Home > Essay > स्वास्थ्य पर निबंध

स्वास्थ्य पर निबंध

Essay on Health in Hindi: नमस्कार दोस्तों! आज हम आप सभी लोगों के सामने लेकर प्रस्तुत हुए हैं, स्वास्थ्य पर निबंध। लगा के हम सभी लोग जानते हैं, धरती पर मानव का अस्तित्व बनाने के लिए उनका स्वास्थ्य बहुत ही ज्यादा जरूरी है, अतः आप सभी लोगों के लिए यह स्वास्थ्य पर लिखा गया निबंध बहुत ही लाभकारी सिद्ध होगा, क्योंकि परीक्षा के दृष्टिकोण से भी यह काफी महत्वपूर्ण है। स्वास्थ्य मनुष्यों के शारीरिक, मानसिक एवं सामाजिक रोज से संदर्भित करता है। आइए जानते हैं, स्वास्थ्य पर छोटे-बड़े निबंध।

Image: Essay on Health in Hindi

Read Also: हिंदी के महत्वपूर्ण निबंध

स्वास्थ्य पर निबंध | Essay on Health in Hindi

स्वास्थ्य पर निबंध (250 शब्द)

इस पूरे संसार में किसी भी व्यक्ति को स्वास्थ्य व्यक्ति तब कहा जाएगा, जब उस व्यक्ति को किसी भी प्रकार की कोई शारीरिक बीमारी या मानसिक तनाव ना हो। किसी व्यक्ति को अच्छे स्वास्थ्य का आनंद लेते हुए तब कहा जाएगा, जब वह एक दूसरे के साथ अच्छे पारस्परिक संबंध रखता हो और उन संबंधों का लुफ्त उठाते हो। स्वास्थ्य हमारे जीवन के लिए बहुत ही ज्यादा आवश्यक है। स्वास्थ्य की परिभाषा पिछले कई दशकों में बहुत ही ज्यादा विकसित हुई है, हालांकि इससे पहले भी स्वास्थ्य की परिभाषा विकसित हुई थी, परंतु वह केवल व्यक्ति की भौतिक अवस्था अर्थात शारीरिक अवस्था से जोड़ी गई थी। वर्तमान समय में मनुष्य के शारिरिक स्थिति को तो जोड़ा गया है, बल्कि इसके परिभाषा में मनुष्य के मानसिक एवं पारस्परिक संबंधों को भी जोड़ दिया गया है।

Follow TheSimpleHelp at WhatsApp Join Now
Follow TheSimpleHelp at Telegram Join Now

हमारे स्वास्थ्य का संबंध केवल इससे ही नहीं है, कि हम क्या खा रहे हैं, बल्कि इसके साथ-साथ इससे भी है, कि आप क्या सोचते हैं, क्या कहते हैं। रोजमर्रा के जीवन में यदि कोई व्यक्ति मानसिक एवं शारीरिक रूप से फिट है और पारस्परिक संबंधों का लुफ्त उठाता है, तभी उसे स्वस्थ कहा जाएगा अन्यथा उस व्यक्ति को स्वस्थ नहीं कहा जा सकता। हालांकि किसी भी व्यक्ति का स्वास्थ्य यहीं तक सीमित नहीं है परंतु जिन व्यक्तियों में यह गुण होते हैं, उन्हें पूर्ण रूप से स्वस्थ माना जाता है। यदि किसी भी व्यक्ति को इनमें से किसी भी प्रकार की कोई समस्या है, तो उसे आंशिक रूप से स्वस्थ माना जाता है ना कि पूर्ण रूप से।

शुरुआती समय में स्वास्थ्य का मतलब केवल शरीर की अच्छी कार्य करने की क्षमता से होती थी परंतु वर्ष 1948 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के द्वारा यह कहा गया, कि किसी व्यक्ति को शारीरिक रूप, मानसिक रूप और सामाजिक स्थिति से स्वच्छ एवं स्वस्थ होना ही अच्छे स्वास्थ्य की निशानी है। इसके बाद वर्ष वर्ष 1980 में स्वास्थ्य की एक नई अवधारणा लाई गई जिसके अनुसार स्वास्थ्य को एक संसाधन के रूप में माना गया और यह सिर्फ एक स्थिति ही नहीं है, वर्तमान समय में किसी भी व्यक्ति को स्वास्थ्य तब माना जाएगा, जब वह व्यक्ति शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, आध्यात्मिक और संख्यात्मक रूप से स्वस्थ होगा।

