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दिल्ली पर निबंध

Essay on Delhi in Hindi: दिल्ली के बारे में तो आप सब ने सुना ही होगा क्योंकि यह भारत की राजधानी जो है। दिल्ली की खूबसूरती को तो हर कोई जानता ही है। आज के इस आर्टिकल में हम दिल्ली पर निबंध पर जानकारी आप तक पहुंचाने वाले हैं। इस निबंध में दिल्ली के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेअर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

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दिल्ली पर निबंध | Essay on Delhi in Hindi

दिल्ली पर निबंध (250 शब्द)

हमारे भारत में 4 बड़े महानगर हैं, जिनमें से एक है दिल्ली और अन्य तीन है मुंबई, कोलकाता और चेन्नई दिल्ली में सबसे बड़ी जनसंख्या पाई गई है। यहां पर हर तरह के लोग रहते हैं। चाहे वह देश के हो चाहे विदेश के, यहां पर सभी धर्म और जाति के लोग रहते हैं। दिल्ली में सबसे ज्यादा वाहनों की संख्या भी पाई जाती है। सबसे ज्यादा दिल्ली में ऑटो रिक्शा की जनसंख्या है।

हमारी भारत की राजधानी दिल्ली है और वह जाने कितनी ही सदियों से राजधानी रही है। पहले कुछ समय में इसे हटाया भी गया था, परंतु विभाजन से पहले दिल्ली सभी के दिलों पर राज करती थी, फिर भी दिल्ली का महत्व लोगों के लिए आज भी वही बना हुआ है।

दिल्ली राजाओं का शहर हुआ करता था, और कई राजाओं ने अपनी राजधानी दिल्ली को ही बना रखा था। यहां पर देखने के लिए कई स्मारक और दर्शनीय स्थल हैं। जैसे कि लाल किला, जामा मस्जिद, बिरला मंदिर, इंडिया गेट, कुतुब मीनार, गुरुद्वारा बंगला साहिब, गुरुद्वारा शीशगंज, जंतर मंतर, इत्यादि और भी कई स्थल है।

यहाँ बहुत से पुस्तक संग्रहालय, कलाएं कई प्रसिद्ध अस्पताल और यहां पर विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, कई चीजें प्रसिद्ध है। दिल्ली की आबादी लगभग 10 मिलियन है। यहां पर विधायिका संसद की सीट सब दिल्ली में ही स्थित है। राष्ट्रपति भी दिल्ली में ही राष्ट्रपति भवन में निवास करते हैं। इसके अलावा यहां पर लोगों के लिए बहुत सी नौकरियां भी हैं इसीलिए दिल्ली की आबादी इतनी अधिक है।

दिल्ली पर निबंध (1200 शब्द)

प्रस्तावना

हमारे भारत में 29 राज्य हैं, परंतु भारत की राजधानी दिल्ली है। दिल्ली दिल वालों की है, जो कि सभी के दिलों में बसती है। भारत में जितने भी राज्य हैं, सब की अलग पहचान है, सब अपने आप में विशेष महत्व रखते हैं, इसी तरह से दिल्ली भी अपने आप में खास है, और विशेष महत्व रखती है।

यहां पर देश विदेश के लोगों का आना जाना लगा रहता है। कोई भी राजनीतिक हलचल हो वह दिल्ली में ही होती है। दिल्ली सदा से ही आकर्षण का केंद्र बना रहता है।

देखा जाए तो दिल्ली में पूरे ही भारत का चित्रण देख सकते हैं। दिल्ली में राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक हर तरह का रंगमंच पाया जाता है। ऐसा नजारा और कहीं भी नहीं दिखाई देता दिल्ली का पुराना नाम इंद्रप्रस्थ था।

