आप देश के लिए मरते नहीं है, आप देश के लिए जीते है, आप देश के लिए देशद्रोहियों को मारते हैं। आपको कई नामों से पहचाना जाता है। जैसे इंडियन शेर, जेम्स बॉन्ड आपके नाम से पाकिस्तान थरथर कापता हैं। आपकी कूटनीति, राजनीति का लोहा पूरा संसार मानता है।
आपके बारे में कहा जाता है आप जब मौन रहते हो, दुश्मन के सर से पसीना टपकने लगता है। जब आप बोलते हो, आप के बयानों पर शोध होता है। सही मायने से आप सर्वोच्च राष्ट्रीय प्रहरी है।
इस लेख में हम अजीत डोभाल के जीवन परिचय से जुड़ी जानकारी जैसे अजीत डोभाल कौन है?, उनकी शिक्षा, करियर, इनके द्वारा किये गये कार्य, प्राप्त सम्मान, अजीत डोभाल की वर्तमान स्थिति क्या है? आदि के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।
अजीत डोभाल का जीवन परिचय (जन्म, शिक्षा, परिवार, करियर, सम्मान, फिल्म, वर्तमान स्थिति)
अजीत डोभाल की जीवनी संक्षिप्त में
नाम | अजीत डोभाल |
जन्म और जन्मस्थान | 20 जनवरी 1945, पौड़ी, गढ़वाल (उत्तराखंड) |
उम्र | 78 वर्ष |
पिता | गुणानाद डोभाल |
माता | |
पत्नी | अनु डोभाल |
जाति | गढ़वाल, ब्राम्हण |
धर्म | हिन्दू |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
रहवासी | अजमेर, राजस्थान |
अजीत डोभाल कौन है?
अजीत डोभाल भारत के प्रधानमंत्री के विशेष सलाहकार माने जाते हैं और इनकी इस पद के लिए नियुक्ति इनके कई देश हित कार्यों को देखते हुए की गई थी। अजीत डोभाल के करियर की शुरुआत सबसे पहले एक आईपीएस के रूप में हुई थी।
आईपीएस के पद पर कार्यरत रहते हुए अजीत डोभाल ने कई कार्य किए और देश को भ्रष्टाचार से दूर किया। अजीत डोभाल ने अपने आईपीएस के पद पर कार्य करते हुए लोगों को उचित राह दिखाई और अपने क्षेत्र के व्यवस्थाओं पर विशेष ध्यान दिया।
अपने इस पद पर कार्यरत रहते हुए उन्होंने अनेकों देश हित के लिए कार्य किए और अपनी सेवा आईपीएस के रूप में प्रदान करते हुए इन्होंने देश हित के लिए इंटेलिजेंस ब्यूरो में चीफ के पद पर कार्यरत हुए और यहां पर इन्होंने अपनी अध्यक्षता में अनेकों कार्य किए।
इस पद पर कार्यरत रहते हुए अजीत डोभाल ने मिजोरम, पंजाब और जम्मू कश्मीर के उग्रवादियों और विरोधियों को जमकर सबक सिखाया। इन सभी पदों से इस्तीफा देने के बाद अजीत डोभाल को प्रधानमंत्री के विशेष सलाहकार के रूप में चयनित किया गया।
अजीत डोभाल भारत के प्रधानमंत्री को देश को सुधारने के लिए अनेकों सलाह देते हैं। इतना ही नहीं इन के ज्यादातर सवालों को माना जाता है और उन पर अमल भी किया जाता है, क्योंकि इनका क्षेत्र में यह तजुर्बा अब तक गलत साबित नहीं हुआ है और इसीलिए इन्हें देश का सुपुत्र कहा जाता है।
अजीत डोभाल का जन्म
अजीत डोभाल का जन्म भारत के सबसे पवित्र एवं देवभूमि उत्तराखंड के पौड़ी के गढ़वाल परिवार में 22 फरवरी 1945 को हुआ था। देवभूमि उत्तराखंड से बिलॉन्ग करने के कारण अजीत डोभाल ने अपने जीवन में हमेशा से देश हित की भावना रखते थे।