स्वास्थ्य पर निबंध (800 शब्द)

प्रस्तावना

इस पूरे संसार में किसी भी व्यक्ति को स्वास्थ्य व्यक्ति तब कहा जाएगा, जब उस व्यक्ति को किसी भी प्रकार की कोई शारीरिक बीमारी या मानसिक तनाव ना हो। हालांकि किसी भी व्यक्ति का स्वास्थ्य यहीं तक सीमित नहीं है, परंतु जिन व्यक्तियों में यह गुण होते हैं, उन्हें पूर्ण रूप से स्वस्थ माना जाता है। किसी व्यक्ति को अच्छे स्वास्थ्य का आनंद लेते हुए तब कहा जाएगा, जब वह एक दूसरे के साथ अच्छे पारस्परिक संबंध रखता हो और उन संबंधों का लुफ्त उठाते हो। स्वास्थ्य की परिभाषा पिछले कई दशकों में बहुत ही ज्यादा विकसित हुई है, हालांकि इससे पहले भी स्वास्थ्य की परिभाषा विकसित हुई थी, परंतु वह केवल व्यक्ति की भौतिक अवस्था अर्थात शारीरिक अवस्था से जोड़ी गई थी। वर्तमान समय में मनुष्य के शारिरिक स्थिति को तो जोड़ा गया है, बल्कि इसके परिभाषा में मनुष्य के मानसिक एवं पारस्परिक संबंधों को भी जोड़ दिया गया है।

स्वास्थ्य की परिभाषा

शुरुआती समय में जब स्वास्थ्य की परिभाषा विकसित हुई थी तब इसका मतलब केवल शरीर की अच्छी कार्य करने की क्षमता से होती थी, परंतु वर्ष 1948 में में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) के द्वारा एक नई अवधारणा प्रस्तुत की गई, जिसके माध्यम से- किसी व्यक्ति को स्वास्थ्य तभी माना जाएगा, जब वह व्यक्ति शारीरिक मानसिक एवं सामाजिक रुप से स्वस्थ होगा। हालांकि या परिभाषा लोगों के द्वारा स्वीकार कर लिया गया, क्योंकि इस परिभाषा को वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के द्वारा जारी किया गया था। बाद में वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन के इस अवधारणा की काफी आलोचना भी होने लगी अतः यह कहा गया कि स्वास्थ्य की परिभाषा ना केवल इतने तक ही सीमित है, बल्कि इसकी परिभाषा बहुत ही ज्यादा व्यापक है।

बाद में लंबे समय के शोध के बाद यह कहा गया कि यह परिभाषा अव्यावहारिक है अतः इसे खारिज कर दिया गया। इसके बाद वर्ष 1980 में स्वास्थ्य की एक नई अवधारणा विकसित हुई जिसके माध्यम से किसी व्यक्ति को स्वस्थ तभी कहा जाएगा जब वह व्यक्ति शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, संख्यात्मक एवं आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ होगा। यदि किसी व्यक्ति में यह सभी खूबियां होती है, तभी उस व्यक्ति को स्वस्थ कहा जाएगा अन्यथा उस व्यक्ति को रोगियों के दृष्टिकोण से देखा जाएगा 

स्वास्थ्य बनाए रखने का क्या महत्व है?

