जब भी हम अपने बचपन को याद करते हैं तो हम सभी के बचपन में एक खास चीज थी, वह थी गुड़िया के बाल, जो कि रुइ के तरह गुलाबी पंखुड़ियों की तरह थी और जिसे मुंह में डालते ही वह घुल जाती थी।
गुड़िया के बाल को बुढ़िया के बाल, रुई की पंखुड़ी वाली टोफी, हवा मिठाई आदि नामों से पुकारा जाता है।
गुड़िया के बाल (Gudiya ke baal) आजकल कई रंगों में भी मिलने लगे है और यह पहले कम लोग ही बना कर बेचते थे। लेकिन आजकल यह पार्टियों में या कोई भी फंक्शन में गुड़िया के बाल आसानी से मिल जाते हैं।
गुड़िया के बाल क्या है?
गुड़िया के बाल जो कि हर वर्ग के लोगों की पहली पसंद होती है और हर कोई इसे खाने के लिए लालायित रहता है। गुड़िया के बाल जिसे इंग्लिश में Cotton Candy, Candy floss या Fairy floss कहते हैं।
इसकी खोज 19वीं शताब्दी में हुई थी और उस समय यह कैंडी काफी महंगी होती थी। इसलिए यह अमीर लोगों के लिए ही होती थी और गरीब लोग इसको नहीं खा पाते थे।
इस कैंडी के महंगा होने का सबसे बड़ा कारण यह था कि यह हाथों से बनाई जाती थी, जिसमें की काफी मेहनत लगती थी। जिस वजह से इसकी कीमत ज्यादा होती थी, इसलिए यह गरीब लोगों के लिए महंगी थी।
लेकिन 1978 में गुड़िया के बाल बनाने वाली मशीन बनाई गई, जिसके बाद गुड़िया के बाल सस्ते में बनाए जाने लगे और यह आम जनता के लिए भी आसानी से उपलब्ध होने लगे। क्योंकि इसकी कीमत इतनी सस्ती हो गई कि गरीब लोग भी इसे खरीद कर खाने लगे।
गुड़िया के बाल किसने बनाए थे?
गुड़िया के बाल बनाने वाले का नाम जानकर आपको हैरानी होगी क्योंकि गुड़िया के बाल बनाने वाले एक डेंटिस्ट थे और डेंटिस्ट बच्चों को चॉकलेट और मीठा खाने के लिए हमेशा मना करते हैं। क्योंकि यह दांतो में फंस जाते हैं और वहां पर cavity उत्पन्न करते हैं, जिससे कि दांत खराब हो जाते हैं।
लेकिन William Morrison और John C. Wharton नाम के डेंटिस्टस ने 1897 में एक मशीन का आविष्कार किया, जिससे गुड़िया के बाल बनाए जाने लगे।
William Morrison और John C. Wharton ने 1904 में World’s Fair में Fairy Floss का नाम देकर गुड़िया के बाल को सभी के सामने लाए और उस समय लोगों ने पहली बार गुड़िया के बाल को खाया और लोगों को काफी पसंद आया। विलियम ने भारी मात्रा में गुड़िया के बाल बेचकर मुनाफा कमाया।
गुड़िया के बाल का जब पहली बार आविष्कार किया गया था तो वह सिर्फ गुलाबी कलर का था। लेकिन इसकी लोकप्रियता इतनी बढ़ गई कि कंपनी वालों ने गुड़िया के बाल को कई रंगों में बनाना प्रारंभ कर दिया है।
इसका सबसे ज्यादा उत्पादन कनाडा में किया जाता है, जिसका नाम है Tootsie Roll और यह बहुत प्रकार की वैरायटी दार गुड़िया के बाल बनाती है।
यह जानकार आपको हैरानी होगी कि अमेरिका में 7 दिसंबर को नेशनल कॉटन कैंडी डे मनाया जाता है। इसको जानकर आप अनुमान लगा सकते हैं कि कि कॉटन कैंडी यानी की गुड़िया के बाल की लोकप्रियता कितनी बड़ी है।
गुड़िया के बाल कैसे बनाते हैं? (Gudiya ke Baal Kaise Bante Hain)
गुड़िया के बाल की मिठाई जो बनती है, वह विशेषकर चीनी से ही बनती है। इसमें लगभग 99% चीनी का प्रयोग किया जाता है और 1% में खाने वाले रंग और फ्लेवर का प्रयोग किया जाता है। जिससे कि गुड़िया के बाल स्वादिष्ट और रंगीन लगे और लोगों को काफी आकर्षित लगे और इससे लोग खाने के लिए अग्रसर हो।
गुड़िया के बाल में चीनी का ही ज्यादा प्रयोग किया जाता है और चीनी को इस तरह महीन पीसकर रूई के तरह बना दी जाती है, जिसे हम लोग खाते हैं और मुंह में डालते ही यह चीनी की तरह घुल जाती है।
सबसे पहले आपको बता दें कि गुड़िया के बाल बनाने के लिए आपको गुड़िया के बाल बनाने वाली मशीन लेनी पड़ेगी, जिसमें चीनी के गाढ़े घोल को डाला जाता है।
चीनी का गाढा घोल गर्म होकर तेजी से घूमने लगता है। इसके बाद चीनी के महीन घोल रुई के रेशे की तरह या मकड़ी के जाले की तरह हमें दिखने लगते हैं। जिससे कि एक लकड़ी में घुमा-घुमा कर गुड़िया के बाल एकत्रित किये जाते हैं और इसके बाद हमारे हाथ में एक लकड़ी में गुड़िया का बाल बनकर आता है।
गुड़िया के बाल बनाने की बहुत प्रकार की मशीनें आती है, जिसमें एक प्रकार की मशीन ऐसी होती है कि जिसमें गुड़िया के बाल बनाने के पहले ही उस मशीन को गर्म किया जाता है और उस मशीन के बीच में चीनी के गाढ़े घोल और रंगों के फ्लेवर डालकर मशीन ऑन की जाती है।
इसके बाद चीनी के रुई की मिठाई तैयार हो जाती है, जिसे हम गुड़िया के बाल भी कहते हैं। इस प्रकार गुड़िया के बाल, रूई के गोला, बुड्ढी का बाल, कॉटन कैंडी, हवा मिठाई आदि तैयार की जाती है और जो हर वर्ग के लोगों के लिए सबसे पहली पसंद होती है।
निष्कर्ष
गुड़िया के बाल छोटे बच्चे से लेकर बड़े तक सभी को प्रिय होती है। मार्केट में इसकी अच्छी डिमांड है। इसका स्वाद बहुत ही बेहतरीन होता है।
इस आर्टिकल में गुड़िया के बाल कैसे बनाते है (Cotton candy in hindi) के बारे में विस्तारपूर्वक बताया है। यदि आर्टिकल पसंद आये तो उन्हें सोशल मीडिया पर शेयर जरुर करें और इससे जुड़ा कोई सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर बताएं।
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