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भूकंप पर निबंध

Essay on Earthquake in Hindi: हम यहां पर भूकंप पर निबंध शेयर कर रहे है। इस निबंध में भूकंप के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेअर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

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भूकंप पर निबंध | Essay on Earthquake in Hindi

भूकंप पर निबंध (250 Words)

प्रकृति आपदा भूकंप एक खतरनाक आपदा है । धरती के अचानक हिलने से एक कंपन उत्पन्न होती है, इस घटना को भूकंप कहा जाता है। जब हमारी पृथ्वी की आंतरिक सतह अधिक गर्म हो जाती है, तो एक हलचल सी उत्पन्न होती है। तब उस स्थिति में भूकंप की स्थिति उत्पन्न होती है। भूकंप कभी – कभी बहुत ही धीमी गति से आता है, जिसका सिर्फ हमें आभास होता है कि भूकंप की कम्पन सी उत्पन होती है। कभी -कभी भूकंप अचानक बहुत तेजी से आता है, जिससे काफ़ी मात्रा में नुकसान होता है।

भूचालआने से हमारे जीवन मे बहुत अधिक दुष्प्रभाव पड़ता है, भूकंप आने से हमारा जीवन अस्त – व्यस्त हो जाता है।अभी कुछ सालों पहले गढ़वाल और महाराष्ट्र मे भूकंप आने से लोगों के पर जीवन बहुत गहरा प्रभाव पड़ा था। भूकंप  के कम्पन उत्पन्न होने से लोगों के मकान गिर गये। पशु,पक्षी आदि भूकंप की चपेट में आकर दबकर लाखों जीव – जंतुओ की मौत हो गई और महाराष्ट्र में आये हुये भूकंप के कारण मकान और पेड़ -पौधों कंपन के कारण गिरते है और उसकी चपेट मे काफ़ी लोग दब कर घायल हो जाते है और कुछ लोगों की मौत हो जाती है और जो लोग घायल होकर ठीक होते वह पैर से, तो कही हाथ से लाचार हो जाते है।

भूकंप ऐसी प्रकृति आपदाएं होती हैं, जिन को रोकना बहुत ही मुश्किल होता है। भूकंप के आने से बहुत सी विकट समस्याएं उत्पन्न होती हैं। भूकंप को आने से रोका तो नहीं जा सकता है, लेकिन जिस कारण से भूकंप आता है। उन कारणों पर तो रोक लगा कर कुछ हद तक प्राकृतिक आपदा को कम किया जा सकता है।

भूकंप पर निबंध (800 Words)

प्रस्तावना

दुनिया के शुरुआत में कई बार भूकंप आ चुका है, जिसके कारण से दुनिया भर में बहुत से लोग इसकी चपेट में आकर पीड़ित हुए हैं। सन 1988 से 2001 के बीच दुनिया भर मे 6 बार भूकंप आ चुका है। 1950 से 1975  के बीच में लगभग दुनिया भर के कई हिस्सों में 4 बार भूकंप आ चुके होते है। भूकंप किस जगह आएगा, कितने समय आएगा भूकंप का अनुमान लगाना किसी के बस की बात नहीं होती है, क्योंकि भूकंप एक प्राकृतिक आपदा होती है, जो प्रकृति पर निर्भर होती है, इसको नियंत्रित करना हमारे बस की बात नहीं होती है।

आज से लाखों वर्षों पहले पृथ्वी का निर्माण हुआ था। उस समय पृथ्वी एक जलता हुआ आग का पिंड या सबसे गर्म ग्रह होता था। समय के साथ पृथ्वी की सतह ठंडी हो गई और पृथ्वी का आंतरिक भाग तरल है, जिसके कारण पृथ्वी की आंतरिक सतह का तापमान बढ़ने लगता है। पृथ्वी की सतह का तापमान विभिन्न स्तरों में बदलता रहता है, पृथ्वी की सतह में गड़बड़ी की वजह से ही पृथ्वी की सतह गर्म हो जाती है और भूकंप आने के खतरा महसूस होने लगता है।

दुनिया के विभिन्न हिस्सों में आया भूकंप

दुनिया के किन-किन हिस्सों में आया भूकंप आइए जानते हैं,

1908 मे इटली शहर में भूकंप आने से लाखों लोगों की मौत हुई, उनमें से कुछ लोग घायल हुए और लोगों के घर – बार उजाड़ कर नष्ट हो गया, लोगों का काफ़ी नुकसान हुआ।

पेरू में सन 1960 में भूकंप आने के कारण काफ़ी लोग घायल हुये और 60,000 लोग भूकंप की चपेट में आये और उनकी दर्दनाक मौत हो गई।

चीन में सन 1958 मे भूकंप के आने के कारण 1 लाख लोगों की मौत हो गई।

बिहार में सन 1934 मे भूकंप आने से 1 लाख से अधिक लोगों की जान गई।

लातूर में सन 1933 मे भूकंप के आने के कारण 1,50,000 लोग की मृत्यु हुई है।

गुजरात में सन 2001 मे भूकंप आने से 2लाख लोगों की मृत्यु हुई है।

भूकंप के आने से कई देशो में बहुत अधिक संख्या में लोगों की दर्दनाक मौते हुई है।

भूकंप आने के कारण

भूचाल कई कारणों से आता है, कि जैसे कि पृथ्वी में कई छोटे-बड़े टेक्निकल प्लेट्स होते हैं। जिनके कारण भूकंप विवर्तनिक प्लेट् से टकराकर ब्लेट में आ जाती है। ये प्लेट एक -दूसरे के दूर रहकर गति करती है, तो कभी एक – दूसरे के पास रहकर गति करती है। जिसके कारण यह आपस में टकराती है और झटके के साथ मुफ्त ऊर्जा के रूप में बाहर निकलती है और भूकंपी तरंगे उत्पन्न करती हैं। जिसको भूकंप कहा जाता है।