ज्ञान सभी लोग जानते हैं, स्वास्थ हमारे जीवन के विभिन्न कार्यों की पूर्ति के लिए बहुत ही आवश्यक माना जाता है। अच्छा स्वास्थ्य जीवन में विभिन्न कार्यों को पूरा करने के लिए आधार माना जाता है, अतः इसी अवधारणा को लेकर यह बताया गया, कि यह कैसे मदद करती है, तो आइए जानते हैं;

कार्यप्रणाली: किसी व्यक्ति को शारीरिक रोल से अयोग्य व्यक्ति को स्वस्थ नहीं कहा जाएगा, क्योंकि उसकी कार्यप्रणाली अच्छी नहीं होगी, अतः कुशलता पूर्वक कार्य करने के लिए हमें अच्छा स्वास्थ्य चाहिए। यदि आप काम पर पकड़ बनाकर रखना चाहते हैं, तो आपको अपने शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए।

पारिवारिक जीवन: यदि कोई भी व्यक्ति अपने जीवन में सफल होना चाहता है, तो उसे अपने परिवार के सभी सदस्यों के साथ अच्छे से पेश आना चाहिए और अपने परिवार की देखभाल करनी चाहिए। ऐसा कहा जाता है, कि यदि कोई व्यक्ति अपने परिवार की देखभाल अच्छे से कर लेता है, तो उसे किसी भी मानसिक तनाव का कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता अर्थात उस व्यक्ति पर किसी भी प्रकार का कोई मानसिक तनाव नहीं होता।

गहन अध्ययन: यदि किसी व्यक्ति के श्राद्ध शारीरिक स्थिति और खराब मानसिक स्थिति उस व्यक्ति के अध्ययन में बाधा ला रही है, तो उसे तुरंत उसका इलाज करना चाहिए, यदि आप अध्ययन करने में सक्षम होते हैं, तो आप स्वस्थ माने जाएंगे। किसी भी व्यक्ति को अच्छी तरह से अध्ययन करने के लिए शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखना काफी आवश्यक है।

स्वास्थ्य सुधारने के तरीके

  • यदि आप अपने जीवन में एक स्वस्थ व्यक्ति की तरह जीवन व्यतीत करना चाहते हैं, तो आपको सदैव पोषक तत्वों से समृद्ध आहार का भोजन करना चाहिए। आपको अपने आहार में प्रतिदिन ताजे फल, हरी पत्तेदार सब्जियों को शामिल करना चाहिए, इसके साथ-साथ यदि आप चाहें तो दाल, अंडे और दूध का भी उपयोग कर सकते हैं।
  • आपको प्रतिदिन नित्य रूप से शारीरिक व्यायाम करना चाहिए, इससे आपके दैनिक जीवन के आधे से ज्यादा दुख दूर हो जाते हैं। प्रतिदिन नित्य रूप से आपको वॉकिंग, जोगिंग, साइकिलिंग, योगा, स्विमिंग इत्यादि करना चाहिए।
  • आपको प्रतिदिन उचित कार्य करने के बाद पर्याप्त मात्रा में विश्राम करना अति आवश्यक है। प्रतिदिन उचित विश्राम करने से आपको आपको विशेष ऊर्जा प्राप्त होती है और आप अपनी नीति के साथ कभी भी समझौता न करें।
  • हमें सदैव शारीरिक व्यायाम के साथ साथ प्रतिदिन बहुत से ऐसे दिमागी खेल भी खेलने चाहिए, जिससे कि हमारा मानसिक संतुलन बना रहे और हम मानसिक रूप से किसी भी कार्य को करने के लिए सक्षम रहें।

निष्कर्ष

आज के इस लेख को पढ़ने के बाद हम इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं, कि हमें सदैव अपने जीवन में किसी भी कार्य को करने के लिए स्वस्थ होना चाहिए। आप को स्वस्थ रहने के लिए प्रतिदिन व्यायाम, उचित विश्राम, पौष्टिक आहार, दिमागी खेल खेलना इत्यादि बेहद आवश्यक है।

अंतिम शब्द

हम आप सभी लोगों से उम्मीद करते हैं, कि आप हमारे द्वारा लिखा गया महत्वपूर्ण लेख अवश्य पसंद आया होगा, यदि हां तो कृपया हमारे द्वारा लिखे गए इस महत्वपूर्ण लेख को अवश्य शेयर करें। यदि आपके मन में इसलिए को लेकर किसी भी प्रकार का कोई सवाल है, तो कमेंट बॉक्स में अवश्य बताएं।

Reed also

Follow TheSimpleHelp at WhatsApp Join Now
Follow TheSimpleHelp at Telegram Join Now
Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

Related Posts

Leave a Comment