हम यहां पर टेलीविजन पर निबंध (Television Essay in Hindi) शेयर कर रहे हैं। इस निबंध में टेलीविजन का महत्व के साथ ही टेलीविजन के संदर्भित सभी माहिति को शेयर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।
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टेलीविजन पर निबंध (Television Essay in Hindi)
टेलीविजन विज्ञान ने अनेकों अदभुत आविष्कार में से एक है। टेली और विजन ये दो शब्दों का मिलन है टेलीविजन। टेलीविजन का मतलब होता है दूर के दृश्यों को आँखों के सामने देखना।
माना जाये तो टेलीविजन रेडियो की तकनीक का ही विकसित रूप है। टेलीविजन मनोरंजन का सबसे सस्ता साधन है, इसलिए आज वो सभी घरों में आसानी से पाया जाता है।
टेलीविजन की खोज महान वैज्ञानिक जे. एल. बेयर्ड ने साल 1926 में की थी। भारत में दूरदर्शन का पहली बार प्रसारण साल 1959 में किया गया था। टेलीविजन की वजह से दुनियाभर की ख़बरों को घर में बैठे बैठे देख सकते हैं। इसके अलावा शैक्षणिक, धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आनंद ले सकते हैं।
टेलीविजन व्यक्ति के अकेलेपन को दूर करता है। टेलीविजन का सही उपयोग मन को शांति देता है और तनाव से दूर रखता है। लेकिन उनका अधिकतर उपयोग मन को चिड़चिड़ा बना देता है। ज्यादा टेलीविजन देखने से आँखों और दिमाग पर बहुत बुरा असर पड़ता है।
उस में दिखाए गए कई कार्यक्रम की वजह से बच्चों पर नकारात्मक भावना जागृत होती है। टेलीविजन से ज्यादा निकटता परिवार से दूरियां बना देती है। हमें विज्ञान के अदभुत आविष्कार टेलीविज़न का सही दिशा में और सही मात्रा में उपयोग करके अपने ज्ञान और आत्मविश्वास को बढ़ाना चाहिए।
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टेलीविजन पर निबंध (Television Par Nibandh)
प्रस्तावना
विज्ञान ने हमें ऐसे कई आविष्कार दिए हैं, जिसकी वजह से हमारे जीवन में क्रांति आई है। इन में से एक आविष्कार का नाम है टेलीविजन। वर्तमान युग में टेलीविजन से कोई भी व्यक्ति अनजान नहीं है। चाहे अमीर हो या गरीब सबके घर में टेलीविजन जरूर होता ही है।
आज टेलीविजन बच्चे से लेकर बूढ़े तक सभी का पसंदीदा मनोरंजक साधन बन गया है। टेलीविजन के माध्यम से आप दुनियाभर की घटनाएं घर बैठे अपने आंखों के सामने देख सकते हैं। टेलीविजन आपके मन को तनाव से दूर रखता है और आनंद प्रदान करता है।
टेलीविजन की खोज
टेलीविजन का आविष्कार साल 1926 में लंदन के महान वैज्ञानिक जे. एल. बेयर्ड ने किया था। भारत में टेलीविज़न की शुरुआत 15 सितंबर 1959 को दिल्ली में एक छोटे ट्रांसमीटर और एक अस्थायी स्टूडियो के साथ हुई थी।
टेलीविज़न का दैनिक प्रसारण साल 1965 में नियमित रूप से शुरू हुआ था। इस आविष्कार के शुरुआत में श्वेत-श्याम चित्र देखे जाते थे लेकिन धीरे-धीरे उनका स्थान कलर टीवी ने ले लिया। साल 1982 में भारत में कलर टीवी और राष्ट्रीय प्रसारण की शुरुआत हुई थी।
टेलीविजन प्रसारण प्राप्त करने के लिए एक छवि स्रोत, एक ध्वनि स्रोत, एक ट्रांसमीटर, एक रिसीवर, एक प्रदर्शन डिवाइस और एक ध्वनि उपकरण जैसे तत्वों की जरुरत पड़ती है।
