Essay on Tulsi Plant in Hindi: हिंदू घर के आंगन में आपने एक छोटा सा पौधा देखा होगा, जिस पर औरतें रोजाना जल चढ़ाकर पूजा करती हैं उसे तुलसी का पौधा कहा जाता है। यह एक झाड़ी जैसा पौधा होता है जो आमतौर पर 1 से 3 फुट ऊंचा होता है। इस पौधे को हिंदू धर्म में काफी अहम भूमिका दी गई है। इसे औषधि पौधा भी कहा जाता है क्योंकि तुलसी से विभिन्न प्रकार के बीमारियों का इलाज किया जाता है।
आज हम इस आर्टिकल में आपको तुलसी के पौधे पर निबंध शेयर करेंगे, जो सभी कक्षा के विद्यार्थी के लिए मददगार साबित होंगे।
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तुलसी के पौधे पर निबंध | Essay on Tulsi Plant in Hindi
तुलसी के पौधे पर निबंध (250 शब्द)
तुलसी का पौधा हिंदू धर्म में काफी अहम भूमिका निभाता है। इस पौधे का वैज्ञानिक नाम ऑसिमम सेक्टम है। इसे हिंदू धर्म में एक देवी के रूप में पूजा जाता है, ऐसा माना जाता है कि अगर हम अपने घर में तुलसी की पूजा करेंगे तो भगवान विष्णु और लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी।
तुलसी का पौधा 1 से 3 फुट ऊंचा होता है, जिसके पत्ते 1 से 2 इंच लंबे होते हैं। वैसे तो दुनिया भर में तुलसी के विभिन्न प्रकार के पौधे और इसकी कई प्रजातियां पाई जाती है, मगर भारत में दो प्रकार में पाया जाता है। श्री तुलसी – इस तुलसी के पत्ते हरे रंग के होते हैं और तने श्वेता प्रतीत होते है और कृष्णा तुलसी – इस तुलसी के पत्ते बैगनी होते है और तनी और शाखाएं काली प्रतीत होती हैं।
तुलसी का विस्तार पूर्वक उल्लेख हिंदू धर्म के चीर पुरातन नाम के धर्म ग्रंथ में किया गया है, जिसमें तुलसी के महत्व और उससे जुड़ी कुछ कहानियों का उल्लेख किया गया है।
अगर हम आज के वैज्ञानिक तरीकों की बात करें तो पाएंगे कि तुलसी के पौधे का उल्लेख होम्योपैथी, एलोपैथी और यूनानी दवाई की कलाओं में भी किया गया है। तुलसी में इतने विभिन्न प्रकार के रसायन मिले होते हैं कि जिनका इस्तेमाल व्यक्ति के विभिन्न बीमारियों का इलाज करने के लिए किया जाता है। तुलसी का इस्तेमाल दिल की बीमारियों से लेकर आए दिन हो रहे खराश और बुखार जैसी बीमारियों में भी किया जाता है। आज विभिन्न प्रकार की दवाइयों में भी तुलसी के पौधे से मिलने वाले रस इस्तेमाल किया जाता है।
तुलसी ना केवल इंसानी शरीर बल्कि हमारे पर्यावरण के लिए भी यह काफी महत्वपूर्ण है इस वजह से हमें इसका सम्मान करना चाहिए और उसकी पूजा-अर्चना करनी चाहिए।
तुलसी के पौधे पर निबंध (850 शब्द)
प्रस्तावना
हिंदू धर्म में तुलसी का पौधा काफी अहमियत रखता है।अगर हम किसी एक धर्म की चर्चा ना करें तो इसके बावजूद भी यह एक लाभदायक पौधा है, जो हमारे शरीर को विभिन्न प्रकार का लाभ पहुंचाता है। तुलसी के पौधे का इस्तेमाल विभिन्न दवाइयों में किया जाता है, जिससे इंसानी शरीर को काफी लाभ होता है।
इसके अलावा यह हमारे पर्यावरण को भी शुद्ध करने का काम करता है। तुलसी का वैज्ञानिक नाम ऑसिमम सेक्टम है, आपको चौधरी का विभिन्न प्रकार पूरी दुनिया भर में मिल जाएंगे। पूरी दुनिया भर में 10 से ज्यादा प्रकार के तुलसी के पौधे पाए जाते हैं, जिसमें से 7 से अधिक केवल भारत में पाए जाते हैं।
यह पौधा एक से 3 फुट लंबा होता है जो झाड़ी नुमा प्रतीत होता है। इसके पत्ते 1 से 2 इंच लंबे होते हैं और इस पौधे की उम्र 1 से 2 साल की होती है, उसके बारे में पूर्ण उल्लेख ग्रंथों में किया गया है।
तुलसी के प्रकार
आपको आमतौर पर किसी हिंदू घर के आंगन में तुलसी का पौधा मिल जाएगा, जिस पर मूलतः औरतें रोजाना जल देकर उसकी पूजा-अर्चना करती है। आमतौर पर हम तुलसी के दो प्रकार के पौधे की पूजा करते है जिसे श्री तुलसी और कृष्णा तुलसी कहा जाता है।
श्री तुलसी वह पौधा होता है जिसमें तुलसी के पत्ते का रंग हरा होता है और तना श्वेत प्रतीत होता है। कृष्णा तुलसी तुलसी का वह पौधा होता है जिसके पत्ते हल्के बैंगनी कलर के होते हैं और तना काला प्रतीत होता है।
आमतौर पर इन दोनों को तुलसी के पौधे की पूजा अर्चना की जाती है और इसको ही सबसे फायदेमंद बताया गया है। मगर तुलसी के और भी प्रकार भारत में पाए जाते हैं जैसे राम तुलसी, वन तुलसी, कर्पूर तुलसी, काली तुलसी, मामरी तुलसी, आदि।
तुलसी की पूजा क्यों और कब करते है?
