Essay on Uttarakhand in Hindi: नमस्कार दोस्तों आज हम आप सभी लोगों को अपने इस महत्वपूर्ण निबंध के माध्यम से भारत में देवभूमि कहा जाने वाला राज्य उत्तराखंड के विषय में बताने वाले हैं। उत्तराखंड राज्य देवों के देव महादेव के निवास स्थान कैलाश पर्वत को अपने गोद में लिए खड़ा है। उत्तराखंड हमारे भारतवर्ष के अनेक महान राज्य में से एक माना जाता है। आप सभी लोगों को कभी ना कभी तो अपने स्कूल विद्यालय या कॉलेज में उत्तराखंड राज्य पर निबंध लिखने को अवश्य ही मिला होगा। अतः उत्तराखंड राज्य पर निबंध परीक्षा के दृष्टिकोण से भी बहुत ही महत्वपूर्ण है, तो चलिए शुरू करते हैं, अपना यह महत्वपूर्ण निबंध।
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उत्तराखण्ड पर निबंध | Essay on Uttarakhand in Hindi
उत्तराखंड राज्य पर निबंध (250 शब्द)
उत्तराखंड राज्य अपनी पावन धरती एवं प्राकृतिक सुंदरता वाले क्षेत्रों के कारण संपूर्ण भारतवर्ष के अन्य राज्यों में अपना एक महत्वपूर्ण स्थान बनाए हुए खड़ा है। हमारे भारतीय एवं प्राचीन ग्रंथों के कथन अनुसार उत्तराखंड राज्य देवताओं की सर्वाधिक रमणीय भूमि के रूप में बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध है। उत्तराखंड राज्य में फूलों की घाटियां तो यहां की सुंदरता को संपूर्ण विश्व भर में विख्यात करती है। यही कारण है, कि उत्तराखंड राज्य के कुछ क्षेत्रों को विश्व की धरोहर की सूची में शामिल कर लिया गया है, जिसमें उत्तराखंड राज्य के फूलों की घाटियां मौजूद है।
उत्तराखंड राज्य में देवों के देव महादेव का निवास स्थान कैलाश और पर्वतराज हिमालय की सुंदरता के अजीत उत्तराखंड राज्य का प्रकृति के प्रति अलौकिक सौंदर्य का वरदान कहा जाता है। उत्तराखंड राज्य में बहुत सी नदियों का संगम मौजूद है। हिमालय की गोद में स्थित उत्तराखंड राज्य की भूमि बहुत ही पावन एवं पवित्र मानी जाती है। उत्तराखंड राज्य में चार प्रसिद्ध धाम भी मौजूद है, तो इसके साथ साथ महादेवी गंगा का उद्गम स्थल भी इसी राज्य में स्थित है।
उत्तराखंड राज्य अपनी पावन धरती एवं प्राकृतिक सुंदरता के कारण संपूर्ण विश्व भर में चर्चा का विषय बना रहता है और भारत के सभी विशेष राज्य में अपने एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। उत्तराखंड राज्य में स्थित फूलों की घाटियां अपनी सुंदरता एवं प्राकृतिक दृश्य के कारण संपूर्ण विश्व भर में अपनी एक अलग पहचान बना चुकी हैं और यही कारण है, कि इन घाटियों के साथ-साथ उत्तराखंड के कुछ अन्य क्षेत्रों को विश्व की धरोहर के रूप में प्रसिद्धि प्राप्त हो गई है। उत्तराखंड राज्य के सभी निवासियों को बहुत ही खुश किस्मत माना जाता है और ऐसा भी माना जाता है, कि यहां के ज्यादातर लोग अपने लक्ष्य को प्राप्त ही कर लेते हैं।
उत्तराखंड राज्य पर निबंध (800 शब्द)
प्रस्तावना
उत्तराखंड राज्य अपनी पावन धरती एवं प्राकृतिक सुंदरता वाले क्षेत्रों के कारण संपूर्ण भारतवर्ष के अन्य राज्यों में अपना एक महत्वपूर्ण स्थान बनाए हुए खड़ा है। उत्तराखंड राज्य में फूलों की घाटियां तो यहां की सुंदरता को संपूर्ण विश्व भर में विख्यात करती है। उत्तराखंड राज्य में देवों के देव महादेव का निवास स्थान कैलाश और पर्वतराज हिमालय की सुंदरता के अजीत उत्तराखंड राज्य का प्रकृति के प्रति अलौकिक सौंदर्य का वरदान कहा जाता है।
