डॉक्टर की जरूरत हर एक व्यक्ति को जीवन में कभी ना कभी जरूर पड़ती है फिर चाहे छोटी से छोटी बीमारी हो या कोई खतरनाक बीमारी हो। डॉक्टर मरीजों का जीवन बचाने का महान कार्य करते हैं।
वैसे सर्दी खांसी जैसी छोटी समस्या होने पर हम तुरंत जनरल फिजीशियन से इलाज करा लेते हैं और हम ठीक भी हो जाते हैं। लेकिन अगर शरीर में कुछ गंभीर समस्या होती है तो हमें उस संबंधित रोग विशेषज्ञ के पास जाना पड़ता है।
जैसे कि अगर कानों की समस्या है तो हमें कान के रोग में विशेषज्ञ के पास जाना पड़ता है। क्योंकि संबंधित रोग के विशेषज्ञ ही अच्छे से इलाज कर सकते हैं।
एक डॉक्टर शरीर के हर एक भाग की गंभीर समस्याओं का निदान नहीं कर सकता है। इसीलिए शरीर के अलग-अलग भाग के अनुसार अलग-अलग डॉक्टर के प्रकार भी है।
तो चलिए आज के इस लेख में हम जानते हैं कि डॉक्टर कितने प्रकार के होते हैं (doctor kitne prakar ke hote hain) और वे किस रोग का इलाज करते हैं।
डॉक्टर के प्रकार (Types of Doctors in Hindi)
शरीर के अलग-अलग भाग के बीमारियों के अनुसार अलग-अलग डॉक्टर के प्रकार होते हैं। हर डॉक्टर अपनी समझ के अनुसार मरीजों का इलाज करते हैं।
कुछ डॉक्टर सामान्य और छोटी बीमारियों का इलाज कर सकते हैं, उन्हें ऑपरेशन जैसे गतिविधियों का ज्ञान नहीं होता। वहीं कुछ डॉक्टर शरीर के कुछ विशेष भाग से संबंधित रोग का ही इलाज कर पाते हैं।
इस तरह शरीर के विभिन्न भाग के अनुसार डॉक्टर के कई प्रकार हैं, जिन्हें उस विशेष भाग में उत्पन्न बीमारी को ठीक करने का प्रशिक्षण दिया जाता है। यहां पर डॉक्टर नाम लिस्ट के बारे में बताया गया है:
- जेनेरल फिजिशियन (General Physician)
- दिल का डॉक्टर (Cardiologist)
- दांत का डॉक्टर (Dentist)
- तंत्रिका तंत्र का डॉक्टर (Neurologist)
- रक्त का डॉक्टर (Haematologists)
- भौतिक चिकित्सक (Physiatrists)
- कान का डॉक्टर (Audiologist)
- त्वचा का डॉक्टर (Dermatologist)
- हड्डी का डॉक्टर (Orthopaedic Surgeon)
- पेट का डॉक्टर (Gastroenterlogist)
- मानसिक रोग विशेषज्ञ (Psychiatrist)
- मूत्र विशेषज्ञ (urologist)
- Allergist/Ammunologist
- Anaesthesiologist
- Colon and reactor surgeon
- हार्मोन रोग विशेषज्ञ (Endocrinologist)
- रक्त विशेषज्ञ (Hematologist)
- स्त्री रोग विशेषज्ञ (Gynecologist)
जनरल फिजिशियन (General Physician)
जनरल फिजिशियन आम डॉक्टर को बोलते हैं, जो खांसी, बुखार, हल्की चोट जैसी छोटी-बड़ी बीमारियों का इलाज करते हैं। इस तरह के डॉक्टर बच्चे, बूढ़े, महिला सभी आयु के वर्ग का इलाज कर देते हैं।
हमारे आसपास बाजारों में कई सारे क्लीनिक देखने को मिलते हैं, जहां पर जनरल फिजिशियन बैठते हैं। आम बीमारियों का यह बहुत ही आसानी से समाधान कर देते हैं।
इसलिए ज्यादातर लोग किसी भी छोटी समस्या होने पर जनरल फिजिशियन के पास ही जाते हैं। जब समस्या बड़ी पाई जाती है तब वे किसी एक्सपर्ट के पास पेसेंट को भेज देते हैं।
