Essay on Brain Drain in Hindi: देश में प्रतिभाओ की कोई कमी नहीं हैं। इसके बाद भी देश में कई प्रतिभाये ऐसी हैं, जो अपने देश को छोड़ कर दूसरे देशों में जा रही हैं। यही कारण हैं कि देश में रोजगार के साथ प्रतिभाओं की कमी भी हो रही हैं।
हम यहां पर अलग-अलग शब्द सीमा में प्रतिभा पलायन पर निबंध (Essay on brain drain in Hindi) शेयर कर रहे हैं। यह निबन्ध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार साबित होंगे।
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प्रतिभा पलायन पर निबंध | Essay on brain drain in Hindi
प्रतिभा पलायन पर निबंध (250 शब्द)
हमारे देश में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं हैं। देश में कई प्रतिभायें हैं, जो देश और विदेश भारत के ज्ञान का लौहा मनवा रही हैं। देश के कई क्षेत्रो में जैसे डॉक्टर, इंजिनियर, वैज्ञानिक इत्यादि में देश का युवा और देश की प्रतिभायें आगे आ रही हैं और देश में अपना एक महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।
देश में प्रतिभाओं की कमी तो नहीं हैं परन्तु इस बात की चिंता तो बढ़ रही हैं कि देश में कई सारे लोग जिनके पास अनोखा टेलेंट हैं वो अपना गाँव, शहर और देश छोड़ के जा रहे हैं। ऐसी ही प्रतिभाओं को रोकना और अपने ही क्षेत्र में करना अपने आप में एक चुनोती हैं। देश में प्रतिभाओं को रोकना और उन्हें अपने ही क्षेत्र में काम देना और उनके टेलेंट को बढ़ावा देना भी अपने आप में एक चौनोती भरा कार्य हैं।
अपने कस्बे, क्षेत्र और अपने ही देश में बढ़ रह इन हालातों को देखते हुए सरकार भी काफी प्रयास कर रही हैं। देश में बढ़ रहे इन कारणों से हर कोई परेशान हैं। हमारे देश में टेलेंट की कर्द्र नहीं हैं वही दूसरे देशों में टेलेंट को सबसे ऊपर रखा जाता हैं। देश में प्रतिभाओ की कोई कमी नहीं हैं और उनको रोकना और उनको प्रोत्सहान देना हमारे पहला उदेश्य हैं।
देश में ऐसे कई मामले हैं, जिनको हमें रोकना होगा और उनके पलायन करने से उन्हें रोकना होगा।
प्रतिभा पलायन पर निबंध (800 शब्द)
प्रस्तावना
आज हमारा देश जिस मुकाम पर हैं उसमे प्रतिभाओ का काफी योगदान हैं। देश में योगदान देने वाले प्रतिभाओ के बारे में काफी कुछ बताने लायक हैं और सुनाने लायक हैं। देश में आज ऐसे कई नाम हैं, जो विदेश में भारत का नाम ऊँचा कर रहे हैं और अपने देश की एक नई पहचान कर बना रहे हैं। प्रतिभाओं के बलबूते पर कोई भी देश अपनी नई गाथा लिख सकता हैं और देश को नए चरम पर पहुंचा सकता हैं।
देश में प्रतिभा आज विलुप्त होती नजर आ रही हैं। प्रतिभाओं के दम पर देश को आगे बढ़ाने वाले आज देश की आर्थिक समस्याओं के चले यह विलुप्त होती जा रही हैं। कई प्रतिभायें तो ऐसी भी तो अपने अकेले के दम पर कुछ भी कर सकते हैं। हाल में देश में कई प्रतिभा हैं जो देश की घरेलु समस्याओं के कारण देश छोड़ने को मजबूर हैं। देश में इस समस्याओं से लोग काफी पीड़ित हैं और यह एक प्रकार का श्राप बनता जा रहा हैं।
प्रतिभाओं को रोकना क्यों हैं जरुरी?
