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एसडीओ (SDO) ऑफिसर कैसे बने? (योग्यता, फुल फॉर्म, प्रक्रिया, परीक्षा, पाठ्यक्रम, सैलरी)

SDO Kaise Bane :आज के समय में अधिकांश युवा सरकारी नौकरी की चाहत में एसडीओ अधिकारी बनना चाहते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि SDO अधिकारी क्या होता है? SDO अधिकारी की सैलरी कितनी होती है? एसडीओ अधिकारी कौन-कौन से कार्य करता है तथा कौन से विभाग में कार्यरत होता है?

आज के इस आर्टिकल में हम आपको पूरी जानकारी के साथ विस्तार से एसडीओ का फुल फॉर्म तथा SDO से संबंधित संपूर्ण जानकारी विस्तार से बताएंगे, जिससे आपको एसडीओ के बारे में पूरी जानकारी पता चल जाएगी। आपकी जानकारी के लिए बता देते हैं कि यह एक महत्वपूर्ण पद होता है।‌ यहां पर कार्यरत व्यक्ति को समाज में सम्मान की नजर से देखा जाता है।

हमारा भारत एक लोकतांत्रिक देश है। यह बात आप भली-भांति जानते ही हैं तब आपको यह भी जान लेना चाहिए कि इतने बड़े लोकतांत्रिक देश को चलाने के लिए कई प्रकार के विभाग और कई प्रकार के मंत्रालय बनाए गए हैं। भारत सरकार और राज्य सरकार दोनों को ही निर्धारित किए गए नियमों के अंतर्गत काम करना होता है। भारतीय संविधान में राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों को ही कार्य करने की शक्ति प्रदान की गई है।

SDO Kaise Bane
Image: SDO Kaise Bane

इसके अंतर्गत केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार अपने कार्य को देश के प्रत्येक कोने कोने तक पहुंचाने के लिए तरह-तरह के विभाग बनाते हैं। इन विभाग में एक प्रमुख अधिकारी की नियुक्ति की जाती है, जो सरकार के कार्य को लोगों तक पहुंचा कर धरातल से उस कार्य के रिपोर्ट सरकार को पहुंचाता है।

प्रत्येक विभाग में एक मुख्य अधिकारी की नियुक्ति की जाती है जिसे SDO अधिकारी कहा जाता है। यह अधिकारी एक महत्वपूर्ण अधिकारी माना जाता है क्योंकि इस की नियुक्ति सरकार द्वारा की जाती है। यह राज्य सरकार अथवा केंद्र सरकार के अंतर्गत कार्य करता है। इसीलिए इस पद पर कार्यरत अधिकारी को भारतीय समाज में सम्मान की नजर से देखा जाता है। यहां पर अच्छा वेतन दिया जाता है जिसे एक बेहतरीन करियर विकल्प माना जाता है।‌

यही वजह है कि आज के समय में अधिकांश युवा सरकारी नौकरी के तहत एस अधिकारी बनना चाहते हैं। यहां पर उन्हें अच्छा व्यक्ति और तरह-तरह की सरकारी सुख सुविधाएं देखने को मिलती है।‌ तो आइए जानते हैं कि SDO अधिकारी की फुल फॉर्म क्या है और इससे संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी।

एसडीओ (SDO) ऑफिसर कैसे बने? (योग्यता, फुल फॉर्म, प्रक्रिया, परीक्षा, पाठ्यक्रम, सैलरी) | SDO Kaise Bane

SDO का फुल फॉर्म क्या है?

