Home > Essay > वायु प्रदूषण पर निबंध

वायु प्रदूषण पर निबंध

Essay on Air Pollution in Hindi: नमस्कार दोस्तों! आज हम आप सभी लोगों को वायु प्रदूषण पर निबंध बताने जा रहे हैं। यह निबंध सभी विद्यार्थियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होने वाला है। जब कभी भी कोई विद्यार्थी कहीं पर भी कंपीटेटिव एग्जाम देने जाता है, तो उसे हिंदी साहित्य में एक निबंध अवश्य लिखना होता है, यह निबंध ज्यादातर से ही संबंधित होता है। तो चलिए शुरू करते हैं, वायु प्रदूषण के विषय में अपना यह महत्वपूर्ण निबंध।

Essay on Air Pollution in Hindi
Image: Essay on Air Pollution in Hindi

Read Also: हिंदी के महत्वपूर्ण निबंध

वायु प्रदूषण पर निबंध | Essay on Air Pollution in Hindi

वायु प्रदूषण पर निबंध (250 शब्दों में)

वायु प्रदूषण मानव जीवन के लिए बहुत ही नुकसानदायक है। वातावरणीय वायु में मिली अशुद्धियों को ही वायु प्रदूषण कहा जाता है। वायु प्रदूषण वातावरण में घूमने वाली सबसे हानिकारक गैसों के कारण होता है, इनमे से प्रमुख गैसे कार्बन डाइऑक्साइड और मेथेन है। वायु प्रदूषण के कारण पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीव जंतु पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ता है और इसके कारण जीव जंतुओं को ऐसी बहुत सी बीमारियां उत्पन्न हो जाती हैं, जिनके कारण मनुष्य पूरे जीवन भर पीड़ित रहता है। कभी-कभी ऐसा भी हो जाता है, कि व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है।

यदि हम प्रदूषण के प्रभाव की तुलना करते हुए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों को देखें, तो हमें यह पता चलता है, कि वायु प्रदूषण से सर्वाधिक शहरी क्षेत्र प्रभावित हो रहे हैं। शहरी क्षेत्रों के प्रभावित होने का मुख्य कारण यह है, कि वहां पर बड़े-बड़े उद्योग, मोटर गाड़ियों के अत्याधिक आवागमन के कारण उत्पन्न जहरीली गैसे हैं। वायु प्रदूषण के बढ़ने का श्रेय सिर्फ और सिर्फ विज्ञान की तकनीकी को जाता है, जिसके कारण वायु दूषित हो रहा है और वायु प्रदूषण का खतरा बढ़ता ही जा रहा है।

वायु प्रदूषण के कारण प्रतिवर्ष लाखों-करोड़ों लोगो की मृत्यु हो जा रही है। वायु प्रदूषण वर्तमान समय में संपूर्ण दुनिया भर में सबसे सोचनीय मुद्दा बन गया है और वायु प्रदूषण के कारण प्रत्येक देश इसके हानिकारक प्रभावों को झेल रहा है। वर्तमान समय में लोग पैसे कमाने के प्रति इतने ज्यादा लालची हो चुके हैं, कि वे लोग सिर्फ और सिर्फ उद्योगों की तरफ से अपना कदम बढ़ा रहे हैं, इन लोगों को पर्यावरण का कोई भी ख्याल नहीं है। वायु प्रदूषण के कारण वर्तमान समय में कैंसर, दमा, हार्ट अटैक और स्वास्थ्य संबंधी बीमारियां हो रही हैं।

वायु प्रदूषण पर निबंध (800 शब्दों में)

प्रस्तावना

वर्तमान समय में वायु प्रदूषण पर्यावरणीय मुद्दों में से सबसे अहम मुद्दा बन चुका है। वायु प्रदूषण के कारण ओजोन परत को काफी नुकसान हो रहा है, जिससे ओजोन परत में छेद भी होने का खतरा बना हुआ है। ओजोन परत का अक्षय होना पर्यावरण में गंभीर समस्या का कारण बन सकता है। मनुष्य में लगातार बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण मनुष्य की आवश्यकताओं में भी काफी वृद्धि हो रही है, जो कि प्रदूषण का मुख्य कारण बन सकती है।