इतिहास

दिल्ली का अपना ही एक इतिहास है। दिल्ली हमेशा से ही ऐतिहासिक रही है। दिल्ली के इतिहास में अनंगपाल और पृथ्वीराज कि दिल्ली कहा जाता था। दिल्ली की हालत हमेशा से यही रही है, कभी तो उसे फूलों की सेज पर सुलाया गया परंतु कभी कांटों का ताज भी पहनाया गया, कभी दुल्हन की तरह सजाया गया तो कभी इसके माथे से सिंदूर हटाया गया।

दिल्ली कई राजाओं की कूटनीति की वजह से दिल्ली में जाल बिछाया गया। कुछ राजवंशों ने इसे लूटा भी उजाड़ा भी और, कुछ राजवंशों ने दिल्ली को संवारा भी, दिल्ली में तैमूर और नादिरशाह के जन संहार का करुण दृश्य भी देखा गया था। यहां पर देश-विदेश की अनेक शक्तियों ने सुंदरता को बढ़ाया। दिल्ली के हर कण-कण में कोई ना कोई इतिहास छुपा हुआ है।

ऐसा बताया जाता है, कि जब अंग्रेजी सरकार को कोई भी विजय प्राप्त होती थी, तब उसका जश्न दिल्ली में ही मनाया जाता था। अंग्रेजों ने दिल्ली में अपनी प्रतिमाएं भी स्थापित करने की कोशिश की थी, परंतु वह इसमें असफल रहे। दिल्ली में अंग्रेजो के खिलाफ नारे भी लगाए गए और हड़ताल भी की गई।

गांधी, जवाहरलाल नेहरू, और भगत सिंह जैसे कई स्वतंत्रता सेनानियों ने अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए मजबूर किया। आजादी मिलने के बाद दिल्ली में कई नेताओं का बोलबाला रहा और दिल्ली में से अंग्रेजी शासन का नामोनिशान तक मिटा दिया था, और भारतीयों ने अपनी निशानी स्थापित की थी।

यहाँ देश-विदेश के लोगों का आना जाना लगा ही रहता है। दिल्ली देखने में बहुत ही सुंदर प्रतीत होती है, और बहुत ही आकर्षक है। दिल्ली मैं सड़के इतनी चौड़ी है कि यहां पर गाड़ियां देखने का एक अलग ही नजारा है। सड़कों के दोनों तरफ फूलों की सजावट है जो कि सड़क की शोभा बढ़ाते हैं।

दिल्ली की हर सड़क को किसी ना किसी वाटिका के नाम पर ही संबोधित किया हुआ है। यहां पर सड़कों पर गाड़ी, बस, स्कूटर, मोटरसाइकिल, और ट्रक हमेशा देखने को ही मिलते हैं। दिल्ली भारत की राजधानी है, इसीलिए यहां पर सरकार के मुख्य कार्यालय भी यहां राष्ट्रपति भवन भी दिल्ली में ही स्थापित है। दिल्ली घनी आबादी वाला राज्य है।

दिल्ली के दर्शनीय स्थल

यहाँ बहुत से ऐतिहासिक भवन है। दिल्ली में हर चीज ही देखने योग्य है, चाहे वह सड़क हो या कोई पार्क हो या कोई भवन हो अन्यथा कोई भी जगह हो वहां पर हर जगह से किसी ना किसी चीज का इतिहास जुड़ा हुआ है।

दिल्ली के दर्शनीय स्थल बहुत ही आकर्षण है, जिसकी वजह से लोगों का वहां पर आना जाना लगा रहता है। यहां पर बहुत से ऐतिहासिक स्थल है, जैसे लाल किला, कुतुबमीनार, जंतर-मंतर, जामा मस्जिद, बिरला मंदिर, लोटस टेंपल, मौर्य का लिए लौह स्तंभ, छतरपुर मंदिर, इंडिया गेट, हुमायूं का मकबरा, गुरुद्वारा बंगला साहिब, इत्यादि और भी कई आने वाले हैं जिन्हें देखने के लिए लोगों की भीड़ लगी रहती है।

