Shiv Khera Biography in Hindi: दोस्तों! हम में से ज्यादातर लोग तो यह अवश्य ही जानते होंगे कि शिव खेड़ा जी कौन हैं? जी आपने बिल्कुल सही समझा शिव खेड़ा जी वही व्यक्ति है जो कि मोटिवेशनल गुरु के नाम से जाने जाते है। आज के इस लेख के माध्यम से हम आपको शिव खेड़ा जी के बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान कराने वाले हैं।
इस लेख में हम आपको बताएंगे कि शिव खेड़ा जी ने अपने करियर की शुरुआत कब से की और उन्होंने कितनी परीक्षाएं उत्तीर्ण की और इन्होंने अपनी शिक्षा कहां तक की प्राप्त की है। साथ ही इस लेख में हम जानेंगे कि शिव खेड़ा जी का जन्म कब हुआ था, उनके पिता का नाम क्या था और सबसे महत्वपूर्ण बात उन्होंने अपनी मोटिवेशनल कैटेगरी को कब से इस दुनिया के समक्ष प्रस्तुत करना शुरू किया। शिव खेड़ा जी एक बहुत ही प्रसिद्ध लेखक भी है। जिन्होंने अपनी बहुत ही प्रसिद्ध 4 पुस्तकें भी लिखी।
इन पुस्तकों में शिव खेड़ा जी ने मोटिवेशनल बातों को प्रस्तुत किया है, जिससे कि लोग जब इस पुस्तक को पढ़ें तो उनमें मोटिवेशन उत्पन्न हो और वे अपने लक्ष्य को निर्धारित कर सकें। यदि कोई व्यक्ति अपने लक्ष्य को पहले से निर्धारित कर चुका है तो वह उनकी पुस्तक को पढ़ने के बाद यह अवश्य ही समझ जाएगा कि उसे अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए क्या करना चाहिए। आइए जानते हैं मोटिवेशनल गुरु शिव खेड़ा जी के बारे में संपूर्ण जानकारी।
शिव खेड़ा का जीवन परिचय | Shiv Khera Biography in Hindi
शिव खेड़ा की जीवनी एक नज़र में
नाम | शिव खेड़ा |
जन्म | 23 अगस्त 1961, धनबाद (झारखंड) |
शैक्षिक योग्यता | कला क्षेत्र में स्नातक, स्नातक डिग्री |
वैवाहिक स्थिति | – |
पत्नी का नाम | – |
पुत्र | – |
प्रसिद्ध पुस्तकें | – |
शिव खेड़ा कौन है?
शिव खेड़ा जी एक बहुत ही उच्च विचार वाले व्यक्ति हैं, जिन्होंने अपने उच्च व्यक्तित्व के चलते संपूर्ण विश्व में अपनी एक अलग ही पहचान बना रखी है। शिव खेड़ा जी को एक अन्य नाम मोटिवेशनल गुरु जी के नाम से भी जाना जाता है। शिव खेड़ा जी को मोटिवेशनल गुरु के नाम से इसीलिए जाना जाता है कि शिव खेड़ा बहुत ही अच्छे और उच्च विचार वाले व्यक्ति हैं, जिन्होंने अपनी किताबों और अपने लाइव टेलीकास्ट में लोगों को ऐसी बातें बताई है, जिसके माध्यम से लोग अपने निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए बहुत ही उपयोगी कार्य करने लगते हैं।
शिव खेड़ा जी को बहुत ही प्रसिद्ध लेखक भी कहा जाता है। क्योंकि उन्होंने ज्यादा तो नहीं, परंतु चार ही पुस्तकें लिखी हैं, जिसके माध्यम से वे अब के समय में बहुत ही प्रसिद्ध लेखक बन चुके हैं। शिव खेड़ा जी ने अपनी पुस्तकों में सिर्फ और सिर्फ मोटिवेशनल बातों को ही स्थान दिया है क्योंकि उनका मानना है कि किसी भी व्यक्ति को आप जितना भी मोटिवेट करेंगे, व्यक्ति उतनी ही उन्नति को प्राप्त करेगा।
