Essay on Carrom Board in Hindi: कैरम एक ऐसा गेम है जिसे बच्चे से लेकर बूढ़े सब खेलना पसंद करते है। यह एक इंडोर गेम है। आज हम इस आर्टिकल में यहाँ पर कैरम बोर्ड पर निबंध शेयर करने जा रहे है। यह निबन्ध सभी कक्षाओं के लिए मददगार साबित होगा। इस निबन्ध को लिखने में बहुत ही सरल भाषा का प्रयोग किया गया है, जिसे आसानी से समझा जा सकता है।
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कैरम बोर्ड पर निबंध | Essay on Carrom Board in Hindi
कैरम बोर्ड पर निबंध (250 शब्द)
इंडोर गेम की श्रेणी में कैरम आता है। यह गेम आप किसी भी जगह खेल सकते हो। कैरम शब्द का सीधा सा मतलब कोई भी स्ट्राइक और रिबाउंड होता है। कैरम एक बोर्ड गेम है जिसे 2 या 4 खिलाड़ी एक दूसरे के खिलाफ खेलते हैं। कैरम के सिद्धांत पूल, स्नूकर या बिलियर्ड्स के समान हैं। कैरम का उद्देश्य कौशल, दृढ़ संकल्प और थोड़े से भाग्य का उपयोग करके अपने सभी कैरम के टुकड़ों को अपने प्रतिद्वंद्वी के सामने रखना है।
कैरम बोर्ड को बनाने के लिए प्लाईवुड का प्रयोग किया जाता है, जिसका आकार वर्गाकार होता है। केरम गोटी और स्ट्राइकर के सहारे खेला जाता है, जिस में 9 गोटी काले रंग की और 9 गोटी पीले रंग की होती है। एक गोटी लाल रंग की होती है जिसे क्वीन कहा जाता है। कैरम बोर्ड की सतह चिकनी बनाई गई होती है, जो गोटियों को फिसलने में मददगार होती है।
कैरम के खेल की शुरुआत भारत में हुई थी। भारत के पटियाला के एक महल में कांच से बनी एक कैरम बोर्ड अभी भी उपलब्ध है। कैरम ज्यादातर एशियाई देशों में खेला जाता है। इस खेल के कई नाम हैं, जिनमें भारतीय बिलियर्ड्स, कैरम, कैरम, करुम, या कर्रम शामिल हैं।
आजकल कैरम दुनियाभर में अधिक से अधिक लोकप्रिय हो रहा है। कई जगह पर अब कैरम प्रतियोगिताएं भी आयोजित हो रही है, जिस में बिग कैश प्राइज भी दी जाती है और कैरम क्लब भी होते हैं, जहां आप अन्य खिलाड़ियों से मिल सकते हैं और मेलजोल कर सकते हैं।
कैरम बोर्ड पर निबंध (850 शब्द)
प्रस्तावना
कैरम आज दुनिया के हर कोने में खेला जाता है और दूसरे खेलों की तरह अधिक लोकप्रिय होने लगा है। इस गेम को खेलना बेहद आसान है। इसलिये बच्चे से लेकर बूढ़े तक की हर आयु के व्यक्ति की यह पहली पसंद बन चुका है। आप इस खेल को घर के किसी भी कोने में खेल सकते हो। इस दिलचस्प गेम को आप दो लोग और चार लोगों की टीम बनाकर भी खेल सकते हो। यह एक ऐसा खेल है जिसमें कौशल, अभ्यास और दृढ़ संकल्प की आवश्यकता होती है।
गोटियों का यह खेल आज की युवा पीढ़ी में काफी प्रचलित बनता जा रहा है। भारत के मारिया इरुदयुम दो बार वर्ल्ड चैंपियन रह चुके हैं और उन्हें 1996 में अर्जुन अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है।
कैरम बोर्ड का इतिहास
वैसे दूसरे खेलों की उत्पति के मुकाबले में यह खेल नया माना जाता है लेकिन यह खेल भारत में राजा महाराजाओं के समय से चला आ रहा है। भारत के पटियाला के महल में कांच की सतह से बना एक कैरम बॉर्ड आज भी इस बात की गवाही दे रहा है। कैरम खेल की उत्पत्ति प्रथम विश्व युद्ध के दौरान भारत में साल 1914 से 1918 के बीच में हुई थी। उस समय पर जनता के बीच इस खेल को लोकप्रिय बनाने के लिए कई बड़ी बड़ी प्रतियोगिता भी आयोजित की जाती थी।
साल 1935 के आसपास यह खेल भारत के पड़ौसी देश श्रीलंका, नेपाल और पाकिस्तान में भी खेला जाने लगा और आज भी यह गेम वहां सबसे ज्यादा पॉपुलर है। इन देशों में तो कैरम कैफे भी हैं। उसके बाद इस खेल का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तेज़ी से विकास हुआ। आज इस खेल की अंतर्राष्ट्रीय मंच पर बड़ी बड़ी प्रतियोगिताएं योजी जाती है।
