Conscious and Subconscious Mind: मनुष्य इस दुनिया का सबसे जटिल प्राणी है, आज आधुनिक विज्ञान भी इसके रहस्यों को पूरी तरह से उजागर करने में असमर्थ है। प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक सिगमंड फ्रायड ने मानव मन पर काफी काम किया और इसके बहुत से रहस्यों को समझने का प्रयास किया।
आज हम इस आर्टिकल में मनुष्य के चेतन और अवचेतन मन (Conscious and Subconscious Mind) के बारे में समझने का प्रयास करेंगे।
चेतन और अवचेतन मन | Conscious and Subconscious Mind in Hindi
चेतन मन और अवचेतन मन क्या है?
मनुष्य के मन के मुख्य रूप से दो भाग होते है पहला चेतन मन और दूसरा अवचेतन मन। इसे व्यक्त मन तथा अव्यक्त मन भी कहा जाता है। यह चेतन मन का सिद्धांत सबसे अधिक सिगमंड फ्रायड द्वारा ही प्रसिद्ध किया गया है। मनुष्य का चेतन मन केवल 10 फीसदी ही होता है, इसी के द्वारा हम सोचते समझते तथा बोलते है जिनका हमें पता होता है।
चेतन मन (Conscious Mind)
इसी तरह अवचेतन मन जिसके बारे में हमें पता नहीं होता है यह मन का 90 फीसदी हिस्सा होता है, जिसमें हमारे विचार, भावनाएं, इच्छाएं और आदतें होती है। सामान्यतया हमें मन के इस हिस्से ही जानकारी नहीं होती है।
उदाहरण: जिस उदाहरण का उपयोग चेतन मन (Conscious mind) का कांसेप्ट समझने के लिए सबसे अधिक किया जाता है वह है, समुन्द्र में तैरती एक बर्फ की सिला। इसकी खास बात यह होती है इसका केवल 10 प्रतिशत भाग ही ऊपर नज़र आता है, बाकी का 90 फीसदी हिस्सा पानी के अंदर होता है ठीक इसी तरह हमारा चेतन मन भी होता है। हमारा चेतन मन सवाल खड़े करता है, तर्क करता है और सोच समझकर निर्णय लेता है।
अवचेतन मन (Subconscious Mind)
एक उदहारण द्वारा इसकी कार्यप्रणाली को समझने का प्रयास करते है। किसी भी अभ्यास में जब हम पारंगत हो जाते है तब हमारा मन उसे आदत के रूप में ले लेता है, जैसे हम बाइक चलाना सीख जाते है तो ब्रेक, कल्च और एक्सीलेटर पर हमारे हाथ पैर अपने आप चलने लगते है।
यह सब अवचेतन मन के कारण ही होता है, यह उसे आदत के रूप में स्वीकार कर लेता है। जब हमारा अवचेतन मन किसी चीज को स्वीकार कर लेता है तो उसे वह हकीकत मान लेता है। दुनिया में जितने भी सफल व्यक्ति हुए है, उनमें एक बात कॉमन होती है, उनका अवचेतन बेहतरीन ढंग से तैयार किया हुआ होता है। इसका मतलब उन्हें जो जीवन में लक्ष्य प्राप्त करने है वे उनके अवचेतन मन में पहले से ही तैयार होता है।
How to Program our Subconscious Mind in Hindi
अगर हम अपने अवचेतन मन को विशेष प्रकार से तैयार करते है (activate subconscious mind) तो हमारे जीवन में कुछ भी असंभव नहीं रह जाता है। कुछ प्रक्रियाओं द्वारा हम इसे अपने मुताबिक तैयार कर सकते है।
अवचेतन मन के उदाहरण: अवचेतन मन के कंसेप्ट को समझने के लिए भी हम सभी लोग समुद्र पर तैरती बर्फ की शिला उदाहरण का यूज कर सकते हैं। जिस प्रकार चेतन मन सवाल खड़े करता है, तंग करता है और उसमें सोच समझकर निर्णय लेता है।
ठीक ऐसा ही अवचेतन मन के साथ ऐसा है। यह एक तरह से स्टोरेज रूम की तरह काम करता है। यह हमारे अनुभवों, विचार और धारणाओं का का संग्रहण करता है और इसी अनुभवों के आधार पर स्वचालित रूप से काम करता है।
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अवचेतन मन का हिंदी में क्या अर्थ है?
