Byju Raveendran Biography in Hindi: बायजू रवींद्रन भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के सबसे बड़ी एडटेक कंपनी के मालिक हैं, जोकि एक भारतीय युवा उद्यमी है। इन्होंने अपनी कुशलता और लगन से दुनिया की सबसे बड़ी शिक्षा तकनीकी eduTech बनाने की उपलब्धि हासिल की है।
इनके द्वारा बनाएं गए Byju’s Learning App के जरिए आज लाखों छात्र घर बैठे ही पढ़ाई कर रहे हैं। शिक्षा के क्षेत्र में बायजू रवींद्रन ने नई तकनीक का इस्तेमाल कर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है।
बायजू ने पिछले वर्ष “वाइटहेड जूनियर” कंपनी को खरीद लिया था, जो कि कोडिंग सिखाने वाली कंपनी थी। बायजू कंपनी धीरे-धीरे देश और विदेश के अनेक छोटे-बड़े स्टार्टअप को खरीद रहे हैं।
आज के समय में बायजू कंपनी पर भारत के अलावा न्यूजीलैंड, अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, मैक्सिको जैसे पश्चिमी देशों के छात्र भी पढ़ाई कर रहे हैं। बायजू लर्निंग एप्लीकेशन के संस्थापक बायजू रविंद्रन भी एक शिक्षक है, जिन्होंने दुनिया की सबसे ज्यादा कीमत वाली एजुकेशन टेक्नोलॉजी कंपनी बनाई है।
बायजू रवींद्रन का जीवन परिचय (Byju Raveendran Biography in Hindi)
नाम | बायजू रविंद्रन |
जन्म | 1981 |
जन्म स्थान | कन्नूर, केरल |
सरनेम | रविंद्रन |
शिक्षा | B. Tech |
नौकरी | केमिकल इंजीनियर |
कंपनी | BYJU’s |
संपत्ति | 3 Billion dollar |
बायजू रवींद्रन का जन्म परिचय
बायजू रवींद्रन का जन्म केरल राज्य के कन्नूर जिले के एक छोटे से गांव में सन 1981 में हुआ था। बायजू रवींद्रन के माता-पिता दोनों ही शिक्षक है। बायजू रवींद्रन भी शिक्षक बने। रवींद्रन की पत्नी बायजू लर्निंग एप के को-फाउंडर है तथा इनके भाई रिजु रविंद्रन बायजू कंपनी के डायरेक्टर हैं।
बायजू रवींद्रन की शिक्षा
बायजू रवींद्रन ने अपने क्षेत्र के स्थानीय मलयालम माध्यमिक स्कूल में ही पढ़ाई की है। जिस स्कूल में बायजू रवींद्रन ने पढ़ाई की है, उसी स्कूल में उसके माता-पिता अध्यापक थे। बता दें कि बाईजू रवींद्रन की माता गणित पढ़ाती थी जबकि उनके पिता भौतिक विज्ञान के शिक्षक हैं।
बायजू रवींद्रन ने अपने स्थानीय क्षेत्र में ही शिक्षा पूरी की, जहां पर केवल मलयालम माध्यमिक स्कूल ही थी। इस वजह से बायजू अंग्रेजी में बहुत कमजोर थे। लेकिन उन्होंने क्रिकेट में कमेंट्री करके अपनी इंग्लिश पक्की कर ली। इसके बाद वे केमिकल इंजीनियर बन गए। रवींद्रन स्कूल की शिक्षा पूरी करने के बाद इंजीनियरिंग के क्षेत्र से बी.टेक की डिग्री हासिल करते ही, उनकी नौकरी विदेश में लग गई।
बायजू रवींद्रन की पत्नी का नाम
बायजू रविंद्रन के पत्नी का नाम दिव्या गोकुळनाथ है। दिव्या गोकुळनाथ से बायजू रवींद्रन की मुलाकात साल 2007 में हुई थी जब वे बच्चों को गवर्नमेंट परीक्षा की तैयारी करवाते थे। आज वह Byju’s एजूकेशन टेक्नोलॉजी कंपनी की सहसंस्थापक है।
बायजू रवींद्रन का करियर
बायजू रवींद्रन ने इंजीनियर की नौकरी से छुट्टी मिलने पर अपने दोस्तों की पढ़ाई में मदद की थी। दोस्तों के कहने पर बायजू ने ऐसे ही कैट (CAT) की परीक्षा के लिए फॉर्म भर दिया था। बिना कुछ ज्यादा तैयारी के ही उन्हें इस परीक्षा में 100 परसेंट प्राप्त हुए थे।