जैसा कि हम सब जानते है भारत में सनातन धर्म सबसे पुराना धर्म है, उसके ग्रंथ कई हजार वर्ष पहले लिखे गए थे। अगर हम उन ग्रंथों को ध्यान से पढ़ें तो उसमें तुलसी के पौधे का उल्लेख पाते है। हिंदू धर्म के चिर पुरातन धर्म में तुलसी का उल्लेख किया गया है और उसमें विस्तार पूर्वक तरीके से तुलसी की अहमियत के बारे में बताया गया है।
हिंदू धर्म में विभिन्न कहानियां तुलसी के पौधे से जुड़े हुए है उन सभी कहानियों का मकसद आपको तुलसी की अहमियत बताते हुए उसकी और पूजा अर्चना करने के लिए प्रेरित करना है।
हिंदू धर्म में कहा जाता है कि जिस घर में तुलसी को रोजाना जल चढ़ाया जाता है, उस घर में भगवान विष्णु और लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। हालांकि कुछ ग्रंथों में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि एकादशी और रविवार के दिन तुलसी को जल ना चढ़ाएं नाही तुलसी के पौधे को छुए।
हिंदू धर्म में तुलसी को इतनी अहमियत दी गई है कि उसे एक खास दिन एक देवी की तरह पूजा जाता है। अगर हम इन सभी बातों को गौर से ग्रंथों में देखे तो हम यह पाएंगे कि पुराने धर्मगुरु इस बात को बताना चाहते थे कि तुलसी इतना महत्वपूर्ण पौधा है कि आप उसे एक देवी मान कर पूज सकते हैं।
तुलसी के महत्व
तुलसी को हिंदू धर्म में अहमियत देने की वजह इसके फायदे से जुड़ा हुआ है। तुलसी का पौधा किस ने विभिन्न प्रकार के रसायन और विटामिनों से बना हुआ होता है कि इंसानी शरीर के लिए यह किसी दिव्य औषधि से कम नहीं है।
तुलसी के कुछ खास है उपयोग और महत्व के बारे में नीचे विस्तार पूर्वक बताया गया है –
- रोजाना 2/4 तुलसी चबाने से खांसी और रक्तचाप की बीमारी में आराम मिलता है।
- तुलसी को गर्म पानी में उबालकर खाने से लीवर की परेशानी से आराम मिलता है।
- दाद खाज खुजली होने पर तुलसी का आकर उस जगह लगाने से आपकी खुजली आराम हो जाती है।
- रोज 10/12 तुलसी के पत्ते खाने से तनाव और डिप्रेशन जैसी बीमारियों में आराम देता है।
- तुलसी के पत्ते को शहद में मिलाकर खाने से चक्कर आने बंद हो जाते हैं।
- तुलसी को दूध में उबालकर पीने से सर्द गर्म का खतरा कम हो जाता है।
इन सबके अलावा तुलसी एक फ्लेवर देने का भी काम करता है और मैं इसे चाय और चटनी में डालकर और अपने खाने का स्वाद भी बढ़ा सकते हैं।
किसी बीमारी में दवाई खाने से अच्छा अब तुलसी का काढ़ा बनाकर पी ले इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं है बल्कि आपको जल्द ही आराम और शरीर में स्फूर्ति का एहसास भी दिलाता है। इन सभी चीजों के कारण तुलसी देवी की तरह पूजनीय है और आयुर्वेद की दुनिया में यह एक अतुलनीय स्थान रखता है।
तुलसी की उम्र
तुलसी 1 से 3 फुट ऊंचा पौधा होता है, जो किसी भी मौसम में लगाया जा सकता है इस पौधे की उम्र 1 से 2 वर्ष की होती है। उसके बाद इसके सभी पत्ते झड़ जाते हैं और आपको इस पौधे को दोबारा लगाने की आवश्यकता पड़ती है। तुलसी के पौधे को दोबारा लगाने के लिए आपको तुलसी कितने से एक टहनी तोड़कर मिट्टी में लगानी होती है तुलसी का कोई बीज नहीं आता।
निष्कर्ष
तुलसी का पौधा मानवजात के लिए काफी उपयोगी है। हिन्दू धर्म में उनकी खास अहमियत इसलिए दी गई है। शरीर के साथ साथ वो पर्यावरण भी शुद्ध बनता है। हमें कोशिश करनी चाहिए की हर घर में एक तुलसी का पौधा जरूर हो।
अंतिम शब्द
हमने आज के इस महत्वपूर्ण लेख में आप सभी लोगों को तुलसी के पौधे पर निबंध (Essay on Tulsi Plant in Hindi) प्रस्तुत किया है और हमें उम्मीद है कि हमारे द्वारा प्रस्तुत किया गया निबंध आपके लिए काफी ज्यादा उपयोगी सिद्ध हुआ होगा।
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