भौतिक चिकित्सक (Physiatrists)
भौतिक चिकित्सक ऐसे डॉक्टर को कहते हैं, जो शरीर में बाहरी घाव का इलाज करते हैं।
सड़क हादसा हो या फिर कहीं सर गिरने पर चोट लग जाती है तब ऐसे डॉक्टर की जरूरत पड़ती है। इस तरह के बाहरी चोट का इलाज भौतिक चिकित्सक करते हैं।
भौतिक चिकित्सक विकलांग लोगों के स्वास्थ्य सुधारने में मदद करते हैं। इस तरह का इलाज करने वाले डॉक्टर को अंग्रेजी में Physiatrists कहते हैं।
दिल का डॉक्टर (Cardiologist)
कार्डियोलॉजिस्ट का अर्थ होता है दिल से संबंधित बीमारियों का इलाज करने वाला डॉक्टर।
कार्डियोलॉजिस्ट दिल से संबंधित बीमारियों में एक्सपर्ट होते हैं। इसीलिए वे दिल से संबंधित सभी तरह की बीमारियों को आसानी से पता लगा लेते हैं।
दिल से संबंधित किसी भी तरह की बीमारी जैसे दिल में दर्द होना, हार्ट अटैक, सांस फूलना, दिल की नसों में कोई भी विकार होना जैसे दिल की विभिन्न समस्याओं का समाधान करते हैं।
दांत का डॉक्टर (Dentist)
जीवन में एक बार हर कोई डेंटिस्ट के पास जरूर जाता है। क्योंकि दांतों की समस्या आजकल बहुत आम हो चुकी है। खास करके बच्चों के साथ दांतों की समस्या बहुत ज्यादा होती है।
दांतो से संबंधित किसी भी तरह की समस्या जैसे दांतों में दर्द होना, दांतों में झनझनाहट होना, दांत के रंग में परिवर्तन होना, दांत का सड़ना या फिर दांत को निकलवाना या नए दांत लगवाना जैसी हर तरह की समस्या का समाधान करने के लिए हम दांत के डॉक्टर के पास जाते हैं। दांत के डॉक्टर को ही अंग्रेजी में डेंटिस्ट कहा जाता है।
Allergist/ Ammunologist
हम में से कई लोगों को कई अलग-अलग चीजों से एलर्जी होती है, जो हमारी स्किन पर गलत प्रभाव डालती है।
जैसे खुजली होना, बच्चो या व्यस्को में अस्थमा होना और भी अलग तरह की एलर्जीक समस्या का समाधान कराने हम एलर्जीस्ट के पास जाते हैं। इन्हें इम्यूनोलॉजिस्ट भी कहा जाता है। क्योंकि यह एलर्जी और इम्यूनोडिफिशिएंसी विकार का इलाज करने में मदद करते हैं।
हमारे शरीर में कहीं पर भी एलर्जी होने पर यह सही समय पर जांच करके उसे जड़ से खत्म करने के लिए दवा देते हैं।
ऑडियोलॉजिस्ट (Audiologist)
कान से संबंधित किसी भी तरह की बीमारियों का इलाज करने वाले डॉक्टर को अंग्रेजी में ऑडियोलॉजिस्ट कहा जाता है। यह कर्ण विशेषज्ञ होते हैं।
कानों से संबंधित सभी तरह के बीमारियों का इलाज करने में एक्सपर्ट होते हैं चाहे कान से पानी आना, कम सुनाई देना, कान में दर्द होना जैसी कुछ भी समस्या हो तो ऐसे डॉक्टर के पास जा सकते हैं, जो कानों के सुनने की क्षमता और उससे संबंधित हर चीज का मूल्यांकन करके कान का इलाज करते हैं और उसके लिए दवा देते हैं।
Colon and Rectal Surgeons
कोलोरेक्टल सर्जन उन्हें कहते हैं, जो बड़ी आंत और मलाशय को प्रभावित करने वाले भाग का इलाज करते हैं।
इस तरह के डॉक्टर पेट और मलाशय के कैंसर, आंत्रशोध की बीमारी, बवासीर से लेकर डायवर्टिकुलिटिस तक की बीमारियों का इलाज करते हैं।
