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बेटी बचाओ पर निबंध

Beti Bachao Essay in Hindi: जैसा कि हम सब जानते ही हैं कन्या को भ्रूण में ही मार दिया जाता है, जिसे भ्रूण हत्या कहा जाता है। लेकिन यह बहुत ही गलत है क्योंकि लड़कियां भी उतनी ही जरूरी है जितने की लड़के। हम यहां पर बेटी बचाओ पर निबंध शेयर कर रहे है। इस निबंध में बेटी बचाओ के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेअर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

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बेटी बचाओ पर निबंध | Beti Bachao Essay in Hindi

बेटी बचाओ पर निबंध (250 शब्द)

हमारे समाज में लड़का पैदा करने की इच्छा को ज्यादा अहमियत दी जाती है। भारतीय समाज में हर कोई एक आदर्श मां, बहन, पत्नी और बेटी चाहता है लेकिन वे कभी नहीं चाहते कि वह लड़की उसका खून का रिश्तेदार हो। आज भी देश के कई क्षेत्रों में लड़कियों को शाप ही माना जाता है और उनके जन्म के साथ ही उनकी हत्या की जाती है।

वर्तमान समय में आज लड़कियों ने हर क्षेत्र में लड़कों से बेहतर खुद को साबित किया है और अपनी मेहनत और लगन की वजह से ये अंतरिक्ष में भी गए हैं। वे अधिक प्रतिभाशाली, आज्ञाकारी, मेहनती और परिवार और अपने जीवन के लिए जिम्मेदार होती है।

पूरे विश्व भर में बेटी बचाओ एक महत्वपूर्ण जागरूक योजना बनाई गई है। इस योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा लैंगिक भेदभाव स्तर पर लड़कियों के जीवन बचाने के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। इस कार्य को सफल बनाने के लिए सरकार ने कई नामी हस्तियों को जोड़ा है। जिन्होंने बेटी बचाओ योजना को लेकर कई बड़े-बड़े कार्य भी किए हैं। समाज में सबसे बड़ा स्तर गरीबी का है। जिसकी वजह से लोग लड़की होना एक अभिशाप मानते हैं। लड़कियों को वह शिक्षा नहीं दे पाते हैं इसीलिए हमें लोगों को जागरूक करना चाहिए और इस और असमानता को दूर करना चाहिए।

जब तक महिलाएं साक्षर नहीं बनेगी तब तक इस अभियान को सफल नहीं बनाया जा सकता है। इसके साथ ही यह में सभी लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है। जिसकी वजह से लैंगिक और समानता लड़कियों की शिक्षा परिवार नियोजन जैसी कई चीजों को उन्हें समझाया जा सके, क्योंकि जब लोग शिक्षित और समझदार होंगे तभी ऐसी योजनाएं सफल हो सकेंगी।

बेटी बचाओ पर निबंध (850 शब्द)

प्रस्तावना

ऐसा कहा जाता है कि एक गाड़ी के दो पहिए होते हैं और एक पहिया टूट जाए तो गाड़ी नहीं चल सकती है। इसी तरह से हमारी पृथ्वी पर मानव जाति का अस्तित्व आदमी और औरत दोनों से ही संभव हो सकता है। अगर इसमें एक की भी साझेदारी नहीं होगी, तो हमारा जीवन असंभव सा लगता है। किसी भी देश के विकास के लिए इन दोनों लिंग का होना बहुत ही आवश्यक है।

इसमें कोई संदेह की बात नहीं है कि महिलाएं पुरुषों से अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके बिना किसी भी मानव जाति का निर्माण नहीं हो सकता है। महिलाओं के द्वारा ही मानव जाति को जन्म दिया जाता है, इसीलिए हमें कन्या भ्रूण हत्या जैसे गंभीर अपराध को पूरी तरह से रोकने की जरूरत है। इसके साथ-साथ यह हमें लड़कियों को आगे बढ़ाने के लिए सुरक्षा सम्मान और समान अवसर प्रधान भी किए जाने चाहिए।

