देशभर में प्रति वर्ष बजट के तौर पर कई प्रकार की सरकारी योजनाओं और खर्चों का आंकलन किया जाता है। इसी आकलन के जरिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार देश में क्या काम कर रही है? इसकी जानकारी भी देश की जनता को मिलती रहती है।
बजट जो भविष्य में होने वाले कार्यों के खर्चे का अनुमान लगाकर बनाई गई योजना है। देश में हर साल बजट की घोषणा की जाती है और उस बजट की घोषणा के दौरान ही अगले साल देश में क्या काम होगा? इसके बारे में जानकारी दी जाती है। आज के आर्टिकल में हम आपको बजट पर निबंध के रूप में जानकारी पेश करेंगे। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।
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बजट पर निबंध
बजट पर निबंध (250 शब्द)
बजट एक ऐसी प्रणाली है, जिसके माध्यम से भविष्य में किए जाने वाले कार्य के खर्चों का अनुमान लगाकर योजना बनाई जाती है। हर साल सरकार के द्वारा अगले 1 साल के लिए होने वाले खर्च का अनुमान लगाकर बजट को पारित किया जाता है।
बजट शब्द की उत्पत्ति अंग्रेजी शब्द बौगेट से हुई है, जिसका अर्थ बोरिया थैली होता है, जो चमड़े का थैला होता है। उसे ब्रिटिश लोगों के द्वारा बौगेट शब्द से पहचाना जाता है।
ऐसे तो बजट की परिभाषा अलग-अलग लोगों के द्वारा अलग-अलग प्रकार से दी गई है। बजट एक प्रकार का वित्तीय विवरण है, जो आने वाले वित्तीय वर्ष के दौरान होने वाले राजस्व और प्रस्तावित खर्चे का पहले से एक तैयार चार्ट है।
दुनिया भर में हर सरकार के द्वारा बजट को प्रस्तावित करके सरकार के द्वारा सभी प्रकार के कार्य किए जाते हैं। सरकार बजट पास करके आने वाले साल में क्या काम करने वाली है?,इसकी जानकारी प्रदान करवाती है। बजट के माध्यम से ही सरकार के द्वारा कार्यपालिका महानगर में होने वाले विकास कार्यों को सुनिश्चित करती है।
बजट को तैयार करने के लिए पिछले वर्ष के आंकड़ों का भी आकलन किया जाता है और उसी के आधार पर अगले वर्ष के लिए बजट को स्वीकृति मिलती है। 1 अप्रैल से लेकर 31 मार्च वित्तीय वर्ष के दौरान होने वाले खर्चे का आकलन फरवरी में किया जाता है। 1 फरवरी को हर साल भारत का बजट पेश कर दिया जाता है।
बजट पर निबंध (850 शब्द)
प्रस्तावना
केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा किए जाने वाले कार्यों के खर्चे का आकलन बजट के माध्यम से किया जाता है। आने वाले वित्तीय वर्ष में कौन-कौन से काम करवाए जाएंगे?, इसकी जानकारी प्रतिवर्ष 1 फरवरी के दिन बजट के रूप में देश भर में पारित की जाती है।
देश भर में हर साल 1 फरवरी को देश का बजट पारित होता है। जिसमें पिछले साल क्या काम हुआ?, इसका भी आकलन होता है और आने वाले साल में क्या काम करवाया जाएगा? और विकास के तौर पर जो कार्य करवाया जाएगा, उसका कितना खर्चा होगा? इसका भी निर्धारण किया जाता है।
बजट की परिभाषा
सरकार के द्वारा आने वाले वित्तीय वर्ष में होने वाले प्रस्तावित खर्चे की रिपोर्ट पारित करना बजट कहलाता है। भारत का पहला बजट 26 नवंबर 1947 को पारित हुआ था।
भारत को जब आजादी मिली तो उसके पश्चात भारत का पहला बजट आर के शनमुघम चेट्टी के द्वारा 26 नवंबर 1947 को पेश किया गया। इससे पहले अंग्रेज सरकार के द्वारा 1860 में विल्सन ने भारत का पहला बजट पेश किया था। बजट शब्द की उत्पत्ति अंग्रेजी शब्द बौगेट से हुई थी जिसका अर्थ चमड़े की बनी थैली या बुरा होता है।
संविधान के अनुसार बजट
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 122 के अनुसार राष्ट्रपति के द्वारा वित्तीय वर्ष के दौरान संसद के दोनों सदनों के सामने वार्षिक वित्तीय विवरण का गोरा होता है। जिसके तहत सरकार के द्वारा गत वर्ष की आय और उपलब्धियों की जानकारी दी जाती है और आने वाले साल क्या खर्चा होगा इसकी जानकारी दी जाती है।
संविधान के अनुसार बजट को भारत सरकार के द्वारा आने वाले साल के खर्चों का आकलन करने के लिए लिखा जाता है और इसके अलावा उन खर्चों के लिए पुनः भरपाई कैसे करनी है, इस आधार पर भी लिखा जाता है।
बजट तैयार करने के चरण
सरकार के द्वारा जब बजट को तैयार किया जाता है, तो उसे अलग-अलग चरणों में तैयार किया जाता है। बजट तैयार करने की प्रक्रिया 5 से 6 महीने पहले ही वित्त मंत्रालय और प्रशासनिक मंत्रालय के द्वारा शुरू कर दी जाती है। वित्त मंत्रालय और प्रशासनिक मंत्रालय के द्वारा स्थानीय अधिकारियों को पिछले साल के वास्तविक आंकड़े की अनुमान लगाने का काम सौंपा जाता है। उसके पश्चात चालू वर्ष के संशोधित अनुमान को तैयार किया जाता है।