अवचेतन मन का हिंदी में अर्थ होता है स्वप्न। अचेतन मन को हम स्वप्न इसीलिए कह रहे हैं क्योंकि अवचेतन मन का काम सिर्फ और सिर्फ हमें सपने दिखाना होता है अर्थात जो कोई भी सपने देखते हैं वह और चेतन मन होता है। अचेतन मन को सरल भाषा में आभासी प्रतिबिंब बनाने वाला कहा जा सकता है।
किसी भी व्यक्ति की तरफ आकर्षण में अवचेतन मन का विशेष योगदान होता है। क्योंकि अवचेतन मन के द्वारा ही हम किसी भी चीज पर अपनी लुभावना व्यक्त करवाते हैं।
चेतना के प्रकार
दोस्तों अब तक हम सभी लोगों ने चेतन और अवचेतन के विषय में जाना जिसे हम सभी लोग अपने जीवन की एक सुचालक कड़ी भी मान सकते हैं। परंतु चेतना के कुल 3 प्रकार होते हैं, जिनका विवरण नीचे निम्न है:
- चेतन मन: चेतन मन हम सभी लोगों के मन के अंदर सवाल पैदा करता है, उन सवाल को हल करने के लिए तर्क वितर्क करता है और सोचने समझने के पश्चात हमें निर्णय देता है।
- अर्धाचेतन मन: अर्ध चेतन मन हमें इन सभी के स्वप्न स्वप्न दिखाता है ताकि हम सभी लोग अपने आगे के जीवन को सुधार सकें। अर्ध चेतन मन को ही अवचेतन मन भी कहा जाता है।
- अचेतन मन: अचेतन मन से यह तात्पर्य है कि मंद मन अर्थात किसी भी चीज को सोचने समझने की क्षमता बिल्कुल भी नहीं होती है। हम और चेतन मन का उपयोग नहीं कर पाते हैं, क्योंकि यह हमारे सोचने समझने की क्षमता को क्षीण कर देता है।
दोस्ताना व्यवहार (Subconscious Mind Exercises Hindi)
अधिकतर लोगों के लिए उनका अवचेतन मन उनके खिलाफ काम करता है। इसलिए इसे अच्छे से ट्रेंड करने के लिए आपको इसके साथ दोस्ताना व्यवहार करना होगा। जो भी आप अपने जीवन में हासिल करना चाहते हो उसे आप अवचेतन मन के साथ शेयर करना शुरू करो। शुरू-शुरू में ऐसा करना मुश्किल भरा काम हो सकता है, लेकिन धीरे-धीरे यह ठीक से काम करने लगेगा।
हममें से बहुत से लोग सुबह जल्दी उठने के लिए अलार्म का सहारा लेते होंगे। लेकिन एक बात आपने गौर की होगी, गाँव के बुजुर्ग आज भी बिना अलार्म के जितने बजे चाहे वे उठ जाते है, उन्हें किसी अलार्म की आवश्यकता नहीं होती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जाने-अनजाने में उनका अवचेतन प्रशिक्षित होता है।
नकारात्मकता से हमेशा दूर रहें
जैसा की पहले हमनें बात की थी कि चेतन मन सोचता, समझता तथा उसके बाद निर्णय लेता है, लेकिन अवचेतन मन के साथ ऐसा नहीं है। वह पुराने अनुभवों के आधार पर ही निर्णय लेता है, वह स्वचालित रूप से काम करता है।
इसलिए कभी भी अपने अवचेतन मन के साथ नकारात्मक बातें न करें, क्योंकि वह इस तरह की बातों को सीधे हकीकत के तौर पर लेता है और उसे वास्तविकता में बदलने का प्रयास करता है।
यहाँ नकारात्मकता का अर्थ है, निरंतर खुद के बारे में नकारात्मक सोचने से है। जैसे ये मेरे लिए संभव नहीं है, यह काम इतनी आसानी से पूरा होने वाला नहीं है। यह काम तो बहुत कठिन है और मैं इसे कभी भी नहीं कर पाऊंगा। निरंतर इस तरह के विचार जब मन में चलते रहते हैं तब ऐसे में हमारा अवचेतन मन इसे वास्तविकता मानने लगता है और कुछ समय बाद ठीक वैसे ही परिणाम भी मिलने लगते है। इसलिए कभी भी अपने अवचेतन मन को नकारात्मक सुझाव न दें, जितना हो सके इससे बचने का प्रयास करें।
