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मेरे स्कूल पिकनिक पर निबंध

Essay On My School Picnic In Hindi: आज के आर्टिकल में हम मेरी स्कूल पिकनिक पर निबंध के बारे में बात करने वाले हैं। इस आर्टिकल में आपको मेरी स्कूल पिकनिक पर निबंध के बारे में संपूर्ण जानकारी मिलने वाली है।

Essay On My School Picnic In Hindi
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मेरे स्कूल पिकनिक पर निबंध | Essay On My School Picnic In Hindi

मेरे स्कूल पिकनिक पर निबंध (200 शब्द)

जो व्यक्ति स्कूल छोड देता है फिर भी व्यक्ति को स्कूल के दिन याद आते हैं और इस स्कूल के पिकनिक के दिन तो व्यक्ति को अवश्य याद रहते हैं। मेरे स्कूल की पिकनिक की बात की जाए तो हमारी स्कूल में प्रतिवर्ष एक पिकनिक यात्रा का आयोजन होता था।

स्कूल के सभी मित्र एक साथ पिकनिक पर जाया करते थे। मेरे स्कूल के एक पिकनिक के बारे में बात करूं तो वहां पिकनिक मुझे आज भी याद है कि वह यात्रा जिसमें हम सभी मित्रों ने मिलकर खूब इंजॉय किया था। उस यात्रा में हमने हंसी-मजाक खेल कूद और कई रोचक कार्य किए जो हमें आज भी अच्छे से याद है।

जब हमारा स्कूल पिकनिक यात्रा का माहौल बना था तब सर्दी का मौसम था और सर्दी के मौसम में हमने सुबह जल्दी उठकर पिकनिक बैग तैयार करके स्कूल भागे थे। 1 दिन पहले हमें बताया था कि कल की यात्रा का आयोजन है तो हम सुबह जल्दी उठ गए थे। पिकनिक बैग तैयार करके स्कूल गए थे।

हमारी स्कूल से पिकनिक स्थान का रास्ता 2 घंटे का था। 2 घंटे का यह रास्ता मित्रों के साथ बातें करते-करते बीत गया। जिस पार्क में हमारा पिकनिक प्लान किया गया था, वहां पर जाते ही हमें पीने के लिए पेय पदार्थ दिया गया और उसके पश्चात हमने वहां पर प्रकृति की शेर की। प्रकृति का अद्भुत नजारा हमने उस पार्क में देखा। पूरे दिन उस पार्क में हमने इंजॉय किया और शाम को सभी दोस्तों के साथ पिकनिक यात्रा खत्म करके वापस लौट गए।

मेरे स्कूल पिकनिक पर निबंध (600 शब्द)

प्रस्तावना

अगर सबसे अच्छे पिकनिक की बात करें तो वह स्कूल की पिकनिक होती है। स्कूल पिकनिक पर बहुत ही ज्यादा मजा आता है। क्योंकि इसमें हमारे सभी स्कूल के दोस्त शामिल होते हैं, जिससे पिकनिक का मजा दोगुना हो जाता है। जितना मजा इस पिकनिक में आता है, उतना अन्य किसी भी शहर जब पिकनिक पर नहीं आता होगा।

यह बात तब की है जब मैंने पहली बार परीक्षा पास की थी। प्रत्येक वर्ष से हमारे स्कूल से नए-नए पिकनिक जगहों पर जाता है, उस दिन भी हमारी कक्षा में पिकनिक पर जाने की तैयारी चल रही थी और पिकनिक पर जाने की घोषणा भी हो चुकी थी। सभी विद्यार्थियों के मन में उत्साह भरा हुआ था। अबकी बार यह पिकनिक जंबूरा के जंगलों में आयोजित की जाने वाली थी। सौभाग्य से मेरे माता पिता ने कभी भी पिकनिक पर जाने से मना नहीं किया, उन्होंने मुझे पिकनिक पर जाने की परमिशन दे दी थी।

