केतकी का फूल कैसा होता है?, सम्पूर्ण जानकारी
फुल तो आपने देश और दुनिया भर में अनेक तरह के देखे ही होंगे, जिसमें विशेष रुप से लाल, पीले या फिर गुलाबी रंग के फूल होते हैं। कई बार तो हमें नीले रंग और सुनहरे रंग के फूल देखने
फुल तो आपने देश और दुनिया भर में अनेक तरह के देखे ही होंगे, जिसमें विशेष रुप से लाल, पीले या फिर गुलाबी रंग के फूल होते हैं। कई बार तो हमें नीले रंग और सुनहरे रंग के फूल देखने
समाजशास्त्र वह विषय हैं, जो समाज के लोगों को संरचना प्रदान करता है तथा एक दूसरे को साथ में मिलकर जीवन यापन करने का ज्ञान देता है। पृथ्वी पर कोई भी मनुष्य अकेला अपना जीवन यापन नहीं कर सकता है।
समय-समय पर हिंदू धर्म पर अनेक तरह के प्रहार किए गए हैं। लेकिन वे हिंदू धर्म का कुछ भी नहीं बिगाड़ पाएं, क्योंकि समय समय पर हिंदू धर्म के लोगों ने, धर्मगुरुओं ने, जानकारों ने, विद्वानों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान
हिंदू धर्म के अंतर्गत अनेक तरह के पंथ आते हैं, इसके अलावा अनेक तरह के सुधार आंदोलन भी हो चुके हैं। इसी तरह का एक सुधार आंदोलन आर्य समाज नाम से हुआ है। बता दें कि हमारे सनातन धर्म का
भारतीय इतिहास में अकबर को एक महान राजा की उपाधि दी हुई है। अकबर मुगल साम्राज्य के तीसरे शासक था, जिसने लगभग 50 वर्षों तक सबसे ज्यादा भारत पर शासन किया था। अकबर ने अपने शासनकाल के दौरान अनेक तरह
इतिहास में अकबर को मुगल साम्राज्य का सबसे ताकतवर शासक माना गया है। इतिहासकार अकबर के बारे में लिखते हैं कि अकबर एक अत्यंत बुद्धिमान और चतुर शासक था, जिसने अपनी बुद्धिमता से बड़ी बड़ी लड़ाइयां जीत ली थी एवं
अकबर को मुगल साम्राज्य का सबसे ताकतवर शासक माना जाता है। क्योंकि अकबर अत्यंत चतुर एवं बुद्धिमान था, जो बिना हथियार उठाए ही बड़ी बड़ी लड़ाइयां जीत लेता था। क्योंकि वह बल की बजाय बुद्धि का प्रयोग करता था। अकबर
सिंधु घाटी सभ्यता एक अत्यंत प्राचीन और समृद्ध सभ्यता थी, जो अपनी संस्कृति और सभ्यता के लिए जानी जाती है। सिंधु घाटी सभ्यता के बारे में इतिहासकारों और शोधकर्ताओं ने अनेक तरह के चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। सिंधु घाटी
हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है। इस खेल को क्रिकेट मैच की तरह दो टीमों से खेला जाता है। दोनों टीमों में बराबर खिलाड़ी होते हैं। वर्तमान समय में हॉकी एक प्रसिद्ध खेल बन चुका है। लेकिन पहले इसे कोई
हर बार की तरह इस बार भी सिंदबाद जहाजी ने अपनी तीसरी यात्रा को सुनाने के लिए दरबार में सभी को बुला लिया और अपनी तीसरी जहाजी यात्रा के बारे में बताने लगा। सिंदबाद ने बताया कि अपनी दूसरी यात्रा