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पतंग पर निबंध

Essay on Kite in Hindi: पतंग से हर बच्चा, जवान और बुड्ढा अवगत होगा क्योंकि हर किसी ने अपने जीवन में कभी ना कभी तो पतंग उडाने का आनंद जरुर लिया होगा। प्राचीन काल लोग भी इस कला से काफी अवगत थे। आज हम इस आर्टिकल में आपको पतंग पर निबंध शेयर करेंगे, जो सभी कक्षा के विद्यार्थी के लिए मददगार साबित होंगे।

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पतंग पर निबंध | Essay on Kite in Hindi

पतंग पर निबंध (250 शब्द)

भारत में खास करके पतंग 14 जनवरी यानी कि मकर सक्रांति को उड़ाया जाता है। यह हर बच्चे को पतंग पसंद है, तभी तो मकर सक्रांति आने के एक दो महीने पहले से ही लोग पतंग उड़ाना शुरू कर देते है। मकर सक्रांति के दिन लोगों में पतंग उड़ाने की इतनी उल्लास होती है कि उस दिन के पहले पतंग खरीदने में व्यस्त रहते हैं।

बाजार में विभिन्न रंगों के और विभिन्न आकारों के पतंग बनाए जाते हैं। मकर सक्रांति के दिन पतंगों की बहुत ज्यादा मात्रा में बिक्री होती है। यहां तक कि उस दिन पतंगों का दाम भी बहुत होता है। कई जगहों पर पतंग के उड़ाने की स्पर्धा होती है, जिसमें विभिन्न देश के लोग भी शामिल होते हैं।

पतंग का आकार चतुर्भुज होता है, जिसके एक और त्रिकोण आकार की पूछ लगी होती है। पतले धागे की मदद से यह उड़ाया जाता है। पतंग उड़ाने की भी कला होती है क्योंकि पतंग सभी लोगों से नहीं उड सकता, जिसको उड़ाना आता है वही उडा सकता है।

पतंग दुनिया का सबसे सस्ता और अनूठा खिलोना है, जो हर बच्चे के मन को मोह लेती है। हालांकि यह पतंग मनोरंजन और खेलने के लिए इस्तेमाल किया जाता है लेकिन पतंग आपको जीवन की कई महत्वपूर्ण चीजें सिखा सकती है।

पतंग हमें जीवन में न हारने की भी सीख देता है। जैसे की पतंग कभी भी एक बार में आसमान में नहीं उड़ पाती, कई प्रयासों से पतंग आसमान में उड़ता है। इससे हम भी सीख सकते हैं कि जीवन में सफलता तुरंत नहीं मिलती। कई प्रयास करने पड़ते हैं लेकिन एक पतंग की तरह हमें जीवन में हार नहीं मानना है क्योंकि जिस तरीके से लाख प्रयासों के बाद पतंग आसमान में उड़ने में सक्षम हो ही जाती है, वैसे हम भी लाख प्रयास करने के बाद एक दिन जरुर सफल हो जाएंगे।

पतंग पर निबंध (850 शब्द)

प्रस्तावना

एक छोटा सा पतंग हर बच्चे के चेहरे पर मुस्कान ले आता है। उसको देखकर खुशी केवल बच्चों को ही नहीं बल्कि बड़ों को भी मिलती है। तभी तो मकर सक्रांति के दिन बच्चों के साथ बड़ों में भी पतंग उड़ाने का काफी उत्साह और उल्लास देखने को मिलता है। भारत में पतंग प्राचीन काल से ही उड़ाया जाता रहा है। बड़े बड़े राज और महाराजा भी पतंग उड़ने के काफी शौकीन हुआ करते थे। प्राचीन काल में लोग पवन की दिशा जाने के लिए पतंग उड़ाते थे लेकिन धीरे धीरे आज लोग मनोरंजन के लिए पतंग उड़ाते है।

पतंग का जन्म

कहा जाता है कि पतंग का जन्म चीन में हुआ था। चीनी लोग अपने मनोरंजन के लिए पतंग उड़ाते थे। दुनिया की सबसे पहली पतंग 2000 साल पहले चीन में बनानी गई थी। ऐसा नहीं है कि पतंग केवल मकर संक्रांति के दिन ही उड़ाया जाता है‌। भारत में तो कई लोग रक्षाबंधन और दीवाली जैसे त्योहारों पर भी पतंग उड़ाते हैं क्योंकि लोगों का मानना है कि ऐसे अवसरों पर पतंग उड़ाना शुभ होता है।