पिकनिक का सफर

कड़ाके की सर्दी में अगली सुबह मैं सोकर उठा और जल्दी जल्दी से अपना पिकनिक बैग तैयार किया। इसके बाद में तुरंत भाग कर अपने स्कूल पहुंचा, वहां पर सारे दोस्त आ चुके थे बस में बैठने की तैयारी चल रही थी। मेरे स्कूल से रिसोर्ट तक जाने में लगभग 2 घंटे का रास्ता तय करना होता था। लेकिन दोस्तों से बातचीत करने में उस वक्त का पता ही नहीं चला।

सारा रास्ता अपने दोस्तों के साथ हंसी मजाक करते हुए व्यतीत हो गया। कई दोस्त वहीं पर गेम खेलने लगे थे तथा कुछ बाहर के नजारे का आनंद ले रहे थे। बस में यह दृश्य बहुत ही अलौकिक था, हर कोई पिकनिक का पूरा आनंद ले रहा था।

2 घंटे चलने के बाद हमने रिसोर्ट में प्रवेश किया। हमारा भव्य स्वागत किया गया, इसके बाद तुरंत पीने के लिए एक पेय पदार्थ दिया गया। इसके बाद हमने प्रकृति का नजारा तथा पेड़, पौधे, पक्षी आदि को देखने लगे।

पिकनिक पर खाने का आनंद

हम लोगों ने प्रकृति की सैर कर ली थी। अब बारी थी पिकनिक के सबसे रोमांचक भाग की। यह समय का पूल पर जाने का। शुरुआत हम लोग यहीं से करने वाले थे लेकिन उस दिन दुर्भाग्य था कि वह बोल चालू ही नहीं हो सका था। दोपहर में हम लोगों ने एक साथ बैठकर भोजन किया थोड़ा आराम किया। दोपहर में सभी लोग अपने अपने घरों से बनाया हुआ भोजन ले कर गए थे। इसके अलावा सभी लोगों को स्कूल की तरफ से 2-2 गुलाब जामुन दिए गए थे, जिनको खाकर मज़ा आया था।

आराम करने के बाद हमने रैपलिंग तथा ज़िप-लाइन किया जो कि बहुत मजेदार थी, हम लोग पूल पर भी गए थे। थोड़ी देर बाद सभी को तैरने वाले सूट दिए गए। सभी ने अपने अपने सूट को पहनकर पूल में पहुंच गए। पूल का पानी ज्यादा ठंडा नहीं था, उस दिन धुप भी निकली थी। इसलिए पूल मे जाने पर मज़ा आ रहा था।

पिकनिक पर तैराकी का मज़ा

जिनको तैरना आता था वो तैर रहे थे, जिनको नहीं आता था, वो एक किनारे ही पूल का मज़ा ले रहे थे। मुझे तैरना आता था। मैं तो फूल से एक कोने से दूसरे कोने में आराम से टायर कर जा रहा था और मेरे कई दोस्तों से तो जिनको करना था तो हमने उस दिन बहुत ही ज्यादा तैराकी की।

तैराकी करने में कब समय निकल गया पता ही नहीं चला। अब शाम होने वाली थी तो हमारे शिक्षकों ने वापस से बस की तरफ जाने के लिए कह दिया था। हम लोगों ने जल्दी-जल्दी में अपने सारे तैराकी सूट को एकत्रित किया और स्टाफ रूम में जमा कर दिया। फिर भाग कर बस में चढ़ गए। सारे बच्चे बस में बैठ चुके थे। अब हमारी बस घरों की तरफ रवाना हो चुकी थी।

निष्कर्ष

स्कूल की तरफ से की जाने वाली पिकनिक जिंदगी की सबसे अच्छी पिकनिक मे से एक है। क्योंकि इसमें आपके सारे दोस्त शिक्षक आदि मौजूद होते हैं। यदि आपने अभी तक किसी भी पिकनिक को एंजॉय नहीं किया है। तो जरूर करें।

अंतिम शब्द

सभी को अपने पिकनिक के दिन याद रहते है। मुझे भी अपने स्कूल के दिन याद है। इस आर्टिकल में हमने “मेरे स्कूल पिकनिक पर निबंध (Essay On My School Picnic In Hindi)” के बारे जिक्र किया है। उम्मीद करता हूँ हमारे द्वारा दी गयी जानकारी आपको अच्छी लगी होगी।

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Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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