मज़ाक बनाते रहते हैं, उन्हें परेशान करते रहते हैं और उन्हें चिढ़ाते रहते हैं। लेकिन हम अन्दर से उन्हें कितना प्यार करते हैं और वो हमारे लिए कितने स्पेशल हैं, इसका भी आभास हमें उन्हें करा देना चाहिए।

इसीलिए हम आपके लिए कुछ ऐसे ही happy friendship day poem in hindi लेकर आये हैं, जिनके माध्यम से आप अपने दोस्तों को बता सकेंगे कि वो आपके लिए कितने स्पेशल हैं।

फ्रेंडशिप डे कविता | Happy Friendship Day Poem in Hindi

ऐ दोस्त याद आते हैं वो दिन

Friendship Day Poem in Hindi

यारा माफ़ करना
तुझे तंग करना ख़ुशी बन जाती है।
मेरी फिर तेरा रूठना,
चेहरे पर हंसी खिला देती है।
तू जो बोले तेरे विपरीत बोलना,
भाई की कमी पूरा कर जाती है।
तो कैसे मैं तुझे तंग न करू
तंग न करे बिना भाई वाले दोस्त की खुशबू नहीं आती।

ऐ दोस्त कैसे भूल जाऊं तुझे,
जहां मेरा कोई न था
वहां तूने मेरा साथ दिया।
रोने के लिए तेरा कन्धा,
तो हंसने में तूने मेरा साथ दिया।

जब वो मेरे साथ होते,
मुझे किसी का डर नहीं होता।
जब वो मेरे साथ-साथ होते,
तो मुझे किसी से पीटने का भी डर होता है।
पर क्या करूं उन कमबख्तों से ही
मेरी ख़ुशी का हर पल होता है।

सोचा ही था लाइफ में
ऐसा कुछ कमाना है,
छोटी सी उम्र में ही वो कारनामा कर गये
और दोस्ती में भी
जान कहने वाले दोस्त कामा गये।

ऐ दोस्त याद आते हैं वो दिन 
College से ज्यादा
नुक्कड़ वाली टपरी पर बैठ कर
चाय से इश्क लङाना।

ऐ दोस्त याद आते हैं वो दिन 
किसी बात पर मेरा रुठ जाना
और दोस्तो के चेहरे से खुशी का चला जाना
फिर मेरी हंसी की एक झलक के लिए 
चलती Class में Comment मारना 
और मेरा नाम लेना।

ऐ दोस्त याद आते हैं वो दिन 
बीना बताये मूवी देखने चले जाना 
पता चलने पर मेरा रूठना 
तुम्हारा रोना। बस रुठे हुए को मनाने के लिए पार्टी देना।

ऐ दोस्त याद आते हैं वो दिन 
किसी बात पर उदास तो मैं होता था
ख़ुशी तेरे चेहरे पर भी नहीं होती थी 
बस मेरे चेहरे पर खुशी के लिए 
पूरी होस्टल को सर पर ले लेना
और फिर Warden को मनाना।

ऐ दोस्त याद आते हैं वो दिन 
तुझे बिना कहे बाहर जाना 
पीछे मेरे तेरा खाना नहीं खाना 
वापस Hostel आने पर
बाहर से खाना मंगवाना।

ऐ दोस्त याद आते हैं वो दिन 
मेरा फ़ोन नहीं उठाने पर
2 या 3 दिनों तक Block हो जाना
और वापस चाय की चुस्की के साथ 
मुझे मनाना।

ऐ दोस्त याद आते हैं वो दिन 
मेरे रवैये से विपरीत जाकर तुझे चिङाना
और गुस्सा होने पर क्या कर लेगा बोलना
फिर कुछ समय के लिए रुठ जाना 
और गुरुजी बस इतनी सी ही है दोस्ती 
कहकर वापस मनाना।

ऐ दोस्त याद आते हैं वो दिन 
तेरी गलती ना होते हुए भी 
दोस्तों के बीच तकरार मिटाने की कोशिश करना
दोस्तों के बीच Misunderstanding को
खुद Sorry बोल कर दूर करना।

ऐ दोस्त याद आते हैं वो दिन 
दोस्ती की कसम पर 
अपने सारे राज बता देना 
Blackmailing होते हुए भी
मीठे गाने सुनाना।

ऐ दोस्त याद आते हैं वो दिन 
Phone तेरा होना 
और हर वक्त उसमें Photo मेरा लेना
तु ही हमारा Photographer कहकर 
तुझे खुश करना।

-नथमल प्रजापत

फ्रेंडशिप डे पर कविता (Friendship Day Poetry in Hindi)

क्या खबर तुमको दोस्ती क्या हैं,
ये रोशनी भी हैं और अँधेरा भी हैं,
दोस्ती एक हसीन ख़्वाब भी हैं,
पास से देखो तो शराब भी हैं,

दुःख मिलने पर ये अजब भी हैं,
और यह प्यार का जवाब भी हैं,
दोस्ती यु तो माया जाल हैं,
इक हकीकत भी हैं ख़याल भी हैं,

