Speech on Cleanliness in Hindi: हमारे जीवन में सबसे अहम पहलू स्वच्छता है, जो हम सभी के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। स्वच्छता में बचपन से ही आनी बहुत जरूरी है क्योंकि इसके जरिए हम स्वस्थ रह सकते हैं। ऐसे में आज हम आपके सामने स्वच्छता पर भाषण प्रस्तुत करने जा रहे हैं, जो आपके लिए लाभदायक सिद्ध हो सकता है।
स्वच्छता पर भाषण | Speech on Cleanliness in Hindi
स्वच्छता पर भाषण (500 शब्द)
माननीय अतिथि गण, प्रिंसिपल सर, शिक्षक गण, एवं मेरे प्यारे मित्रों, आप सभी को सुप्रभात। आज के इस समारोह में आप सभी का स्वागत है। आज मैं आप सभी को संबोधित करने जा रहा हूं। आज हमारा विषय है स्वच्छता, जो हम सभी के लिए बहुत ही जरूरी है। आज मैं आप सभी के समक्ष स्वच्छता पर भाषण देने जा रहा हूं।
विकसित देशों में बहुत ही ज्यादा स्वच्छता रहती है, उदाहरण के लिए पश्चिमी यूरोप और उत्तरी अमेरिका। यह सभी स्वच्छता पर निर्भर रहते हैं। यह कभी भी अपने सड़कों पर अपने आसपास के इलाकों में गंदगी नहीं करते हैं। यह अपनी इस आदत को अपनी दिनचर्या में रखते हैं।
ऐसे ही हमें भी अपने देश को स्वच्छ बनाने के लिए प्रभावी कदम लेने की बहुत ही आवश्यकता है, इसीलिए हमें किसी भी अथॉरिटी या किसी के ऑर्डर की जरूरत नहीं होनी चाहिए कि वह हमें कहेंगे झाड़ू उठाइए और अपने आसपास के इलाकों की साफ-सफाई करिए। यह हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है। इसी के साथ हमारा कर्तव्य भी है जो हमें खुद से ही पूरा करना चाहिए।
सबसे पहले हमें अपने सार्वजनिक स्थान को बिल्कुल भी गंदा नहीं रखना चाहिए। अगर आप ऐसा करते हैं, तो आप एक जिम्मेदार नागरिक नहीं है। अगर आप एक जिम्मेदार नागरिक है, तो आपको बहुत ही ज्यादा प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है और यह बात हर भारतीय को समझने की भी जरूरत है।
सबसे पहले हमें अपनी मानसिकता को बदलना होगा। अगर हम अपनी मानसिकता को बदल लेंगे तो, हम भारत को स्वच्छ रख पाएंगे। भारत में सफाई करना केवल स्वच्छता लाना नहीं है, अगर हम अपना मन नहीं बदलेंगे तो, पूरा देश कभी भी स्वच्छ नहीं रह पाएगा, परंतु हमें अपने देश को स्वच्छ रखने की बहुत ही ज्यादा आवश्यकता है।
हमारा देश हमारी संपत्ति है इसीलिए हमें यह समझने की जरूरत है। जिस तरह से हम अपने घर को अपने आसपास को साफ सुथरा रखते हैं, उसी तरह से हमें एक जिम्मेदार नागरिक का कर्तव्य निभाने की जरूरत है। हमें कभी भी संपत्ति को गंदा और खराब नहीं करना चाहिए। हमेशा यही मानकर चलना चाहिए कि, यह हमारी संपत्ति है तो उसे कभी गंदा ही नहीं करेंगे।
अगर हम सार्वजनिक जगह को गंदा करना बंद कर दे तो हम एक जिम्मेदार नागरिक बन पाएंगे और स्वच्छता में हमारा बहुत ही बड़ा हाथ होगा। हमारी यह जिम्मेदारी बनती है, कि हम खुद को भी रोके और दूसरों को भी रोके कि कोई भी व्यक्ति अपनी संपत्ति को गंदा ना करें।
किसी भी तरह का सफाई अभियान शुरू करने से पहले हमें सबसे पहले अपने दिमाग को साफ करना बहुत ही जरूरी है। स्वच्छता केवल अच्छा प्रभाव ही नहीं होता इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है, स्वस्थ मन, शरीर, आत्मा और पर्यावरण, अगर यह सब होगा तो हम स्वच्छता पर भी अच्छे से ध्यान दे पाएंगे। जिस प्रकार हम अपने शरीर को स्वस्थ रखते हैं, उसी प्रकार हमें अपने देश की भी देखभाल करनी बहुत ही जरूरी है।
भारत सरकार के द्वारा स्वच्छ भारत अभियान चलाया जाता है, जो बहुत सारे शहर और कस्बों में चलाया जाता है। जहां पर देश की सड़क सड़कों को साफ करना बेहतर बुनियादी ढांचा सही प्रकार चलाया जाता है। हमें अपने राष्ट्रीय अभियान का सम्मान और पालन करना बहुत ही आवश्यक है।
इसके लिए हमें हर संभव प्रयास भी करना चाहिए। अंत में केवल इतना ही कहना चाहूंगा कि अगर हम अपने देश को स्वच्छ रखेंगे तो इसमें हम अपने देश को ही आगे बढ़ाएंगे। हमारे देश की उन्नति ही होगी। मैं अपनी वाणी को यहीं विराम देता हूं।
धन्यवाद!
