इस लेख में एक ऐसे व्यक्ति की बात करने जा रहे है, जिनकी आवाज़ को भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने काफी पसंद किया है। न सिर्फ भारत में बल्कि ब्रिटेन की भारतीय दूतावास में भी उनकी आवाज गुंज चुकी है।
इस व्यक्ति का नाम है हाजी जफ़र खान सिन्धी। उनकी आवाज काफी ज्यादा मधुर और सुरीली होने के कारण बड़े-बड़े कार्यक्रमों में उनकी आवाज़ को स्थान दिया जाता है। इनकी आवाज के कारण राजस्थान में जफ़र खान सिन्धी के काफी ज्यादा फैन फॉलोअर्स भी है।
अपने करियर की शुरुआत में उन्होंने काफी संघर्ष का सामना किया है। इस आर्टिकल में हम आकाशवाणी के जोधपुर केंद्र के वरिष्ठ उद्घोषक हाजी जफ़र खान सिन्धी का जीवन परिचय, उनका जन्म, परिवार, पढाई और करियर के बारे में आपको संपूर्ण माहिती प्रदान करेंगे।
जफ़र खान सिन्धी का जीवन परिचय (Zafar Khan Sindhi Biography In Hindi)
नाम | जफ़र खान सिन्धी |
जन्म और जन्मस्थान | 4 दिसंबर, जोधपुर (राजस्थान) |
पेशा | एंकर |
स्कूल/कॉलेज | महेश स्कूल (जोधपुर), उस्मानिया यूनिवर्सिटी (हैदराबाद) |
शिक्षा | M.A (हिंदी, हीस्ट्री और सोशलॉजी) |
निधन | 2 अप्रैल 2023, रविवार |
जफ़र खान सिन्धी का जन्म और परिवार
जफ़र खान का जन्म 4 दिसंबर को जोधपुर, राजस्थान, भारत में हुआ था। उनका पूरा बचपन जोधपुर में बीता है। बचपन से ही उन्हें कला और संस्कृति की तरफ काफी लगाव था।
एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि उनके दादा, परदादा सभी सरकारी कर्मचारी थे। उनके घर के किसी भी सदस्य को कला के प्रति कोई भी रुझान नहीं था।
साल 1992 में उनके पिता का निधन हो गया था। वर्तमान समय में जफ़र खान के परिवार में उनकी माता और पत्नी है। इनके 2 पुत्र है। बड़ा पुत्र इंजीनियरिंग कर रहा है और छोटा पुत्र MCA कर रहा है।
जफ़र खान सिन्धी की पढाई
जफ़र खान सिन्धी ने अपनी शुरूआती पढ़ाई महेश स्कूल, जोधपुर से पूरी की। उसके बाद उन्होंने कॉलेज की पढ़ाई के लिए उस्मानिया यूनिवर्सिटी हैदराबाद में दाखिला लिया, जहां उन्होंने हिंदी, हीस्ट्री और सोशलॉजी सब्जेक्ट में M.A की डिग्री हांसिल की।
जफ़र खान सिन्धी का करियर
जफ़र खान ने बचपन से ही अपने आप को एंकर के रूप में ही देखना शुरू किया था। उन्होंने पहली बार स्टेज पर माइक का सामना अपने स्कूल के समय में ही कर लिया था।
एक बार स्कूल में अतिथि के रूप में जस्टिस लोढ़ा साहब को बुलाया गया था। उस समय जफर खान सिंधी से जस्टिस लोढ़ा साहब के लिए आभारज्ञापन के लिए कहा गया, तब पहली बार लोगों ने उनकी आवाज़ सुनी।
जफर खान सिंधी की आवाज सुकर उनके दोस्त मंत्रमुग्ध हो गए और उन्हें मुंबई जाकर आगे करियर बनाने की सलाह देने लगे। उस्मानिया यूनिवर्सिटी हैदराबाद में पढ़ाई के दौरान इन्होंने कई कार्यक्रमों में भाग लिया और मंच पर बिना किसी रूकावट के अच्छे तरीके से बोल देते थे।
अपने सफर की शुरुआत में उन्होंने ना दिन देखा ना रात। जफ़र खान सिन्धी राजस्थान से मुंबई भीलड़ी एक्सप्रेस के द्वारा जाया आया करते थे। ट्रेन समय पर नहीं मिलने के कारण वो कई बार रेलवे स्टेशन पर अखबार बिछाकर सोया भी करते थे।
पढ़ाई के बाद इन्होंने पत्रकारिता ज्वाइन की और कई वर्षों तक इन्होंने पत्रकारिता में काम किया। पत्रकारिता में भी इन्होंने कला और संस्कृति को चुना।
शुरुआत में उन्होंने राजस्थानी कला और संस्कृति को प्रदर्शित करने वाले काफी सारे राजस्थानी कार्यक्रम किये। जिसका फायदा यह हुआ कि उन्हें राजस्थानी भाषा से लगाव हो गया।
उनकी आवाज दमदार होने की वजह से उन्होंने आकाशवाणी में रेडियो भर्ती के दौरान अपनी आवाज़ का टेस्ट दिया। वॉइस टेस्ट में इनका चुनाव हो गया और जफ़र खान आकाशवाणी मे पहुंच गए।
जफर खान सिंधी 1986 से एंकरिंग कर रहे थे और वर्तमान में आकाशवाणी में सीनियर एंकर रह चुके हैं। उन्होंने आकाशवाणी को ही अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था।
जफ़र खान सिन्धी की उपलब्धियां
- जफर खान सिंधी को राजस्थान राज्य सरकार द्वारा स्टेट लेवल पर “मारवाड़ रतन, राजस्थान गौरव” ख़िताब से सम्मानित किया जा चुका है।
- ब्रिटेन में भारत की वर्तमान छवि के ऊपर एक शॉर्ट मूवी बनाई गई, जिसमें जफर खान सिन्धी की आवाज को वॉइस ओवर दिया गया था।
- बाड़मेर में रिफाइनरी में भी एक शॉर्ट मूवी बनाई गई, जिसमें जफर खान सिद्दी की आवाज को वॉइस ओवर दिया गया था।
जफ़र खान सिन्धी का निधन
जफ़र खान सिन्धी का 2 अप्रैल 2023 को निधन हो गया है। इनके निधन पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ कई लोगों ने श्रद्धांजलि दी है।
निष्कर्ष
इस लेख में जफ़र खान सिन्धी का जीवन परिचय (Zafar Khan Sindhi Biography In Hindi) के बारे में विस्तार से बताया है।
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