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तोता मैना की कहानी

नमस्कार दोस्तों, आपको इस कहानी के माध्यम से तोता और मैना की कहानी के विषय मे बताएंगे कि कैसे तोता मैना की दोस्ती होती है और कैसे तोता मैना की तबीयत खराब होते देख चिंतित हो जाता है। आप इस कहानी को अंत तक जरूर पढ़िएगा।

प्राचीन समय पर एक बहुत ही भयानक जंगल था। उसी जंगल में बहुत से भयानक जानवर भी रहा करते थे, जो अपना पेट पालने के लिए किसी भी जानवर को मार कर खा जाया करते थे। इसी जंगल के एक पेड़ पर एक तोता और एक मैंना रहा करते थे। तोता बहुत ही आलसी किस्म का था, जो दिन भर पेड़ में ही पड़ा रहता था और उसी पेड़ में एक मैना भी रहती थी, जो तोते का उल्टा थी।

मैना को आलसी बिल्कुल पसंद नहीं थे। मैना बहुत ही मेहनती थी। एक ही पेड़ में रहने के कारण तोता और मैना के बीच आपस में बहुत लड़ाई हुआ करती थी। जिसके कारण वो दोनो एक दूसरे से नफरत करते थे। कई दिनों तक दोनों मे बातचीत तक नहीं हुई। लेकिन धीरे-धीरे समय बीतता गया और दोनों के बीच में बोलचाल शुरू हो गई। देखते ही देखते तोता और मैना के बीच गहरी मित्रता हो गई थी।

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कुछ समय में वह एक दूसरे से इतना घुल मिल गए कि वह एक दूसरे को प्रेम भी करने लगे थे, जो एक दूसरे के बिना एक पल भी रह नहीं पाते थे। समय के साथ-साथ तोता और मैना खुशी-खुशी अपना जीवन व्यतीत कर रहे थे। लेकिन दोनों ये खुशी मौसम को मंजूर नहीं थी। तभी जब सर्दियों का मौसम आया और ठंड पड़ना शुरू हो गई। देखते ही देखते कुछ ही समय में वहां पर ठंड का प्रकोप अचानक से बढ़ गया।

Tota Maina Ki Kahani

जिसके कारण कुछ ही दिनों में मैना की तबीयत खराब होने लगी। यह देखकर तोता बहुत चिंता में पड़ गया और उसने मैना से कहा कि चलो हम लोग कहीं दूर चले चलते हैं, जहां पर मौसम सही होगा और वहां पर हम लोग अपने लिए कुछ खाने के लिए भी ढूंढ लेंगे, वहीँ पर अपना नया घर बनायेंगे। यहां पर अब ज्यादा ठंड पड़ने के कारण खाने के लिए भी फल नहीं मिलेंगे।

अगर हम यहां पर ज्यादा दिन तक रहेंगे तो हम जिंदा नहीं बचेंगे। जिसके लिए हमें यहां से जाना ही पड़ेगा। लेकिन मैना की ज्यादा तबियत बिगड़ जाने के कारण वह तोता के साथ जाने से मना कर देती है। जिसके बाद तोता मैना से कहता है ठीक है जब तक तुम ठीक नहीं हो जाती हो, हम यही पर रहेंगे। लेकिन हमको यहां पर खाने के लिए कुछ नहीं मिलेगा, जिसके लिए मुझे ही अकेले जाना पड़ेगा और कुछ खाने पीने के लिए फल की व्यवस्था करनी पड़ेगी।

जिसके बाद मैना तोता को जाने का आदेश देती है। मैना की बात सुनकर तुरंत उड़ कर चला जाता है और कुछ दूर जाने पर उसको आसपास कुछ नहीं दिखाई देता है, जिसके बाद वह थोड़ा और आगे चला जाता है। लेकिन फिर भी तोते को कुछ नजर नहीं आता है, जिसके बाद में इधर-उधर भटकते हुए काफी दूर निकल जाता है। इधर-उधर भटकने के बाद वह एक गांव में पहुंचता है। जहां पहुंच कर वह देखता है कि यहां के लोगों ने बहुत सारी फलों की फसल लगा रखी है, जिसमें बहुत सारे फल उगे हुए हैं।