चांदनी चौक और कनॉट प्लेस की खूबसूरती तो देखते ही बनती है। लोटस टेंपल की खूबसूरती इतनी है, कि वहां पर हर धर्म और जाति के लोग जाना पसंद करते हैं। लोह स्तंभ में आज तक जंग का नामोनिशान तक नहीं है, जिसकी वजह से वह हमेशा चर्चा में रहता है, और लोग उसको देखने के लिए जाते हैं। जितने भी पुराने किले हैं वहां पर पांडवों का राज था, जिसकी वजह से वह आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

यहां पर चिड़ियाघर, अनेक तरह के पार्क, मुगल गार्डन जो कि हर तरह के पेड़ पौधे और जड़ी-बूटी के लिए प्रसिद्ध है आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यहां पर लोगों की आवाजाही लगी रहती है। दिल्ली में बड़े बड़े मॉल, बड़ी-बड़ी शॉपिंग कॉन्प्लेक्स, बने हुए हैं। जहां पर लोगों की जरूरत का हर सामान उपलब्ध है।

दिल्ली में बड़ी-बड़ी कंपनियां है, जिसमें नौकरी पाने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं, और दिल्ली में नौकरी करते हैं और वहीं पर बस जाते हैं।दिल्ली में देश के राजनीतिक सभी काम किए जाते हैं, राष्ट्रपति संबंधित भी सभी काम राष्ट्रपति भवन, जो कि दिल्ली में ही स्थित है, वही किए जाते हैं, इसीलिए दिल्ली हमेशा चर्चाओं में बना रहता है।

मुख्य भाषाएं

दिल्ली में कई तरह की भाषाएं बोली जाती है, क्योंकि यहां पर हर प्रकार के धर्म और जाति के लोग रहते हैं। जो कि अपनी ही भाषा का प्रयोग करते हैं। दिल्ली में कई राजाओं ने कई लुटेरों ने भी शासन किया, उन्होंने लोगों पर यह भी रोक लगाई कि वह हमारी भाषा का प्रयोग करें, किंतु ऐसा ना हो सका, इसीलिए दिल्ली के आसपास में स्थित जितने भी राज्य हैं, वह सब अपनी लोकल भाषा का ही प्रयोग करते हैं।

दिल्ली के आसपास स्थित पंजाब एवं हरियाणा होने के कारण वहां पर पंजाबी, हिंदी और हरियाणवी भी बोली जाती है। दिल्ली में अधिकतर भोजपुरी भी बोली जाती है, क्योंकि वहां पर उत्तर प्रदेश भी नजदीक पड़ता है। दिल्ली की मुख्य भाषा तो हिंदी है और अधिक मान्यता पंजाबी को भी मिली है, इसीलिए दिल्ली में कई भाषाओं का प्रयोग किया जाता है।

निष्कर्ष

भारत की राजधानी दिल्ली बहुत ही सुंदर और आकर्षक है, जिसकी वजह से पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है। दिल्ली अपने आप में ही बहुत सुंदर है, इसे जो भी देखने जाता है वह बस देखता ही रह जाता है। दिल्ली का रहन सहन और हर तरह की सुख सुविधाएं दिल्ली में मौजूद है। ऐसा कहा जाता है, दिल्ली दिल वालों की है, और भारत की धड़कन है। यहां पर हर तरह के लोग रहते हैं, जो कि अपने अपने त्योहारों को सभी के साथ मिलकर मनाते हैं, और दिल्ली में हर तरह का त्यौहार बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है।

अंतिम शब्द

दोस्तों आज हमने आपको अपने इस लेख में दिल्ली पर निबंध ( Essay on Delhi in Hindi) के बारे में जानकारी दी है। दिल्ली एक बहुत ही सुंदर शहर है, तो आप भी दिल्ली में जरूर घूमने जाइए और वहां का आनंद लीजिए। आशा करते हैं, आपको यह लेख जरूर पसंद आया होगा। अगर आपको ऐसे संबंधित कोई भी जानकारी चाहिए तो कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते हैं।

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Ripal
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