यह बड़ी-बड़ी सर्जरी ऑपरेशन भी करते हैं, जिनके लिए इन्हें प्रशिक्षण दिया जाता है।
Anesthesiologist
एनेस्थीसिया का अर्थ होता है बेहोशी। जब बड़े बड़े ऑपरेशन या सर्जरी होते हैं तो पेशेंट को दर्द का पता ना चले, इसीलिए उन्हें एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाया जाता है।
आमतौर पर Anesthesiologist ही पेशेंट को एनेस्थीसिया का इंजेक्शन देते हैं। क्योंकि वे इसमें एक्सपर्ट होते हैं। एनेस्थियोलॉजिस्ट के हिंदी में दर्द प्रबंधन विशेषज्ञ भी कहा जाता है।
यह सर्जरी के दौरान महत्वपूर्ण संकेतों की निगरानी करते हैं, जिसमें पुराने या आवर्ती दर्द, माइग्रेन आदि का इलाज करते हैं।
डर्मेटोलॉजिस्ट
त्वचा संबंधित किसी भी तरह की समस्या जैसे त्वचा से संबंधित एलर्जी होना, त्वचा में खुजली होना, त्वचा का लाल होना, चेहरे पर फुंसी मुंहासे आना, सोरायसिस या त्वचा कैंसर जैसी त्वचा संबंधित बीमारियों का इलाज करने का कार्य डर्मेटोलॉजिस्ट करते हैं। इन्हें त्वचा रोग विशेषज्ञ भी कहा जाता है।
यह त्वचा, बाल और नाखून से जुड़ी स्थितियों में माहिर होते हैं। इससे संबंधित हर तरह की समस्याओं को यह जल्दी से भिंज लेते हैं और जड़ से समस्या को खत्म करने के लिए उसके अनुसार दवा देते हैं।
Critical care medicine specialist
जो मरीज बहुत बुरी तरीके से घायल या बीमार होते हैं, जिनका कंडीशन बहुत ही क्रिटिकल होता है। ऐसे मरीजों की देखभाल और इलाज क्रिटिकल केयर मेडिसिन स्पेशलिस्ट करते हैं।
क्रिटिकल केयर मेडिसिन स्पेशलिस्ट ऐसे मरीजों के जीवन समर्थन, आक्रमक निगरानी तकनीक पुनर्जीवन की देखभाल प्रदान करते हैं।
Endocrinologist
एंडोक्राइनोलॉजिस्ट हार्मोन से जुड़ी बीमारियों का पता लगाते हैं और उसका इलाज करते हैं जैसे कि थायरॉयड, हाइपोथैलेमस ग्लैंड, अग्नाशय, पिट्यूटरी ग्रंथि, अंडाशय से जुड़े विशेष रोग का इलाज ऐसे डॉक्टर करते हैं।
शरीर में हार्मोन महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है और शरीर में हार्मोन का बदलाव अक्सर होते रहता है। इन हार्मोन के बदलाव से शरीर में कई परिवर्तन होते हैं।
लेकिन कभी कबार मेडिकल कंडीशन के कारण शरीर में हार्मोन का बैलेंस बिगड़ जाता है, जिसके कारण कई तरह की बीमारी उत्पन्न हो जाती है।
Hematologist
रक्त से संबंधित कई तरह की समस्या जैसे कि एनीमिया, प्लिहा, रक्त कोशिका संबंधित किसी भी तरह की समस्या होने पर रक्त संबंधित रोग विशेषज्ञ के पास जाना पड़ता है। ऐसे चिकित्सक को हेमेटोलॉजिस्ट कहा जाता है।
इनके पास रक्त संबंधित बीमारियों के इलाज का पूरी तरीके से प्रशिक्षण होता है, जिसके कारण यह रक्त संबंधित सभी तरह की समस्याओं का आसानी से निदान करते हैं।
Emergency medicine specialists
Emergency medicine specialists आपातकालीन बुरी तरीके से घायल या बीमार मरीजों का इलाज करते हैं। ऐसे बुरी तरीके से घायल या बीमार मरीजों की आपातकालीन केस को एमरजैंसी मेडिसिन स्पेशलिस्ट हैंडल करते हैं।
