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पक्षियों पर निबंध

Essay on Birds in Hindi: पक्षियों की कई जातियां भारत में निवास करती है। अलग-अलग प्रजाति के पक्षी अलग-अलग वातावरण में रहने में सक्षम होते हैं। आज का यह आर्टिकल जिसमें हम पक्षियों पर निबंध के बारे में डिटेल में जानकारी आप तक पहुंचाने वाले हैं। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

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पक्षियों पर निबंध | Essay on Birds in Hindi

पक्षियों पर निबंध (250 शब्द)

पक्षी आकाश मे उड़ने वाले जीव होते है, विभिन्न प्रकार के पक्षी आसमान मे पंख फैला कर उड़ते है। पक्षीयों के दो पैर होते है, जिससे वह धरती पर चल सकते हैं और दो आंख, जिसकी सहायता से सब कुछ देख सकते हैं। एक चोंच होती है, जिसकी सहायता से वह भोजन निगलता है। सभी तरह के पक्षियों की आवाज़ सूरज के निकलते ही सुबह-सुबह पक्षियों के चाहकने की आवाज़ सुनाई देने लगती है।

कुछ पक्षियों को हरियाली बहुत पसंद होती है। अगर उनको कही पर भी हरियाली दिख गई तो वह वहीँ पर अपना बसेरा बनाकर रहना शुरू कर देते है। संसार में सभी पक्षी उड़ सकते है। लेकिन कुछ पक्षी जैसे-शुतुरमुर्ग, कीवी आदि पक्षी आसमान में उड़ नहीं सकते है। लेकिन ये पक्षी ज़मीन में बहुत तेज गति से चलते है और बाज पक्षी बहुत उँचाई तक आसमान में उड़ सकता है।

संसार में सभी पक्षियों के रंग अलग-अलग होते है। कुछ ऐसे पक्षी होते है, जो पानी में तैर सकते पाते है। कुछ ऐसे पक्षी भी होते है, जिनको लोग अपने घरों में पिंजरो मे कैद करके पालते है। पक्षी शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह के होते है। शुतुरमुर्ग एक ऐसा पक्षी होता है, जो आसामन मे उड़ नहीं सकता है लेकिन जमीन में दौड़ सकता है। मोर एक ऐसा पक्षी होता है ज़ब भी वर्षा होती है, वह बारिश में नृत्य जरूर करता है। मोर राष्ट्रीय पक्षी है।

जैसे-जैसे पर्यावरण में बदलाव आया, वैसे-वैसे पक्षियों के घर उजड़ते गये। पेड़ पर ही पक्षी अपना घोंसला बना कर रहते है और पेड़ों के काटने से पक्षियो की जातियाँ विलुप्त होती चली गई है।

pakshiyon per nibandh
Image: pakshiyon per nibandh

मेरे घर आने वाले पक्षी पर निबंध 400 शब्द (Mere Ghar Aane Wale Pakshi per Nibandh)

दुनिया भर में विभिन्न प्रजाति के पक्षी पाए जाते हैं और सभी पंछियों में अलग-अलग गुण होते हैं। हालांकि उड़ने का गुण तो सभी पंछियों में समान ही होता है लेकिन कुछ पंछी या आसमान की बहुत ऊंचाई तक उड़ान भर सकती है लेकिन कुछ पंछी कुछ ही दूर तक उड़ान भर पाती है।

कुछ पक्षी बहुत तेजी से उड़ते है तो कुछ बहुत धीरे से उड़ते हैं। कुछ पंछी तो ऐसे भी होते हैं, जो उल्टे भी उड़ सकते हैं। इन विभिन्न प्रकार के पक्षी में नए-नए गुण होते हैं और इनके कुछ विशेष गुण तो कई मानव को आश्चर्यचकित कर देते हैं।

तोता जो किसी की भी नकल कर सकता है या नकल करने के विशेष गुण से ही जाना जाता है। गरुड़ पंछी जिसके बारे में तो वेद और पुराणों में भी लिखा गया है। इसे पंछियों का राजा माना जाता है। यह पंछी आसमान में बहुत दूर उचाई से भी अपने शिकार को देख पाता है और देखते ही उस पर झपट्टा मारता है।

मोर बहुत खूबसूरत पंछी है या अपने पंखों के लिए देश भर में जाना जाता है। मोर भारत का राष्ट्रीय पक्षी भी है। मोर का पंख भगवान श्री कृष्ण का प्रतीक है। मोर के पंखों का प्रयोग अनेकों प्रकार के सजावटी चीजों के लिए होता है।