शिव खेड़ा जी का जन्म और उनकी प्रारंभिक जीवन यात्रा
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि 55 वर्षीय शिव खेड़ा जी का जन्म वर्ष 1961 में 23 अगस्त को झारखंड राज्य के धनबाद के एक व्यापारी परिवार में हुआ था। शिव खेड़ा जी के पिता कोयले की खदान में एक व्यवसायिक मजदूर थे और साथ में उनके पिता कोयले की खदान में व्यवसाय से जुड़े हुए थे। इसी के विपरीत इनकी माता एक बहुत ही अच्छी गृहणी थी।
शिव खेड़ा जी के बचपन में जब उनके पिता इस खदान में नौकरी कर रहे थे, तब उनका जीवन बहुत ही अच्छे तरीके से व्यतीत हो रहा था। परंतु इसके कुछ वर्ष पश्चात उस कोयले की खदान को राष्ट्रीयकृत कर दिया गया, जिसके कारण शिव खेड़ा के परिवार वालों को काम की तकलीफें उठानी पड़ी। इस परिवार को अनेकों प्रकार की मुसीबतों का सामना करना पड़ा, इसी के दौरान शिव खेड़ा जी ने एक स्थानीय सरकारी स्कूल में अपनी माध्यमिक शिक्षा पूरी करनी चाही और उन्होंने इस सरकारी विद्यालय से अपनी माध्यमिक शिक्षा को पूरा भी किया।
शिव खेड़ा जी ने अपने जीवन के प्रारंभिक समय में अनेकों प्रकार के मुश्किलों का सामना किया। शिव खेड़ा जी ने कनाडा में स्थित एक कार धोने के छोटे से व्यवसाय से अपने जीवन यापन की शुरुआत की थी। उसके बाद शिव खेड़ा जी ने एक बीमा एजेंट की भी नौकरी संभाली, परंतु इस काम में उन्हें अधिक सफलता प्राप्त ना हो सकी। शिव खेड़ा जी को यह सभी क्रियाएं बहुत ही कम पसंद थी, इसके कारण उन्होंने इस नौकरी को त्याग दिया।
तत्पश्चात शिव खेड़ा जी ने अपनी सफलता के लिए संघर्ष करना शुरू कर दिया, यहीं से शिव खेड़ा जी की सफलता का संघर्ष शुरु होता है। शिव खेड़ा जी ने तो कभी-कभी प्राइवेट फॉर्म और कभी-कभी दुकानों पर सेल्समैन की नौकरी और इस सभी के पश्चात उन्होंने अमेरिका के जेल में स्वयंसेवक के तौर पर भी सेवा की जीवन के प्रारंभिक दौर में शिव खेड़ा जी को बहुत ही कठिनाइयों का सामना पड़ा था, इसका अनुमान हम इससे लगा सकते हैं।
शिव खेड़ा जी की शिक्षा
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि शिव खेड़ा जी अपने स्कूल के समय में बहुत ही उज्जवल छात्र के रूप में नहीं थे, इतना ही नहीं शिव खेड़ा जी एक बार तो अपनी दसवीं की कक्षा में असफल भी रह चुके हैं। परंतु एक दसवीं की परीक्षा में असफल होने के बाद शिव खेड़ा जी ने अपनी उच्च माध्यमिक की परीक्षाओं में सर्व प्रथम अंक लाने वाले व्यक्ति थे। इसके बाद उन्होंने स्कूली शिक्षा पूर्ण कर ली।
इसके बाद वे बिहार के एक कॉलेज से कला क्षेत्र में स्नातक किया। अपनी स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद शिव खेड़ा जी के द्वारा कहे गए मशहूर वचन “विजेता अलग अलग काम नहीं करते हैं, बल्कि उनके काम करने का तरीका अलग अलग होता है” यही है।
शिव खेड़ा जी का करियर
