Arvind Singh Bhati Biography in Hindi: अरविंद सिंह भाटी का नाम इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी ज्यादा प्रचलित हो रहा है। क्योंकि इन दिनों अरविंद सिंह भाटी ने पश्चिम राजस्थान के सबसे बड़े विश्वविद्यालय जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर के अध्यक्ष पद पर अपनी दावेदारी पेश की थी और उन्होंने जीत हासिल कर ली है।
पिछले कुछ समय से अरविंद सिंह भाटी चुनाव प्रचार पर काफी ज्यादा ध्यान दे रहे थे। इस दौरान उन्होंने सोशल मीडिया का सहारा लिया। वर्तमान समय में हजारों की संख्या में सोशल मीडिया पर उनके प्रशंसक जुड़े हुए हैं।
अरविंद सिंह भाटी जैसलमेर जिला परिषद सदस्य का चुनाव भी लड़ चुके हैं। अरविंद सिंह भाटी की जेएनवीयू कॉलेज अध्यक्ष पद की जीत उनके पिछले कई वर्षों के संघर्ष की बदौलत ही हासिल हुई है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अरविंद सिंह भाटी जैसलमेर के रहने वाले हैं। लेकिन उन्होंने वर्ष 2013 में जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर में बी.कॉम की पढ़ाई करने के लिए एडमिशन लिया और अपने करियर की उच्च शिक्षा ग्रहण करनी शुरू की।
जेएनवीयू विश्वविद्यालय में अपनी पढ़ाई के दौरान उन्होंने छात्र हितों की रक्षा के लिए समय-समय पर संघर्ष किया, जिससे छात्रों के बीच उनका दबदबा लंबे समय से बना हुआ था। पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रविंद्र सिंह भाटी के नेतृत्व में अरविंद सिंह भाटी ने जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर के अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की।
इसीलिए इन दिनों रविंद्र सिंह भाटी की चर्चा सोशल मीडिया पर काफी प्रचलित हो रही है, जो लोग शिक्षा तथा कॉलेज प्रशासन से नहीं जुड़े हुए हैं, वह लोग भी अरविंद सिंह भाटी के प्रशंसक हैं। तो आइए उनके जीवन परिचय के बारे में आपको अवगत कराते हैं।
अरविंद सिंह भाटी का जीवन परिचय | Arvind Singh Bhati Biography in Hindi
अरविंद सिंह भाटी की जीवनी एक नजर में
नाम | अरविंद सिंह भाटी |
जन्म | 24 मई 1995 |
जन्म स्थान | जोधपुर, राजस्थान |
पिता का नाम | अजय पाल सिंह भाटी |
माता का नाम | सुख कंवर |
भाई का नाम | ईजि. राजेंद्र सिंह भाटी |
बहन का नाम | डॉ. प्रवीण भाटी |
जाति | भाटी (राजपूत) |
धर्म | हिंदू |
शिक्षा | BA LLB, MA |
चुनाव | कॉलेज अध्यक्ष पद, जिला परिषद पद |
पद | JNVU छात्रसंघ अध्यक्ष |
लोकप्रियता स्थान | जोधपुर, राजस्थान |
पार्टी | एसएफआई |
अरविंद सिंह भाटी का जन्म और परिवार
अरविंद सिंह भाटी का जन्म 24 मई 1995 को जोधपुर राजस्थान में भाटी राजपूत परिवार में हुआ। अरविंद सिंह भाटी अवाना गाँव पोकरण (जैसलमेर) के मूल निवासी है। उनका परिवार आज भी पोकरण तहसील के अवाय गांव में रहता है।
अरविंद सिंह भाटी को प्रारंभिक शिक्षा के लिए अपने मूल गांव अवाय में ही भर्ती करवाया, जहां पर उन्होंने पांचवी क्लास तक की पढ़ाई पूरी की। उसके बाद अरविंद सिंह भाटी को जोधपुर स्थित आदर्श विद्या मंदिर विद्यालय में छठी क्लास में भर्ती करवाया गया, जहां से उन्होंने नौवीं कक्षा तक की पढ़ाई पूरी की।