जो जीवन और मौत का निर्णय लेने की क्षमता रखते हैं और तुरंत फैसला लेकर रोगी के जीवन को बचाना तथा उनके विकलांगता की संभावना को कम करना इनका कार्य होता है।
Geriatric medicine specialist
Geriatric medicine specialist ऐसे डॉक्टर होते हैं, जो खासतौर पर वृद्धावस्था में बीमारियों का रोकथाम करना, वृद्धावस्था में मौजूद व्यक्ति के स्वास्थ्य के सुधार को बढ़ावा देना जैसे उपचार कार्य करते हैं।
इस तरह के डॉक्टर आमतौर पर मरीजों के घर, नर्सिंग होम या अस्पताल में मरीजों का इलाज करते हैं।
Gastroenterologists
Gastroenterologists अग्नाशय, पित्ताशय, यांत, पेट, यकृत जैसे पाचन अंगों के विशेषज्ञ होते हैं।
पाचन संबंधित किसी भी तरह की समस्या जैसे अल्सर होना, दस्त होना, पीलिया होना, कैंसर होना, पेट दर्द जैसे समस्याओं का निदान ऐसे डॉक्टर करते हैं।
veteninarian
veteninarian जानवरों का इलाज करने वाले डॉक्टर होते हैं। मनुष्य की तरह जानवर भी प्रकृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं, जिसके कारण उनकी देखभाल करना भी हमारा कर्तव्य होता है।
किसी भी घायल जानवर या बीमार जानवर का इलाज करने का कार्य एक पशु रोग विशेषज्ञ ही करते हैं। किसी भी जानवर की बीमारी को एक सामान्य इंसानी डॉक्टर ठीक नहीं कर सकता है।
इसीलिए जानवरों का इलाज करने के लिए veteninarian होते हैं। इन्हें जानवरों से संबंधित रोग और उसके इलाज करने की प्रशिक्षण दी जाती है।
Plastic surgeons
जैस आपको पता होगा कि आज के समय में किसी भी दुर्घटना में अगर चेहरे या शरीर का कोई भी भाग का आकार बिगड़ जाता है तो प्लास्टिक सर्जरी से उसे पुनर्निर्माण किया जा सकता है।
ऐसे प्लास्टिक सर्जरी करने वाले डॉक्टर को ही प्लास्टिक सर्जन कहते हैं। इनके पास प्लास्टिक सर्जरी का पूरा प्रशिक्षण होता है, जो शरीर के किसी भी टूटे-फूटे अंग या चेहरे के बनावट को सुधारते हैं।
Sleep Medicine specialist
Sleep का अर्थ नींद होता है, आप अच्छे से जानते हैं और जब सही नींद ना लिया जाए तो व्यक्ति दिन भर चिड़चिड़ा और डिप्रेशन महसूस करता है।
मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए अच्छी नींद लेना बहुत ही जरूरी है। लेकिन बहुत से लोगों को रात में सही से नींद नहीं आती है।
ऐसे में ऐसे मरीजों को नींद संबंधित समस्या का निदान करने में स्लीप मेडिसिन स्पेशलिस्ट मदद करते हैं। वे मरीजों को ऐसी दवाईयां देते हैं, जो मरीजों को अच्छी नींद लेने में मदद करता है।
Orthopedic surgeon
Ortho का अर्थ होता है हड्डी और Orthopedic का अर्थ होता है हड्डी रोग विशेषज्ञ।
आजकल हड्डियों संबंधित समस्या बहुत ही सामान्य हो चुका है। घुटने में दर्द होना, एक्सीडेंट होने पर फ्रैक्चर होना इस तरह की समस्या से निजात पाने के लिए मरीजों को ऑर्थोपेडिक सर्जन की जरूरत पड़ती है। वे अपने प्रशिक्षण के जरिए ऐसे मरीजों का इलाज करते हैं।
Urologist