पतंग का आकार

वैसे तो पतंग का आकार चतुर्भुज होता है लेकिन आज बाजार में भिन्न भिन्न आकार और क़द के पतंग मिलते है। पतंग पतले कागज से बनती है। 

पतंग और मांझा का संबंध

पतंग उड़ाने के लिए जिस धागे का इस्तेमाल होता है उसे मांझा कहा जाता है जो फिरकी में लपेटा रहता है। इस तरीके से एक व्यक्ति फिरकी पकड़ कर खड़ा रहता है और दूसरा व्यक्ति पतंग उड़ाता है।

पतंग में लगे धागे से भी आपको बहुत कुछ सीखने को मिलता है। जिस तरीके से पतंग का संतुलन उसमें लगे धागे के कारण ही होता है और यदि वह लगा धागा खुल गया तो पतंग आसमान से नीचे आ गिरती है, ठीक वैसे ही हमारे जीवन में रिश्ते का महत्व होता है यदि जीवन के रिश्ते में अच्छे से बंधे रहो, तो हर मुश्किलों को पार किया जा सकता है।

इसके अतिरिक्त जिस तरीके से पतंग आकाश में एक पतली डोर के भरोसे से उड़ता है और यदि डोर कच्ची निकली तो पतंग नीचे आ गिरती है ठीक वैसे ही जीवन की पतंग भी भरोसे की डोर के सहारे ही उम्मीद के आसमा को छुती है। अभी आपसे भरोसा ना हो तो हमारे जीवन की पतंग भी असली पतंग की तरह ही नीचे आ गिरती है।

पतंग से मिलने वाली सीख

हम इंसान भी इस पतंग की तरह ही आसमान को छूना चाहते हैं और जीवन में उस ऊंचाई तक पहुंचना चाहते हैं, जहां से हम लोगों की भीड़ से अलग दिख सकें।

जब एक पतंग आसमान में उड़ती है तो उसके आसपास अन्य कई सारी पतंगो के साथ उसे चुनौती करते हुए अपना अस्तित्व बनाए रखना होता है। इसी तरह इस प्रतियोगिता के माहौल में हमारे आसपास भी कई चुनौतियां हैं, जीवन में आगे बढ़ने की चुनौती है, अपनों की उम्मीदों पर खरा उतरने की चुनौती है, विभिन्न परिस्थितियों को पार करते हुए सफलता पाने की चुनौती है। लेकिन इन सभी चुनौतियों के बीच साहस के साथ अस्तित्व बनाए रखना है।

पतंग जब उड़ने के लिए तैयार होती है, तो वह एक बार में कभी भी आसमान में नहीं जाती। लेकिन लगातार प्रयासों के बावजूद वो आसमान छू लेती है। ठीक वैसे ही हमने भी सफल होने के लिए बार बार प्रयास करने चाहिए।

जिस तरीके से आसमान में उड़ती हुई पतंग के तरफ हर किसी की निगाहें होती है, हर हर कोई उसी की तारीफ करता है लेकिन नीचे जमीन पर पड़ी पतंग की कोई मोल नहीं होती ठीक वैसे ही जीवन में मनुष्य की स्थिति का होता है। यदि ऊंचाई पर है तो हर व्यक्ति आपका सम्मान करेगा लेकिन यदि जमीन पर पड़े हैं तो आपका कोई सम्मान नहीं करेगा। इसीलिए जीवन में कुछ बड़ा बनने की कोशिश करनी चाहिए।

निष्कर्ष

पतंग से आप दूसरों को खुश रखने की भी प्रेरणा पा सकते हैं। जिस तरीके से पतंग आसमान में उड़ता है तो वह केवल उड़ाने वाले को ही खुश नहीं करता बल्कि उसको देखने वाला हर एक व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान आ जाता है। इस जीवन में भी हमें इस पतंग की तरह ही सभी को खुश रखना सीखना चाहिए। इस तरह जीवन में कुछ ऐसा करना चाहिए कि हर व्यक्ति हम पर गर्व महसूस करें।

अंतिम शब्द

पतंग की तरह आसमान छूने की तमन्ना हर किसी की होती है। आज हमने इस आर्टिकल में आपको पतंग पर निबंध (Essay on Kite in Hindi) शेयर किया है, जो सभी कक्षा के लिए उपयोगी होगा। आर्टिकल पसंद आये तो उसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरुर करें। आर्टिकल से संबंधित कोई भी प्रश्न को तो हमें कमेंट करके जरुर बताएं।

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Ripal
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