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परिवार के साथ पिकनिक पर निंबध

Essay On Picnic With Family In Hindi: आज के आर्टिकल में हम परिवार के साथ पिकनिक पर निंबध के बारे में बात करने वाले है। आज के आर्टिकल में आपको परिवार के साथ पिकनिक पर निंबध के बारे में सम्पूर्ण जानकारी मिलने वाली है।

Essay On Picnic With Family In Hindi
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परिवार के साथ पिकनिक पर निंबध | Essay On Picnic With Family In Hindi

परिवार के साथ पिकनिक पर निंबध (200 शब्द)

परिवार का नाम काफी ऊंचा होता है। परिवार के साथ बिताया हर पल काफी यादगार रहता है। परिवार के साथ पिकनिक का मजा कुछ अलग ही है। स्कूल की छुटिया और फ्री समय में लोग अपने परिवार के साथ पिकनिक पर जाना पसंद करते है। पिकनिक का माहौल काफी रोचक होता है। पिकनिक का सबसे ज्यादा मज़ा लोगों को परिवार के साथ ही आता है।

व्यक्ति अपने अनुसार अलग-अलग पिकनिक टूर पर जाना परिअर के साथ पसंद करता है। पिकनिक टूर का निर्धारण लोग मौसम के अनुसार भी करते है। गर्मियों में लोग ठन्डे और हिल जगहों पर जाना चाहते है। इसके अलावा सर्दी में लोग गर्म जगहों पर जाना चाहते है।

मैंने भी अपने परिवार के साथ वाटर पार्क के पर पिकनिक के लिए गए। वहां हमने बहुत ज्यादा मज़्ज़े लिए सभी परिवार वाले के साथ वाटर पार्क में बिताया गया दिन मुझे आज भी अच्छे से याद है। पिकनिक के लिए गर्मियों में वाटर पार्क से बढ़कर कोई अच्छा स्थान नहीं हो सकता है। क्योकि गर्मी में व्यक्ति को पानी और ठंडा पसंद होता है, इसके अलावा वाटर पार्क का पिकनिक टूर सस्ता भी रहता है।

परिवार के साथ पिकनिक पर निंबध (600 शब्द)

प्रस्तावना

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। इसे अलगांव में रहने की आवश्यकता नहीं है। इसलिए इनको अस्तित्व के समूह में रखने की आवश्यकता होती है। इन समूहों को केंद्र या परिवार कहा जाता है। परिवार के साथ रहने पर हमें खुशी, एकता, साहस की भावना उत्पन्न होती है। परिवार के साथ रहने पर और भी कई प्रकार के लाभ होते हैं।

पिकनिक की तैयारी

अक्षर पिकनिक मनाने का ख्याल गर्मियों के मौसम में आता है। क्योंकि इस समय बच्चों की छुट्टी रहती है। हमारे पास ही में एक बहुत बड़ा वाटर पार्क था। अपने परिवार वालों के साथ मिलकर पिकनिक मनाने का प्लान बनाया। यह वाटर पार्क हमारे घर से बस कुछ ही दूरी पर था। जिस दिन से यह प्लान बरा हमारे शरीर के अंदर एक नया रक्त प्रवाह होने लगा था।

सारा परिवार पिकनिक पर जाने की तैयारी करने लगा था। आखिरकार वे दिन भी आ गया जब हम सभी लोग पिकनिक पर जाने वाले थे। सभी लोग कार में बैठ गए थे। सभी लोगों के मन के अंदर उत्साह भरा हुआ था और वह जल्द से जल्द पिकनिक वाली जगह पर पहुंचना चाह रहे थे। उनकी यह उत्सुकता देखकर मेरे मन भी प्रफुल्लित होने लगा था।

पिकनिक स्पॉट वाटर पार्क

थोड़ी देर में हम अपने गंतव्य वाले स्थान पर पहुंच गए थे। वाटर पार्क में जाने के लिए टिकट लेना पड़ता था। हमने टिकट को खरीदा और अंदर जाने वाले प्रवेश द्वार पर पहुंचकर अंदर जाते ही एक मनमोहक हवा का झोंका आया, जिससे हम सभी परिवार वालों के मन में उत्साह आने लगा था।