पंछी तो पर्यावरण की शोभा है। पंछियों के चहकान से प्रकृति गूंज उठता है। पंछियों के कारण ही तो लगता है मानो प्रकृति बोल रही है। पंछियों का असली घर तो खुला आसमान होता है। खुले आसमान में पंछी अपने दोनों पंखों को फैलाए आसमान की सैर करते हैं। लेकिन दुख की बात है कि आज का मानव सभी जीव जंतुओं के प्रति बहुत क्रूर हो चुका है।

मानव के द्वारा उत्पन्न विभिन्न प्रकार के प्रदूषण और तकनीक पंछियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। पहले तो पंछी खुले आसमान में बेफिक्र पंख फैलाए उड़ सकते थे मानो पूरा आसमान ही उनका हो, वहां और कोई नहीं आ सकता। वे जहां चाहे वहां उड़ सकते हैं। लेकिन उन्हें क्या पता था कि मानव खुले आसमान को भी नहीं छोड़ेंगे। मानव के कारण पंछियों के उड़ान में बाधाएं पड़ती है। यहां तक कि हर दिन कई पंक्षियां मानव की गतिविधियों के कारण अपना जान गवा बैठती हैं।

मानव ने पक्षियों का प्रयोग हमेशा से ही अपने स्वार्थ के लिए किया है। पक्षियों ने हमेशा ही मानव के कई गतिविधियों में सहायता की है, उन्हें मनोरंजन भी किया है। तोता जो किसी भी मानव की आवाज का नकल कर सकता है, इसके लिए लोग उन्हें अपने घर पर पालते भी हैं और उनसे मनोरंजन भी उठाते हैं।

मुर्गी पालन करके मानो मुर्गी के अंडे और उसके मांस से व्यवसाय करता है। आज दुनियाभर में लाखों की संख्या में लोग मुर्गी पालन करके व्यवसाय कर रहे हैं और अपनी जीविका चला रहे हैं। कबूतर जैसे शांति का प्रतीक माना जाता है। प्राचीन काल से कबूतर का प्रयोग संदेशवाहक की तरह किया जाता था।

मोर जिसके खूबसूरत पंखों के तो हर कोई दीवाने हैं उसके पंखों को बेचकर दुनिया भर में लोग बहुत पैसा कमा रहे हैं। इस तरह यह पक्षियों मानव को आर्थिक रूप से मदद कर रही है, उनके मनोरंजन के काम में आ रही है। लेकिन उसके बावजूद मानव अपनी गलतियों से बाज नहीं आता।

पक्षियों पर निबंध (800 शब्द)

प्रस्तावना

पक्षी उड़ने वाले जीव हैं। पक्षी आसमान में स्वतंत्र विचरण करते हैं तो बहुत ही सुंदर आकर्षक दृश्य उत्पन्न होता हैं। प्रभात और सांयकाल में इनकी चहचहाहट से धरती गुंजित हो जाती है। उनके निवास से वन प्रांतों की शोभा और बढ जाती हैं। इनके आकर्षक रंगों से हर कोई मोहित हो जाता हैं।

पक्षियों में विभिन्नता

विविध प्रकार के पक्षी पाए जाते हैं। कोई काला, कोई लाल तो कोई हरा रंग-बिरंगे और अलग-अलग रंगों के होते हैं। विभिन्न प्रकार की प्रजातियां पाई जाती हैं। जैसे चिड़िया, कौवा, कोयल, तोता आदि कई प्रजाति होती हैं।

यह सभी घोसले में रहते हैं और स्वतंत्र रूप से आसमान में विचरण करते हैं। इनकी आवाज बहुत ही ज्यादा मधुर होती हैं। प्रातः काल और शायद उनको इनकी आवाज सुनने को मिलती हैं।

पक्षी की संरचना

सभी पक्षियों की संरचना लगभग एक जैसी होती है। परंतु इनमे कुछ विभिनताए भी पाई जाती हैं। परंतु एक समानता सब में है कि पहला यहां पंखों की सहायता से आसमान में उड़ सकते हैं और दूसरा की है सभी अंडे देते हैं।

पक्षी बहुत ज्यादा हल्के होते हैं। सभी पक्षियों के दौ पैर होते हैं। इनके रंग बिरंगे पंख होते हैं। रंग रंगीली चौंच होती हैं। पंखों की सहायता से आसमान में उड़ते हैं और अपने पैरों की सहायता से भरोसा विचरण करते हैं।