जिसके बाद तुरंत तोता फलों के पेड़ों पर जाकर बैठ जाता है और फल को तोड़कर खाने लगता है। फलों को खाने में वह इतना खो जाता है कि वह भूल जाता है कि उसको मैना के लिए भी कुछ खाने के लिए ले जाना है। वह फलों को खा करे अपना इतना पेट भर लेता है कि वह कहीं भी चलने फिरने के लायक नहीं बचता है। जिसके बाद तोता वहीं पर आराम करने लगता है।

जैसे ही तोता आराम करने के लिए लेटता है तो वहीं पर वह गहरी नींद में सो जाता है। जब तोता गहरी नींद से जागता है तो मैं देखता है कि चारों तरफ बहुत ही अंधेरा हो चुका है, जिसके कारण वह अंधेरे में उड़ नहीं सकता और फिर वह अपनी इस गलती के लिए अपने आप को कोसने लगता है।

कहता है कि सब मेरी वजह से हुआ है, मेरी ही गलती है, मुझे इतना नहीं खाना चाहिए था। अब मैं अपनी मैना के पास कैसे जाऊंगा। वह बेचारी की तरह परेशान हो रही होगी और उसकी तो तबीयत भी बहुत ज्यादा खराब है। अब मैं क्या करूं, किस प्रकार से मैं उसके पास जाऊ।

जिसके बाद तोता सुबह होने का इंतजार करने लगता है और कहता है जैसे ही सुबह होगी तो मैं फल लेकर तुरंत मैना के पास चला जाऊंगा। वह रात खत्म होने का इंतजार करने लगता है। धीरे-धीरे जब सुबह की पहली किरण तोते पर पड़ती है तो वह फल लेकर तुरंत मैना के पास जाने के लिए उड़ जाता है। फल लेने के लिए काफी दूर आ जाने के कारण उसको मैना के पास पहुंचने में बहुत समय लग रहा था।

दो-तीन दिन लगातार उड़ने के पश्चात वह मैना के पास पहुंच जाता है और तुरंत मैना को खाने के लिए फल देता है, जिसको खाकर मैना में थोड़ी सी जान आती है। लेकिन बहुत ज्यादा तबीयत खराब हो जाने के कारण मैना को बहुत ज्यादा कमजोरी आ जाती है। जिसके कारण वह उड़ नहीं पा रही थी। तभी यह देखकर तोता मैना से कहता है कि जब तक तुम पूरी तरीके से ठीक नहीं हो जाओगी, मै रोज जाऊंगा और खाने के लिए फल लेकर आऊंगा।

इसके बाद तोता रोज उस गांव की ओर उड़ कर जाता और वहां से फल लेकर वापस उड़कर मैना को लाकर देने लगा। धीरे-धीरे ऐसा करते हुए तोते को काफी समय हो गया। तोते के इस प्रयास से मैना धीरे-धीरे ठीक होने लगी और कुछ ही समय में जब मैना पूरी तरीके से ठीक हो गई यह देख कर तोता बहुत खुश हो जाता है और मैना भी तोते को धन्यवाद देती है।

फिर दोनों उड़कर उसी गांव में पहुंच जाते हैं, जहां से तोता रोज उड़ कर मैना के लिए फल लाया करता था। जब मैना यह देखती है कि तोता रोजाना कितनी दूर आया करता था, वह तोते से बहुत प्रसन्न हो जाती है और जिसके बाद वह तोता और मैना दोनों उसी गांव में खुशी-खुशी अपना जीवन व्यतीत करना शुरू कर देते हैं।

उम्मीद करते हैं आपको यह कहानी रोचक लगी होगी। ऐसे बहुत ही कहानियां है, जो हमारी वेबसाइट में उपलब्ध हैं, आप इन्हें पढ़ सकते हैं। इस कहानी को साझा कर हमारा हौसला अफजाई जरूर करें।

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Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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