इंटरनैशनल कैरम फेडरेशन (ICF) का गठन 1988 में चेन्नै में हुआ और इसी साल कैरम इंटरनैशनल नियमों पर भी मुहर लगी। कैरम दुनिया के देशों में अलग अलग नाम से प्रचलित है जैसे की फिजी में विंडी और इस्राइल में जी-जी।
कैरम बोर्ड की संरचना
खेलने में कैरम बिलियर्ड्स या स्नूकरके समान है लेकिन यहाँ पर गेंद और छड़ी की जगह पर स्ट्राइकर का उपयोग किया जाता है। यह लकड़ी का एक चौकोर बोर्ड होता है और इसके नीचे लकड़ी का फ्रेम लगाया जाता है, जिसके कारण कैरम बोर्ड की मजबुताई बनी रहती है। कैरम बोर्ड के बीचोबीच 15 सेंटीमीटर गोलाई का एक बड़ा सर्किल होता है।
इस बोर्ड के चारों ओर चार छेद होते हैं। खिलाड़ी को इन चारों छेदों में स्ट्राइकर की मदद से गोटियां डालनी होती हैं। इसे दो, तीन या चार खिलाड़ी खेल सकते हैं।
इसमें नौ-नौ काली और सफेद गोटियाँ तथा एक लाल रंग की गोटी (रानी) होती है, लाल रंग की गोटी खेल की महत्वपूर्ण गोटी होती है। कैरम की ऊपरी सतह चिकनी होती है। इसकी सतह को चिकनी बनाने के लिए एक विशेष प्रकार का पाउडर उपयोग किया जाता है।
कैरम खेलने के नियम
इसे खेलने में कोई कठिन नियम नही लागू होता। कैरम बेहद ही आसान गेम है। हाथ की कलाई के आगे के हिस्से के अलावा शरीर का कोई हिस्सा कैरम को टच नहीं करना होता है।
कैरम बोर्ड के अंदर सफ़ेद और काले रंग की गोटियाँ और एक लाल रंग की रानी गोटी रखी जाती है। एक टीम के खिलाड़ी एक दूसरे के आमने सामने बैठते है। प्रत्येक खिलाड़ी को बारी-बारी से गोटी को स्ट्राइकर से मार कर कैरम बोर्ड के चारो कोनो पर बने पॉकेट में डालते है। जिस टीम के पास ज्यादा गोटियाँ होती है वो टीम गेम में ज्यादा अंक अर्जित करते है और प्रतियोगिता के विजेता बनते है।
इस खेल में काली गोटी के लिए खिलाड़ी को 10, सफेद के लिए 20 जबकि लाल यानी रानी को पॉकेट में डालने के लिए पूरे 50 अंक मिलते हैं। कैरम में 29 अंकों का होता है। एक मैच में 29-29 अंकों की तीन पारियां होती हैं,जो खिलाड़ी तीन में से दो पारियां जीतता है वह मुकाबला जीत जाता है। प्रत्येक राउंड में हर खिलाड़ी को एक मौका मिलता है और गोटी के पॉकेट में जाने पर दोबारा चाल मिलती है।
कैरम खेलने के फायदे
कैरम में एक ऐसा खेल है जो ना सिर्फ आपको मनोरंजन करता है बल्कि कैरम खेलने के अनेक फायदे है। कैरम खेलने में जितना आसान लगता है, उतना ही कठिन गेम है। कैरम एक बौद्धिक गेम है, जिसे खेलने से हम अपने लक्ष्य पर ध्यान क्रेंदित कर उसे हासिल करने की कला भी सीखते है।
हमें संयम और किसी एक तरफ पूरी निष्ठा से शांतचित होकर ध्यान लगाने की शिक्षा कैरम देता है। इस खेल का सबसे अहम फायदा यह है की आज के समय में स्वकेंद्रित होती दुनिया में भी लोगों के पारस्पिरिक संबंधों को बढ़ाता है।
कैरम बैठे बैठे खेला जाने वाला खेल है, जिसका यह फायदा है कि यह खेल खेलते समय आपको शारीरिक चोट लगने का डर भी नहीं रहता।
निष्कर्ष
कैरम बहुत पॉपुलर खेल और गोटियों का रोचक खेल है। कैरम एक ऐसा खेल है, जो कभी भी हमें बोर नहीं करता और यह खेल आप कही पर भी खेल सकते हो। आज मोबाइल के ज़माने में बच्चों के विकास के लिए ऐसा खेल खेलना जरुरी है, जो उनका बौद्धिक और मानसिक विकास करे और उन्हें एकाग्र बनायें।
अंतिम शब्द
दोस्तों आज हमने इस लेख के जरिए आपको कैरम बोर्ड पर निबंध( Essay on Carrom Board in Hindi) के बारे में बहुत महत्वपूर्ण बातें बताई है। आशा करते हैं, आपको यह लेख पसंद आया होगा। अगर आपको इससे संबंधित कोई भी बात जाननी है, तो आप कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते हैं।
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