जैसा कि हमने बताया शिव खेड़ा जी को अपने बचपन के समय में अनेकों प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था, जिसके कारण उनका प्रारंभिक करियर बहुत सारी कठिनाइयों से गुजरा था। इतना ही नहीं उन्होंने अपने प्रारंभिक जीवन व्यतीत करने के लिए कनाडा में कार धोने का काम करने लगे, जिसके द्वारा उन्होंने अपने करियर की शुरुआत करना शुरू कर दिया। शिव खेड़ा जी का वहां पर काम केवल यही था कि उन्हें केवल कारों को बड़ी ही सफाई पूर्वक धोना पड़ता था।
शिव खेड़ा जी इस कार्य को बड़ी आसानी से करते थे क्योंकि उनका यह मानना था कि कोई भी कार्य बड़ा या छोटा नहीं होता। इस नौकरी को करने के बाद शिव खेड़ा जी ने बीमा कंपनी में एक एजेंट के रूप में कार्य किया। शिव खेड़ा जी ने अपनी किस्मत इस कंपनी में भी इन्होंने अपनी किस्मत आजमाई, परंतु वे सफल ना रहे। शिव खेड़ा जी को इस कंपनी में अपने ग्राहकों को बीमा पॉलिसी को बेचना था, परंतु वह इस क्षेत्र में और असफल रहे, क्योंकि उन्हें यह काम बहुत ही कठिन लगता था।
शिव खेड़ा जी की मशहूर किताबें
शिव खेड़ा जी ने अपनी 4 पुस्तकें प्रकाशित की। यह सभी चारों की चारों पुस्तक नीचे निम्नलिखित प्रकार से दर्शाई गई है:
पुस्तक – 1
शिव खेड़ा जी ने वर्ष 1998 में अपनी पहली पुस्तक लोगों के समक्ष प्रस्तुत की। इस पुस्तक का अंग्रेजी नाम you can win था और इस का हिंदी नाम आपकी जीत नाम से थी। शिव खेड़ा जी ने इस किताब में व्यक्तिगत विकास और सकारात्मक दृष्टिकोण के माध्यम से सफलता प्राप्त करने का एक मंत्र बताया है।
शिव खेड़ा जी का यह ध्यान केंद्रित करने वाली बातें लोगों को काफी पसंद आई। इस किताब में शिव खेड़ा जी के द्वारा लिखी गई बातों ने लोगों को काफी आकर्षित किया और यह किताब अनेकों भाषाओं में छापी गई।
पुस्तक – 2
शिव खेड़ा जी ने इस किताब के बाद एक और पुस्तक 1998 ईस्वी में संपादित की। इस पुस्तक का नाम उन्होंने अंग्रेजी भाषा में live with honour रखा और उन्होंने इस पुस्तक का हिंदी मतलब सम्मान के साथ जियो। इस पुस्तक में उन्होंने एक खंडित दुनिया में आदर पूर्वक रहने के बारे में समझाया है, ताकि कोई भी भारतीय बड़ी सम्मान पूर्वक इस देश में रह सके।
उन्होंने अपनी पुस्तक को इस उद्देश्य के साथ प्रकाशित की थी कि भारतीय समाज में सुधार के लिए कार्यवाही की जानी बहुत ही आवश्यक है। शिव खेड़ा जी ने इस किताब में बेचना खरीदना और सफल बनने का मंत्र दिया है। उनकी किताबों को पढ़ने के बाद हम यह कह सकते हैं कि मनुष्य की सकारात्मक सोच और नकारात्मक सोच ही उसकी सफलता और असफलता का निर्धारण करती है।
पुस्तक – 3
जब शिव खेड़ा जी ने अपनी स्वतंत्रता नामक पुस्तक को प्रकाशित नहीं की थी। तभी उन पर एक सेवा नित्य भारतीय सिविल सेवा का अमृत लाल जी ने साहित्यिक चोरी का आरोप लगाया था। उनका यह कहना था कि उस किताब की सामग्री सीधे 8 वर्ष पहले प्रकाशित हुई उनकी पुस्तक enough is enough से ली गई है।