पक्षियों की प्रकृति से संबंध

सभी पक्षी प्रकृति से बहुत ही ज्यादा जुड़े होते हैं। यह वृक्ष, वनों तथा जंगलों में अपना घोंसला बनाकर रहते हैं। जहां थोड़ी सी हरियाली देखी वही है, अपना बसेरा बना लेते हैं। विभिन्न प्रकार के तिनकों कचरे को मिलाकर अपने घोसले का निर्माण करते हैं। कुछ पक्षी तो घोंसला बनाने में बहुत ज्यादा निपुण होते हैं जैसे बया। सभी पक्षी अपने बच्चों और घौसले रक्षा स्वयं करते हैं और स्वयं के लिए खुद ही दाना चूगते हैं।

कुछ पक्षी घोंसला ना बनाकर पेड की कोटर में ही अपना बसेरा बना लेते हैं। जैसे कि कठ फोड़वा। मोर जैसे बड़े पक्षी तो झाड़ियों में ही अपना घर बसा लेते हैं। कुछ पक्षियों की मधुर आवाज हमें बहुत ज्यादा आकर्षित करती हैं। जैसे कोयल, तोता, मैना इनकी वाणी बहुत ज्यादा मधुर होती हैं। साहित्य में इनका बखान किया गया हैं। परंतु कुछ पक्षियों की बोली को कर्कश माना जाता हैं जैसे कौवा।

पक्षियों का राजा

गरुड़ को पक्षियों का राजा माना जाता हैं। विभिन्न प्रकार के धार्मिक साहित्यों व पौराणिक कथाओ में इसका उल्लेख पाया जाता हैं। यह बहुत ही ज्यादा शक्तिशाली होता है। यह अत्यधिक ऊंचाई से भी आसमान से अपने शिकार को देख सकता हैं। यह बहुत ही जल्दी से अपने शिकार को झपट लेते हैं।

पक्षी पालना

पक्षी आजाद होते हैं, इन्हें आसमान में स्वतंत्र विचरण करना बहुत अच्छा लगता हैं। यह पेड़ों, वनों तथा जंगलों में अपना घोंसला बनाकर रहते हैं। यह प्रकृति से बहुत ही करीब होते हैं। परंतु वर्तमान में बहुत से लोग इन्हें पाल कर अपने घर में पिंजरे रखते हैं। कबूतर, मोर का तोता आदि को पाल का घर में रखा जा सकता हैं।

तोता तो अधिकांश लोगों के घर में होता हैं। यह मनुष्य की आवाज की नकल निकाल सकता हैं। इसे घरों से पिंजरे में रखा जाता हैं। कबूतर को शांति का प्रतीक माना जाता हैं और प्राचीनकाल में कबूतर संदेशवाहक का कार्य करते थे। कई लोग मुर्गी का पालन करते हैं। यह व्यावसायिक तौर पर बहुत ही लाभदायक हैं।

राष्ट्रीय पक्षी

मोर हमारा राष्ट्रीय पक्षी हैं। यह बहुत ही सुंदर होता हैं। इसके रंग बिरंगे पंख होते हैं। यह पंखो को फैलाकर बहुत ही सुंदर नाचता हैं। इसके पंखो से बहुत ही आकर्षक वस्तुएं बनाई जाती हैं। यह बहुत ही साहसी पक्षी है। यह लड़ाई में सांपों को मात दे देता हैं।

दुर्लभ पक्षी

कुछ पक्षी दुर्गम स्थानों पर निवास करते हैं। जैसे कि पेंगविन यह ठंडे स्थानों पर रहता है। यह वही जीवित रह सकता हैं। इस प्रकार के पक्षी बहुत कम देखने को मिलते है।

जल में निवास करने वाले पक्षी

बहुत से पक्षी जल में निवास करते हैं जैसे बगुला सारस यह पानी में रहने वाले जीव-जंतुओं, मछलियों को खाकर अपना जीवनयापन करते हैं।

निष्कर्ष

प्रकृति मैं विभिन्न प्रकार के पक्षी पाए जाते हैं। पक्षियों के लिए कोई सीमा सरहद नहीं होती हैं। कई पक्षी शीत ऋतु में झुंड बनाकर गर्म प्रदेशों की ओर चल पड़ते हैं और गर्मी में ठंडे प्रदेशों की ओर चल पड़ते हैं। इन्हें प्रवासी पक्षी कहां जाता हैं। भारत में प्रतिवर्ष साइबेरिया से प्रवासी पक्षियों का आगमन होता हैं।

अंतिम शब्द

पक्षी किस प्रकार से अपना जीवन व्यतीत करते हैं, उसके बारे में हमने इस आर्टिकल में आपको बताया है। इस आर्टिकल में हमने पक्षियों पर निबंध (Essay on Birds in Hindi ) के बारे में जानकारी आप तक पहुंचाई है।

हमें उम्मीद है कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको अच्छी लगी होगी। यदि आपका इस लेख से जुड़ा कोई सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर बताएं।

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Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।