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बाज पक्षी पर निबंध

Essay on Eagle in Hindi:  हम यहां पर बाज पक्षी पर निबंध शेयर कर रहे है। इस निबंध में बाज पक्षी के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेअर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

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बाज पक्षी पर निबंध | Essay on Eagle in Hindi

बाज पक्षी पर निबंध (250 शब्द)

यह पक्षी दुनिया भर में हर देश में देखने को मिलता है, यह हर देश मे पाया जाता है। बाज पक्षी लगभग 70 वर्ष तक जीवित रहता है, इसकी औसत आयु काफ़ी अधिक होती है। बाज पक्षी की 60 प्रजातियाँ पायी जाती है, बाज पहाड़ो, जंगलो मे रहना ज्यादा पसंद करते है। सभी पक्षियों मे से सबसे बड़ा पक्षी बाज होता है, और आसमान मे बाज लगभग 1200 किलोमीटर ऊंचा उड़ता है, संसार मे सभी पक्षियों की तुलना मे सबसे अधिक ऊंचाई मे उड़ने वाला पक्षी बाज होता है।

बाज को ईगल भी कहा जाता है, ईगल की नज़र बहुत तेज होती है वह आसमान मे उड़ रहा होता है, लेकिन फिर भी इतनी ऊंचाई से उसे कही पर भी शिकार दिख गया तो वह तुरंत उड़ते हुये जायेगा और शिकार को देखकर तुरंत उस पर आक्रमण कर देगा।

बाज पक्षी के पंख मुडे हुये रहते है, इसी कारण से बाज आसमान मे बहुत तेज रफ़्तार से उड़ता है, और बाज को उड़ते समय दिशा बदलने मे मदद मिलती है। बाज के पंख मजबूत और नाखून बहुत तेज होते है, जिससे बाज को शिकार करने मे काफ़ी मदद मिलती है। मादा बाज पक्षी एक साल मे कम से कम 3 या 5 अंडे देती है, उन अंडो पर 36 दिन बैठी रहती है, और फिर अंडे मे से चूजे निकलते है मादा पक्षी एक ऐसी पक्षी होती है, जो बहुत कम अंडे देती है।

मादा बाज पक्षी आकार मे छोटे होते है और उनकी अपेक्षा नर बाज पक्षी आकर मे बडे होते है। बाज पक्षी के शरीर की लम्बाई 13-23 इंच तक होता है और बाज पक्षी के पंखो की लम्बाई 29-47 इंच तक की होती है। बाज पक्षी अंटार्टिका के अलावा अन्य जगहों पर जैसे सभी प्रकार के महाद्वीपों मे पाया जाता है। बाज पक्षी की आंखे बहुत तेज होती है वह ज़ब 5 किलोमीटर दूर रहता है फिर भी इतनी दूर से उसको अपना शिकार दिख जाता है।

बाज पक्षी पर निबंध (800 शब्द)

प्रस्तावना

बाज एक मांसाहारी पक्षी होता है, बाज पक्षी दुनिया भर मे सबसे विशाल पक्षी होता है। वह आसमान में उड़ते हुये अपने भोजन की तलाश मे निकल पड़ता है क्योंकि यह दूसरे जीवो पर निर्भर नहीं रहता हैं। यह जिन्दा जीव-जंतुओ का शिकार करता है, मारे हुये जीवो की तरह देखता तक नहीं है। बाज पक्षी की दुनिया भर मे बहुत सी प्रजातियाँ पायी जाती है, लेकिन इनकी प्रजातियाँ दुनिया भर मे अलग-अलग नामो से जानी जाती है।

पक्षियों का राजा बाज को कहा जाता है। बाज पक्षी आसमान में 6 किलोग्राम तक का वजन उठा कर तेज गति से उड़ सकते है क्योंकि बाज शरीर की मांसपेशीयां मजबूत और शक्तिशाली होते है और बाज पक्षी इतना खतरनाक होता है कि छोटे बच्चो तक को उठा कर ले जा सकता है और जंगलो मे रहने वाले आदिवासी छोटे पक्षियों का शिकार करने के लिये बाज पक्षी का सहारा लेते है।

बाज पक्षी कहाँ रहते है

बाज पक्षी ऊंचे पेड़ों पर घोंसला बना कर रहते है, और जो भी मादा बाज अंडे देती है। उनको भी सुरक्षित ऊंचे पेड़ों पर घोसले मे रखती है। क्योंकि ऊंचे पेड़ों पर घोसले मे जल्दी कोई जानवर उनके अंडो को खा नहीं पायेगा। अपने बच्चो की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखते है, लेकिन दूसरे पक्षियों के घोसले मे जा कर दूसरे पक्षियों के बच्चो को अपना शिकार बनाते थे, और उनके बच्चो को खा कर उनके घोसले मे स्वयं रहने लगते थे।

हालांकि घोसले के अलावा बाज पक्षी ऊँची पहाड़ो, जंगलो मे सभी पक्षियों से अलग पेड़ों मे अपना आवास बना कर रहते है। बाज पक्षी हमेशा अन्य पक्षियों से अलग रहना पसंद करते है, और आज के समय मे बाज की प्रजातियां देखने तक को नहीं मिलती है, क्योंकि इनकी प्रजातियां विलुप्त हो चुकी है, इसी वजह से वर्तमान मे बाज पक्षी देखने को बहुत ही कम मिलता है।

