Home > Essay > प्रातःकाल का भ्रमण निबंध

प्रातःकाल का भ्रमण निबंध

Essay on Morning Walk in Hindi: सुबह-सुबह भ्रमण करना सभी को पसंद आता है और बहुत से लोग सुबह-सुबह अपने आसपास किसी पार्क में घूमने भी जाते हैं। प्रातः काल का भ्रमण व्यक्ति के जीवन में बहुत अहम भूमिका निभाता हैं। हम यहां पर प्रातःकाल का भ्रमण निबंध शेयर कर रहे है। इस निबंध में प्रातःकाल का भ्रमण के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेअर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

Essay-on-Morning-Walk-in-Hindi

Read Also: हिंदी के महत्वपूर्ण निबंध

प्रातःकाल का भ्रमण निबंध | Essay on Morning Walk in Hindi

प्रातःकाल का भ्रमण निबंध (250 Words)

आजकल सभी लोग अपने जीवन को स्वस्थ रखना चाहते हैं। शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए कई प्रकार के तरीके भी अपनाते है । आपको पता ही होगा कि मनुष्य पौष्टिक भोजन करके स्वस्थ नहीं रह सकता है। अच्छे मकान में रहने से भी व्यक्ति स्वस्थ नहीं हो सकता है। व्यक्ति को सुखी रहने के लिए स्वस्थ शरीर की आवश्यकता होती है यदि उसका शरीर स्वस्थ है तो उसे सभी प्रकार का सुख प्राप्त हो जाता है।

यदि मनुष्य का शरीर स्वस्थ नहीं है, तो उसका मन अशांत हो जाता है और वह चिड़चिड़ा भी हो जाता है। मानव सर्व संपन्न होते हुए भी उसे किसी प्रकार की शांति नहीं मिल पाती है।

मनुष्य को अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए प्रातः काल भ्रमण या प्राणायाम करना बहुत जरूरी है। प्रात: काल मिलने वाली वायु से आपके शरीर को नई ऊर्जा प्राप्त होती है। इसलिए सभी लोगों को प्रातः काल भ्रमण अवश्य करना चाहिए। इससे आपके शरीर को ताजी हवा मिलती है। बहुत सारे व्यक्ति जो कि शहर इत्यादि में रहते हैं। वह लोग सुबह मॉर्निंग वॉक पर जाते हैं लेकिन वही दूसरी तरफ गांव के लोगो को तो शुद्ध हवा ऐसे ही मिलती रहती है। गांव में अधिक मात्रा में पेड़ लगे होते है, जिससे लोगों ऑक्सीजन प्राप्त होती है। जबकि शहर में प्रदूषण अधिक होने से शुद्ध वायु लेने में समस्या हो जाती है।

गांव की अपेक्षा शहर में लोग अधिक बीमार पड़ते हैं, क्योंकि यहां की हवा इतनी शुद्ध नहीं होती है। गांव में आपका मन शांत और भ्रमण करने के लिए भी आपको बहुत सारी जगह मिल जाती है। वहीं शहर की बात करें तो यहां पर इतनी अत्यधिक जगह नहीं होती है लेकिन आप प्रातकाल अपनी छत या अपने आस-पास के पार्क इत्यादि में भ्रमण करने के लिए जा सकते हैं।

प्रात: काल भ्रमण पर निबंध (800 Words)

प्रस्तावना

आजकल आधी से अधिक आबादी हमारे शहरों में निवास करती है, जहां पर लोग सिर्फ अपने काम से काम रखते हैं। उन्हें इतना भी समय नहीं होता है कि वह अपने शरीर की तरफ ध्यान दे सकें, इसलिए यहां पर लोगों का स्वास्थ्य भी ठीक नहीं होता हैं।

शहरों में लोग देर रात्रि तक अपना काम करते हैं और सुबह देर से जागते हैं। इसलिए उनका स्वास्थ्य बिगड़ा रहता है यदि वह सुबह प्रातः कालीन टहलने जाया करें तो उनके शरीर में एक नई ऊर्जा उत्पन्न होगी। प्रातः काल घूमने से आपको शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है क्योंकि सुबह वायु में शुद्ध ऑक्सीजन होती है।

बहुत सारे लोग प्राणायाम भी करते है। अपने स्वास्थ्य को ठीक करने का यह भी एक बहुत ही अच्छा तरीका है।सभी लोगों को प्रातः काल भ्रमण करना चाहिए।

प्रातः काल भ्रमण करने का महत्व

इस समय वातावरण मनोरम होता है। सुबह की मंद मंद शीतल हवा हृदय में अहाद पैदा करती है। सुबह पक्षियों का कलरव मन को शांति प्रदान करता है। प्रातः काल की वायु अमृत के समान होती है। सुबह कमल और सूर्य खिलते हैं। उस समय का दृश्य सब को मोहित करने वाला होता है।

प्रातः काल भ्रमण करना एक प्रकार का प्राणायाम का ही एक अंग है। जिस प्रकार शरीर को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम की आवश्यकता होती है। प्रातः काल भ्रमण करने से व्यायाम भी हो जाता है। जब प्रातः काल मनुष्य भ्रमण करने जाता है तो उसके शरीर के सारे अवयव गति करने लगते है। 