अरविंद सिंह भाटी ने दसवीं से लेकर 12वीं कक्षा की पढ़ाई जोधपुर चौपासनी स्थित एशियन स्कूल से पूर्ण की। उसके बाद उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने जोधपुर स्थित जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय में दाखिला लिया। आपको बता दें कि अरविंद सिंह भाटी के पिता का नाम अजय पाल सिंह भाटी तथा उनकी माता का नाम सुख कंवर है।
भाटी के पिता अजय पाल सिंह भाटी गांव के पूर्व सरपंच रह चुके हैं तथा वे एक व्यापारी हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अरविन्द सिंह भाटी की माता वर्तमान समय में अपने गांव अवाय ग्राम पंचायत की सरपंच है।
अरविंद सिंह भाटी के एक भाई इंजीनियर राजेंद्र सिंह भाटी है। राजेंद्र सिंह भाटी वर्तमान समय में कनाडा में अपने पद पर कार्यरत हैं। अरविंद सिंह भाटी की एक बहन है, जिन्होंने इसी जेएनवीयू कॉलेज से पीएचडी की डिग्री प्राप्त की है। अब वह डॉक्टर है, उनका नाम प्रवीण भाटी है।
अरविंद सिंह भाटी का परिवार काफी शिक्षित हैं। सभी परिवार के सदस्य अपनी रूचि के अनुसार शिक्षा ग्रहण करते हैं और चुनाव लड़ते हैं। उनके पिता गांव के सरपंच रह चुके हैं और वर्तमान समय में उनकी माता भी गांव की सरपंच है और अब वे राजस्थान के दूसरे सबसे बड़े विश्वविद्यालय के अध्यक्ष हैं।
अरविंद सिंह भाटी की उच्च शिक्षा एवं प्रारंभिक जीवन
अरविंद सिंह भाटी ने 12वीं कक्षा में जोधपुर स्थित एशियन स्कूल से टॉप करने के बाद अपनी उच्च शिक्षा हेतु राजस्थान की दूसरी सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी तथा पश्चिम राजस्थान की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय में वर्ष 2013 में दाखिला लिया।
यहां पर उन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई करनी शुरू की। अपनी पढ़ाई के दिनों में अरविंद सिंह भाटी विद्यार्थियों की काफी ज्यादा मदद किया करते थे। कॉलेज के दिनों में अरविंद सिंह भाटी जोधपुर स्थित हनुवंत राजपूत छात्रावास में रहते थे। अरविंद सिंह भाटी ने वर्ष 2014 में लॉ फैकल्टी से BA LLB की पढ़ाई हेतु एडमिशन लिया।
वर्ष 2014 के दौरान अरविंद सिंह भाटी भोम सिंह खारा से मिले। आपको बता दें कि भोम सिंह खारा 2014 में छात्रसंघ अध्यक्ष रह चुके हैं। भोम सिंह खारा का सड़क दुर्घटना में निधन हो चुका है। अरविंद सिंह पार्टी उनके दोस्त हुआ करते थे तथा उनके साथ ही उन्होंने कॉलेज स्तर की छात्र राजनीति शुरू की एवं समय-समय पर विद्यार्थियों की मदद करने लगे।
अरविंद सिंह भाटी आज भले ही जेएनयू के अध्यक्ष बन गए हैं। लेकिन उनके अध्यक्ष बनने के पीछे की संघर्ष की कहानी काफी लंबी है। क्योंकि वर्ष 2013 से लेकर आज तक वे लगातार कॉलेज में छात्र हितों के लिए संघर्ष करते आ रहे हैं। स्वर्गीय भोम सिंह खारा के साथ भी मिलकर उन्होंने छात्रों के यह संघर्ष किया था।
संघर्ष के मैदान में
