Adi Shankaracharya Quotes in Hindi: सनातन धर्म के प्रचारक आदि गुरु शंकराचार्य का जन्म ईसा से पूर्व 8वीं शताब्दी में भारत के केरल राज्य के मालाबार में कालड़ी नामक स्थान में हुआ था। भारतीय सनातन संस्कृति और परम्परा के विकास और हिन्दू धर्म के प्रचार-प्रसार में आदि शंकराचार्य का अतुलनीय योगदान रहा हैं।
जगतगुरु आदि शंकराचार्य सनातन हिन्दू संस्कृति को पूरे देश में प्रसार के उद्देश्य से भारत के चारों कोनों पर चार मठों की स्थापना की, जिनमें श्रृंगेरी मठ, गोवर्द्धन मठ, शारदा मठ और ज्योतिर्मठ हैं।
देश में मौजूद इन चारों मठों की स्थापना ईसा से पूर्व 8वीं शताब्दी में की गयी थी, जिनका आज सनातन परम्परा के अनुसार प्रचार-प्रसार किया जाता हैं। इसके अलावा आदि शंकराचार्य ने देश में अलग-अलग जगहों पर 12 ज्योतिर्लिंगों की भी स्थापना की थी।
आदि शंकराचार्य (adi shankaracharya quotes) को अद्वैत परम्परा का प्रवर्तक थे। उनका मानना था कि आत्मा और परमात्मा दो अलग-अलग चीजें नहीं हैं, वे केवल हमें अपनी अज्ञानता के कारण अलग दिखाई देती है। जब मनुष्य को ज्ञान को उपलब्ध हो जाता हैं तब उसे इस बात का ज्ञान हो जाता हैं कि आत्मा और परमात्मा दो नहीं बल्कि एक ही हैं।
यदि आप आदि शंकराचार्य जी (guru shankaracharya) के जीवन में बारे में और अधिक विस्तार से जानना चाहते हैं तो इसी ब्लॉग पर हमें उनकी विस्तृत जीवनी प्रकाशित की हैं, जिसे आप पढ़ सकते हैं।
आज इस आर्टिकल में हम आदि गुरु शंकराचार्य के अनमोल विचारों (shankaracharya quotes) का अमूल्य संग्रह लेकर आये हैं, उम्मीद करते हैं यह अनमोल वचन आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव जरुर लायेंगे।
आदि गुरु शंकराचार्य के अनमोल विचार | Adi Shankaracharya Quotes in Hindi
आदि शंकराचार्य कोट्स (Adi Guru Shankaracharya Quotes in Hindi)
मोह से भरा हुआ इंसान एक सपने कि तरह हैं,
यह तब तक ही सच लगता है जब तक आप अज्ञान की नींद में सो रहे होते है।
जब नींद खुलती है तो इसकी कोई सत्ता नही रह जाती है।
विशेष रूप से शुद्ध किया गया मन ही सबसे अच्छा और बड़ा तीर्थ हैं,
इसके अलावा कहीं कोई तीर्थ करने की जरुरत नहीं।
आदि गुरु शंकराचार्य के प्रवचन (shankaracharya ke vichar)
जिस तरह एक प्रज्वलित दीपक के चमकने के लिए दूसरे दीपक की ज़रुरत नहीं होती है।
उसी तरह आत्मा जो खुद ज्ञान स्वरूप है उसे और क़िसी ज्ञान कि आवश्यकता नही होती है,
अपने खुद के ज्ञान के लिए।
अज्ञान के कारण आत्मा सीमित लगती है, लेकिन जब अज्ञान का अंधेरा मिट जाता है,
तब आत्मा के वास्तविक स्वरुप का ज्ञान हो जाता है,
जैसे बादलों के हट जाने पर सूर्य दिखाई देने लगता है।
हर व्यक्ति को यह समझना चाहिए कि आत्मा एक राजा के समान है
जो शरीर, इन्द्रियों, मन, बुद्धि से बिल्कुल अलग है। आत्मा इन सबका साक्षी स्वरुप है।
धर्म की किताबे पढ़ने का उस वक़्त तक कोई मतलब नहीं,
जब तक आप सच का पता न लगा पाए।
उसी तरह से अगर आप सच जानते है तो धर्मग्रंथ पढ़ने कि कोइ जरूरत नहीं हैं।
सत्य की राह पर चले।
आदि शंकराचार्य के अनमोल विचार (shankaracharya quotes in hindi)
एक सच यह भी है की लोग आपको उसी वक़्त तक याद करते है
जब तक सांसें चलती हैं। सांसों के रुकते ही सबसे क़रीबी रिश्तेदार, दोस्त,
यहां तक की पत्नी भी दूर चली जाती है।
आत्मसंयम क्या है? आंखो को दुनिया की चीज़ों कि ओर आकर्षित न होने देना
और बाहरी ताकतों को खुद से दूर रखना।
Sankaracharya Quotes in Hindi
सत्य की कोई भाषा नहीं है। भाषा सिर्फ मनुष्य का निर्माण है।
लेकिन सत्य मनुष्य का निर्माण नहीं, आविष्कार है।
सत्य को बनाना या प्रमाणित नहीं करना पड़ता, सिर्फ़ उघाड़ना पड़ता है।
यह परम सत्य है, लोग आपको उसी समय तक याद करते है जब तक आपकी सांसें चलती हैं।
इन सांसों के रुकते ही आपके क़रीबी रिश्तेदार, दोस्त और यहां तक की पत्नी भी दूर चली जाती है।
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हम उम्मीद करते हैं, हमारे द्वारा आदि शंकराचार्य जी (guru shankaracharya) के अनमोल वचनों का संग्रह आपको जरुर पसंद आया होगा, यदि आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो नीचे कमेंट करके जरुर बताएं। हमें आपके सुझावों का इंतज़ार रहेगा।
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