सभी तरह के प्रदूषण पर्यावरण से जुड़े हुए ही होते हैं, इनमें से ज्यादातर प्रदूषण ओजोन परत का छह कर देते हैं, जिससे सूर्य की हानिकारक किरणों सीधा पृथ्वी पर पड़ती है और अनेकों प्रकार की बीमारियों को उत्पन्न करती है। वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए हमें अपने दैनिक जीवन में ऐसी चीजों का उपयोग कम से कम करना चाहिए, जिससे कि वायु दूषित हो रहा हो। वायु प्रदूषण को कम करने के लिए हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाने चाहिए और मोटर गाड़ियों के आवागमन को कम कर देना चाहिए।

वायु प्रदूषण का क्या अर्थ है?

वायु पृथ्वी पर सभी जीव जंतु के लिए बहुत ही आवश्यक तत्व होता है। वायु का उपयोग करके ही, मनुष्य और जीव जंतु अपने शरीर में ऑक्सीजन को पूरा करते हैं। जब हम ऑक्सीजन लेते हैं, तो हम अपने शरीर से कार्बन डाइऑक्साइड को मुक्त करते हैं, जिनसे पेड़ पौधों को काफी फायदा होता है। कार्बन डाइऑक्साइड के माध्यम से ही पेड़ पौधों अपना पोषण करते हैं। यदि वायुमंडल में वायु स्वच्छ नहीं रहेगी, तो मानव जीवन समाप्ति की कगार पर बढ़ सकता है। वायु प्रदूषण के कारण वायुमंडल में ऑक्सीजन की कमी बढ़ती जा रही है।

वायु प्रदूषण के कौन-कौन से स्रोत हैं?

वर्तमान समय में वायु प्रदूषण दो तरह से फैल रहा है, पहला प्रकृति के कारण और दूसरा मानवीय अनुसंधानो के कारण।

1. वायु प्रदूषण के प्राकृतिक स्रोत

  • कभी-कभी वनों में आग लग जाती है, जिसके कारण वायु में तेजी से धुआं उठने लगता है। लकड़ी के इन धूओ में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा काफी ज्यादा होती है, जिसके कारण वायु में प्रदूषण फैलता है।
  • कभी-कभी तेज हवाएं या फिर चक्रवाती तूफान आ जाने के कारण धूल के कण काफी तेजी से वायुमंडल की ओर गति करने लगते हैं, जिससे वायु प्रदूषण होने का खतरा बन जाता है।
  • कुछ पौधे ऐसे होते हैं, जिनके माध्यम से हाइड्रोजन के यौगिक और फूलों के परागकण भी प्रदूषित हो जाते हैं।
  • दलदली प्रदेशों में दलदली स्थानों से निकलने वाली मेथेन गैस वायु प्रदूषण का मुख्य कारक है।
  • ज्वालामुखी के फूटने के समय काफी मात्रा में काला जहरीला धुआं, राख एवं चट्टाने टुकड़ों को रुप में निकलती हैं। इन धूओं में कार्बन डाइऑक्साइड मेथेन और अन्य प्राकृतिक जहरीली गैस से मिली होती हैं, जो कि वायु प्रदूषण को काफी ज्यादा मात्रा में बढ़ा देती हैं।

