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एकता पर निबंध

Essay on Unity in Hindi: आज का हमारा आर्टिकल जिसमें हम एकता पर निबंध के बारे में जानकारी आपके सामने पेश करने वाले हैं। इस निबंध में एकता के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेअर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है। 

आज हम बात करने वाले हैं, एकता के बारे में। एकता क्या होती है? एक दूसरे के साथ मिलजुल कर रहना ही एकता कहलाती है, तो आइए आपको एकता के बारे में जानकारी देते हैं। एक साथ रहने के क्या फायदे होते हैं? क्या नुकसान होते हैं? वह किस तरह से उपयोगी होते हैं? क्या प्रभाव पड़ता है? एकता का क्या आधार होता है? इत्यादि सब के बारे में आपको बताते हैं।

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एकता पर निबंध | Essay on Unity in Hindi

एकता पर निबंध (250 शब्द)

अगर हम चाहते हैं, कि हमारे देश का विकास हो, तो हमें भारत में राष्ट्रीय एकीकरण को अपनाना बहुत ही जरूरी है। एकता की वजह से ही एक देश बहुत मजबूत बन सकता है, इसीलिए लोगों को इसके प्रति जागरूक होना चाहिए। 19 नवंबर से 25 नवंबर तक राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है। 19 नवंबर को एक विशेष तरीके से आयोजन किया जाता है, क्योंकि इस दिन इंदिरा गांधी जी का जन्म हुआ था।

भारत बहुत ही बड़ा और विशाल देश है। जिसकी वजह से इस देश में हिंदू, मुस्लिम, जैन, ईसाई, पारसी, सिक्ख, इत्यादि सभी धर्म के जाति के और संप्रदाय के लोग पाए जाते हैं। हिंदू धर्म सबसे पुराना धर्म है, जो वैदिक धर्म सनातन धर्म, पौराणिक धर्म और ब्रह्म समाज इन सभी संप्रदायों और जातियों में से बटा हुआ है, और सभी जातियों और धर्म में यही कानून लागू हुआ है। इसका मतलब यह है, कि विभिन्न धर्मों संप्रदाय जातियों प्रजातियों भाषाओं इन सभी के चलते लोगों में विभिन्नता पाई जाती है, परंतु सब होते इंसान ही हैं।

कभी भी धर्म, जाति, रंग, संप्रदाय, को लेकर भेदभाव नहीं करना चाहिए। अगर हमें देश का विकास करना है, तो हमें एकजुट होकर एकता मिलाकर हैं। सभी कार्य करने होंगे। देश का विकास तभी संभव हो सकेगा, जब सभी एकजुट होकर काम करेंगे। इसमें कोई भी धर्म या जाति बीच में नहीं आएगी। भारत में इसे विविधता में एकता के रूप में जाना जाता है,  अर्थात सभी अपनी अपनी जातियों के साथ मिलकर एकता बना लेते हैं परंतु यह सही नहीं है।

एकता पर निबंध (1200 शब्द)

प्रस्तावना

एकता का मतलब बिल्कुल साफ साफ होता है, यह अपनी अभिव्यक्ति खुद ही करता है। इसका मतलब होता है, एकजुट होकर रहना मजबूत रिश्तो का निर्माण करना और मजबूत समाज के निर्माण के लिए एकता बहुत जरूरी है।  हमारा एकजुट होकर रहना बहुत ही महत्व रखता है। भारत में हमेशा से ही एकता को लेकर बहुत ही ज्यादा जोर दिया गया है, और इसके लिए लोगों को काफी जागरूक भी किया गया है।

देखा जाए तो, एकता ही एक ऐसी भावना होती है, अगर प्रत्येक व्यक्ति के मन में समाहित हो तो वह समाज का प्रत्येक व्यक्ति एक दूसरे की सहायता के लिए ही हमेशा तत्पर रहता है और इसी एकता की वजह से ही हर व्यक्ति का भी समर्थन करता है।

भारत में कैसी है राष्ट्रीय एकता?

भारत एक विविधताओं वाला देश है। यहां पर विविध प्रकार की संस्कृतियों और विविध प्रकार के धर्म पाए जाते हैं। भारत देश में विभिन्न धर्म के लोग एक साथ एक समाज में ही रहते हैं। जहां पर हर पीढ़ी को यही सिखाया जाता है, कि वह एक समाज में एक साथ मिलकर रहें और एकजुटता के साथ ही अपने पूरे जीवन को व्यतीत करें, क्योंकि समय आने पर समाज ही हमारा साथ देता है अन्यथा कोई नहीं।

राष्ट्रीय एकता किसी भी देश के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण मानी गई है, क्योंकि अगर देश के सभी निवासियों में एकता रहेगी, तभी उसका विकास संभव है। उस देश के प्रत्येक व्यक्ति को उस देश से प्रेम भावना रखने के लिए अगर कोई प्रेरित करता है, तो वह होती है, सिर्फ एकता, क्योंकि एकता में इतना बल होता है, कि वह जो चाहे वह करवा सकता है या कर भी सकता है।

एकता का महत्व

किसी भी देश के व्यक्ति में अगर हृदय में राष्ट्रीयता की भावना होगी तो, उसके राष्ट्रीय को सशक्त बनने से कोई भी नहीं रोक सकता है, और प्रत्येक राष्ट्रीय यही चाहता है, कि उसके राष्ट्रीय में रहने वाले सभी नागरिक प्रेम पूर्वक और अपनेपन के साथ रहे, तभी वह अपने राष्ट्रीय के प्रति प्रेम भावना को जागृत कर सकेंगे।