अपने बचपन के सपने को पूरा करने के लिए अजीत डोभाल ने अपनी शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया और आईपीएस बनने के लिए पढ़ाई करने लगे।
अजीत डोभाल की पारिवारिक स्थिति
इनके पिता का नाम गुणानाद डोभाल और पत्नी का नाम अनु डोभाल है। इनके दो बच्चे हैं, विवेक डोभाल और शौर्य डोभाल।
अजीत डोभाल की शिक्षा
अजीत डोभाल ने अपनी शुरुआती शिक्षा को मिलिट्री स्कूल अजमेर से प्राप्त की और इसके बाद आगरा चले गए। आगरा विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र से m.a. की डिग्री प्राप्त की।
इन्होंने आईपीएस का पद प्राप्त करने के विषय में बचपन से ही सोच रखा था और इसी कारणों की वजह से इन्होंने वर्ष 1968 में आईपीएस के पद को प्राप्त कर लिया।
अजीत डोभाल का करियर
1968 में बेस्ट केरल कैडर से आईपीएस के लिए चयनित हुए थे। 2005 मे इंटेलिजेंस ब्यूरो चीफ के पद से रिटायर हुए। वहां सक्रिय रूप से मिजोरम, पंजाब और कश्मीर में उग्रवाद विरोधी अभियानों में सफल रहे और कामयाब रहे।
अजीत डोभाल की वर्तमान स्थिति
वर्तमान समय में अजीत डोभाल राष्ट्रीय सलाहकार के पद पर कार्य कर रहे हैं और इन्हें इस पद पर 30 मई 2014 को नियुक्त किया गया था। वर्तमान समय में अजीत डोभाल प्रधानमंत्री के विशेष सलाहकार के लिए भी जाने जाते हैं और यह अपने इस पद पर रहते हुए भारत और चीन के मध्य चल रहे इस विवाद के मामले को बड़ी ही आसानी से सुलझाया है।
देश के लिए योगदान
अजीत डोभाल ने देश हित के लिए अपना योगदान दिया। आइए अब हम सभी लोग अजीत डोभाल के द्वारा देश के लिए दिए गए योगदान के विषय में जानकारी प्राप्त करते हैं।
- ऑपरेशन ब्लैक थंडर
यह देश के लिए अपना योगदान देने में हमेशा अग्रणी रहते है। देश जब जब संकट में आता है, तब तब संकट मोचन बन कर देश को संकट से उभरते हैं। 1989 में चरमपंथीयो ने स्वर्ण मंदिर में घुसने की हिमायत की थी, तब इन्होंने ऑपरेशन Black Thunder का नेतृत्व किया।
ये दुश्मनों के हितैषी बनकर अंदर दुश्मनों से जा मिले। वहां से इन्होंने नक्शे, हथियार और आतंकवादियों की सारी जानकारी लेकर खुफिया विभाग को दे दी। इसके बाद ऑपरेशन ब्लैक थंडर को सफलतापूर्वक संपन्न किया।
- पृथकतावादियों का सफाया
1980 के दशक में डोभाल की वजह से ही भारतीय खुफिया एजेंसी ने प्रथकतावादियों के शीर्ष नेतृत्व को तबाह करने में सफल रहे। इसका परिणाम सामने आया चार बागी नेताओं ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के सामने हथियार और घुटने दोनों टेक दिए।
- कंधार विमान अपहरण मामला
कंधार विमान अपहरण मामले में Masood अंसारी को छुड़वाने के साथ-साथ 36 आतंकवादी की रिहाई और 200 करोड़ की फिरौती की डिमांड रखी थी। तब अजीत डोभाल ने इसका जोरदार विरोध किया। 36 के बदले 3 आतंकवादी रिहा किए गए। यह कारनामा मास्टरमाइंड सिर्फ अजीत डोभाल ही कर सकते थे।