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स्वच्छता पर भाषण (500 शब्द )
देवियों और सज्जनों आज के इस समारोह में आप सभी का तहे दिल से स्वागत है। आज मैं आप सभी के समक्ष स्वच्छता पर भाषण देने जा रहा हूं। स्वच्छता जो हम सभी के लिए बहुत ही जरूरी है। इसके लिए मैं आपके समक्ष सोच विचार प्रस्तुत करने जा रहा हूं और आशा करता हूं आप सभी इस में मेरा सहयोग करेंगे।
जैसा कि आप जानते हैं स्वच्छता एक बहुत ही अच्छी आदत होती है, जो हमें अपने जीवन में अपनानी चाहिए। इसके जरिए हम अपना शारीरिक मानसिक और बौद्धिक विकास कर सकते हैं और आंतरिक रूप से खुश रह सकते हैं क्योंकि सफाई के जरिए सभी चीजें बहुत ही अच्छी और प्रभावी दिखाई देती है।
चाहे वह कोई भी जगह हो घर हो, काम करने की जगह हो, स्कूल, कॉलेज, सरकारी या निजी ईमारते, होटल, हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशन, पार्क, सरकारी दफ्तर, इत्यादि किसी भी जगह पर अगर आप सफाई रखेंगे तो, यह आपके लिए बहुत ही फायदेमंद साबित हो सकता है।
हमें स्वच्छता के स्तर को हमेशा ऊंचा रखना चाहिए जो सभी के लिए संभव होता है, परंतु उसका प्रयास कोई नहीं करता है। यह काम किसी एक व्यक्ति का नहीं होता है बल्कि इस काम को सब लोगों को इकट्ठा होकर करना चाहिए। सभी के समर्थन और उचित समझ के साथ इस काम को सफल करना चाहिए।
स्वच्छता के जरिए सकारात्मक ऊर्जा को उजागर किया जाता है और यह हर चीज को प्रभावित करती है,अपनी और आकर्षित कर सकती है। एक अच्छे नागरिक का यही कर्तव्य होता है कि वह अपने देश का विकास करें और स्वच्छता के स्तर को हमेशा ऊंचा रखें।
जो व्यक्ति अच्छी आदत वाला होता है, वह अपने घर के वातावरण को बदल सकता है लेकिन जो व्यक्ति अच्छा नागरिक होता है, वह अपने भविष्य के साथ साथ पूरी दुनिया को स्वच्छ रखने की क्षमता रखता है और जो नागरिक ऐसा करता है, वही अपने देश के प्रति लगाव रखता है।
देश में चाहे कितनी भी शक्ति प्राकृतिक संसाधन क्यों ना हो, अगर साफ सफाई स्वच्छता नहीं होगी तो, उसकी कमी सभी को दिखाई देगी और इसके जरिए बहुत ही अधिक प्रभाव पड़ता है।
किसी भी देश का रखरखाव बहुत सारी चीजों पर निर्भर करता है, जैसे शिक्षांतर, गरीबी जनसंख्या, इत्यादि कारण होते हैं, सबसे बड़ा कारण शिक्षा स्तर होता है, इसके पश्चात अधिक जनसंख्या अगर देश के सभी नागरिक शिक्षित होंगे तभी वह पूरे देश को स्वच्छ बनाए रखेंगे और अपनी आने वाली पीढ़ी को भी यही शिक्षा देंगे।
भारत सरकार के द्वारा बहुत सारी जगह पर स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है। इसमें हमें सरकार का सहयोग करना चाहिए। भारत के लिए यह बहुत ही बड़ा गंभीर समस्या है, जो हम सबको मिलकर हल करनी होगी। अगर हम किसी भी गंदे स्थान को देखते हैं, तो हमारा फर्ज बनता है कि हम उस की साफ सफाई करें या वहां पर गंदगी करने से लोगों को रोके या और खुद को भी रोके।
अगर हम ऐसे प्रयास निरंतर करते रहेंगे स्वच्छता को अपनी आदत बनाएंगे तो, यह हम सभी के लिए बहुत ही अच्छा रहेगा, क्योंकि इसके जरिए हम खुद को भी स्वस्थ रख पाएंगे। यहीं पर मैं अपनी वाणी को विराम देता हूं और आप सभी से यही निवेदन करता हूं, कि स्वच्छता को अपनी मजबूरी नहीं बल्कि अपनी आदत बनाइए।
धन्यवाद!
निष्कर्ष
इस आर्टिकल के जरिए हमने आपको स्वच्छता पर भाषण ( Speech on Cleanliness in Hindi) दिया है। अगर आप किसी स्कूल कॉलेज या अन्य समारोह में स्वच्छता पर भाषण देना चाहते हैं, तो यह आपके लिए लाभदायक सिद्ध हो सकता है। इसी के साथ आप खुद को और लोगों को भी जागरूक करते रहे। स्वच्छता के लिए क्योंकि यह एक जिम्मेदार नागरिक का फर्ज होता है।
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