हिमालय की गोद में स्थित उत्तराखंड राज्य की भूमि बहुत ही पावन एवं पवित्र मानी जाती है। उत्तराखंड राज्य में चार प्रसिद्ध धाम भी मौजूद है, तो इसके साथ साथ महादेवी गंगा का उद्गम स्थल भी इसी राज्य में स्थित है। उत्तराखंड राज्य अपनी पावन धरती एवं प्राकृतिक सुंदरता के कारण संपूर्ण विश्व भर में चर्चा का विषय बना रहता है और भारत के सभी विशेष राज्य में अपने एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।
उत्तराखंड राज्य में स्थित फूलों की घाटियां अपनी सुंदरता एवं प्राकृतिक दृश्य के कारण संपूर्ण विश्व भर में अपनी एक अलग पहचान बना चुकी हैं और यही कारण है, कि इन घाटियों के साथ-साथ उत्तराखंड के कुछ अन्य क्षेत्रों को विश्व की धरोहर के रूप में प्रसिद्धि प्राप्त हो गई है। उत्तराखंड राज्य के सभी निवासियों को बहुत ही खुश किस्मत माना जाता है और ऐसा भी माना जाता है, कि यहां के ज्यादातर लोग अपने लक्ष्य को प्राप्त ही कर लेते हैं।
उत्तराखंड राज्य की प्राकृतिक सुंदरता
उत्तराखंड राज्य हिमालय श्रृंखला के दक्षिणी ढलान पर एक बहुत ही सुंदर क्षेत्र में बसा हुआ है। उत्तराखंड राज्य में मौसम और वनस्पति में ऊंचाई के साथ-साथ काफी ज्यादा परिवर्तन देखने को मिलता है। उत्तराखंड राज्य में विश्व की सर्वोच्च ऊंचाई पर स्थित यदि हिमनद स्थित है, तो इसके निचले स्थानों पर 3000 मीटर से लेकर 5000 मीटर तक घास एवं झाड़ियों से ढके मैदान स्थित है। उत्तराखंड राज्य के सबसे ऊपरी हिस्से पर बर्फ और छोटे-छोटे पेड़ पौधों से युक्त नगी चोटियां, तो इसके ठीक विपरीत निचले क्षेत्रों में विशाल उष्णकटिबंधीय वन मौजूद हैं।
उत्तराखंड राज्य की सीमा चीन और नेपाल से जुड़ी हुई है। उत्तराखंड राज्य में रहने वाले सभी लोग काफी व्यवहारिक और प्राकृतिक स्वभाव के होते हैं। भारत के इस उत्तरी राज्य में उत्तर पश्चिम की तरफ हिमालय प्रदेश और दक्षिण की दिशा में हमारा प्यारा उत्तर प्रदेश स्थित है। उत्तराखंड राज्य में बहुत से धार्मिक एवं सांस्कृतिक स्थल बनाए गए हैं। यदि आप कभी भी एक बार उत्तराखंड राज्य में चले जाएंगे, तो वहां से दोबारा वापस आने का आपको ख्याल ही नहीं आएगा।
आप सभी लोगों को उत्तराखंड राज्य में समशीतोष्ण शंकु आकार के वृक्षों से घिरे वन, व्हिच रेखा और पश्चिमी हिमालय आपको देखने को मिल जाएगा जो कि आप का मन मोह लेगा। आप सभी लोगों को उत्तराखंड राज्य से लगभग 3000 मीटर की ऊंचाई पर समशीतोष्ण पश्चिमी हिमालय एवं चौड़ी पत्तियों वाले 1 देखने को मिलेंगे। इन सभी के विपरीत आप सभी लोगों को गंगा के मैदानी वाले क्षेत्रों में नम पतझड़ वाले विशालकाय वन देखने को मिलेंगे।
उत्तराखंड राज्य में बोली जाने वाली प्रमुख भाषाएं
सामान्य रूप से आप सभी लोगों को उत्तराखंड राज्य में बोली जाने वाली मुख्य रूप से 3 भाषाएं मिलेंगे पहली गढ़वाली, दूसरी भाषा जौनसारी और तीसरी भाषा कुमाऊनी बहुत ही प्रचलित रूप से बोली जाती हैं। भारतीय लोक भाषा सर्वेक्षण के कथन अनुसार उत्तराखंड राज्य में कुल 13 भाषाएं बोली जाती हैं। उत्तराखंड राज्य में अनेकों सर्वेक्षण कार्यो ने अनेकों भाषाओं को बताया।
उत्तराखंड राज्य में सबसे पहले भाषाओं को लेकर सर्वेक्षण करने वाले जॉर्ज ग्रियर्सन ने उत्तराखंड राज्य में बोली जाने वाली भाषाओं में से ज्यादातर भाषाओं की जानकारी को प्रस्तुत किया। जॉर्ज ग्रियर्सन ने वर्ष 1908 से लेकर वर्ष 1927 तक अपना यह सर्वेक्षण कार्य जारी रखा और अपने लगभग 19 वर्ष के सर्वेक्षण में इन्होंने उत्तराखंड राज्य में बोली जाने वाली बहुत सी भाषाओं के विषय में जानकारी दी।