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अरविंद सिंह भाटी के कॉलेज के तीन मित्र छात्रसंघ अध्यक्ष रह चुके हैं। स्वर्गीय भोम सिंह खारा वर्ष 2014 में जेएनवीयू छात्रसंघ अध्यक्ष थे। कुणाल सिंह भाटी वर्ष 2016 में जेएनवीयू छात्रसंघ अध्यक्ष थे तथा रविंद्र सिंह भाटी वर्ष 2019 से लेकर वर्ष 2022 तक जेएनवीयू छात्रसंघ अध्यक्ष रह चुके हैं।
वर्तमान समय में भी पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रविंद्र सिंह भाटी के नेतृत्व में ही अरविंद सिंह भाटी ने जेएनवीयू अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की है। इन दिनों चुनाव प्रचार के समय रविंद्र सिंह भाटी ने भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया तथा छात्र हितों के लिए उन्होंने बहुत कुछ किया है।
जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर में वर्ष 2019 को हुए छात्र संघ चुनाव में अरविंद सिंह भाटी के मित्र रविंद्र सिंह भाटी ने ऐतिहासिक जीत हासिल की थी। जिसके बाद उन्होंने छात्र हितों के लिए विभिन्न कार्य किए, विशेष रूप से रविंद्र सिंह भाटी लंबे समय तक सोशल मीडिया पर काफी ज्यादा चर्चित रहें।
कई बार उनको लोकल मीडिया और न्यूज़पेपर ने भी कवर किया था। क्योंकि उन्होंने छात्र हितों के लिए धरना प्रदर्शन किया, कॉलेज प्रशासन के कुलपति से संघर्ष किया तथा समय-समय पर आंदोलन किए थे। उनके इस कार्य में अरविंद सिंह भाटी भी शामिल थे।
राजनीति की शुरुआत
वर्ष 2020 में कोरोना के कारण संपूर्ण देश में लोक डाउन लग गया तथा शिक्षा के साथ ही छात्र संघ चुनाव भी टल गए। अरविंद सिंह भाटी अपने पैतृक गांव चले गए, जहां उन्होंने सामाजिक कार्य करना शुरू कर दिया। उन दिनों राजस्थान में ग्राम पंचायत के अंतर्गत सरपंच पदों पर चुनाव हो रहे थे।
अरविंद सिंह भाटी ने अपनी माता को सरपंच पद पर चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतारा, जहां उन्होंने जीत हासिल की। वर्तमान समय में अरविंद सिंह भाटी की माता सुख कंवर अपने पैतृक गांव अवाय ग्राम पंचायत की सरपंच है।
कोरोना काल में राजस्थान ग्राम पंचायत के अंतर्गत सरपंच पदों पर चुनाव संपन्न होने के बाद जिला परिषद चुनाव हो रहे थे। इन दिनों अरविंद सिंह भाटी को कांग्रेस पार्टी ने जैसलमेर जिला परिषद चुनाव के अंतर्गत जिले के सबसे बड़े वार्ड नंबर 17 से उम्मीदवार बनाया।
इस चुनाव के अंतर्गत अरविंद सिंह भाटी ने चुनाव प्रचार किया एवं बड़ी मात्रा में युवाओं को जागरूक किया। राजस्थान जिला परिषद चुनाव में अरविंद सिंह भाटी को मात्र 900 वोटों से हार का सामना करना पड़ा। लेकिन अब उनके अंदर चुनाव लड़ने का जुनून जग गया और वे लॉकडाउन खुलने के बाद जेएनवीयू लौट आए।
जेएनवीयू छात्र संघ चुनाव
जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर में वर्ष 2019 को हुए छात्र संघ चुनाव में रविंद्र सिंह भाटी के अध्यक्ष बनने के बाद कोरोना माहवारी के चलते 2 वर्ष तक चुनाव नहीं हुए। इसीलिए 2 वर्ष के लंबे अंतराल के बाद वर्ष 2022 में संपूर्ण राजस्थान में छात्र संघ चुनाव का बिगुल बजा तो अरविंद सिंह भाटी ने छात्रसंघ अध्यक्ष पद पर दावेदारी पेश करने लगे।
