Eid Shayari
ईद शायरी |Eid Shayari
ऐ चांद उनको मेरा ये पैगाम देना
खुशी का दिन और हंसी की शाम कहना
जब देखें वो तुझे तो,
मेरी तरफ से उनको ईद मुबारक कहना
आगाज ईद है, अंजाम ईद है,
सच्चाई पे चलो तो हर गम ईद है,
जिसने भी रखे रोजे उन सब के लिए,
अल्लाह की तरफ से ईनाम ईद है।
सदा हस्ते रहो जैसे हस्ते है फूल,
दुनिया की सारे गम तुमे जाये भूल,
चारो तरफ फेलाओ खुशिओं के गीत,
ऐसी उम्मीद के साथ यार तुम्हे
|| मुबारक हो ईद ||
तमन्ना आपकी सभी पूरी हो जाएं,
हो आपका मुक्कदर इतना रोशन कि,
आमीन कहने से पहले ही
आपकी हर दुआ मंजूर हो जाए
आपको दिल से ईद मुबारक!
ए चाँद, तू उनको मेरा पैगाम देना,
खुशी का दिन और हंसी की शाम कहना,
जब देखें वो तुझे तो,
मेरी तरफ से उनको ईद मुबारक कहना।
” चुपके से चांद की रोशनी छु जाए आपको,
धीरे से ये हवा कुछ कह जाए आपको,
दिल से जो चाहते हो मांग लो खुदा से
हम दुआ करते हैं मिल जाए आपको,
आपको ईद मुबारक।”
Eid Shayari
यूँ तो इबादत बहुत की तुमने,
रोजे में खुदा से मोहब्बत की तुमने,
चलो अब वक्त आया है इबादत का सिला पाएं,
मुबारक हो चाँद तुमको, चलो ईद का जश्न मनाएं।
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समंदर को उसका किनारा मुबारक
चांद को सितारा मुबारक़
फूलों को उसकी खुश्बू मुबारक
दिल को उसका दिलदार मुबारक़
आपको और आपके परिवार को
ईद का त्योहार मुबारक!
ऐ चांद तू उनको मेरा पैगाम कह देना
खुशी का दिन और हंसी की शाम देना
जब देखें वो तुझे बाहर आकर
उनको मेरी तरफ से ईद मुबारक कह देना
चुपके से चाँद की रौशनी छु जाए आपको,
धीरे से ये हवा कुछ कह जाए आपको,
दिल से चाहते हो वो मांग लो खुदा से,
हम दुआ करते हैं मिल जाए वो आपको।
तमन्ना आपकी सब पूरी हो जाए
हो आपका मुकद्दर इतना रोशन की
आमीन कहने से पहले ही आपकी
हर दुआ कबूल हो जाए।
ईद मुबारक
****
कायम रहे खुदा पे वो ईमान मुबारक,
ईमान मुकम्मल हो ये अरमान मुबारक,
दिल-जिस्म-रूह पाक रहे दौर-ए-ईबादत,
अल्लाह के बंदो को हो ईद मुबारक।
Eid Shayari
चुपके से चांद की चांदनी छू जाए आपको
धीरे से ये हवा कुछ कह जाए आपको
दिल से जो चाहते हो मांग लो खुदा से
हम दुआ करते हैं मिल जाए वो आपको
ईद मुबारक,
दीए जलते और जगमगाते रहें
हम आपको इसी तरह याद आते रहें
जब तक ज़िंदगी है ये दुआ है हमारी
आप ईद के चांद की तरह जगमगाते रहें
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कोई इतना चाहे हमें तो बताना
कोई तुम्हारी फिक्र करे तो बताना
ईद मुबारक तो हर कोई कह देगा
कोई हमारे अंदाज़ में कहे तो बताना
दिल से ईद मुबारक
मुबारक हो आपको खुदा की दी हुई यह ज़िंदगी
खुशियों से भरी रहे आपकी ज़िंदगी
गम का साया कभी आप पर न आए,
दुआ है यह हमारी, आप सदा यूं ही मुस्कुराएं
ईद मुबारक!
खुदा से की एक इबादत को मुकम्मल होते देखा है,
मेने एक पंडित को काज़ी के गले लगते देखा है।
थे मसरूफ वो दोनों इंसानियत के रंग में,
मेने वहाँ न कोई हिन्दू न मुसलमां देखा है ।
ईद मुबारक दोस्तों
ज़िन्दगी के हर पल खुशियों से कम न हो,
आप के हर दिन ईद के दिन से कम न हो,
ऐसा ईद का दिन आपको हमेशा नसीब हो!
ये दुआ मांगते हैं हम ईद के दिन
बाकी न रहे आपका कोई गम ईद के दिन
आपके आंगन में उतरे हर रोज खुशियों भरा चांद
और मेहेकता रहे फूलों का चमन ईद के एक दिन
Happy Eid Mubarak
चराग़ दिल के जलाओ कि ईद का दिन है।
तराने झूम के गाओ कि ईद का दिन है।
ग़मों को दिल से भुलाओ कि ईद का दिन है।
ख़ुशी से बज़्म सजाओ कि ईद का दिन है।
ईद मुबारक!
****
ऐ चांद उनको मेरा सलाम कहना
खुशी का दिन और हंसी की शाम कहना
जब देखें वो तुझे
मेरी तरफ से उनको ईद मुबारक कहना
रात का नया चांद मुबारक
चांद की चांदनी मुबारक
फलक को सितारे मुबारक
सितारों को बुलंदी मुबारक
और आप को ईद मुबारक
हैप्पी ईद
आज खुदा की हम पर हो मेहरबानी;
करदे माफ़ हम लोगो की सारी नाफ़रमानी;
ईद का दिन आज आओ मिलकर करें यही वादा;
खुदा की ही राहों में हम चलेंगे सदा यही है हमारा वादा।
ईद मुबारक!