व्यायाम करने से शरीर का शायद ही कोई अंग प्रभावित होता है। सुबह घूमने से मनुष्य के प्रत्येक शरीर में गति उत्पन्न हो जाती है। भ्रमण करते समय यदि अपने हाथों के मूव करवाते हैं, तो आपके शरीर में अधिक से अधिक शुद्ध हवा प्रवेश हो जाती हैं। आपके फेफड़े मजबूत होते हैं और उनको शुद्ध हवा प्राप्त होती है।

कई लोग भ्रमण करते हुए दौड़ तथा प्राणायाम और व्यायाम करते हैं। ऐसा जरूरी नहीं है कि वही लोग सुबह टहलने जाते हैं। जिनको अपने शरीर का वजन कम करना होता है, हां यदि आपका वजन बढ़ा हुआ है तो सुबह की सैर करें और कुछ व्यायाम करें जिससे आप कुछ दिनों में अपना वजन कम कर सकते हैं।

प्रातः काल भ्रमण करने का स्थल

प्रातः काल भ्रमण करने के लिए अच्छी जगह का भी होना चाहिए। गंदी जगह पर कल कारखानों से निकलने वाले गंदगी तथा कोलाहल में घूमना लाभ दायक नहीं है। सुबह घूमने के लिए वन, उपवन जहां पर पेड़ इत्यादि लगे हो वो जगह वॉक करने की सबसे अच्छी जगह है।

आपको तो पता ही है कि वृक्ष प्रातः ऑक्सीजन छोड़ते हैं। ऐसे में आप नदियों के कल कल करती हुई नदियों के स्वर को सुनते है, तो यह मन को प्रसन्न कर देता है। इसलिए वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण से दूर बिल्कुल एकांतवास मे उपवन में नदी का तट, हरियाली खेत प्रातः भ्रमण के लिए उपयुक्त माने जाते हैं।

प्रातः उठने के कुछ लाभ

प्रातः यानी ब्रह्म मुहूर्त में सभी लोगों को उठ जाना चाहिए। कई सारे लोग प्रात:काल बिस्तर छोड़ने में आलस्य आता है। इसलिए आलस्य को त्याग कर सुबह जल्दी उठना चाहिए। सुबह जल्दी उठकर सौच इत्यादि कार्यों से निवृत्त होकर भ्रमण करने के लिए जाना चाहिए।

सुबह भ्रमण करते समय आपको लंबी लंबी सांस लेनी चाहिए, जिससे आपका फेफड़ा ज्यादा से ज्यादा खुल सके। वनों में उपस्थित सुगंधित वायु का अधिक से अधिक भाग सेवन कर सकें। यदि आप अपने शरीर को स्वस्थ और तंदुरुस्त करना चाहते हैं तो आप दौड़ भी लगा सकते हैं।

लेकिन जो व्यक्ति अभी रोगी है या रोग है उसको तो उसे साधारण ही भ्रमण करना चाहिए उसे किसी भी प्रकार का प्राणायाम नहीं करना चाहिए।

जहां एक ओर प्रात काल भ्रमण करने से बहुत सारे लाभ हैं तो दूसरी तरफ नुकसान भी हैं। यदि आपके क्षेत्र में बारिश या आपको जुखाम या किसी प्रकार का कोई बीमारी है, तो सुबह टहलना आपके लिए लाभप्रद नहीं है। ऐसी दशा में आप कुछ दिन के लिए प्रातः कालीन भ्रमण ना करें।

बहुत सारे लोग अस्वस्थ होने पर भी भ्रमण करने के लिए निकल पड़ते हैं, तो आपके पैरों में हल्के हल्के ओश उनके पैर या उनके शरीर के अंदर जाती है, तो उन्हें और भी ज्यादा नुकसान दायक लगने लगता है। ऐसे में आप जब तक स्वस्थ ना हो जाए तब तक आप भ्रमण करने के लिए बिल्कुल ही न निकले।

सुबह जल्दी उठने के फायदे

सुबह जल्दी उठने से आपका पूरा शरीर एक्टिव रहता है और आपको किसी भी प्रकार का कोई भी रोग नहीं हो सकता है। यदि आप टहलने के साथ प्राणायाम करते हैं तो आपका शरीर बिल्कुल ही निरोगी रहेगा।

आपके दिमाग की स्मरण शक्ति बढ़ती है और नई ऊर्जा का संचार होता है। बहुत सारे लोग सुबह उठने में आलस करते है। वो लोग अधिक समय बीमार ही रहते है। लेकिन आपने देखा होगा की को जल्दी उठते हैं, वह बहुत ही ज्यादा एक्टिव और स्वस्थ मिलते हैं।

निष्कर्ष

दोस्तों यदि आप चाहते हैं कि जीवन में आपको किसी भी प्रकार का कोई भी रोक ना हो तो प्रातः काल जल्दी उठने तथा भ्रमण करने की आदत बनाइए। प्रात काल की वायु और वातावरण एक प्रकार की औषधि है, जिसका आपको अधिक से अधिक सेवन करना चाहिए।

अंतिम शब्द

आज के आर्टिकल में हमने प्रातःकाल का भ्रमण निबंध( Essay on Morning Walk in Hindi) के बारे में बात की है। मुझे पूरी उम्मीद है की हमारे द्वारा लिखा गया यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। यदि किसी व्यक्ति को इस आर्टिकल में कोई शंका है। तो वह हमें कमेंट में पूछ सकता है।

Read Also:

Ripal
Ripal

Leave a Comment