जॉर्ज ग्रियर्सन के बाद उत्तराखंड में बोली जाने वाली भाषाओं को लेकर अनेकों प्रकार के अध्ययन कार्य अध्ययन में जुट गए और बहुत से अध्ययन किए भी गए। अभी हाल ही में किए गए सर्वेक्षण के अनुसार पाखंडी नाम की संस्थान ने भी उत्तराखंड में बोली जाने वाली भाषाओं पर काम किया और यह कुल 13 भाषाओं पर केंद्रित भाषा रही। इन सभी भाषाओं में मुख्य रूप से जौनसारी कुमाऊनी जौनपुरी और गढ़वाली भाषा मुख्य रूप से बोली जाती है।
अनेकों विद्वानों का यह भी मानना है, कि उत्तराखंड राज्य की भाषाओं में अपनी कोई विशेष लिपि नहीं है इतना ही नहीं यह भी कहना गलत नहीं होगा, कि संसार में सर्वाधिक प्रसिद्ध अंग्रेजी भाषा की अपनी खुद की भी कोई लिपि नहीं है। मराठी, उर्दू एवं हिंदी एक ऐसी भाषा है, जिसकी अपनी एक लिपि होती है और इन भाषाओं को भाषा माना गया है।
उत्तराखंड राज्य में स्थित कुछ प्रमुख पर्यटन स्थल
आप सभी लोगों को उत्तराखंड राज्य में बहुत से पर्यटन स्थल देखने को मिलेंगे, जिनका विवरण नीचे इस प्रकार से निम्नलिखित रुप से करने जा रहे हैं।
- उत्तराखंड के मुख्य चार धाम: भारतीय धर्म एवं ग्रंथों के अनुसार यमुनोत्री, गंगोत्री, बद्रीनाथ, केदारनाथ इत्यादि चार मुख्य धाम हिंदुओं के सबसे पवित्र स्थान होने के कारण पर्यटन स्थल की श्रेणी में सबसे ऊपर आते हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी, कि यह चारों ही धाम किसी अन्य राज्य में नहीं बल्कि उत्तराखंड राज्य में ही मौजूद है। इन चारों पवित्र स्थलों को चार धाम के नाम से प्रमुख उपाधि प्राप्त है। अक्सर लोग यमुनोत्री गंगोत्री बद्रीनाथ और केदारनाथ की यात्रा करने के लिए निकल पड़ते हैं और कुछ महीनों तक अपना जीवन यहीं पर व्यतीत करते हैं। लोगों का मानना है, कि इन चार धामों की यात्रा करके मनुष्य अपने जीवन की सभी चिंताओं एवं जीवन में किए गए पापों से मुक्त हो जाता है।
- उत्तराखंड राज्य में स्थित मुख्य राष्ट्रीय उद्यान: उत्तराखंड राज्य में पवित्र स्थलों के होने के साथ-साथ भारत के बहुत से राष्ट्रीय उद्यान भी इसी राज्य में मौजूद हैं। उत्तराखंड राज्य में स्थित कुछ महत्वपूर्ण राष्ट्रीय उद्यान जैसे जिम कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान (रामनगर) फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान (नैनीताल) और गंगा की देवी राष्ट्रीय उद्यान (चमेली जिला) स्वयं की सुंदरता के कारण पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध है।
- उत्तराखंड राज्य में स्थित अन्य पवित्र धाम: उत्तराखंड राज्य में विश्व भर में प्रसिद्ध चार धामों के अलावा कुछ अन्य पर्यटन स्थल भी हैं, उत्तराखंड राज्य में हरिद्वार, देवप्रयाग, यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ, गौरीकुंड, रिजुगीनारायण, टिहरी, ऋषिकेश, धरासू, उत्तरकाशी इत्यादि स्वयं में अपनी एक अलग ही पहचान लिए मौजूद है।
निष्कर्ष
हम इस लेख को पढ़ने के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं, कि उत्तराखंड राज्य देवों की भूमि होने के साथ-साथ प्राकृतिक सुंदरता का एक प्रत्यक्ष उदाहरण है।
अंतिम शब्द
हम आप सभी लोगों से उम्मीद करते हैं, कि आपको मार द्वारा लिखा गया यह लेख “उत्तराखण्ड पर निबंध (Essay on Uttarakhand in Hindi)” पसंद आया होगा, तो कृपया आप हमारे द्वारा लिखे गए इस महत्वपूर्ण लेख को अवश्य शेयर करें। यदि आपके मन में इस लेख को लेकर किसी भी प्रकार का कोई सवाल है, तो कमेंट बॉक्स में अवश्य बताएं।
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