Bhagwan Mahavir Quotes in Hindi
भगवान महावीर के अनमोल वचन | Bhagwan Mahavir Quotes in Hindi
एक चोर न तो दया और ना ही शर्म महसूस करता है,
ना ही उसमे कोई अनुशासन और विश्वास होता है।
ऐसी कोई बुराई नहीं है जो वो धन के लिए नहीं कर सकता है।
आपकी आत्मा से अलग कोई भी आपका दुश्मन नही है,
असली दुश्मन आपके अंदर रहते है
और दुश्मन है आपका लालच, क्रोध,
नफरत, आसक्ति और आपका अहंकार।
भगवान् का अलग से कोई अस्तित्व नहीं है,
हर कोई सही दिशा में सर्वोच्च प्रयास
कर के देवत्त्व प्राप्त कर सकता है..
एक कामुक व्यक्ति, अपने वांछित वस्तुओं को प्राप्त करने में
नाकाम रहने पर पागल हो जाता है
और किसी भी तरह से आत्महत्या करने के लिए तैयार भी हो जाता है।
जिस तरह से आग को ईंधन से नही बुझाया जा सकता है
उसी तरह कोई भी जीवित प्राणी तीनों लोको
की सारी धन दौलत से संतुष्ट नही हो सकता है।
सभी मनुष्य अपने स्वयं के दोष की वजह से दुखी होते हैं,
और वे खुद अपनी गलती सुधार कर सुखी हो सकते हैं..
जितना अधिक आप पाते हैं, उतना अधिक आप चाहते हैं।
लाभ के साथ-साथ लालच बढ़ता जाता है।
जो 2 ग्राम सोने से पूर्ण किया जा सकता है
वो दस लाख से नहीं किया जा सकता।
खुद से लडो, बहार के शत्रुओं से क्या लड़ना,
वह व्यक्ति जो खुद पर विजय प्राप्त कर लेता है
उसे ही आंनद की प्राप्ति होती है।
Bhagwan Mahavir Quotes in Hindi
जिस प्रकार आग इंधन से नहीं बुझाई जाती,
उसी प्रकार कोई जीवित प्राणी तीनो
दुनिया की सारी दौलत से संतुष्ट नहीं होता।
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कीमती वस्तुओं की बात दूर है,
एक तिनके के लिए भी लालच करना पाप को जन्म देता है.
एक ऐसा व्यक्ति जो लालचरहित है ,
अगर वो मुकुट भी पहने हुए है तो पाप नहीं कर सकता।
एक आदमी जलते हुए जंगल के बीच में एक ऊंचे पेड़ पर बैठा है,
वह सभी जीवों को मरते हुए देखता है और खुश होता है,
लेकिन वह यह नही जानता कि जल्द ही
उसका भी यही हाल होने वाला है, वह व्यक्ति अत्यंत मूर्ख है।
अगर हमने कभी किसी के लिए अच्छा काम किया है
तो उसे भूल जाना चाहिए और अगर कभी किसी
ने हमारा बुरा किया है तो हमे उसे भी भूल जाना चाहिए।
भाग्य का दुर्भाग्य द्वारा जन्म का मृत्यु द्वारा ओर
नौजवानी का बुढापे द्वारा स्वागत किया जाता है.
इस प्रकार इस दुनिया में सब कुछ क्षणिक है।
Bhagwan Mahavir Quotes in Hindi
ईश्वर का अलग से कोई भी आस्तित्व नही है,
हर कोई व्यक्ति देवदत्त प्राप्त कर सकता है
अगर वह सही दिशा में सर्वोच्च प्रयास करें तो।
भिक्षुक को उस पर नाराज़ नहीं होना चाहिए
जो उसके साथ दुर्व्यवहार करता है।
अन्यथा वह एक अज्ञानी व्यक्ति की तरह होगा।
इसलिए उसे क्रोधित नहीं होना चाहिए।
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एक साधक हमेशा ऐसे शब्द बोलता है
जो सीमित हों और नपे-तुले हों और सभी
जीवित व्यक्तियों और प्राणियों के लिए लाभकारी हों।
सभी जीवों की आत्मा केवल अकेले ही आती है
और अकेले ही चली जाती है, उसका न कोई साथ देता है
और न ही उसका कोई दोस्त बनता है।
“एक व्यक्ति जलते हुए जंगल में एक ऊँचे पेड़ पर बैठा था।
वह सभी जीवीत प्राणियों को मरते हुए देख रहा था,
लेकिन वह यह नही समझ पाया की जल्द ही
उसकी भी वही दशा होने वाली है। मुर्ख है ऐसे आदमी!!!”