अगर आप एसडीओ के बारे में जानना चाहते हैं तो हम आपको बता दें कि SDO की फुल फॉर्म होती है – Sub Divisional Officer (सब डिविजनल ऑफीसर) होता है। हिंदी भाषा में इसे उपविभागीय अधिकारी कहते हैं।

अगर हम आसान भाषा में समझाएं तो सरकार का किसी भी विभाग के अंतर्गत महत्वपूर्ण अधिकारी SDO अधिकारी कहलाता है। इस अधिकारी को अपने जिम्मेदारी के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के कार्य संपन्न करने होते हैं तथा कई प्रकार के कार्य जिम्मेदारी के साथ निभाने होते हैं। इसीलिए यह पद महत्वपूर्ण माना जाता है।

भारत सरकार के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के विभाग होते हैं। ठीक उसी प्रकार राज्य सरकार के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के विभाग होते हैं। यह विभाग भारत सरकार और राज्य सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों को धरातल तक पहुंचाने के कार्य के लिए बनाए गए हैं।

सरकार के कार्यों को सुचारू रूप से लोगों तक पहुंचाना और धरातल पर उस कार्य को करने के बाद उसकी रिपोर्ट को सरकार तक पहुंचाने का कार्य विभाग के अंतर्गत नियुक्त किया गया महत्वपूर्ण अधिकारी करता है, जिसे एसडीओ अधिकारी कहा जाता है। वर्तमान समय में यह अधिकारी काफी ज्यादा प्रचलित हो रहा है क्योंकि यह एक सम्मानजनक पद है तथा अधिकांश युवा SDO अधिकारी बनना चाहते हैं।

भारत का लोकतांत्रिक और संवैधानिक ढांचा संघीय रूप का है। इसीलिए इसमें केंद्र और राज्य सरकार की बीच की शक्तियों को स्पष्ट रूप से विभाजित किया गया है। सरकार द्वारा अपने अपने स्तर पर अलग-अलग अधिकारियों की नियुक्तियां अलग-अलग विभाग के अनुसार की जाती है। सरकार के कार्यों को धरातल तक पहुंचाने के लिए विभिन्न प्रकार के विभाग कार्य करते हैं।

प्रत्येक क्षेत्र के कार्य को जनता तक पहुंचाने के लिए उस क्षेत्र से संबंधित विभाग कार्य करता है। किसी भी विभाग को सुचारू रूप से चलाने के लिए और उस विभाग की जिम्मेदारी अपने कंधों पर लेने के लिए एक महत्वपूर्ण अधिकारी की नियुक्ति की जाती है जो SDO अधिकारी कहलाता है।

SDO अधिकारी के विभाग

एसडीओ अधिकारी किसी भी विभाग के अंतर्गत कार्य करने वाला मुख्य अधिकारी होता है। वर्तमान समय में इतने बड़े देश के अंतर्गत लोकतांत्रिक ढंग से सरकार के कार्यों को सुचारू रूप से चलाने और उनका निर्वाहन करने के लिए तरह-तरह के विभाग बनाए गए हैं।

सरकार द्वारा SDO अधिकारी को इन विभाग का मुख्य अधिकारी नियुक्त किया जाता है। विभाग के अंतर्गत सरकार द्वारा दिए गए संबंधित कार्यों को जिम्मेदारी से SDO अधिकारी पूर्ण करवाता है और संबंधित कार्य की जानकारी सहित पूरी रिपोर्ट सरकार को समय पर सोंपता है।

वर्तमान समय में भारत के अंतर्गत समाज कल्याण विभाग, सिंचाई विभाग, कृषि विभाग, बिजली विभाग, पुलिस विभाग इत्यादि विभिन्न प्रकार के विभाग बनाए गए हैं। इन सभी विभाग के अंतर्गत सरकार द्वारा एक मुख्य अधिकारी की नियुक्ति की जाती है।

यह अधिकारी पूरे विभाग की जिम्मेदारी उठाता है और सरकार के कार्य को विभाग के अंतर्गत अपनी जिम्मेदारी पूर्वक बखूबी निभाता है तथा उस कार्य की रिपोर्ट को सरकार तक फिर से पहुंचाता है। इस तरह के कार्य करने वाले किसी भी विभाग के मुख्य अधिकारी को SDO अधिकारी कहा जाता है।

SDO ऑफिसर कैसे बनें?