हालांकि उन्हें ऐसा करने का कोई विचार नहीं था। इसीलिए वे वापस जॉब करने चले गए कुछ समय बाद फिर से वे छुट्टी पर आए, तब उन्होंने यहां पर ही रह कर कुछ करने की ठानी। बायजू रविंद्र ने वर्ष 2007 में टेस्ट तैयारी के रूप में Think and Learn की स्थापना की थी, जिसकी कक्षाओं को स्टेडियम का आकार दिया गया था।
यहां पर उनके पढ़ाने का अंदाज लोगों को काफी ज्यादा पसंद आया, जिसके बाद वे शहर में शिफ्ट हो गए और शहर में ज्यादा बच्चों को पढ़ाने लगे। इस दौरान उन्होंने अच्छी खासी कमाई की तथा अपना नाम भी कमाया।
बायजू की स्थापना
यहां बायजू रवींद्रन को लगा कि उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहिए तथा संपूर्ण भारत के बच्चों को भी पढ़ाना चाहिए, इसलिए उन्होंने ऑनलाइन आने का फैसला किया। इस दौरान रवींद्रन ने देखा कि लोगों के पास स्मार्टफोन की संख्या बढ़ती जा रही है, ऐसे में लोगों को अपने मोबाइल फोन से ही पढ़ाने का विकल्प बेहतरीन है।
यहां पर बायजू ने सफलता को देखते हुए उन्होंने वर्ष 2015 में बाईजू लर्निंग एप्लीकेशन की स्थापना की। स्मार्ट फोन पर बच्चों के पढ़ने वालों की संख्या भी बढ़ती गई और इसकी सफलता देखते हुए रवींद्रन ने पश्चिमी देश अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा इत्यादि देशों में अंग्रेजी में ऐप को विस्तार करने की योजना बनाई और उन्होंने इन देशों में भी ऐप को उपलब्ध कराया। अब दुनिया भर के अनेक सारे देशों के बच्चे BYJU’s Learning Application पर ऑनलाइन पढ़ाई करते हैं।
Byju’s एप्लीकेशन खास क्यों है?
बायजूस आज विश्व भर में बहुत ही प्रख्यात एजुकेशनल प्लेटफॉर्म बन चुका है। बायजू रवींद्रनाथ के द्वारा बायजू एप्लीकेशन भी लांच किया गया है। बायजू एप्लीकेशन के जरिए किंडरगार्डन से लेकर 12वीं क्लास तक के बच्चों को ऑनलाइन क्लास उपलब्ध कराया जाता है।
इनके इस एप्लीकेशन का सबसे बड़ी खासियत यह है कि इस एप्लीकेशन पर बच्चों को डिज्नी की तरह द लायन किंग सिंबा और फ्रोजन के अन्ना जैसे कार्टून कैरेक्टर के माध्यम से गणित और अंग्रेजी जैसे विषयों को पढ़ाया जाता है। बच्चों को कार्टून देखना काफी ज्यादा पसंद है और कार्टून के जरिए तथा एनीमेशन वीडियोस के जरिए यह बहुत ही जल्दी कांसेप्ट को समझ पाते हैं।
यही कारण है कि बायजूस एप्लीकेशन का इस्तेमाल करने वाले बच्चे एनीमेटेड वीडियो, गेम और स्टोरीज के जरिए कांसेप्ट को जल्दी समझते हैं। केवल बारहवीं तक के बच्चों को ही नहीं बल्कि इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज और सिविल सर्विस के एंट्रेंस एग्जाम के लिए भी बायजूस ट्रेनिंग की वीडियो उपलब्ध कराती है।
बायजू की सफलता
अमेरिकी फोर्ब्स द्वारा जारी 2020 की लिस्ट के अनुसार बायजू की कुल संपत्ति 3.05 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गई थी। बायजू कि सफलता का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि कोरोना काल में भी बायजू ने वर्ष 2021 में आकाश एजुकेशन एवं इंस्टिट्यूशन को एक बिलियन अमेरिकी बाजार में खरीद लिया था, जो अब बायजू का हो चुका है।
वर्तमान समय में बायजू लर्निंग एप्लीकेशन के 50 मिलियन से भी ज्यादा डाउनलोड हो चुके हैं। इस बात से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कितने सारे बच्चे एक ही प्लेटफार्म पर पढ़ाई करते हैं। बायजू रवींद्रन ने अकेले ही इस मुकाम को हासिल किया है।
