Speech on Lal Bahadur Shastri in Hindi: लाल बहादुर शास्त्री को आज कौन नहीं जानता है, यह एक महान दिग्गज नेता थे, और यह आज किसी भी परिचय के मोहताज नहीं है। इन्होंने राष्ट्रीय की सेवा में काम करने के बावजूद अपने अन्य राजनीतिक समकक्ष की तुलना में इनको बहुत ही मान्यता मिली है। यह हमारे देश के दूसरे प्रधानमंत्री थे। इसी के साथ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राजनीतिक दल के वरिष्ठ नेता भी थे। ऐसे में आज हम आप सभी के समक्ष लाल बहादुर शास्त्री पर भाषण प्रस्तुत करने जा रहे हैं, जो आपके लिए लाभदायक सिद्ध हो सकता है।
लाल बहादुर शास्त्री पर भाषण | Speech on Lal Bahadur Shastri in Hindi
लाल बहादुर शास्त्री पर भाषण (500 शब्द)
माननीय अतिथि गण, आदरणीय प्रधानाचार्य, वाइस प्रिंसिपल, शिक्षक गण, एवं मेरे प्यारे छात्रों, आप सभी को मेरा सुप्रभात। आज के इस महोत्सव में आप सभी ने मुझे संबोधित करने के लिए चुना। मैं आप सभी का तहे दिल से धन्यवाद करता हूं। आज मैं आप सभी के समक्ष लाल बहादुर शास्त्री पर भाषण प्रस्तुत करने जा रहा हूं और उनके प्रयासों के बारे में आप सभी को अवगत कराने जा रहा हूं। कृपया आप सभी मेरा सहयोग दें।
लाल बहादुर शास्त्री आज भी खबरों में बने हुए रहते हैं, परंतु आप सोच रहे होंगे कि वह अपनी मृत्यु के बाद भी खबरों में क्यों बने हुए रहते हैं क्योंकि वह एक बहुत ही महान और विनम्र व्यक्ति थे। उन्होंने अपने जीवन में बहुत सारी उपलब्धियों को प्राप्त किया था।
उनका जीवन सादगी, शांतिपूर्ण, क्षमता के साथ बीता था। उन्होंने कठिन परिस्थिति में देश को संभालने का सबसे ज्यादा काम किया था, इसीलिए देश को गौरवान्वित करने का अवसर भी मिला था। लाल बहादुर शास्त्री जवाहरलाल नेहरू के प्रशंसक थे। जो हमेशा ही मानते थे कि, भारत केवल तेजी से औद्योगिकरण के माध्यम से ही विकसित हुआ है जिसके जरिए गरीबी और बेरोजगारी को कम किया जा सकता है। उनके विचार में विदेशी व्यापार की बजाय एक राज्य के लिए उचित योजना बहुत ही अति महत्वपूर्ण थी।
नेहरू के पश्चात लाल बहादुर शास्त्री जी योजना के विचार की वजह से बहुत ही अधिक प्रभावित हुए थे, जिनकी वजह से भारत को आर्थिक विकास के मार्ग पर ले जाया जा सका था। उनमें परिस्थितियों से निपटने की एक बहुत ही अच्छी अद्भुत क्षमता थी, जिसकी वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था को सही रास्ते पर लाया गया अर्थात कुछ कदमों की शुरुआत की गई थी, जिसमें देश के लिए औद्योगिक विकास की बजाए कृषि विकास पर अधिक जोर दिया गया था।
वह एक ऐसे व्यक्ति थे, जो दूर तक देखा करते थे। उन्होंने हरित क्रांति और किसान सशक्तिकरण की नीतियों में भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास के लिए एक आधारशिला तैयार की थी।
लाल बहादुर शास्त्री जी ने आर्थिक और विदेशी नीतियों के मामले में अपने कीमती समय को दिया था और हमेशा आगे रखा था। उन्होंने उन देशों के साथ शांति और विदेश नीति संबंधों की आधारशिला भी रखी थी, जिसके जरिए भारत को लाभ हो सकता था इसीलिए उनके व्यवहारिकता और सक्रियता की वजह से हमें विकास और आर्थिक विकास की सही दिशा प्राप्त हुई थी और उस दिशा में आगे बढ़ने में मदद भी मिली थी।
लाल बहादुर शास्त्री जी एक महान नेता थे। इसके पश्चात उनकी मृत्यु 1966 में ताशकंद समझौते पर हस्ताक्षर करने के पश्चात हो गई थी। उस समय वह एक चित्र को स्थापित करने और दो देशों के बीच शांतिपूर्ण स्वर सेट करने की बात करने गए हुए थे, जो अगर नहीं रुकते तो उस समय बहुत ही बड़ा युद्ध हो सकता था।
अंत में मैं केवल आप सभी से इतना ही कहना चाहूंगा कि, वह एक दिव्य आत्मा थी, जिसकी वजह से हमारा देश विकास और विकास के रास्ते पर चल पाया, इसी के साथ में अपनी वाणी को यही पर विराम देता हूं।
धन्यवाद!
