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अंधविश्वास पर निबंध

Andhashraddha Essay In Hindi: आज की 21 वी सदी में भी देश के अनेक लोग अंधविश्वास पर यकीन करते हैं। ऐसे में लोग अक्सर बाबाओं, साधुओं, तांत्रिकों, के बहकावे में आकर अपनी इज्जत, धन, गवा बैठे हैं। हम यहां पर अंधविश्वास पर निबंध शेयर कर रहे है। इस निबंध में अंधविश्वास के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेअर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

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अंधविश्वास पर निबंध | Andhashraddha Essay In Hindi

अंधविश्वास पर निबंध (250 शब्द)

हमारे देश में अंधविश्वास एक अभिशाप है। अंधविश्वास के बारे में आप क्या सोचते हैं? सबसे पहले यह जानना बहुत जरूरी है, अंधविश्वास वास्तव में क्या है? अंधविश्वास का मतलब है किसी चीज पर बिना सोचे, समझे विश्वास करना। चाहे वह कोई ईश्वर हो या मनुष्य हमारे अंधविश्वास का प्रमुख कारण है। डर, मृत्यु का भय, परीक्षा में उत्तीर्ण होने का भय, नौकरी ना मिलने का भय, इत्यादि ऐसे और भी बहुत से उदाहरण है, जिनके डर के कारण हम अंधविश्वास पर विश्वास करने लगते हैं।

लोग अपने डर को दूर करने के लिए अंधविश्वास का सहारा लेते हैं। देश में सबसे ज्यादा अंधविश्वास भारत में किया जाता है क्योंकि यहां पर लोगों के मन में भगवान के प्रति बहुत श्रद्धा है। इसीलिए लोग इस चीज का फायदा उठाते हैं और कहते हैं कि भगवान की आज्ञा का पालन करो। विश्वास करना गलत नहीं है, लेकिन अत्यधिक विश्वास करना बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है।

कहते हैं इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं होता। लेकिन जो पाखंडी लोग होते हैं, वही इस अंधविश्वास का फायदा उठाते हैं। जो लोग भगवान के नाम पर ऐसे बुरे काम करते हैं, उनके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता। स्कूल, कॉलेज, जाने वाले बच्चे भी किसी के द्वारा दी गई रस्सी को बांधकर परीक्षा में सफलता का सपना देख रहे हैं। मगर ऐसे कई उपाय हैं जिनकी मदद से हम अंधविश्वास को हरा सकते हैं।

अगर हमने खुद पर विश्वास करना सीख लिया तो अपने डर को दूर कर सकते हैं। अगर हमने अपने डर को कंट्रोल करना सीख लिया तो हम अंधविश्वास से हमेशा के लिए दूर हो जाएंगे। इसमें ज्यादा समय नहीं लगेगा। इससे मानव का कल्याण भी होगा और हमारा भारत आगे बढ़ेगा।

अंधविश्वास पर निबंध (800 शब्द)

प्रस्तावना

हमारा भारत देश 21वीं सदी में जीने के बाद भी अंधविश्वास पर विश्वास करते हैं। आज भी अंधविश्वास को हमारे समाज में अनेक लोग मानते हैं। बिल्ली द्वारा रास्ता काटने पर रुक जाना, झीकने पर काम ना करना, उल्लू का घर की छत पर बैठने को अशुभ मानना, बाई आंख फड़कने पर अशुभ समझना और भी अनेक ऐसी ही घटनाएं आज भी हमारे बीच मौजूद हैं। अधिकतर स्त्रियां पुत्र संतान पाने के लिए बाबाओं के चक्कर लगाती हैं। ऐसे में बाबा साधु भोली भाली महिलाओं से मोटी रकम वसूलते हैं। इसीलिए कभी भी ऐसे पाखंडी लोगों के बहकावे में नहीं आना चाहिए।

कौन से कामों के लिए वसूली जाती है, मोटी रकम;-

  • मनचाहा प्यार पाना
  • मनचाही शादी
  • पारिवारिक क्लेश झगड़ा खत्म करने के लिए
  • पुत्र लड़का प्राप्ति के लिए
  • मनचाही नौकरी पाने के लिए
  • दुश्मन का नाश करने के लिए
  • नौकरी में ट्रांसफर प्रमोशन के लिए
  • संतान पैदा करवाने के लिए या बांझपन खत्म करने के लिए
  • मुकदमे का निपटारा करने के लिए
  • विदेश में नौकरी पाने के लिए
  • बीमारी ठीक करने के लिए
  • दुख कष्ट दूर करने के लिए
  • धन पाने के लिए
  • अमीर बनने के लिए
  • वशीकरण करने के लिए

अंधविश्वास की बढ़ती घटनाएं

देश में आए दिन कोई न कोई अंधविश्वास की घटना सुनने को मिलती ही रहती है। आइए कुछ घटनाओं के बारे में आपको विस्तार से बताते हैं।