अरविंद सिंह भाटी बताते हैं कि उन्हें NSUI से दावेदारी पेश करने के बाद भी टिकट नहीं मिला, जिससे उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया। हालांकि बाद में SFI ने अरविंद सिंह भाटी को टिकट दे दिया। टिकट मिलने के बाद अरविंद सिंह भाटी ने अपनी पूरी ताकत के साथ छात्र संघ चुनाव के अंतर्गत अध्यक्ष पद के लिए छात्रों से वोट मांगने लगे।
अरविंद सिंह भाटी को चुनाव प्रचार प्रसार के दौरान जेएनवीयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रविंद्र सिंह पार्टी का साथ भी मिल चुका था। लेकिन उनके खिलाफ खड़े प्रत्याशियों में से हरेन्द्र चौधरी तथा मोती सिंह जोधा टक्कर दे रहे थे। बता दें कि हरेन्द्र चौधरी को वैभव गहलोत ने कांग्रेस के नेता एवं पार्षद की बैठक बुलाकर समर्थन दिया था। यानी कि हरेन्द्र चौधरी पर राजस्थान सरकार की प्रतिष्ठा लगी हुई थी।
वहीं दूसरी तरफ मोती सिंह जोधा भी बड़े पैमाने पर चुनाव प्रचार कर रहे थे। मोती सिंह जोधा से अरविंद सिंह को यह खतरा था कि उनकी वजह से समाज के वोट बढ़ जाएंगे। हालांकि बाद में उसे समाज द्वारा सहमत कराकर अरविंद सिंह भाटी के सपोर्ट में खड़ा कर दिया गया।
समाज की दखलंदाजी से मोती सिंह जोधा ने अरविंद सिंह भाटी को अपना समर्थन दे दिया। अब पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रविंद्र सिंह भाटी तथा छात्र प्रतिनिधि मोती सिंह दोनों ने मिलकर अरविंद सिंह को बड़े पैमाने पर सपोर्ट किया तथा जोर-जोर से प्रचार-प्रसार होने लगा।
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी बड़े-बड़े नेता, पार्षद, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत ने भी हरेन्द्र चौधरी को सपोर्ट किया। लेकिन यूनिवर्सिटी के अधिकांश छात्र छात्राओं ने राजस्थान सरकार की बजाय छात्र शक्ति को चुना। जिसकी वजह से अरविंद सिंह भाटी ने अध्यक्ष पद पर अपनी जीत हासिल कर ली। अरविंद सिंह भाटी ने जेएनयू के अध्यक्ष पद पर 905 वोटों से जीत हासिल की।
अरविंद सिंह भाटी सोशल मीडिया
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निष्कर्ष
इस बार राजस्थान छात्रसंघ चुनाव काफी ज्यादा प्रचलित रहे। इनमें से राजस्थान की दूसरी सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी और पश्चिम राजस्थान का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय जय नारायण विश्वविद्यालय जोधपुर के चुनाव भी सोशल मीडिया और लोकल मीडिया में सुर्खियां बटोर रहे थे। जेएनवीयू के अध्यक्ष पद पर अरविंद सिंह भाटी ने जीत हासिल की है।
आज के इस आर्टिकल में हम आपको पुरी जानकारी के साथ विस्तार से अरविंद सिंह भाटी का जीवन परिचय बताया है। हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए जरूरी उपयोगी साबित हुई होगी। अगर आपका इस आर्टिकल से संबंधित कोई भी प्रश्न है तो आप नीचे कमेंट करके पूछ सकते हैं। हम आपके द्वारा पूछे गए प्रश्न का उत्तर अवश्य देंगे।
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