Swami Anand Giri Biography in Hindi: नमस्कार दोस्तों, आज के पहले के लेख में आप सभी लोगों ने जाना अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रमुख नरेंद्र गिरी के जीवन परिचय के विषय में। नरेंद्र गिरी जी के मृत्यु को लेकर के इनके सबसे प्रमुख शिष्य के ऊपर इनके मृत्यु की आशंकाएं जताई जा रही हैं। इसी को लेकर अभी हाल ही में इन्हें ऑस्ट्रेलिया के सिडनी नामक शहर में इन्हें महिलाओं के बेडरूम में मारपीट करते हुए पाया गया और इन्हें पुलिस के द्वारा तुरंत आरोपी मानकर गिरफ्तार कर लिया गया।
अब आप सभी लोग तो समझ गए होंगे कि हम किसकी बात कर रहे हैं। जी हां, आप सभी लोगों ने बिल्कुल सही समझा हम बात कर रहे हैं, स्वामी आनंद गिरी के विषय में। स्वामी आनंद गिरी ने अपने जीवन में अनेकों प्रकार के कठिनाइयों का सामना किया और उन्होंने मात्र 10 वर्ष की उम्र में ही सन्यासी बनने का ठान लिया।
इन्होंने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रमुख नरेंद्र गिरी महाराज को अपना गुरु माना और इन्हीं से ही इन्होंने सन्यास की शिक्षा प्राप्त की। आज आप सभी लोगों को स्वामी आनंद गिरी के विषय में सभी जानकारियां बड़ी ही विस्तार पूर्वक से जानने को मिलेंगी। आज आपको जानने को मिलेगा की आनंद गिरी कौन है? आनंद गिरी का जन्म, आनंद गिरी का पारिवारिक संबंध, आनंद गिरी को प्राप्त शिक्षा, आनंद गिरि का करियर और आनंद गिरि से जुड़े विवाद इत्यादि।
यदि आप सभी लोग आनंद गिरि के विषय में संपूर्ण जानकारियां प्राप्त करना चाहते हैं तो कृपया हमारे इस लेख को अन्य तक अवश्य पढ़ें।
स्वामी आनंद गिरि का जीवन परिचय | Swami Anand Giri Biography in Hindi
स्वामी आनंद गिरि के विषय में संक्षिप्त जानकारी
नाम | आनंद गिरी |
उपाधि | स्वामी |
जन्म | 1980 |
उम्र | 41 वर्ष |
जन्म स्थान | ज्ञात नहीं |
माता पिता | ज्ञात नहीं |
शिक्षा | उच्च स्तरीय शिक्षा एवं सन्यास |
विवाद | ऑस्ट्रेलिया में महिलाओं के साथ बेडरूम में मारपीट, नरेंद्र गिरी महाराज की मृत्यु में हत्या का शक |
स्वामी आनंद गिरी कौन है?
आनंद गिरि जी अखिल भारतीय मठ के प्रमुख नरेंद्र गिरी जी के प्रमुख शिष्य है। उन्होंने मात्र 10 वर्ष की उम्र से ही इनके साथ रह कर सन्यास की शिक्षा प्राप्त करना शुरू कर दिया था। वर्तमान समय में आनंद गिरि जी को स्वामी की उपाधि प्राप्त हुई, अतः इनका नाम स्वामी आनंद गिरी पड़ा। स्वामी आनंद गिरी के जीवन को लेकर अनेकों प्रकार के विवाद रह चुके हैं और यह कई विवादों में शामिल भी रह चुके हैं।
आनंद गिरि खुद को एक घुमंतू योगी बताते हैं और यह प्रयागराज के अखिल भारतीय निरंजनी अखाड़े के महंत स्वामी हैं। इनके गुरु नरेंद्र गिरी जी इसी अखाड़े के 16वें मठाधीश हुए हैं। आनंद गिरि को शिक्षा के तरफ विशेष रुझान था, जिसके कारण उन्होंने अनेकों प्रकार की शिक्षा प्राप्त की और उन्होंने विदेशों में जाकर भी शिक्षा को प्राप्त करने का क्रियान्वयन किया।
स्वयं को लेकर ऐसा बताते हैं कि इन्होंने कभी भी मठ से और ना ही मंदिर में चढ़ाए जाने वाले चढ़ावे से एक भी रुपया लिया है। इन्होंने अपनी कथा वचन और यजमानों के द्वारा दिए जाने वाले दान से ही अपनी पढ़ाई की फीस और अपने छोटे मोटे खर्चे निकाला करते थे। इनका कहना है कि इन्होंने सदैव मठ के देवता भगवान शिव और बजरंगबली के बड़े भक्त थे और इन्होंने अपना पूरा जीवन इन्हीं के सेवा में ही व्यतीत कर दिया।
स्वामी आनंद गिरी का जन्म
स्वामी आनंद गिरी जी का जन्म वर्ष 1980 ईस्वी में हुआ था। परंतु इनका जन्म कहां हुआ था, इसके विषय में अब तक कोई भी नहीं जानता। स्वामी आनंद गिरी ने मात्र 10 वर्ष की उम्र में ही सन्यास ग्रहण कर लिया और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रमुख नरेंद्र गिरी जी के शिष्य बन गए।
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स्वामी आनंद गिरी को प्राप्त शिक्षा
इन्होंने आनंद गिरि जी से ही अपने संन्यास की शिक्षा प्राप्त की और इन्होंने अपनी सन्यास की शिक्षा मात्र 10 वर्ष की उम्र से ही प्राप्त करना शुरू कर दिया। आनंद गिरि जी ने सन्यास के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी शिक्षा प्राप्त की है और उन्होंने विदेशों में जाकर भी शिक्षा प्राप्त की। इनका कहना है कि इनकी शिक्षा के लिए इन्हें पैसे इनके कथा वचन और यजमान के द्वारा दिए जाने वाले दान से ही करते थे।
स्वामी आनंद गिरी से जुड़े विवाद
वर्तमान समय में स्वामी आनंद गिरी जी एक बड़े ही गंभीर विवाद से घिर गए हैं। इन्हें अभी हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के सिडनी नामक शहर में महिलाओं के बेडरूम में मारपीट करते हुए पकड़ा गया है। इन्हें ऐसा करते हुए पकड़े जाने पर तुरंत पुलिस के द्वारा इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और वर्तमान समय में यह पुलिस के हिरासत में ही है।
निष्कर्ष
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