कभी जमीं कभी फ़लक भी हैं,
दोस्ती झूठ भी हैं सच भी हैं,
दिल में रह जाए तो कसक भी हैं,
कभी ये हर भी हैं जीत भी हैं,

दोस्ती साज भी हैं संगीत भी हैं,
शेर भी नमाज़ भी गीत भी हैं,
वफ़ा क्या हैं वफ़ा भी दोस्ती हैं,
दिल से निकली दुआ भी दोस्ती हैं,

बस इतना समझ ले तू
एक अनमोल हिरा हैं दोस्ती।

दोस्ती जब किसी से की जाये

दोस्ती जब किसी से की जाये,
दुश्मनों की भी राय ली जाये।

मौत का ज़हर है फ़िज़ाओं में,
अब कहाँ जा के साँस ली जाये।

बस इसी सोच में हूँ डूबा हुआ,
ये नदी कैसे पार की जाये।

मेरे माज़ी के ज़ख़्म भरने लगे,
आज फिर कोई भूल की जाये।

बोतलें खोल के तो पी बरसों,
आज दिल खोल के भी पी जाये।

-राहत इन्दौरी

सिलसिला ये दोस्ती का (happy friendship day kavita)

सिलसिला ये दोस्ती का हादसा जैसा लगे
फिर तेरा हर लफ़्ज़ मुझको क्यों दुआ जैसा लगे।

बस्तियाँ जिसने जलाई मज़हबों के नाम पर
मज़हबों से शख़्स वो इकदम जुदा जैसा लगे।

इक परिंदा भूल से क्या आ गया था एक दिन
अब परिंदों को मेरा घर घोंसला जैसा लगे

घंटियों की भाँति जब बजने लगें ख़ामोशियाँ
घंटियों का शोर क्यों न ज़लज़ला जैसा लगे।

बंद कमरे की उमस में छिपकली को देखकर
ज़िंदगी का ये सफ़र इक हौसला जैसा लगे।

-अश्वघोष

Whatsapp Status on Best Friend

Dost के बिना जिन्दगी ऐसे लगती है जैसे बिना फूलों के बगीचा,
जहां पर पौधे तो होते हैं पर सुगंध वाले नहीं कांटों वाले।।

मुझे Dosti निभानी नहीं आती। परन्तु दोस्त ही ऐसे मिले
कि Dosti निभाते चले गये और पता ही नहीं चला
कि मुझे दोस्ती निभानी आती ही नहीं।।

Dosti समुन्द्र में बहते जल जैसी है,
जो उसमें आने वाली सारी गंदगी को किनारे कर लेती है।
पर दोस्ती वहां पर थक जाती है,
जहां दोस्त के दिल में दिमाग घर बना जाता है।।

Dost वह होता है, जो आपके भुतकाल को समझता है,
आपके भविष्य पर विश्वास रखता है और आप जैसे हो वैसे ही आपको अपनाता है।।

जिंदगी में कई दोस्त बनाना एक आम बात हैं लेकिन,
एक ही दोस्त से जिंदगी भर Dosti निभाना खास बात हैं।।

सच्चे दोस्त कभी एक दूसरे को i_Love_u नहीं बोलते
उनकी तो गालियों मे भी Pyar छुपा होता है।।

कुदरत का नियम ☝ है Mitra और चित्र Dil ❤ से बनाओगे ☝
तो उनकेरंग ☺ जरूर निखर_आयेंगे।।

किसी ने पूछा इस Duniya में आपका अपना कौन हैं,
मैंने हंसकर कहा, जो मेरा Status पढ़ रहा है।।

सच्चा ‪Dost‬ मिलना बहोत ही ‪मुश्किल‬ है,
मैं खुद ‪हैरान‬ हूँ कि तुम लोगों ने मुझे ‪ढूढ़‬ कैसे लिया।।

हम Vakt गुजारने के लिए दोस्तों को नही रखते,
Doston के साथ रहने के लिए वक्त रखते है।।

हम उम्मीद करते हैं कि आपको यह फ्रेंडशिप डे कविता पसंद आये होंगे, इन्हें आगे शेयर जरूर करें। आपको यह कैसे लगे, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

Comments (2)

  1. बात जब फ्रेंड्स की आती है, तो आपके जहन मे कुछ नाम आते होंगे …..। कोई स्याणा तो कोई प्यारा कोई ठरकी तो कोई मीठीया कोई चालबाज तो कोई गुरू (घंटाल)। जी हा ये तमाम उपाधियां हमारे मित्रो के उपनाम होते है । उम्र का पङाव चाहे जो भी हो परन्तु आपके मित्र के दिमाग की उम्र आपके दिमाग से ज्यादा नही होती। दोस्ती लम्बाई चौङाई ऊंचाई देखकर नही होती बल्कि लखण देखकर होती है। अगर 10 मे से 4 लखण मिल जाए तो समझो दोस्ती हो गयी । 

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