- सैनिकों के मौत का बदला
4 जून 2015 को मणिपुर के चंदेल में घात लगाकर 18 भारतीय सैनिक को धोखे से मार दिया था। तब भारतीय सैनिकों की शहादत का बदला लेने के लिए मास्टर माइंड अजीत डोभाल ने बड़ा गेम खेला। रणनीति के तहत 2015 में 70 भारतीय सैनिक कमांडो की टुकड़ी म्यांमार के जंगलों में पहुंची।
यह विशेष ऑपरेशन लगातार 40 मिनट तक चला, जिसमें 38 आतंकवादी मारे गए, 7 आतंकवादी घायल होकर जान बचाकर भाग गए। 18 सितंबर 2016 को जम्मू कश्मीर के उरी सेक्टर में एलओसी के पास स्थित भारतीय सेना के स्थानीय मुख्यालय पर एक आतंकवादी हमला हुआ।
उस समय भारतीय सैनिक गहरी नींद में सो रहे थे तभी पाकिस्तानी समर्थक आतंकवादियों ने हमला कर दिया। इस कायरता पूर्वक हमले में 16 भारतीय जवान शहीद हो गए। हालाँकि इस संघर्ष में चार आतंकवादी भी मारे गए थे, फिर भी बदला अधूरा था।
अजीत डोभाल कहाँ चैन से बैठने वाले थे। हमले के महज 10 दिन बाद ही भारतीय सेना ने मास्टरमाइंड अजीत डोभाल के नेतृत्व में 28-29 सितंबर की आधी रात को पाकिस्तान के अंदर घुस कर आतंकवादियों और आतंकवादियों के ठिकानों को तहस-नहस कर डाला।
- जैस ए–मोहम्मद का खात्मा
14 फरवरी 2019 को जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरक्षाकर्मियों को ले जाने वाले एक वाहन पर पाकिस्तान समर्थक आतंकवादियों ने आत्मघाती हमला कर दिया था, जिसमें 46 केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल सीआरपीएफ के जवान शहीद हो गए थे।
इस आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी समूहों के जैश ए-मोहम्मद ने ली थी, तब अजीत डोभाल ने एक बार फिर से आतंकवादियों को तबाह करने का प्लान बनाया।
26 फरवरी 2019 को भारतीय वायुसेना ने 12 मिराज, 2000 जेट्स ने नियंत्रण रेखा को पार की और बालाकोट में जैश ए-मोहम्मद द्वारा संचालित आतंकवादी शिविर पर हमला किया। भारतीय मीडिया के आंकड़ों के अनुसार इस आतंकवादी कार्यवाही में 200 से 300 आतंकवादी मारे गए थे।
किस्मत कनेक्शन
कहते हैं जो निस्वार्थ सेवा देश की करते हैं, ईश्वर उनके साथ हमेशा रहते हैं। ऐसा ही एक किस्सा अजीत डोभाल की आत्मकथा पढ़ने पर पता चलता है। जब वो जासूस बनकर पाकिस्तान में रहा करते थे, इन 7 सालों ने उन्हें किसी ने नहीं पहचाना। वह एक बार एक मजार के पास से गुजरे। एक फकीर ने उन्हें आवाज लगाई।
डोभाल जब फकीर के पास गए, फकीर उन्हें एक कमरे में ले गया और कहा आप हिंदू हो। उस समय अजीत डोभाल बहुत बड़ी समस्या में फंस चुके थे। अजीत डोभाल ने कहा “हां मैं हिंदू हूं। आप बताइए आपने मुझे किस तरह पहचाना।”
फकीर ने कहा आपके कान छीदे हुए है। मुसलमान कान नहीं छीदवाते हैं। फकीर ने बाद में उन्हें यह कहकर छोड़ दिया कि मेरी तीसरी पीढ़ी भी कभी हिंदू हुआ करती थी। इसे कहते हैं किस्मत कनेक्शन नसीब का साथ देना।
अजीत डोभाल का सम्मान