किसी भी व्यक्ति के अस्तित्व को
मिटाने की अपेक्षा उसे शांति से जीने दो,
और खुद भी शांति से जीने की कोशिश करो,
तभी आपका कल्याण होगा।
Bhagwan Mahavir Quotes in Hindi
“आत्मा की सबसे बड़ी गलती
अपने वास्तविक रूप को ना पहचानना है,
और यह केवल खुद को
जानकार ही ठीक की जा सकती है।”
“भगवान का कोई अलग अस्तित्व नही है।
हम सभी सही दिशा में अच्छी कोशिशे कर के
भगवानो जैसी शक्तिया प्राप्त कर सकते है।”
हर जीवित प्राणी के प्रति दयाभाव ही अहिंसा है.
घृणा से मनुष्य का विनाश होता है.
सभी जीवित प्राणियों के प्रति सम्मान अहिंसा है…
किसी को तब तक नहीं बोलना चाहिए जब तक
उसे ऐसे करने के लिए कहा न जाय.
उसे दूसरों की बातचीत में व्यवधान नहीं डालना चाहिए।
वह व्यक्ति जो नग्न रहता हो या फटे-चिथड़े कपड़े
पहनता हो जिस के बाल उलझे हुए या गुच्छेदार हों
या उसका सिर मुंडा हुआ हो,
तो ये सब व्यर्थ और निष्फल है
अगर वह झूठ बोलता है तो।
आत्मा से परे कोई भी आपका दुश्मन नहीं है.
असली शत्रु तो आपके भीतर विद्यमान हैं.
वे हैं – क्रोध, अहंकार, लोभ और घृणा.
एक सच्चा इंसान उतना ही विश्वसनीय है जितनी माँ,
उतना ही आदरणीय है जितना गुरु और उतना ही
परमप्रिय है जितना ज्ञान रखने वाला व्यक्ति।
Bhagwan Mahavir Quotes in Hindi
त्याग की बात तो हर कोई करता है,
सत्य का नारा तो हर कोई लगाता है,
उतारे कथनी को करनी बनाकर जीवन में,
ऐसा वर्धमान महावीर तो एक ही हुआ करता है।
किसी आत्मा की सबसे बड़ी
गलती अपने असल रूप को ना पहचानना है ,
और यह केवल आत्म ज्ञान
प्राप्त कर के ठीक की जा सकती है..
ईश्वर का अलग से कोई अस्तित्व नहीं है.
हर कोई सही दिशा में सर्वश्रेष्ट प्रयास कर
के देवत्त्व को प्राप्त कर सकता है.
एक व्यक्ति जलते हुए जंगल के मध्य में एक ऊँचे वृक्ष पर बैठा है,
वह सभी जीवित प्राणियों को मरते हुए देखता है.
लेकिन वह यह नहीं समझता की
जल्द ही उसका भी यही हश्र होने वाला है,
वह आदमी मूर्ख है..
ईमानदारी से, एक व्यक्ति शारीरिक, मानसिक
और भाषाई स्पष्टवादिता और सामंजस्यपूर्ण
प्रवृत्ति प्राप्त कर सकता है,
यानी कथनी और करनी में अनुरूपता.
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जिस प्रकार आप दुःख पसंद नहीं करते उसी तरह
और लोग भी इसे पसंद नहीं करते. ये जानकर,
आपको उनके साथ वो नहीं करना चाहिए
जो आप उन्हें आपके साथ नहीं करने देना चाहते।
जो लोग जीवन के सर्वोच्च उद्देश्य से अनजान हैं
वे व्रत रखने और धार्मिक आचरण के नियम मानने
और ब्रह्मचर्य और ताप का पालन करने
के बावजूद निर्वाण (मुक्ति) प्राप्त करने में सक्षम नहीं होंगे।
Bhagwan Mahavir Quotes in Hindi
अज्ञानी कर्म का प्रभाव ख़त्म करने के
लिए लाखों जन्म लेता है जबकि आध्यात्मिक
ज्ञान रखने और अनुशासन में रहने
वाला व्यक्ति एक क्षण में उसे ख़त्म कर देता है।
केवल वही विज्ञान महान और सभी विज्ञानों में श्रेष्ठ है,
जिसका अध्यन मनुष्य को सभी
प्रकार के दुखों से मुक्त कर देता है।
एक जीवित शरीर केवल अंगों और मांस का एकीकरण नहीं है,
बल्कि यह आत्मा का निवास है जो संभावित
रूप से परिपूर्ण धारणा, संपूर्ण ज्ञान,
परिपूर्ण शक्ति और परिपूर्ण आनंद है ।
एक व्यक्ति जलते हुए जंगल के मध्य में एक ऊँचे वृक्ष पर बैठा है.
वह सभी जीवित प्राणियों को मरते हुए देखता है.
लेकिन वह यह नहीं समझता की जल्द ही
उसका भी यही हस्र होने वाला है. वह आदमी मूर्ख है।
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