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लाल बहादुर शास्त्री पर भाषण (500 शब्द)
देवियों और सज्जनों, मैं आप सभी का तहे दिल से स्वागत करता हूं। आज इस शुभ समारोह में आप सभी शामिल हुए। मैं आज आप सभी के समक्ष लाल बहादुर शास्त्री के बारे में अपने विचार प्रस्तुत करने जा रहा हूं, मुझे आशा है कि आप सभी इस में मेरा सहयोग करेंगे।
जैसा कि आप जानते हैं 2 अक्टूबर 1960 को जन्मे जवाहरलाल नेहरू के आकस्मिक निधन की वजह से भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को बनाया गया था। इसी के साथ रहे राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता भी थे। वह महात्मा गांधी के मूल्य और विचारों की एक वफादार समर्थक हुए थे। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को शुरू करने के लिए अपने साहस से लोगों को बहुत ही प्रभावित किया था, जिसके पश्चात उन्होंने लोगों को बहुत सारे चरणों में जोड़ा।
लाल बहादुर शास्त्री को बचपन से ही स्वतंत्रता और स्वतंत्रता के विचारों में बहुत ही अधिक रुचि थी। उन्होंने इतिहास और करिश्माई व्यक्तित्व के महान कार्य के लिए एक अलग ही जुनून दिखाया, जिसमें स्वामी विवेकानंद भी सम्मिलित थे। वहां पर उन्होंने शांति महात्मा गांधी और एनी बेसेंट को भी अपनाया।
इसके पश्चात वह गांधी से बहुत ही अधिक प्रभावित हुए और उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा को भी भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल कर लिया और सरकारी स्कूलों को छोड़ने और असहयोग आंदोलन में शामिल होने का नारा दिया। इसके पश्चात अगले ही दिन वह सक्रिय रूप से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी में सम्मिलित हो गए थे और एक वफादार और गतिशील सदस्य बनकर उभरे।
लाल बहादुर शास्त्री ने 1921 में स्थापित काशी विद्यापीठ से अपनी औपचारिक स्नातक की डिग्री पूरी कर ली। जिसके पश्चात वह भारत को स्वतंत्र कराने के लिए एक सक्रिय भागीदारी बन गए। उस आंदोलन के दौरान कई बार शास्त्री जी को कैद किया गया, परंतु उन्होंने कभी भी आत्मसमर्पण नहीं किया। उनकी सबसे अच्छी बात यह थी कि जिसने उन्हें दूसरों पर बढ़त भी दिलाई जबकि कारावास में यह सब हुआ करता था कि वह विभिन्न पश्चिमी क्रांतिकारियों और पश्चिमी दार्शनिक की रीडिंग के संपर्क में आया करते थे।
लाल बहादुर शास्त्री शुरुआत में अपने गृह राज्य उत्तर प्रदेश में गृह मंत्री भी बने थे। वहां पर उन्होंने 1947 के सांप्रदायिक दंगों में सफल अंकुश में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाई और ज्यादा इस्तेमाल के बिना ही शरणार्थियों का पुनर्वास भी किया गया। जिसके पश्चात यह साबित हुआ कि एक बार फिर उनके नेतृत्व ने वर्षों तक सावधानीपूर्वक निर्माण किया है, जिसकी वजह से वह एक महान नेता के रूप में उभरे।
इसके पश्चात यह भारत के प्रधानमंत्री बने और उन्होंने घोषणा की कि वह नव भारत का निर्माण करेंगे, जो कभी भी स्वतंत्रता और समृद्धि से रहित नहीं रहेगा। इसी के साथ लोकतांत्रिक पहेलियों के साथ हमारे देश को धर्मनिरपेक्ष और मिश्रित अर्थव्यवस्था बनाने का उद्देश्य पर आज भी विचार किया जाता है और इसके रूप में उन्हें याद भी किया जाता है।
अपनी नीतियों के संबंध की वजह से वह एक शांत व्यक्ति दिखाई देते थे। उन्होंने सर्व संपत्ति के लिए भारत में बहुत बड़े बड़े फैसले लिए थे। शास्त्री जी प्रसिद्ध हरित क्रांति के लिए ज्यादा विख्यात हुए थे। कृषि उत्पादकता बढ़ाने और किसान के शोषण को रोकने के लिए लाल बहादुर शास्त्री ने अनेक कदम उठाए थे। उनके द्वारा एक नारा भी शुरू किया गया था, जय जवान जय किसान। उन्होंने अत्यंत गर्व और साहस के साथ भारत में भोजन की कमी को संभाला था।
युद्ध की स्थितियों में शांति की अवधारणा के पीछे आज भी लाल बहादुर शास्त्री जी को याद किया जाता है। भारत-पाक युद्ध के दौरान उन्होंने दोनों देश के बीच समझौता भी करना चाहा था, जिसके जरिए उन्होंने युद्ध को सुलझाया और यही मुख्य कारण है कि, आज भी लाल बहादुर शास्त्री को इतिहास में सबसे महान आत्मा के रूप में याद किया जाता है।
अंत में मैं केवल इतना ही कहना चाहूंगा कि ऐसी महान आत्मा को हम हर वक्त श्रद्धांजलि देते रहेंगे और उन्हें अपने दिल में जगह देते रहेंगे, किसी के साथ में अपनी वाणी को यहीं पर विराम देता हूं।
धन्यवाद!
निष्कर्ष
इस आर्टिकल के जरिए हमने आपको लाल बहादुर शास्त्री पर भाषण ( Speech on Lal Bahadur Shastri in Hindi) दिया है। अगर आप स्कूल कॉलेज की छात्र छात्रा है या किसी अन्य समारोह में लाल बहादुर शास्त्री से संबंधित आपको लोगों को संबोधित करना है, तो यह आर्टिकल आपके लिए लाभदायक सिद्ध हो सकता है। इसी के साथ इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।
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