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पुस्तकालय के महत्व पर निबंध

Essay on Importance of Library in Hindi: नमस्कार दोस्तों, आज हम लाइब्रेरी का क्या महत्व है? इसके बारे में आपसे बात करेंगे। लाइब्रेरी के बारे में तो आप सभी जानते होंगे कि लाइब्रेरी होती क्या है? लाइब्रेरी एक ऐसी जगह है, जहां पर भिन्न भिन्न प्रकार की किताबों को संग्रहित किया जाता है। जहां पर लोग अपनी जरूरत के हिसाब से किताब ढूंढ सकते हैं, पढ़ सकते हैं और इस्तेमाल कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं, लाइब्रेरी का हमारी जिंदगी में क्या महत्व है।

Essay on Importance of Library in Hindi
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पुस्तकालय के महत्व पर निबंध | Essay on Importance of Library in Hindi

लाइब्रेरी का महत्व पर निबंध (250 शब्द)

ऐसा कहा जाता है कि किताब हमारी सबसे अच्छी दोस्त होती हैं, यह बहुत हद तक सही भी है। किताबे हमारी सबसे अच्छी दोस्त ही मानी जाती हैं। अगर हम चाहे तो किताबों के जरिए अपने सभी सुझाव खोज सकते हैं। इसीलिए हमारे जीवन में पुस्तकालय का बहुत ही अति महत्व है।

भारत में सबसे ज्यादा पुस्तकालय की जरूरत गांव या छोटे कस्बों में है, क्योंकि वहां लोगों के पास सीमित साधन होते हैं। उनकी तनख्वाह भी इतनी नहीं होती है कि वह महंगी किताबें खरीद सकें। पुस्तकालय एक ऐसी जगह होती है, जहां पर बिना भेदभाव के लोगों की आवाजाही हो सकती है और वह अपनी मनपसंद किताब पढ़ सकते हैं।

लाइब्रेरी शब्द अंग्रेजी का शब्द है। हिंदी में लाइब्रेरी को पुस्तकालय कहा जाता है। पुस्तकालय शब्द की उत्पत्ति 2 शब्दों को मिलाकर हुई है। पुस्तकालय का सही मायने में मतलब ही यही होता है, किताबों का घर जहां पर हम स्वतंत्र तरीके से अपनी मनपसंद की किताब पढ़ सकते हैं। पुस्तकालय को सरस्वती का मंदिर भी कहा जाता है।

वैसे तो पुस्तकालय दो प्रकार के होते हैं, पब्लिक पुस्तकालय और निजी पुस्तकालय। पब्लिक पुस्तकालय सभी वर्ग के लिए उपलब्ध रहते हैं। इसमें कोई भी जाकर अपने पसंद की किताब पढ़ सकता है। निजी पुस्तकालय में विशेष वर्ग के लोग जैसे वकील, डॉक्टर, इंजीनियर इत्यादि लोग जा सकते हैं। क्योंकि वहां उनके पहलू को समझने के लिए अलग-अलग किताबों की आवश्यकता होती है।

इंसान को जीवन में कुछ भी बनना है तो उसे किताबों की आवश्यकता जरूर पड़ेगी। क्योंकि अगर हमारे पास किताबें नहीं होगी तो ज्ञान प्राप्त नहीं हो सकता, ज्ञान के बिना शिक्षा नहीं मिल सकती, शिक्षा के बिना नौकरी नहीं मिल सकती, इसीलिए कमाई का जरिया हमारी पढ़ाई लिखाई होती है।

वैसे तो कमाई वह भी करते हैं, जो पढ़े-लिखे नहीं होते, परंतु वह उतना ही कमा पाते हैं कि अपना बस गुजारा कर सकें। अगर आपको कोई अच्छा मुकाम हासिल करना है तो आपको किताबों की आवश्यकता जरूर पड़ेगी।

लाइब्रेरी का महत्व पर निबंध (1000 शब्द)

प्रस्तावना

दुनिया में सबसे अच्छा दोस्त किताबों को ही कहा जाता है, क्योंकि जिस तरह से सच्चा दोस्त हमारा हर मुश्किल में साथ देता है। उसी तरह से किताबें भी एक दोस्त का ही काम करती हैं। किताबों में हर मुश्किल सवाल परिस्थिति का हल छुपा होता है। सिर्फ हमें उसे ढूंढने, सोचने और समझने की जरूरत होती है। कुछ लोग किताबें पढ़ने की बहुत ज्यादा शौकीन होते हैं। इसीलिए वह तरह-तरह की किताबों को संग्रहित करके रखते हैं।

लाइब्रेरी का अर्थ क्या होता है?