निरंतर इस तरह के विचार जब मन में चलते रहते हैं तब ऐसे में हमारा अवचेतन मन इसे वास्तविकता मानने लगता है और कुछ समय बाद ठीक वैसे ही परिणाम भी मिलने लगते है। इसलिए कभी भी अपने अवचेतन मन को नकारात्मक सुझाव न दें, जितना हो सके इससे बचने का प्रयास करें।
अवचेतन मन की ताकत को स्वीकार करना (Power of Subconscious mind)
अपने अवचेतन मन को ठीक से प्रोग्राम करने के लिए यह सबसे जरुरी हैं कि आपको अपने अवचेतन मन के अस्तित्व पर पूरा भरोसा होना चाहिए। आपको इसकी ताकत का अंदाजा होना चाहिए।
यदि आप इसे केवल प्रयोग के तौर पर देखेंगे और आप मानेंगे की अवचेतन मन जैसी कोई चीज नहीं होती। ऐसी स्थिति में आपके अवचेतन मन में बदलाव असंभव हो जाता है।
इसलिए आपको अवचेतन मन के अस्तित्व पर पूरा भरोसा होना चाहिए और यह स्वीकार करना होगा कि अवचेतन मन जैसी कोई चीज होती है। और यह मुझमें जरुर सकारात्मक बदलाव लाएगी। जब आप इस तरह से सोचने लगते है तब आपका अवचेतन मन इसे हकीकत में बदलने लग जाता है।
निरंतर सकारात्मक सुझाव
जैसा की हम पहले भी बात कर चुके हैं कि हमारा अवचेतन मन दिए गये सुझावों को सीधे स्वीकार करता है, उस पर कोई तर्क-वितर्क नहीं करता है।
इसलिए आपके अवचेतन मन को दिया गया आपका प्रत्येक निर्देश महत्वपूर्ण होता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वो निर्देश सकारात्मक हैं या नकारात्मक।
उदाहरण के लिए पुरे दिन में निरंतर 2-3 अलग-अलग आदमी आकर आपसे कहे की आज आप बहुत ही थके नज़र आ रहे है, भले ही आप थके हुए न हो। आप देखेंगे की आप अपने आप को थका हुआ महसूस करेंगे। अब ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि किसी दुसरे आदमी ने आपको निर्देश दिया और आपके अवचेतन मन ने उसे सीधा स्वीकार कर लिया।
ऐसे में अगर आप ऐसे निर्देशों पर प्रश्नचिन्ह नहीं लगायेंगे या इस पर विचार नहीं करेंगे कि सामने वाला जो कह रहा है वह सच भी है या नहीं, तो आपका अवचेतन मन इसे सीधे स्वीकार कर उसे हकीकत में बदल देगा।
आपको यह समझना होगा कि हमारा चेतन मन तथा अवचेतन मन दोनों ही मिलकर काम करते है, आपको जो भी निर्देश मिलते है पहले उस पर चेतन मन विचार करता है और सब सही होने पर वह निर्देश सीधे अवचेतन मन में चला जाता है।
ऊपर बताई गयी बातों के द्वारा अगर आप अपने अवचेतन मन को प्रशिक्षित करते हो तो आपने जीवन में जो भी लक्ष्य तय किया है उसको प्राप्त करने की संभावना 100 फीसदी तक बढ़ जाती है।
निष्कर्ष
हमारे द्वारा दी गयी चेतन मन और अवचेतन मन (Conscious and Subconscious Mind) पर जानकारी आपको कैसी लगी कमेंट द्वारा हमें जरुर बताएं और साथ ही अपने अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें।
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MUJHE BAHUT ACCHA LAGA PADHKAR MAI YE WORD HAMESHA SUNTA THA PAR ISKA MATLAB NHI JANTA THA THANKS AAPKO MERI TARF SE MUJHE OR SABHI LOGO KO ISKE BAARE ME SAMJHNA KE LIYE