राष्ट्रीय एकता देश को मजबूत और सभी देशों, राज्य बनाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। एकता की भावना ऐसी होती है, कि जिसके बिना कोई भी वर्ग और जाति इत्यादि की परवाह किए बिना, लोग वहां पर एकजुट होकर काम करते हैं, और एक दूसरे के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।  एकता ही है, जो हमें एक साथ काम करने के लिए प्रेरित करती है।

हमारे भारत देश में अनेक भाषाएं बोली जाती हैं, इसीलिए भारत को अनेकता में एकता की मिसाल देकर भी संबोधित किया जाता है। परंतु आज के समय में यह देखा जा रहा है, कि जैसे जैसे समय व्यतीत हो रहा है, जैसे जैसे समय परिवर्तित हो रहा है, वैसे वैसे लोगों के बीच में एकता खत्म सी होती जा रही है। लोग एक दूसरे को देख कर खुश नहीं रह पाते हैं। हम लोग एक दूसरे का सहयोग नहीं करते हैं। एक दूसरे को हीन भावना से देखते हैं, जो कि देश के लिए सही नहीं है।

एकता में कमी क्यों हो रही है?

ऐसा कहा जाता है, जब समाज में रहने वाले व्यक्ति स्वार्थी हो जाते है, तब सभी की सोच बदलने लगती है, और एकता में कमी आनी शुरू हो जाती है, क्योंकि वह तब देश और समाज का हित नहीं सोचते हैं। जब स्वार्थ की भावना पनपती है, तो व्यक्ति सिर्फ अपने ही बारे में सोचता है, इसीलिए वह एक दूसरे से दूर चला जाता है और एकता के साथ काम नहीं करते हैं, इसीलिए बात बात में संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हो जाती हैं।

हमारे देश का क्षेत्रफल बहुत ही बड़ा है, जिसमें अनेक धर्म जाति संप्रदाय के लोग रहते हैं। सभी लोगों की भाषा, खानपान की आदतें, रहन-सहन की आदतें, आचार, व्यवहार आदि सभी में विशेष रूप से अलग-अलग आदतें देखी जाती हैं। यहां तक कि मानव शरीर की रचना भी एक समान नहीं है, वह भी अलग अलग देखने को मिलती है। इतनी सभी विभिन्नताएं होने के बावजूद भी सभी नागरिक एकता के सूत्र में बंधे रहते हैं। इसी प्रकार एक दूसरे का सहयोग करते रहते हैं और एक दूसरे की मदद करते हैं।

स्वरूप

एकता को खरीदा नहीं जा सकता है और ना ही बेचा जा सकता है। यह हमारी पीढ़ी दर पीढ़ी विचार धारा जो कि सदियों से चलती आ रही है, वहीं से ली हुई है। अगर हमारे में सहनशक्ति है, तो हम एकता को बहुत ही अच्छी तरीके से निभा सकते हैं। अगर हम आपस में विरोधी हैं, तभी भी कोई भी मुश्किल आने पर सभी एकजुट होकर उस समस्या का सामना करते हैं और व्यवहार में सक्षम होते हैं। यह सब हमारी सहनशक्ति पर ही निर्धारित करता है।

भारत देश में अनेक प्रकार से एकता के स्वरूप देखे जा सकते हैं। धार्मिक एकता, सामाजिक एकता और राष्ट्रीय एकता, सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। जब सभी मिलजुल कर रहते हैं, तभी एकता की भावना को बनाए रखना संभव हो पाता है।

एकता की भावना हमारे अंदर स्वयं ही समाहित होती है। इसे किसी को जागरूक करने की आवश्यकता नहीं होती है। आज के समय में कुछ अराजक तत्व इस भावना को बहुत ही हीन भावना बना रहे हैं। एक दूसरे से छिन्न-भिन्न कर रहे हैं। जिसकी वजह से हमारे देश की एकता और अखंडता को समाप्त किया जा रहा है, फिर भी हम सब विश्वास रखते हैं, कि हम एक अटूट बंधन में बंधे रहे और इस विश्वास को कायम रखकर ही हम एक दूसरे को आघात नहीं पहुंचाते हैं, और दूसरों के इरादों को चकनाचूर कर सकते हैं।

निष्कर्ष

भारत हमेशा विविधता वाला देश ही बना रहा है और यह सभी के लिए मिसाल कायम भी करता है क्योंकि यहां पर सभी एक दूसरे के विचारों को सहमत भी करते हैं और स्वीकार भी करते हैं। अगर कोई गलती भी होती है, तो उसको अपने कल से ही बताते भी हैं। विभिन्न प्रकार के लोग बिना लड़ाई झगड़े के बहुत ही सोच समझ के साथ एक दूसरे के साथ रहते हैं, जो की एकता के लिए बहुत ही जरूरी है। जिससे देश का विकास और समृद्धि बहुत ही सही तरीके से संभव हो पाती है।

अंतिम शब्द

दोस्तों आज हमने इस लेख में आपको एकता पर निबंध (Essay on Unity in Hindi) के बारे में पूर्ण रूप से जानकारी दी है, कि किस तरह एकता में एक दूसरे के साथ काम करने की भावना सिखाता है। अगर आपको इससे संबंधित कोई भी जानकारी चाहिए तो आप कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते हैं।

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Ripal
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