अस् धातु रूप पांचों लकारों में
यहां अस् धातु रूप पांचों लकारों में (as dhatu roop) विस्तार से जानेंगे। अस् धातु संस्कृत व्याकरण का एक अदादिगणीय धातु शब्द होता हैं। इसी प्रकार अस् धातु के जैसे ही अस् धातु के सभी अदादिगणीय धातु के धातु रूप
यहां अस् धातु रूप पांचों लकारों में (as dhatu roop) विस्तार से जानेंगे। अस् धातु संस्कृत व्याकरण का एक अदादिगणीय धातु शब्द होता हैं। इसी प्रकार अस् धातु के जैसे ही अस् धातु के सभी अदादिगणीय धातु के धातु रूप
यहां पर कृ धातु रूप सभी लकार (kri dhatu roop) के बारे में जानेंगे। कृ धातु उभयलिंगी तानादिगण धातु के लिए शब्द है। इसलिए कृ धातु के धातु रूप की तरह, कृ जैसे सभी उभयपदी तानादिगण जड़ (धातु रूप) का
यहां पर पठ् धातु के पांचो लकार विस्तार से बता रहे हैं। धातु रूप संस्कृत में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। पठ् धातु शब्द भवदिगण्य धातु है। अत: पठ् धातु के धातु रूप की भाँति पथ जैसी समस्त भवदिगणी धातुओं के
Sanskrit Varnamala: किसी भी भाषा को लिखने व समझने के लिए उसकी वर्णमाला का ज्ञान होना बहुत ही जरूरी है। संस्कृत भाषा भारत की बहुत ही प्राचीन भाषा है और प्राचीन काल में संस्कृत भाषा का ही प्रयोग बोलचाल के
नमस्कार दोस्तों, यहाँ पर हमने सामान्य संस्कृत शब्द (Basic Sanskrit Words With Hindi Meaning) लिखे है। यह sanskrit basic words हम दिन में कई बार प्रयोग में लाते है लेकिन हमें इनका अर्थ सही से पता नहीं होता है। यहाँ
यहां पर संस्कृत में विलोम शब्द (Vilom Shabd in Sanskrit) के बारे में जानने वाले है। संस्कृत अधिकांश भारतीय भाषाओं की जननी है। इस भाषा को देववाणी भी कहा जाता है, जो भगवान द्वारा बोली जाने वाली भाषा है। यह
Dhatu Roop in Sanskrit: संस्कृत भाषा में धातु मूल तत्व होता है। यह संस्कृत भाषा का पिलर होता है, जो कार्य की वास्तविक स्थिति को व्यक्त करने के लिए वर्तमान, भूत या भविष्य काल में प्रयोग किया जाता है। संस्कृत
Hindi to Sanskrit Sentence Translation | हिंदी से संस्कृत में अनुवाद संस्कृत भारत की सबसे प्राचीन भाषा है, जो आज भी भारत में बोली जाती है। किसी भी भाषा का ज्ञान होना एक व्यक्ति के ज्ञान संग्रह की अपरिमित परिधि से
धेनु शब्द के रूप | Dhenu Shabd Roop in Sanskrit धेनु शब्द के रूप: धेनु शब्द एक उकारान्त स्त्रील्लिंग संज्ञा शब्द के शब्दरूप हैं। सभी उकारान्त स्त्रील्लिंग संज्ञापदों के शब्द रूप को इसी लिखते है। विभक्ति एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथमा
संस्कृत में कारक प्रकरण (विभक्ति, भेद, चिह्न) | Karak in Sanskrit कारक प्रकरण क्रिया के सम्पादकीय तत्व किसी न किसी रूप में ‘कारक’ कहलाते हैं। यही कारण है कि प्रत्येक कारक का क्रिया से सीधा संबंध होना चाहिए। उदाहरण देखें