इसके अलावा उन्होंने पाया कि शिव खेड़ा के अन्य पुस्तकों में कई उपाख्यान चुटकुले और उदाहरण भी उचित स्रोतों को स्वीकार किए जाने की रूप में किए गए थे। जिसके बाद उन्होंने अपनी पुस्तक स्वतंत्रता को वर्ष 1998 ईस्वी में प्रकाशित किया, इस किताब का अंग्रेजी नाम freedom is not free था।
पुस्तक – 4
वर्ष 2010 में उन्होंने अपनी एक पुस्तक बेचना सीखो और सफल बनो प्रकाशित की। शिव खेड़ा जी ने अपनी इस पुस्तक का नाम अंग्रेजी में you can sale नाम से प्रकाशित की थी। अपनी पुस्तक के माध्यम से लोगों को एक सफल व्यापारी बनने का मंत्र दिया था, जिसका उपयोग करके कोई भी व्यक्ति अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता था।
शिव खेड़ा जी के प्रेरणादायी विचार
आपका सोचने का तरीका भी आपकी सफलता में एक बहुत ही बड़ी भूमिका निभाता है, उनका कहना है यदि आप अपने विचारों को दृढ़ता पूर्वक सोचते हैं तो वह काम बड़ी आसानी से कर सकते हैं।
आप अपनी कठिन परिस्थितियों का सामना करना सीखिए, यदि आप अपनी परिस्थितियों का सामना करना सीख जाएंगे तो आप किसी प्रकार की विपत्ति का सामना कर पाएंगे।
इस संसार में दो तरह के लोग होते हैं, एक तो बुरे लोग और दूसरे अच्छे लोग। बुरे लोग इस संसार को बुरा तभी बना पाएंगे, जब अच्छे लोग निष्क्रिय हो जाएंगे।
यदि हम अपने किसी समस्या का समाधान नहीं कर पाते तो हमें यह मान लेना चाहिए कि हम स्वयं में ही एक समस्या है।
प्रेरणा एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है जो कि किसी भी व्यक्ति के मन में एक प्रेरणा उत्पन्न कर देगी और वह व्यक्ति अपने सभी कार्यों को सुचारु रुप से करना प्रारंभ कर देगा।
किसी व्यक्ति को स्वयं पर विश्वास करना चाहिए, ना कि दूसरों पर।
छोटी सोच वाले लोग दूसरों के बारे में बातें करते हैं, परंतु उच्च विचार वाले व्यक्ति चीजों के बारे में सोचा करते हैं।
किसी भी व्यक्ति को यह नहीं सोचना चाहिए कि वह इस काम को नहीं कर सकता, उसे यह सोचना चाहिए कि वह इस काम को कैसे कर सकता है और उसे करने के प्रयास में जुट जाना चाहिए।
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निष्कर्ष
आज के इस लेख “शिव खेड़ा का जीवन परिचय (Shiv Khera Biography in Hindi)” के माध्यम से हमने आपको एक प्रसिद्ध लेखक शिव खेड़ा जी के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त कराई है। इसके साथ ही यह भी बताया कि शिव खेड़ा जी ने किन-किन पुस्तकों का संपादन किया है।
इतना ही नहीं हमने बताया कि शिव खेड़ा जी एक मोटिवेशनल गुरु भी है, जिन्होंने लोगों को इस दुनिया में सफल होने का मंत्र दिया। हम उम्मीद करते हैं कि आपको यह लेख काफी पसंद आया होगा, इसे शेयर जरूर करें।
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Very good