अधिकारियों के द्वारा यह आकलन करने के पश्चात पूरे विभाग उस कार्य की रिपोर्ट को प्रशासनिक मंत्रालय के सामने प्रस्तुत करते हैं। जिसे प्रशासनिक मंत्रालय अपनी सामान्य नीति के अनुसार जांच करता है और उसे वित्त मंत्रालय के सामने प्रस्तुत करता है।
वित्त मंत्रालय के द्वारा जांच करने के पश्चात नए वित्तीय वर्ष के लिए खर्चों की रिपोर्ट को तैयार किया जाता है। नए वित्तीय वर्ष के लिए कई प्रकार की योजनाएं और नए कार्य के खर्चा के बारे में योजना बनाई जाती है।
वित्त मंत्रालय के द्वारा जो बजट का चार्ट तैयार किया जाता है। उसमें कैबिनेट का अंतिम निर्णय माना जाता है। इसके अलावा वित्त मंत्रालय के द्वारा जो बजट तैयार किया जाता है। उस बजट में शुल्क विभाग और उत्पाद शुल्क विभाग के साथ-साथ आयकर विभाग की सहायता भी ली जाती है।
बजट पूरी तरह से तैयार होने के पश्चात उस बजट को कैबिनेट के सामने पेश किया जाता है और कैबिनेट से मंजूरी मिलने के पश्चात बजट को संसद के सामने पेश किया जाता है। संपूर्ण अनुमति मिलने के पश्चात प्रतिवर्ष 1 फरवरी को आने वाले वित्तीय वर्ष का बजट पारित कर दिया जाता है।
बजट के प्रकार
केंद्र सरकार के द्वारा जारी किए गए बजट को केंद्रीय बजट और राज्य सरकार के द्वारा जारी किए गए बजट को राज्य बजट कहते हैं। बजट के कुल तीन प्रकार होते हैं, जिसमें रेलवे बजट भी शामिल है। रेलवे बजट रेल मंत्रालय के द्वारा अलग से तैयार किया जाता है।
केंद्रीय बजट : केंद्र सरकार के द्वारा प्रतिवर्ष 1 फरवरी को पारित किए जाने वाले बजट को केंद्रीय बजट कहते हैं। यह देश का सबसे बड़ा बजट है। इस बजट में देश के हर नागरिक को ध्यान में रखते हुए और आम आदमी के लिए अगले साल क्या काम होंगे और कौन-कौन सी योजनाएं शुरू होगी। इसकी जानकारी का सही प्रावधान किया जाता है और कई प्रकार के नए बिल पारित होते हैं। इसके अलावा बजट पारित करते समय कानून को भी पारित किया जाता है।
राज्य बजट : राज्य सरकार के द्वारा प्रतिवर्ष जो बजट पेश किया जाता है। उस बजट को राज्य बजट कहते हैं। इस बजट में 1 राज्यों के अंदर क्या काम अगले वित्तीय वर्ष में होने वाले हैं इसका जिक्र किया जाता है।
रेलवे बजट: रेल मंत्रालय के द्वारा अपना एक अलग बजट तैयार किया जाता है, जिसे रेल बजट कहते हैं। इस बजट में कई नई ट्रेनों की घोषणा होती है। साथ ही साथ ही यात्रियों के लिए नई सुविधाएं की घोषणा होती है। रेलवे स्टेशन और प्लेटफार्म की सुविधाओं को बढ़ाने की घोषणा भी प्रतिवर्ष की जाती है। रेलवे बजट को भी प्रति वर्ष फरवरी में घोषित किया जाता है। रेलवे बजट के दौरान हर राज्य में रेलवे का अलग-अलग बजट तैयार होता है।
बजट के फायदे
सरकार के द्वारा बजट को पेश करके आने वाली वित्तीय वर्ष में जो खर्चा सरकार के द्वारा होगा। उसका एक रिपोर्ट चार्ट तैयार करके जनता के सामने पेश किया जाता है। बजट के माध्यम से आर्थिक विकास की दर में वृद्धि करना सरकार का मुख्य मकसद है और बजट का यह एक प्राथमिक फायदा माना जाता है।
बजट को पारित करने का फायदा बेरोजगारी और गरीबी को दूर करना है क्योंकि बजट के दौरान ही देश में गरीबी और बेरोजगारी को मिटाने के लिए मुख्य रूप से कदम उठाए जाते हैं। बजट को पारित करते समय सरकार के द्वारा कई प्रकार की असमानता को दूर करने के लिए नई योजनाओं की घोषणा होती है।
बजट के माध्यम से सरकार देश के हर विभाग के लिए एक फंड तैयार करती है, जिस फंड के माध्यम से ही हर विभाग के द्वारा देश के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य और विकास किया जाता है।
निष्कर्ष
बजट पारित करना देश का एक मुख्य काम है। प्रतिवर्ष बजट को पारित करके पिछले साल के काम का जिक्र किया जाता है और नए साल किए जाने वाले काम के खर्चों का आकलन किया जाता है।
अंतिम शब्द
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको बजट पर निबंध के रूप में जानकारी पेश की है। हमें उम्मीद है कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित हुई होगी। यदि किसी व्यक्ति को इस आर्टिकल से संबंधित कोई सवाल है, तो वह हमें कमेंट के माध्यम से बता सकता है।
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