बेटी बचाओ अभियान की शुरुआत

बेटी बचाओ अभियान 22 जनवरी 2015 को बालिका दिवस के रूप में शुरू किया गया था। यह श्री नरेंद्र मोदी के द्वारा शुरू किया गया था। इसके द्वारा समाज में बेटियों को समान अधिकार मिल सके और इसके लिए सरकार ने 100 करोड़ रुपए का बजट भी तैयार किया था। इस योजना की शुरुआत के समय प्रधानमंत्री जी ने यह भी कहा था, कि हम भारतीयों को घर में कन्या की जन्म को एक उत्सव की तरह मनाना चाहिए क्योंकि यह लक्ष्मी का रुप होती हैं और हमें अपने बच्चियों पर गर्व भी होना चाहिए।

इस योजना से लड़कों और लड़कियों के प्रति भेदभाव को खत्म किया जाएगा और भ्रूण हत्या का अंत करने में यह मुख्य कड़ी साबित हो सकेगी। इस अभियान को सफल बनाने के लिए कई प्रकार की गतिविधियां भी चालू की गई जैसे दीवार लेखन, टीवी विज्ञापन, रेलिया, होल्डिंग, एनिमेशन, वाद-विवाद, निबंध लेखन इत्यादि का आयोजन किया गया।

सरकार द्वारा उठाए गए कदम

हाल ही में सरकार के द्वारा लड़कियों को बचाने और शिक्षित करने के लिए बहुत सारे कदम उठाए गए हैं। बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओ बहुत ही सक्रिय है, जिसको सुनते ही एक एनर्जी मिलती है। इस कार्य को सक्रिय रूप से सरकार एनजीओ, कॉर्पोरेट समूह और मानव अधिकार कार्यकर्ताओं और गैर सरकारी संगठनों द्वारा अच्छी तरह से समर्थित किया गया है। बहुत से सामाजिक संगठनों ने महिला स्कूलों में शौचालय की व्यवस्था भी की गई है।

बालिकाओं और महिलाओं के खिलाफ अपराध भारत में बहुत ही तेजी से बढ़ते जा रहे हैं, जो कि सभी की रास्ते की बाधा बनी हुई है। भ्रूण हत्या सबसे बड़ा मुद्दा है हालांकि अस्पतालों में लिंग निर्धारण कैन परीक्षण मूल्यवर्धन के लिए अल्ट्रासाउंड पर हर समय से रोक लगाई गई है और इसे सरकार के द्वारा प्रतिबंधित किया गया है। सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया है कि लोगों को जागरुक कर सके कि कन्या भ्रूण हत्या बहुत ही गलत है और यह बहुत बड़ा अपराध है यह हमें भगवान का दिया हुआ एक खूबसूरत तोहफा है, जिसकी हमें कदर करनी चाहिए और उसे अच्छे से संभाल कर रखना चाहिए।

निष्कर्ष

अगर हम बेटी के प्रति अपनी भावना को बदल देंगे तो हम बेटी को बचा सकेंगे। इसके लिए हमें चाहिए कि हमें बेटियों से नफरत नहीं करनी चाहिए। अगर कोख में बेटी है, तो उसे मारने का प्रयत्न नहीं करना चाहिए बल्कि उसको पैदा करके पढ़ा लिखा कर उसको उसके लिए स्वतंत्र छोड़ देना चाहिए। जिससे वह अपना करियर चुन सके और आपको गर्व महसूस करवा सके क्योंकि लड़कियां किसी भी क्षेत्र में लड़कों से पीछे नहीं है।

अगर देखा जाए तो आजकल लड़कियां लड़कों से कहीं आगे निकल चुकी है और सबसे ज्यादा रोजगार भी लड़कियों को ही दिए जाते हैं इसीलिए हमें चाहिए कि हम भी इस अभियान में जुड़े और सरकार की मदद करते हुए भ्रूण कन्या हत्या को रोके।

दोस्तों आज बेटी उसी तरह से जरूरी है, जितना कि बेटा जरूरी है और बेटी तो कहीं ज्यादा जरूरी है, अगर बेटी ही नहीं होगी तो मानव जाति का निर्माण ही नहीं हो पाएगा। इसीलिए आपको भी इसके प्रति जागरूक होना चाहिए और सरकार का सहयोग देना चाहिए।

अंतिम शब्द

आशा करते हैं आपको यह बेटी बचाओ पर निबंध (Beti Bachao Essay in Hindi) लेख पसंद आया होगा। अगर आपको इससे संबंधित कोई भी जानकारी चाहिए तो आप कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते हैं।

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Ripal
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