1968 बैच के आईपीएस अधिकारी अजीत डोभाल आईपीएस अधिकारी के रूप में कई साहसिक कारनामों को अंजाम दे चुके थे, जिन्हें सेना में दिए जाने वाले सबसे बड़े वा दूसरे सम्मान कीर्ति चक्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया। ये इस सम्मान को पाने वाले पहले पुलिस अधिकारी रहे।
अजीत डोभाल के बारे में रोचक तथ्य
- ये देश के पांचवे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में नियुक्त किऐ गए।
- वरिष्ठ पत्रकार लेखक मनजीत नेगी ने उनके जीवन पर एक पुस्तक भी लिखी है। “hil Warriors” जिसमें उनका संपूर्ण जीवन चरित्र और उनके रोमांचक किस्से हैं।
- अजीत डोभाल खुलेआम पाकिस्तान को धमकी देते हैं।
- अजीत डोभाल खतरनाक कारनामों को अंजाम देने के लिए प्रसिद्ध है। जो देश का दुश्मन है, वह उनका व्यक्तिगत दुश्मन भी है। शत्रुओं को सीधा और साफ संदेश देते हैं। 1 के बदले 10, दुश्मन उनके शब्दों समझ जाता है।
- जासूस बनना उनकी पहली पसंद थी, इस काम के लिए उन्हें एक अलग ही आनंद मिलता था।
- घर परिवार सब कुछ छोड़ कर अजीत डोभाल 7 साल तक पाकिस्तान में रहे। भारतीय सेना को पाकिस्तान सेना की कई खुफिया जानकारियां उपलब्ध कराई।
- वर्तमान में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के पद पर नियुक्त होने के बाद बड़े से बड़े मंत्री भी उनके सामने बोलने की हिमाकत नहीं करते।
- धारा 370 वाले मुद्दे को सफलतापूर्वक अंजाम देने में अजीत डोभाल की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
अजीत डोभाल के जीवन पर फिल्में
हिंदुस्तान में जितनी भी जासूस पर आधारित फिल्में बनी है, उन सभी के रियल हीरो अजीत डोभाल ही रहे है। अनिल शर्मा द्वारा निर्देशित रियल हीरो लव स्टोरी उन्हीं के जीवन पर आधारित है।
अक्षय कुमार अभिनय द्वारा निर्मित बेबी फिल्म भी अजीत डोभाल पर आधारित है, जिसमें उनका कैरेक्टर अक्षय कुमार ने निभाया है।
FAQ
अजीत डोभाल के पिता का नाम गुड़ानाद डोभाल है और उनकी माता के विषय में अब तक कोई जानकारी प्राप्त नहीं है।
अजीत डोभाल ने भारत के लिए अपनी जान की बाजी लगाकर लगभग 7 सालों तक पाकिस्तानी आर्मी में शामिल रहे और वहां की सारी जानकारियां भारत पहुंचाते रहे। अजीत डोभाल पाकिस्तान के आर्मी में मात्र इन्हीं 7 सालों में मार्शल की पोस्ट तक जा पहुंचे थे।
अजीत डोभाल का जन्म 22 फरवरी 1945 में हुआ था।
अजीत डोभाल की पत्नी का नाम अनु डोभाल है और उनके बच्चों के नाम विवेक डोभाल और शौर्य डोभाल है।
78 वर्ष
निष्कर्ष
अजीत डोभाल के बारें में जितना लिखे उतना कम है। उन्होंने देश के लिए जितना किया है, ऐसा करने के लिए बहुत हिम्मत चाहिए होती है।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको यह अजित डोभाल बायोग्राफी अच्छी लगी होगी, इसे आगे शेयर जरूर करें। यदि आपका इस लेख से जुड़ा कोई सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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