लाइब्रेरी को हिंदी में पुस्तकालय कहा जाता है, जिसका संधि विच्छेद किया जाता है तो पर पुस्तक + आलय होता है। आलय का मतलब होता है, स्थान और इसी कारण से इसका नाम भी पुस्तकालय रखा गया है। यहां पर आपको कई अलग-अलग प्रकार की किताबों मिल जाती है, जिनको आप पढ़ सकते हैं।

पुस्तकालय के भाग

आमतौर पर पुस्तकालयों को दो भागों में बांटा गया है। लाइब्रेरी में एक भाग किताबें पढ़ने के लिए और दूसरा भाग किताबों को जारी करने के लिए होता है। वहां पर एक लाइब्रेरियन होता है, जो लाइब्रेरी में आने वाली किताबों की सूची रखता है।

  • रीडिंग सेक्शन

रीडिंग सेक्शन यह है, वह स्थान होता है या ऐसा कक्ष होता है, जहां पर किताबें पढ़ी जाती हैं। इस कमरे में तरह-तरह के अखबार, मासिक, दैनिक, पत्रिकाएं टेबल पर रखी होती हैं। इस हिस्से में विभिन्न विषयों पर आधारित ढेर सारी किताबें भी रखी होती हैं। व्यक्ति अपनी रूचि के अनुसार किताबों को पड़ सकता है।

  • किताबे जारी करने का भाग

एक लाइब्रेरी में एक लाइब्रेरियन होता है, जिसके द्वारा किताबों की आने जाने वाली जानकारी रखी जाती है और सभी किताबों का रिकॉर्ड उनके पास संग्रहित होता है।

पुस्तकालय के सदस्य कैसे बनें?

वैसे तो सभी लाइब्रेरी के अलग-अलग नियम होते हैं, फिर भी कुछ नियम प्रत्येक पुस्तकालय में लागू किए जाते हैं।

  • हमें पुस्तकालय का सदस्य बनने के लिए कुछ नियम का पालन करना होता है, जिसमें से पहला नियम यह होता है कि पुस्तकालय में जब भी हमें सदस्य बना होता है तो उसके लिए कुछ महीने के रूप में शुल्क देना पड़ता है। अगर एक बार वह व्यक्ति पुस्तकालय का सदस्य बन गया तो वह अपनी मर्जी से जब चाहे वहां आ जा सकता है और अपनी पसंद की किताबें पढ़ सकता है।
  • किसी भी पुस्तकालय के सदस्य बनते वक्त शुरू में सुरक्षा के तौर पर कुछ शुल्क इसीलिए जमा किया जाता है, ताकि अगर किताबों की हेराफेरी होती है तो वह उन पैसों से उन किताबों का भुगतान कर सकें।
  • जब हम किसी किताब को पुस्तकालय से लेते हैं तो उसकी एक निर्धारित तारीख होती है, वापस लौटआने की। हमें उसी ही तारीख में हिसाब को वापस करना होता है, नहीं तो एक्स्ट्रा शुल्क लगता है।

लाइब्रेरी के प्रकार

पुस्तकालयों को दो विभागों में विभाजित किया गया है:

  • पब्लिक पुस्तकालय- इस पुस्तकालय में सभी वर्ग के लोगों को जाने की अनुमति होती है और उनके लिए वहां हर प्रकार की किताबें उपलब्ध रहती हैं। कोई भी व्यक्ति इस पुस्तकालय में जाकर अपनी मनचाही किताब पढ़ सकता है।
  • निजी पुस्तकालय यह पुस्तकालय है कुछ विशेष लोगों के लिए होता है, मतलब जो विशेष रूप से किसी पेशे से संबंध रखते हैं, जैसे कोई वकील, डॉक्टर, इंजीनियर, इत्यादि होते हैं। उनको वहां उनके हिसाब से किताबें मिलती हैं। कई लोग तो अपनी जरूरत के हिसाब से ही अपने घर में छोटा या निजी पुस्तकालय बना लेते हैं।