शुरुआती दिनों में उन्हें अनेक सारी तकलीफ और परेशानियों का सामना करना पड़ा। लेकिन वे अपनी लगन और मेहनत से शिक्षा तथा टेक्नोलॉजी के जगत में एक नई उपलब्धि हासिल की है, जिसकी चर्चा हर तरफ हो रही है। आज युवाओं के लिए रवींद्रन प्रेरणादायक है।
आज इस कंपनी के साथ लगभग 9000 से भी ज्यादा लोग जुड़े हुए हैं। बाईजू रवींद्रन ने बिना किसी इन्वेस्टमेंट के एक ऐसा स्टार्टअप की शुरुआत की जिनकी वैल्यूएशन मात्र 9 वर्षों में 50,000 करोड़ रुपए की हो गई है।
यह भारत का एक बड़ा स्टार्टअप है। बता दें कि बायजू एजुकेशन सेक्टर की एकमात्र ऐसी कंपनी है, जिसमें फेसबुक के मालिक मार्क जकरबर्ग ने इन्वेस्टमेंट किया है। बायजु भारत के अलावा अनेक सारे पश्चिमी देशों में भी प्रचलित हैं।
युवाओं के लिए बायजू रवींद्रन एक प्रेरणादायक स्रोत हैं, जिन्होंने हाल ही में इंजीनियरिंग और मेडिकल की कोचिंग इंस्टीट्यूट “आकाश इंस्टीट्यूट” को ₹7500 करोड़ में खरीद लिया था। इस बात से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि एक आम आदमी से वे कितने कामयाब व्यक्ति बन गए हैं।
बायजू रवींद्रन को दिए गए सम्मान और पुरस्कार
बाईजू रवींद्रन को शिक्षा के क्षेत्र में किए गए अनेक विशिष्ट कार्यों के लिए कई पुरस्कार से सम्मानित किए गए हैं।
- साल 2017 में बायजू रवींद्रन को इंडियन एक्सप्रेस आइटी अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
- साल 2019 में इन्हें मनोरमा न्यूज न्यूजमेकर पुरस्कार मिला था।
- साल 2020 में बिजनेस ट्रांसफॉरमेशन अवॉर्ड्स से सम्मानित किया गया। इसी साल एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर का भी खिताब इन्होंने जीता।
- इतना ही नहीं साल 2020 में फार्च्यून पत्रिका की अंडर 40 सूची में इनका नाम आया था।
- साल 2021 में बायजू रवींद्रन को फॉर्ब्स इंडिया लीडरशिप अवॉर्ड्स से पुरस्कृत किया गया।
FAQ
केरल में सन 1981 में हुआ था।
इंजीनियरिंग में बी.टेक की डिग्री हासिल की है।
बायजू की पत्नी का दिव्या गोकुलनाथी है।
CAT की परीक्षा में १००% परसेंट मेरिट मिली थी।
BYJU’S Learning Application हैं।
बायजूस से पहले बायजू रवींद्रन बच्चों को क्लास दिया करते थे और उन्हीं के क्लास में से किसी एक छात्र ने उन्हें इस नाम का सुझाव दिया था।
Forbes के अनुसार 3 Billion dollar हैं।
बायजू कंपनी के को-फाउंडर बायजू दिव्या गोकुलनाथी है।
बायजू के सी.ई.ओ बायजू रवींद्रन हैं।
निष्कर्ष
बायजू रवींद्रन एक आम आदमी के रूप में शुरुआत की, जो आज अरबपति बन गए हैं। उन्होंने अपनी लगन, मेहनत और बुद्धिमता से बिना किसी निवेश के एक ऐसी कंपनी की स्थापना की, जिसने भारत के एजुकेशन और टेक्नोलॉजी के सेक्टर में क्रांति ला दी।
उनकी इस क्रांति से लाखों और करोड़ों छात्रों के जीवन में खुशहाली आ गई है। विद्यार्थी अब घर बैठे ही अपने मोबाइल फोन से वे कम्प्यूटर के जरिए पढ़ाई कर सकते हैं। बायजू पर भारत ही नहीं बल्कि विदेशों के छात्र भी पढ़ाई करते हैं।
आज के इस आर्टिकल में बायजू रवींद्रन का जीवन परिचय (Byju Raveendran Biography in Hindi) बताया है। उम्मीद करते है कि आपको यह आर्टिकल काफी पसंद आया होगा। यदि इस लेख से जुड़ा कोई सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर बताएं।
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