  • 2017 में उत्तर भारत के अनेक राज्यों में महिलाओं की चोटी कटने की खबरें सामने आई थी। ऐसा कहा जा रहा था, कि महिलाएं इसे किसी शैतान भूत प्रेत का काम बता रही थी। जबकि डॉक्टर ने इसे मनोवैज्ञानिक बाधा बताई जिसमें महिलाएं खुद ही अपनी चोटी काटने का काम कर रही थी।
  • जनवरी 2018 में तेलंगाना, हैदराबाद में एक व्यक्ति ने तांत्रिक के कहने पर चंद्र ग्रहण के दिन अपनी ही पत्नी की लंबी बीमारी को ठीक करने के लिए अपने बच्चे को छत से फेक कर उसकी बलि दे दी थी।
  • जुलाई 2018 में दिल्ली की एक वारदात और सामने आई थी, जिसमें बुराड़ी इलाके में 11 लोग मोक्ष पाने के लिए फांसी के फंदे से लटक कर मर गए। इस घटना ने पूरे देश को चौंका दिया। इससे पता चलता है कि हमारे देश में अंधविश्वास की जड़ें कितनी मजबूत है।
  • 2018 में ही हरियाणा में भी एक वारदात सामने आई थी। जिसमें जलेबी बाबा नामक बाबा को गिरफ्तार किया गया। जिसमें तंत्र-मंत्र के नाम पर 90 से अधिक लड़कियों के साथ चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर दुष्कर्म किया था और 120 से अधिक अश्लील फिल्में बनाई थी।

अंधविश्वास के कारण

हमारे देश में आए दिन अंधविश्वास की घटनाएं बढ़ती ही जा रही हैं। आखिरकार इसके पीछे क्या कारण हैं? हर व्यक्ति के जीवन में किसी ना किसी समस्या से वह जूझता रहता है। ऐसे में जब भी परेशान लोगों को कोई उपाय का लालच देता है तो लोग ऐसे लोगों के चक्कर में आ जाते हैं।

मान लो किसी को नौकरी नहीं मिल रही है, तो किसी के संतान नहीं हो रही है, किसी को पुत्र नहीं हो रहा है, किसी का बिजनेस नहीं चल रहा है। रोजमर्रा की ऐसी तमाम सी घटनाएं हमारे सामने आती ही रहती हैं। जिन को हल करने के लिए लोग साधु, तांत्रिक, बाबा, पाखंडीओं के जाल में फंस जाते हैं। अंधविश्वास का शिकार अनपढ़ और पढ़े-लिखे दोनों वर्ग के लोग होते हैं।

अंधविश्वास के नुकसान

देखा जाए तो अंधविश्वास से होने वाले नुकसान से लोगों के जीवन पर बहुत ही अधिक प्रभाव पड़ता है। हम ऐसे लोगों के जाल में पड़कर अपना धन और समय दोनों ही नष्ट करते हैं। कई बार तो तांत्रिकों के जादू टोने व्यक्तियों की जान तक ले लेते हैं। इसमें बच्चों की बलि दे दी जाती है। इतना ही नहीं औरतों की इज्जत से खिलवाड़ भी किया जाता है। अंधविश्वास से किसी भी तरह का कोई फायदा नहीं होता सिर्फ नुकसान ही नुकसान होता है।

अंधविश्वास को रोकने के लिए कानून

इन्हें रोकने के लिए कई तरह के कानून बनाए गए हैं, लेकिन फिर भी अंधविश्वास की घटनाएं दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही हैं। ऐसा ही एक कानून कर्नाटक सरकार ने 2017 में पारित किया था।  इस कानून के अनुसार ऐसे तंत्र मंत्र जिसे इंसान की जान को खतरा हो, तो अपराध माना गया है।

इसी तरह नरबलि पर पूर्ण प्रतिबंध है। तंत्र मंत्र द्वारा प्रेत या आत्मा को बुलाने पर रोक लगाई गई है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51 A के अनुसार यह प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह वैज्ञानिकता और मानवतावाद की भावना को बढ़ावा दें।

अंधविश्वास को कैसे रोकें

अंधविश्वास को रोकने का सबसे सरल उपाय यही है कि अगर आपको ऐसी कोई भी खबर या सूचना मिलती है, तो तुरंत आप पुलिस को सूचित कीजिए। हमें समाज में स्कूल, कॉलेज में जागरूकता फैलानी चाहिए कि किसी भी तरह के अंधविश्वास में ना पड़े।

आजकल के लोग बेटे के चक्कर में बेटियां पैदा नहीं करते हैं। मान लीजिए अगर बेटी ही पैदा नहीं होगी तो वह बेटों की शादी किससे करेंगे। आज समाज में सब कोई बेटा ही चाहता है। मगर सब यह भूल जाते हैं कि बेटों को जन्म देने वाली भी एक स्त्री ही होती है।

निष्कर्ष

अगर हमारे समाज को या हमारे देश को अंधविश्वास से मुक्ति पानी है, तो सबसे पहले हमें खुद में सुधार लाना होगा। तभी हम समाज को जागरूक कर सकेंगे। हर किसी के जीवन में कोई ना कोई समस्या है, पर इसका मतलब यह नहीं होता कि हम उसे हल करने के लिए किसी पाखंडी बाबा, साधु, तांत्रिक, के झांसे में आ जाएं। हर नागरिक का कर्तव्य होना चाहिए कि, जहां कहीं भी ऐसे पाखंडी लोग धन के लालच में जो गैर कानूनी काम कर रहे हैं उनकी जानकारी तुरंत पुलिस को दें।

अंतिम शब्द

आज के आर्टिकल में हमने अंधविश्वास पर निबंध ( Andhashraddha Essay In Hindi)  के बारे में बात की है। मुझे पूरी उम्मीद है की हमारे द्वारा लिखा गया यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। यदि किसी व्यक्ति को इस आर्टिकल में कोई शंका है। तो वह हमें कमेंट में पूछ सकता है।

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Ripal
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