सदा हंसते रहो जैसे हंसते हैं फूल
दुनिया के सारे गम तुम जाओ भूल
चारों तरफ फैलाओ खुशियों के गीत
इसी उम्मीद के साथ आपको मुबारक हो ईद
Eid Shayari
दिए जलते और जगमगाते रहें;
हम आपको इसी तरह याद आते रहें;
जब तक जिंदगी है ये दुआ है हमारी;
आप ईद के चाँद की तरह जगमगाते रहें।
ईद मुबारक!
आज खुदा की हम पर हो मेहरबानी,
कर दे माफ हम लोगों की सारी नाफरमानी
ईद के दिन आज आओ मिलकर करें यह वादा
खुदा की राहों पर हम चलेंगे सदा।
ईद मुबारक
दीपक में अगर नूर ना होता;
तन्हा दिल यूँ मजबूर ना होता;
मैं आपको “ईद मुबारक” कहने जरूर आता;
अगर आपका घर इतना दूर ना होता।
ईद मुबारक!
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चांद से रोशन हो त्योहार तुम्हारा,
खुशी से भर जाए आंगन तुम्हारा,
हर शिकायत हो दूर तुम्हारी,
ईद पर बस यही है दुआ हमारी
ईद मुबारक !
हर मंजिल आपके पास आ जाए,
हर दुख-दर्द आपसे दूर हो जाए,
इस ईद पर हम करते हैं ये दुआ कि,
आप पर खुशियों की बौछार हो जाए
ईद मुबारक !
***
आपको और आपके खानदान को तंदरुस्त
दौलत और खुशहाली से भरी ज़िन्दगी की कामना।
अल्लाह हम सब पर अपनी रहमत बरसाए।
ईद मुबारक!
Eid Shayari
खुदा करे हर रात चांद बनकर आए
दिन का उजाल शान बनकर आए
कभी न दूर हो आपके चेहरे से मुस्कुराहट
हर दिन ऐसा मेहमान बनकर आए!
ईद मुबारक।
सभी को खुशहाल छुट्टियों की शुभकामनाएं
महफूज़ रहें और अपने
सर्वशक्तिमान खुदा से प्रार्थना करें।
ईद मुबारक।
ज़िन्दगी का हर पल खुशियों से कम ना हो,
आपका हर दिन ईद के दिन से कम ना हो,
ऐसा ईद का दिन आपको नसीब हो।
ईद मुबारक।
यह दुआ मांगते हैं हम ईद के दिन,
बाकी ने रहे आपका कोई गम ईद के दिन,
आपके आंगन में उतरे हर रोज खुशियों का चांद,
और बेहतर है फूलों का चमन ईद के दिन।
आप सभी को ईद मुबारक।
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दिए जलते और जगमगाते रहें,
हम आपको इसी तरह याद आते रहें,
जब तक जिंदगी है ये दुआ है हमारी,
आप ईद के चाँद की तरह जगमगाते रहें।
आप को ईद मुबारक।
*****
नजर का चैन दिल का सुरूर होते हैं,
कुछ ऐसे लोग जहाँ में जरूर होते है,
सदा चमकता रहे इन की ईद का त्यौहार,
करीब रह के भी जो दिल से दूर होते हैं।
Eid Shayari
इससे पहले की चाँद रात की शाम हो जाए,
मुबारक बाद का सिलसिला आम हो जाए,
भीड़ में शामिल हमारा नाम हो जाए,
क्यों ना उससे पहले एक सलाम हो जाए।
जन्नत से नजराना भेजा है,
खुशियों का खजाना भेजा है,
कुबूल फरमाए दिल की दुआ है,
ईद मुबारक का फरमान भेजा है।
ईद का त्यौहार आया है,
खुशियाँ अपने संग लाया है,
खुदा ने दुनिया को महकाया है,
देखो फिर से ईद का त्यौहार आया है,
आप सभी को दिल से ईद मुबारक।
Eid Shayari
कोई इतना चाहे तुम्हें तो बताना,
कोई तुम्हारी फ़िक्र करे तो बताना,
ईद मुबारक हो हर कोई कह लेगा,
कोई हमारे अंदाज में कहे तो बताना।
सोचा किसी अपने से बात करूँ,
अपने किसी ख़ास को याद करूँ,
किया जो फैसला ईद मुबारक कहने का,
दिल ने कहा क्यों ना आपसे शुरूआत करूँ।
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ए चाँद तू उनको मेरा पैगाम कह देना,
ख़ुशी का दिन और हंसी की शाम देना,
जब वो देखे तुझे बाहर आकर,
उनको मेरी तरह से ईद मुबारक कह देना।
आज के दिन क्या घटा छायी है,
चारों और खुशियों की फिजा छायी है,
हर कोई कर रहा है सजदा खुदा को,
तुम भी कर लो बंदगी आज ईद आयी है।
मौसम मस्त है,
माहौल जबरदस्त है,
ईद की तैयारियों में सब व्यस्त है,
सोचा था कॉल कर दूँ
पर इस रूट की सभी लाइनें व्यस्त है।
अल्लाह की करते हैं तहे दिल इबादत,
दोस्त हो या दुश्मन रखे सब को सलामत,
कुबूल फरमाए ये शायरी का नजराना,
ईदी चाहिए तो घर जरूर आना।
ईद ख़ुशियों का दिन सही लेकिन
इक उदासी भी साथ लाती है
ज़ख़्म उभरते हैं जाने कब कब के
जाने किस किस की याद आती है!
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