बाज पक्षी क्या खाते है

यह पक्षी मांसाहरी होते है, यह सिर्फ जीव -जंतुओ का मांस खा कर अपना पेट भरते है। बाज पक्षी जिन्दा जंतुओ को अपना शिकार बनाते है। बाज पक्षी शिकार करने के लिये अपने पंजे और चोंच का इस्तमाल करता है, और बाज पक्षी चूहा, सांप, मेढक, मछली आदि का शिकार करता है।

बाज पक्षी का पुनर्जन्म

यह पक्षी लगभग 70 से 100 वर्ष की तक  जीवित रह सकता है। लेकिन ज़ब बाज पक्षी 40 कि उम्र तक पहुंचते-पहुंचते उसके पंख कमजोर हो जाते है, और बाज को उड़ने मे बहुत ज्यादा परेशानी होने लगती है, और वह उड़ नहीं पाते 40 की उम्र गुजरते ही बाज के पंजे कमजोर होने लगते है , बाज पक्षी की चोंच जो नुकीली थी वह उनके उम्र ढलने के साथ -साथ चोंच मुड़ना शुरू हो जाती है जिससे वह शिकार नहीं कर पाते। बाज का शरीर मोटा होने लगता है जिससे उसके पंख भी शरीर से चिपकने शुरू हो जाते है, जिसके कारण से यह उड़ान नहीं भर पाते है।

बाज पक्षीयों को 5 महीने तक बड़े कष्टो से गुजरना पड़ता है। बाज पक्षी जीवन के इस लंबी प्रक्रिया के शुरवाती दिनों में ऊंची चट्टान और पहाड़ों पर जाता है। और उन ऊंची पहाड़ी पर जाकर वहां पर घोंसला बनाकर रहना शुरू कर देता है, बाज ऊंची चट्टान पर दिन-रात अपना चोंच  को घिस-घिस कर मारते रहते है। और बाज ज़ब तक ऊंची चट्टानो पर चोंच मरता रहता है, ज़ब तक कि बाज की चोंच टूट जाती है।

चोच टूट जाने के बाद वह अपने पंजों को तोड़ना शुरू करता है,बाज अपनी चोंच से अपने पंखों को नोच- नोच कर फेंक देता है। ऐसा करने से बाज की शारीरिक कष्टो से पूरी तरह से छुटकारा मिलता है। अब दोबारा बाज को पहले जैसे स्वस्थ अवस्था में जाने के लिए बाज को 5 महीने तक प्रतीक्षा करना हपड़ता है, इसे ही बाज का पुनर्जन्म कहा जाता है। इसके बाद बाज पक्षी के शरीर में नये पंजे, चोंच और पंख आ जाते हैं। उसके बाद बाज पक्षी दोबारा 30-40 साल तक जीवित रह सकता है।

बाज पक्षी का महत्व

पक्षी को प्राचीन काल से साहस और शक्ति का प्रतीक मानते है। बाज पक्षी को आसमान में उड़ने वाला सबसे ताकतवर पक्षी माना जाता है। बाज के शारीरिक मजबूत मांस पेशियां होती है, इसके लंबे पंख और  आसमान मे तेजी से हवा में उड़ने की शक्ति के कारण इसे फ्लाइट मशीन भी कहा जाता है। प्राचीन कल से ही द्वितीय विश्वयुद्ध शुरू होने से दुश्मनों तक कबूतरो के द्वारा संदेश से आदान-प्रदान  करते समय उन पर रोक लगाने के लिये लिए बाज का ही प्रयोग किया जाने लगा था। बाज पक्षी के देखने की क्षमता बहुत ही तेज होती है।

बाज मनाव की तुलना में 2.6 गुना अधिक देख पता है क्योंकि इसके आँखे बहुत तेज होती है। बाज पक्षी को पुराने ज़माने मे राजा महाराजा पालते आ रहे हैं। आपने बाज पक्षी के बारे मे राजा महाराजाओं की कहानियों और चित्रों मे अक्सर देखा होगा। बाज पक्षियों के द्वारा छोटे पक्षियों का शिकार करवाने के लिये इन्हे राजा महाराजा लोग पालते थे।

निष्कर्ष

प्राचीन काल से ही राजा महाराजा लोग बाज पक्षियों को पाल कर उनकी मदद से अपना शिकार करने मे सक्षम होते थे। बाज को ईगल पक्षी भी कहा जाता है, बाज पक्षी अपने शत्रुओ से लड़ाई करते समय अपना काफ़ी खून बहाया, बाज पक्षी को साहस और वीरता का प्रतीक मना जाता है। बाज पक्षी ने मरते दम तक लोगो को यह संदेश दिया है कि हर मनुष्य को अपना जीवन साहसी, बहादुरी और स्वतंत्रता पूर्वक जीवन जीना चाहिए।

मनुष्य को अपना जीवन संघर्ष, बहादुरी और स्वतंत्रता पूर्वक जीना चाहिए सांप की तरह बिल मे छुपकर नहीं बैठना चाहिए बल्कि हमें बाज की तरह सामने से आ कर डांट कर मुकबला करना चाहिए। हमें बाज पक्षी से जीवन जीने की बहुत अच्छी प्ररेणाऐ मिलती है।

अंतिम शब्द

आज के आर्टिकल में हमने   बाज पक्षी पर निबंध ( Essay on Eagle in Hindi)  के बारे में बात की है। मुझे पूरी उम्मीद है की हमारे द्वारा लिखा गया यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। यदि किसी व्यक्ति को इस आर्टिकल में कोई शंका है। तो वह हमें कमेंट में पूछ सकता है।

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Ripal
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