भूकंप आने का एक कारण ज्वालामुखी का विस्फोट भी होता है। ज्वालामुखी का जब किसी क्षेत्र में विस्फोट होता है, तो उसके प्रभाव कई क्षेत्रों में देखने को मिलते हैं। ज्वालामुखी विस्फोट के प्रभाव के कारण कुछ नजदीकी क्षेत्रों की भूमि में कंपन उत्पन्न होता है। जिसको भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट कहते है।

ज्वालामुखी विस्फोट का प्रभाव कुछ क्षेत्रों में अधिक देखने को मिलता है और कुछ क्षेत्रों में इसका प्रभाव कम देखने को मिलता है, यह ज्वालामुखी विस्फोट पर ही निर्भर करता है।

भूकंप के आने से नुकसान

धरती में भूकंप आने से हमें बहुत नुकसान होता है। पृथ्वी में विभिन्न प्रकार के हरे पेड़ -पौधों, जीव जंतुओं के होने से हमारी धरती बहुत ही सुन्दर प्रतीत होती है। लेकिन भूकंप के आने से पल भर में पेड़ -पौधे जीव – जंतु और ससब कुछ तहस – नहस हो जाते है। बड़ी -बड़ी बिल्डिंग, भवन, बिजली के खंभे, मंदिर, मस्जिद, चर्च, सरकारी पाठशालाएं, सरकारी कार्यस्थल आदि सभी भूकंप के कंपन आने से टूट- फूट कर सब कुछ नष्ट हो जाता है।

भूकंप के आने से बहुत से क्षेत्र प्रभावित होते हैं। पृथ्वी के सबसे कमज़ोर सतह पर भूकंप आने का खतरा अधिक होता है, क्योंकि कमजोर भूमिगत में भूकंप जल्दी आते है। वहां की भूमि कमज़ोर और दरार वाली होती है, जहां पर ज्वालामुखी के विस्फोट होने का खतरा अधिक रहता है। भूकंप के साथ कुछ प्राकृतिक आपदाएं भी होती हैं, जैसे -तेज तूफान चलना, बाढ़ का आना ये सभी प्राकृतिक आपदाएं है।

विद्युत लाइन टूट जाती है और आग भी लगने से काफ़ी नुकसान होता है, यदि आग एक बार लग गई तो उसको रोकना काफ़ी मुश्किल होता है और यदि ऐसे में जल का स्रोत विस्फोट हो जाये तो आग को फैलने से रोका जा सकता है और काफ़ी हद तक होने वाले नुकसान को भी रोका जा सकता है।

भूकंप से बचने के उपाय

भूकंप के आने से हमको ऐसा महसूस होता है, कि जैसे हम को कोई हिला रहा हो। अगर भूकंप कम तीव्रता से आता है, तो कुछ व्यक्तियों को पता भी नहीं चलता है और कभी -कभी बहुत तेज झटका देकर भूकंप आता है, जिससे पूरी धरती में कंपन उत्पन्न होने लगती है। जैसे ही भूकंप के झटके आने का खतरा महसूस होने लगे तो खुद के बचाव के लिए मजबूत टेबल, कुर्सी को पकड़कर बैठ जाये।

भूचाल के झटके आने पर हमें एक ही जगह पर रह कर स्वयं का बचाव करना चाहिये, और खिड़की और अलमारियों से दूर रहना चाहिए, ताकि वह हम पर झटके के कारण गिरे नहीं।

यदि आप ऊंची बिल्डिंग में रहते है और भूकंप के झटके आने लगते हैं, तो ऐसे में ऊंची बिल्डिंग का गिराना स्वाभाविक होता है, तो हमें नीचे उतर कर किसी सुरक्षित जगह पर बैठ जाना चाहिए, जब तक भूकंप के झटके आना खत्म नहीं हो जाते है।

अगर आप कही है और कार चलाते है, तो उस समय आपको भूकंप के झटके आने मासूस होने लगते है, तो ऐसे में हमको एक जगह गाड़ी खड़ी करके तुरंत किसी खुले मैदान में बैठे जाना चाहिये, तब तक भूकंप के झटके आना बंद नहीं हो जाते है। और ऐसे में हमें लिफ्ट से ऊपर बिल्डिंग में जाने नहीं सोचना चाहिये, क्योंकि ऐसे में आप को झटके से आपको चोट भी आ सकती है। अगर आप बाजार, स्कूल के बीच मे फंस गये है तो ऐसे में खुले स्थान पर बैठे और बिजली के तार से दूर हो कर बैठे जब तक भूकंप के झटके आने खत्म नहीं हो जाते।

निष्कर्ष

भारत मे भूकंप के आने से  काफ़ी नुकसान हुआ है। सिर्फ भूकंप के कारण लोग लाखों की सम्पति और घर सब कुछ खो देते है। भूकंप के कारण ऊँची बिल्डिंग, कर्मचारी कार्यालय, भवन, जीव -जंतु  और कई व्यक्तियों को काफी नुकसान हुआ है।

भूकंप सभी के जीवन में बहुत बुरा प्रभाव डालता है। यह एक प्राकृतिक आपदा होती है। इस पर कोई नियंत्रण नहीं कर सकता है। प्राकृतिक आपदा में कब क्या हो जाये इसका अनुमान कोई नहीं लगा सकता है।

अंतिम शब्द

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