मनुष्य में मूत्र मार्ग से संबंधित या मूत्र से संबंधित किसी भी तरह की समस्या या रोग होने पर उसका इलाज यूरोलॉजिस्ट करते हैं। यूरोलॉजिस्ट महिला एवं पुरुष दोनों का ही इलाज करते हैं।
पेशाब के दौरान जलन होना, ज्यादा पेशाब होना या कम पेशाब होना या इससे संबंधित किसी भी तरह की समस्या के निदान करने का पूरा प्रशिक्षण यूरोलॉजिस्ट के पास होता है।
Psychiatrist
साइकाइट्रिट को हिंदी में मानसिक रोग विशेषज्ञ कहा जाता है। मानसिक रोग से पीड़ित व्यक्ति का इलाज साइकेट्रिस्ट करते हैं।
शारीरिक इलाज के साथ ही मानसिक रोग का इलाज भी उतना ही आवश्यक होता है। शारीरिक चोट हमें बाहर दिखती है लेकिन मानसिक बीमारियां बाहर नहीं दिखती है।
मरीज अंदर ही अंदर इस बीमारी से ग्रसित होता है। ऐसे में साइकेट्रिस्ट ऐसे मरीजों के मानसिक बीमारी का पता लगाते हैं और उसका निदान करने में मदद करते हैं।
मनोचिकित्सक को मरीजों के हाव भाव से उनके मानसिक बीमारी का पता लगाने का विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है। मनोचिकित्सक मानसिक रोग से ग्रसित व्यक्ति का कभी भी ऑपरेशन वगैरह से इलाज नहीं करते हैं। वे उन्हें दवाइयां या कुछ सलाह देकर उनका इलाज करते हैं।
इस तरीके से एक मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर और काउंसलर दोनों का ही काम करते हैं।
Nephrologist
पूरे शरीर के पानी को फिल्टर करके गंदगी को पेशाब के रूप में बाहर निकालने का कार्य गुर्दा करता है, जिसे अंग्रेजी में किडनी कहा जाता है।
लेकिन अगर उच्च रक्तचाप या गुर्दे में खनिज का असंतुलन होता है तो कई तरह की बीमारियां उत्पन्न होती है।
ऐसे में गुर्दे की बीमारी का इलाज गुर्दा रोग विशेषज्ञ करता है, जिसे अंग्रेजी में nephrologists कहा जाता है।
मेडिकल जेनेटिसिस्ट (Medical genetics)
मेडिकल जेनेटिसिस्ट ऐसे डॉक्टर को कहा जाता है, जो माता-पिता से अनुवांशिकता के कारण उनके बच्चों में कोई बीमारी होती है तो उसका इलाज वे करते हैं।
इस तरह वंशानुगत बीमारियों का इलाज करने में ऐसे डॉक्टर विशेषज्ञ होते हैं। मेडिकल जेनेटिसिस्ट स्क्रीनिंग टेस्ट और अनुवांशिक परामर्श जैसी सुविधा मरीजों को प्रदान करते हैं।
Radiologist
रेडियोलॉजिस्ट के पास मेडिकल क्षेत्र में प्रयोग होने वाले डिवाइस की तकनीकी ज्ञान होता है। जब किसी डॉक्टर को मरीज की बिमारी बाहरी तौर पर समझ में नहीं आती तब उनके अंदरूनी समस्या को चेक करने के लिए ऐसे मरीजों को रेडियोलॉजिस्ट के पास भेजा जाता है।
जो मरीजों का x-ray, एम आर आई, City scan, अल्ट्रा साउंड, के जरिए अंदरूनी भाग चेक करते हैं और रिपोर्ट तैयार करके उनके जनरल डॉक्टर को देते हैं।
इस तरह किसी भी रोगी के अंदरूनी समस्या का निदान जनरल डॉ ही करते हैं। लेकिन रेडियोलॉजिस्ट के कारण ही मरीज के अंदर की समस्या के बारे में पता चलता है।
Gynecologist