ऐसा कहा जाता हैं कि किसी भी देश के विकास के लिए कई स्तम्भ हैं, उमने से यह भी हैं, प्रतिभा। किसी देश की आगे बढ़ने और उसको मजबूत स्तिथि में लाने के लिए युवाओं और युवाओं में प्रथिभाओं का होना जरुरी है। देश में जितनी भी जनसंख्या हैं, उनसब में कोई ना कोई कलाकारी तो होती ही हैं। हमारे भारत देश में भी ऐसा ही हैं। देश में आज जो भी प्रतिभावान लोग हैं वो अपने देश को छोड़ कर दूसरे देश में जा रहे हैं। यही कारण हैं कि हमारे देश आज काफी पिछड़ रहा हैं।
कहते हैं कि देश का युवा देश का पहला और सबसे मजबूर पिल्लर हैं और अगर यह युवा अगर प्रतिभावान हो तो उसके वो और भी लाभदायक हैं। देश में बढ़ती बेरोजगारी का एक यह भी कारण हैं कि देश के कई प्रतिभावान लोग आज देश छोड़ कर जाने को मजबूर हैं। आपने सुदर पिचाई और सत्य नाडेला का नाम तो सुना ही होगा। सुदर पिचाई गूगल और सीईओ हैं, वही सत्य नाडेला माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ हैं। यह भी हमारे देश की ही प्रतिभायें हैं।
प्रतिभाओं को रोकने के लिए सरकारी प्रयास
देश में बढ़ते प्रतिभा पलायन को रोकने के लिए हमारे देश की केंद्र सरकार और राज्यों की राज्य सरकारे भी अपने स्तर पर काम कर रही हैं। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए देश में कई तरह की योजनायें लाती हैं। इन योजनाओं को देश की सरकार अपनी पूरी मेहनत के साथ इम्प्लीमेंट करती हैं और इस प्रकार की घटनाओं को रोंके का प्रयास भी करती हैं। कही न कही हमें भी इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए के सरकार के साथ मिल कार करना चाहिए। ऐसा अक्सर देखा गया हैं इस प्रकार की घटनाओं से देश में रोजगार की मांग भी बढ़ रही हैं।
प्रतिभाओं को अपने ही क्षेत्र, शहर और देश में रोकने के लिए कई तरह के कार्य होते हैं। इस प्रकार की घटनाओं का कारण देश की सबसे बड़ी समस्या आरक्षण हैं। देश में आरक्षण के पेरोतले युवाओं के रोजगार छीन रहे हैं और वे बेरोजगार हो रहे हैं और मजबूरन वे अपने क्षेत्र को छोड़ कर जा रहे हैं।
प्रतिभाओं का करना चाहिए सम्मान
कहते हैं कलाकार को पहचान के साथ सम्मान भी देनी चाहिए। हमारे देश में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं हैं। हमारा भी फर्ज बनता हैं कि हम भी कलाकारों का सम्मान करें और उन्हें सम्मान देने के साथ उन्हें प्रोत्साहित भी करना चाहिए। देश में लोगों का देश के बाहर जाना भी देश की प्रगति के लिए खतरनाक हैं।
हमारे देश में हर क्षेत्र में कई प्रतिभाएं छुपी हैं, जो अपने कौशल के बल बूते पर आगे आना चाहती हैं पर देश की आंतरिक समस्याएं ऐसी प्रतिभाओं को कभी आगे नहीं आने देती हैं। अगर ऐसे कौशल को आगे लाना हैं तो आपको पहले इन सब की जानकारी होनी चाहिए वे किस वजह से अपने क्षेत्र और देश को छोड़ने को मजबूर हैं, उन्हें ऐसा करने से रोके और उनको देश में ही सम्मान देने क प्रयास करें।
निष्कर्ष
हमारे देश की प्रतिभायें हमारे देश का आने वाला कल हैं। देश से बाहर जा रही प्रतिभाओं को रोके और उन्हें सम्मान देने का प्रयास करें।
अंतिम शब्द
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