2. वायु प्रदूषण के माननीय स्त्रोत

  • वायु प्रदूषण को बढ़ाने में मानवों का काफी ज्यादा हाथ है, क्योंकि मानवों के द्वारा उपयोग में लाई जाने वाली कृत्रिम रूप से तैयार की गई चीजों के कारण उनमें से धुएं निकलते हैं और जिससे वायु में प्रदूषण काफी तेजी से फैलता है।
  • नियमित रूप से घरेलू कार्य में आने वाली चीजें जैसे भोजन बनाना, जल को गर्म करना इत्यादि कार्यों के लिए उपयोग में लाए जाने वाले ईंधन कोयले मिट्टी के तेल और गैस आदि का प्रयोग भी वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण है।
  • विकसित देशों में वाहनों की संख्या हमारे देश के वाहनों की संख्या से काफी ज्यादा अधिक है फिर भी हमारे देश में वायु प्रदूषण बहुत ज्यादा है इसका प्रमुख कारण है, वाहनों में उपयोग होने वाला पुराना इंजन और उद्योगों में कार्यरत मशीनें जोकि कोयले और ईंधन से चलती हैं।
  • वायु प्रदूषण को दूर करने के लिए विदेशी कंपनी टेस्ला इलेक्ट्रिक कार को लांच करने वाली है। जिसके कारण वायु का प्रदूषण काफी कम हो जाएगा और लोग अच्छे से अपने जीवन यापन को करने के लिए सक्षम बनेंगे।
  • सरकार भी प्रदूषण को कम करने के लिए समय समय पर अनेकों प्रकार की योजनाएं आती रहती है, जिसके अंतर्गत पर्यावरण को शुद्ध करने के लिए पेड़-पौधे और कृत्रिम रसायनों का उपयोग किया जाता है।

वायु प्रदूषण के दुष्परिणाम

  • पर्यावरण में जितनी तेजी से करवाना या साइड की मात्रा बढ़ती जाएगी वैसे वैसे ओजोन परत का क्षय होते जाएगा, जिसके कारण मानव का पृथ्वी पर रहना असंभव हो जाएगा।
  • स्वच्छ हवा और ऑक्सीजन की कमी हो जाने के कारण जीव जंतुओं की असामयिक मृत्यु होना निश्चित है, क्योंकि स्वच्छ वायु न मिलने पर किसी भी जीव जंतु का जीवित रहना बहुत ही मुश्किल है।
  • वायु प्रदूषण के कारण वर्तमान में जिन जातियों का जनसंख्या घनत्व काफी ज्यादा है, उन जातियों के भी विलुप्त होने का खतरा बनता जा रहा है।
  • वायु प्रदूषण के कारण लोग पतंग या फिर किसी ना किसी सांस से होने वाली दिक्कत या फिर शारीरिक दिक्कत से जूझ रहे हैं।

वायु प्रदूषण से बचाव

  • वायु प्रदूषण से बचाव का सबसे प्रमुख उपाय पेड़ पौधों को ज्यादा से ज्यादा लगाना और उनकी समय-समय पर देखभाल करना है। यदि पेड़ पौधे ज्यादा से ज्यादा होंगे तो वायु प्रदूषण को कम करने में सहायक होंगे और पेड़ पौधे लगाने से हमें ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा मिलेगी।
  • ऊर्जा प्राप्त करने के लिए नए नए स्रोतों को खोजना चाहिए, क्योंकि कोयले और परमाणु ऊर्जा के उपयोग से वायुमंडल काफी ज्यादा प्रदूषित हो रहा है।
  • हमें सौर ऊर्जा का उपयोग सर्वाधिक करना चाहिए सौर ऊर्जा के उपयोग से हमें उपयुक्त मात्रा में ऊर्जा भी प्राप्त हो जाएगी और हम वायु प्रदूषण से भी बच सकेंगे।

निष्कर्ष

आज हम लोगों ने वायु प्रदूषण पर लिखे गए इस निबंध के माध्यम से अनेकों प्रकार की जानकारियां अर्जित की। वायु प्रदूषण फैलने के कारण ज्यादातर हानि मानवीय जीवन को ही होती है, अतः यदि हमें पृथ्वी पर अपना और प्रकृति का संतुलन बनाए रखना है, तो वायु प्रदूषण को फैलने से रोके।

अंतिम शब्द

यदि आपको हमारे द्वारा लिखा गया यह (Essay on Air Pollution in Hindi) महत्वपूर्ण निबंध पसंद आया हो, तो कृपया इसे शेयर करें और यदि आपके मन में किसी भी प्रकार का सवाल हो, तो कमेंट बॉक्स में अवश्य बताएं।

Reed also

Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

Related Posts

Leave a Comment