स्त्री रोग विशेषज्ञ को अंग्रेजी में gynecologist कहा जाता है। इस तरह की स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास महिलाओं की प्रजनन प्रणाली और उससे संबंधित रोगों का विशेष प्रशिक्षण होता है।
जिसके कारण महिलाएं अपनी योनि, गर्भाशय, स्तन या किसी भी तरह की समस्या का इलाज कराने के लिए स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास जाती हैं, जो महिलाओं के ऐसे समस्याओं को भली-भांति समझते हुए उसका अच्छे से इलाज करती हैं।
गर्भावस्था के दौरान खास करके महिलाओं को गायनोकोलॉजिस्ट की जरूरत पड़ती है।
Infectious Disease specialist
कई तरह की बीमारी संक्रामक होती है, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती है जैसे कि लाइन रोग या तपेदिक रोग।
जब कोई व्यक्ति किसी संक्रामक रोग से ग्रसित होता है तो इनफेक्शियस डिजीज स्पेशलिस्ट के पास जाने की सलाह दी जाती है।
इनफेक्शियस डिजीज स्पेशलिस्ट संक्रमण से फैलने वाली बीमारियों का इलाज करने में विशेषज्ञ होता है।
FAQ
डॉक्टर को हिंदी में चिकित्सक के नाम से जाना जाता है। पहले समय में डॉक्टर को वैद्य कहकर भी बुलाया जाता था।
डॉक्टरी के क्षेत्र में सबसे बड़ी डिग्री MD को माना जाता है, जिसका पूरा नाम होता है डॉक्टर ऑफ़ मेडिसिन और यह डिग्री एमबीबीएस डिग्री हासिल करने के बाद ही प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ ही कुछ सालों के अनुभव की भी जरूरत पड़ती है।
बच्चों के डॉक्टर को पीडीअट्रिशन कहा जाता है। यह बच्चों से संबंधित बीमारियों का इलाज करते हैं।
दिल के डॉक्टर को अंग्रेजी में Cardiologist कहा जाता है।
स्त्री रोग विशेषज्ञ जिसे अंग्रेजी में गाइनेकोलॉजिस्ट भी कहा जाता है। यह महिलाओं संबंधित विभिन्न रोग व समस्या जैसे मासिक धर्म, यौन समस्या, प्रजनन इत्यादि संबंधित समस्याओं का निदान करती हैं।
दिल से संबंधित बीमारियों का इलाज करने वाले डॉक्टर को कार्डियोलॉजिस्ट कहा जाता है।
पेट में पाचन संबंधित समस्या के निदान व उपचार विशेषज्ञ को गेस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट कहा जाता है।
निष्कर्ष
इस लेख में आपने डॉक्टर कितने प्रकार के होते हैं (doctor kitne prakar ke hote hain) के बारे में जाना। आज का यह लेख छात्रों एवं अन्य लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण है, जो छात्र भविष्य में डॉक्टर बनना चाहते हैं।
उन्हें डॉक्टर के विभिन्न प्रकार के बारे में जानना जरूरी है ताकि वह अपने मनपसंद क्षेत्र में अपना करियर बना सके।
इसके साथ ही सामान्य लोगों के लिए भी डॉक्टरों के प्रकार (doctor ke prakar) और किस रोग से संबंधित किस डॉक्टर के पास जाना चाहिए यह जानकारी रखनी चाहिए।
हमें उम्मीद है कि आज का यह लेख आपके लिए जानकारी पूर्ण रहा होगा। यदि यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए अन्य लोगों के साथ जरूर शेयर करें। इस लेख से संबंधित कोई भी प्रश्न या सुझाव हो तो कमेंट में लिख कर बता सकते हैं।
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