हमने वाटर पार्क की वेशभूषा को धारण किया और फूल में प्रवेश कर लिया। प्रत्येक शब्द से होने वाले सभी परिवार के लोगों पर मुस्कुराहट ला देते, इन सभी में सबसे कम उम्र का बालक जिसकी उम्र साडे 3 वर्ष थी, उसको देखकर परिवार वाले भी प्रसन्न होने लगे थे। सबसे अधिक खुश वही था।

पानी में खेलने पर बहुत ही अधिक समय व्यतीत हो गया था। बच्चों को पानी से निकालने में काफी संघर्ष करना पड़ा था लेकिन जैसे तैसे उनको पानी से बाहर निकाला।

पिकनिक पर परिवार के साथ खाना

इतनी देर पानी में रहने के बाद अब हम लोग फूड जोन की तरफ जाने लगे। क्योंकि अधिक समय से पेट में चूहे कूदने लगे थे। इसलिए हमें फूड जोन की तरफ जल्द से जल्द पहुंचना था। फूड जोन में पहुंचते ही वहां पर तरह-तरह की मनमोहक सुगन्ध आने लगी थी।

आपको तो पता ही होगा कि सभी लोगों के भोजन करने की चॉइस अलग-अलग होती है। इसलिए सबसे पहले बच्चों ने अपने भोजन के बारे में बताएं तथा फिर सभी परिवार वालों ने अपनी पसंद के भोजन के बारे में बताया। सभी परिवार वाले और बच्चों ने अपनी अपनी पसंद का डिस ऑर्डर कर दिया था। अब बस इंतजार था, तो डिश के आने का।

यह समय बहुत ही याद है। क्योंकि यदि आपको जोर की भूख लगी और खाने में लेट हो तो आप सब्र नहीं कर सकते ऐसा ही हाल कुछ मेरा हुआ था। लेकिन यह इंतजार भी अब खत्म होने वाला था। क्योंकि अब हमारे सामने हमारी पसंदीदा डिस आ चुकी थी, बस अब बारी थी। तो इसको खाने की जैसे ही दिन आए सबसे पहले बच्चों ने इसे खाना शुरू किया फिर परिवार वालों भी इस पर टूट पड़े।

पिकनिक के खाने का मज़्ज़ा

मैं और मेरा परिवार अगले 30 मिनट तक मौन थे। क्योंकि सारा ध्यान खाने की तरफ था। अंत में जब सब ने अपनी पसंद के डिस्को खा लिया तब जाकर कहीं उनकी भूख शान्त हुई। हमने खाना खाने के बाद थोड़ा सा आराम किया और फिर वापस अपने घर की तरफ रवाना हो गए।

निष्कर्ष

परिवार के साथ पिकनिक मनाने का एक अपना अलग ही मजा है। हालांकि पिकनिक तो खत्म हो गई लेकिन यह आधे अपने दिलों में सजा के रख ली थी। हम जल्दी अगले पिकनिक पर जाने के योजना बनाएंगे, जिससे हमें खुशी उत्सव परिवार के साथ अत्यधिक वक्त बिताने का मौका मिल सके।

अंतिम शब्द

पिकनिक का मैंने जो मज़ा परिवार के साथ लिया, ऐसा आनद मुझे पहले कभी नहीं मिला। हमने वाटर पार्क में परिवार के साथ बहुत एन्जॉय किया। उसके बाद खाने के लिए गए और टूर पूरा होने के बाद हम घर लोट गए। हमारा यह टूर आज भी मुझे भी पूरी रह से याद है।

आज के आर्टिकल में हमने मेरे “परिवार के साथ पिकनिक पर निंबध (Essay On Picnic With Family In Hindi)” के बारे में जानकारी दी है। उम्मीद करते हैं आपको यह निबन्ध पसंद आया होगा, इसे शेयर जरूर करें। आपको यह निबंध कैसा लगा, हमें कमेंट में जरूर बताएं।

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Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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