टेलीविजन का महत्व
आज घर-घर में टेलीविज़न है, इससे पता चलता है कि वर्तमान युग में टेलीविज़न का कितना महत्व है। टेलीविज़न एक ज्ञानवर्धक साधन है। टेलीविजन के कारण आप चंद मिनिटों में दुनियाभर की खबरें, घटनाएं, मौसम की खबरें देख सकते है।
कीमत में टेलीविजन काफी सस्ता है, इसलिए उन्हें कोई भी आम आदमी अपने मनोरंजन के लिए खरीद सकता है। रेडियो के द्वारा आप केवल सुन सकते हैं जबकि टेलीविजन के द्वारा आप देख भी सकते हैं और सुन भी सकते हैं।
टेलीविजन की वजह से आज हम हर देश की संस्कृति के नजदीक जा पाये हैं। टेलीविज़न ने पूरी दुनिया को जैसे एक छोटे परदे में सिमट लिया है।
टेलीविजन के लाभ
टेलीविज़न संचार का एक शक्तिशाली माध्यम और मनोरंजन का प्रमुख साधन है। बच्चे, बूढ़े नौजवान और गृहिणी के लिए समय व्यतीत करने का सबसे बेहतर साधन है। टेलीविजन से हम दुनियाभर की खबरें घर बैठे देख सकते है।
साथ साथ सामाजिक, राजनीति, धर्म, आध्यात्मिक, लोकप्रिय खेल वस्तुओं, शिक्षा इत्यादि विषयों के संबंधित कार्यक्रम देखकर हमारे ज्ञान में बढ़ोतरी कर सकते है। यह बच्चों के लिए शिक्षा का एक बेहतर माध्यम है।
टेलीविजन का उपयोग करके अंग्रेजी, विज्ञान, गणित, इंजीनियरिंग और कृषि जैसे विषयों पर आप अधिक से अधिक ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। टेलीविज़न मनोरंजन का सबसे बेहतर ज़रिया है।
टेलीविज़न पर गीत संगीत, कॉमेडी, कार्टून, फिल्म जैसे अपने मनपसंद के प्रोग्राम देखकर अपना समय व्यतीत कर सकते हैं। टेलीविज़न का सही उपयोग मन को शांति और आराम देता है। परिवार के साथ समय बिताने के लिए टेलीविज़न से बेहतरीन कोई भी साधन नहीं है।
टेलीविजन के हानि
वैसे तो टेक्नोलॉजी के फायदे अनगिनत है। लेकिन उनका अधिकतर उपयोग हानि को बढ़ावा देता है। टेलीविजन से सबसे बड़ी हानि समय की बर्बादी है। टेलीविज़न की लत सबसे बुरी है खास कर के बच्चों के लिए।
टेलीविज़न के ज्यादा उपयोग से दिमाग और आंखों दोनों पर बुरा असर पड़ता है। उस पर दिखाई जाने वाली कई प्रोग्राम बच्चों के लायक नहीं होते। बच्चों के दिमाग पर नकारात्मक असर पड़ता है। देर रात तक टेलीविजन देखने पर भी स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
स्वभाव में चिड़चिड़ापन देखने को मिलता है। क्राइम आधारित कार्यक्रम और भड़कीले विज्ञापन समाज पर बुरी छाप छोड़ता है। परिवार को समय ना देने के कारण पारवारिक संबध में भी कई तरह की समस्या आती है।
निष्कर्ष
अगर कोई भी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल सही दिशा में और सही तरीके से किया जाएं तो वो हर एक व्यक्ति और समाज के लिए एक वरदानपूर्ण साबित होता है। टेलीविजन का सही उपयोग एक स्वस्थ और सभ्य समाज का निर्माण करता है।
अंतिम शब्द
हमने यहां पर टेलीविजन पर निबंध (Television Essay in Hindi) शेयर किया है। उम्मीद करते हैं कि आपको यह निबंध पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरूर करें। आपको यह निबन्ध कैसा लगा, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।