श्रद्धांजलि श्लोक संस्कृत में हिंदी अर्थ सहित
Shradhanjali Shlok in Sanskrit श्रद्धांजलि श्लोक संस्कृत में हिंदी अर्थ सहित | Shradhanjali Shlok in Sanskrit प्राग्देहकृतकर्मफलोपभोगार्थं सानुशयस्यैव प्रस्तुतत्वान्न जीवन्मुक्तेर्व्यभिचारः।तस्मादेवमपरिहार्ये!बहूनि में व्यतीतानि जन्मानि तव चार्जुन।तान्यहं वेद सर्वाणि न त्वं वेत्थ परंतप!भावार्थ:बाग में फूल कुछ दिन के लिए ही खिलते हैं,