पुस्तकालय के फायदे

  • आसान जरिया- लाइब्रेरी बहुत से लोगों के लिए आसान जरिया है, क्योंकि जो लोग पुस्तके नहीं खरीद पातें हैं। उन लोगों के लिए यह पढ़ाई का सबसे अच्छा माध्यम बनता है।
  • यहाँ एक ही कीमत पर बहुत लोगों का फायदा होता है – एक ही कीमत पर कई लोगों को फायदा, इसीलिए कहा गया है कि अगर लाइब्रेरी में किताबें एक बार आ जाती हैं तो उन किताबों को बार-बार कई लोगों के द्वारा पढ़ा जाता है।
  • यहाँ कम कीमत पर किताबें उपलब्ध होती है – लाइब्रेरी में सरकार के द्वारा कम रेट पर किताबें उपलब्ध कराई जाती हैं। इसीलिए इससे पुस्तकालय को भी फायदा होता है और लोगों को भी फायदा होता है किताबें पढ़ने को मिलती है।
  • शांति – देखा जाए तो जो शांति पुस्तकालय में होती है, वह हमें कहीं नहीं मिल सकती। कृपया शोर ना करें शांति बनाए रखें। ऐसा अक्सर हमें हर लाइब्रेरी में देखने को मिल जाता है, क्योंकि लाइब्रेरी का वातावरण बहुत ही शांत होता है।
  • ज्ञान बढ़ाने को जरिया- अगर व्यक्ति को अपना ज्ञान बढ़ाना है तो उसे पुस्तकों की आवश्यकता जरूर पड़ेगी। औसत वर्ग के व्यक्ति अपनी जरूरत के हिसाब से किताबें नहीं खरीद सकते हैं, इसीलिए यह ज्ञान बढ़ाने का बहुत ही अचूक जरिया हैं।

भारत के कुछ महत्वपूर्ण पुस्तकालय

  • गौतमी ग्रंथलयम – यह लाइब्रेरी राजामुंदरी आंध्र प्रदेश मैं स्थित है।
  • खुदा बख्श ओरिएंटल पुस्तकालय – यह पुस्तकालय पटना में स्थित है।
  • सिन्हा लाइब्रेरी – यह लाइब्रेरी भी पटना में है।
  • मां चंद्रकांता जी पब्लिक लाइब्रेरी – यह पुस्तकालय पटना में स्थित है।
  • गोवा सेंट्रल पुस्तकालय – गोवा की राजधानी पणजी में यह विशाल पुस्तकालय है।
  • स्टेट सेंट्रल पुस्तकालय – यह पुस्तकालय हमारे देश में तिरुवंतपुरम में स्थित है।
  • गुलाब बाग पब्लिक पुस्तकालय- उदयपुर, राजस्थान में स्थित है।
  • नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ इंडिया- यह पुस्तकालय भी काफी विशाल है और यह पश्चिम बंगाल में स्थित है।
  • दयाल सिंह पुस्तकालय – हमारे देश की राजधानी दिल्ली में यह पुस्तकालय वर्तमान समय में स्थित है।
  • जामिया हमदर्द पुस्तकालय –  दिल्ली में यह पुस्तकालय है।

निष्कर्ष

पुस्तकालय या लाइब्रेरी हमारे जीवन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके बिना हम अधूरे हैं, क्योंकि पढ़ाई जिस तरह से सबके लिए जरूरी है, उसी तरह से लाइब्रेरी भी बहुत जरूरी है, क्योंकि पढ़ाई का जरिया लाइब्रेरी ही है। इसीलिए हमें जरूरतमंदों को लाइब्रेरी से अवगत कराना चाहिए और उनको इस बात की जानकारी देनी चाहिए कि अगर वह पैसों के अभाव के कारण पढ़ लिख नहीं सकते हैं, तो वहां जाकर कुछ पैसों में अपनी पढ़ाई को पूरी कर सकते हैं।

अंतिम शब्द

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Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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