अब तक आपने SDO अधिकारी के बारे में जान लिया है, तो अब आप भी एसडीओ अधिकारी बनने का मन बना चुके हैं तो हम आपको बता देते हैं कि किसी भी विभाग में आप दो तरीकों से SDO अधिकारी बन सकते है।‌ एसडीओ अधिकारी एक महत्वपूर्ण पद होता है। इसीलिए इस पद पर पहुंचना इतना आसान नहीं होता है। लेकिन अगर आप सही तरह से रणनीति बनाकर पढ़ाई करते हैं और सही दिशा में आगे बढ़ते हैं तो यह आपके लिए मुश्किल नहीं होगा। तो आइए जानते हैं कि किस तरह से एसडीओ अधिकारी बनते हैं?

प्रमोशन — आप जिस विभाग में उच्च पद पर कार्य कर रहे हैं, वहां पर अगर आप लंबे समय तक अच्छा काम करते हैं तो विभागीय प्रमोशन पाते हुए आपको कुछ समय बाद एसडीओ अधिकारी बना दिया जाता है। इस तरह से आप किसी भी विभाग के अंतर्गत कार्यरत होते हुए भी एसडीओ अधिकारी बन सकते हैं।

परीक्षा —किसी भी विभाग में एसडीओ बनने के लिए दूसरा तरीका परीक्षा पास करना है। यह परीक्षा इतनी आसान नहीं है, क्योंकि इसका आयोजन राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा करवाया जाता है। यह परीक्षा हर वर्ष आयोजित होती है। इस में भाग लेकर आप किसी भी विभाग में एसडीओ के पद पर नियुक्ति पा सकते हैं।

SDO बनने के लिए योग्यता

किसी भी विभाग में उपविभागीय अधिकारी बनने के लिए निर्धारित की गई योग्यता के अनुसार गुजरना होता है। लोकतांत्रिक देश में किसी भी परीक्षा में या किसी भी पद के लिए योग्यता निर्धारित की जाती है। ठीक इसी प्रकार SDO अधिकारी बनने की परीक्षा यूपीएससी द्वारा हर वर्ष आयोजित की जाती है। इस परीक्षा को नीचे दिए गए योग्यता के अनुसार कोई भी विद्यार्थी दे सकता है —

  • परीक्षार्थी भारत का स्थानीय नागरिक होना चाहिए।
  • परीक्षार्थी की आयु कम से कम 21 वर्ष होनी चाहिए।
  • परीक्षार्थी के पास कम से कम स्नातक की उपाधि होनी चाहिए।
  • परीक्षार्थी की अधिकतम आयु सीमा 30 वर्ष निर्धारित की गई है।
  • भारत के किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त होने चाहिए।
  • आरक्षित वर्ग के लोगों को आयु सीमा में अतिरिक्त छूट प्रदान की जाती है।
  • अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को आयु सीमा में 3 वर्ष की छूट दी जाती है।
  • अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लोगों को आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट प्रदान की जाती है।

SDO चयन परीक्षा

उपविभागीय अधिकारी बनने की परीक्षा का आयोजन 3 चरणों में संपन्न करवाया जाता है। इस परीक्षा का आयोजन यूपीएससी द्वारा किया जाता है।‌ इसलिए यह परीक्षा इतनी आसान नहीं है। अगर आप सही रणनीति बनाकर समय का उचित उपयोग करके लंबे समय तक अच्छी तरह से पढ़ाई करते हैं।

तब आप इस परीक्षा को पास कर पाएंगे आपकी जानकारी के लिए बता देते हैं कि हर वर्ष आयोजित होने वाली इस परीक्षा को आप तीन चरणों में पास करके SDO बन सकते हैं।

प्रारंभिक परीक्षा

यूपीएससी द्वारा आयोजित SDO बनाने की परीक्षा को तीन चरणों में आयोजित करवाया जाता है। पहले चरण की परीक्षा प्रारंभिक परीक्षा कहलाती है।‌ इस प्रारंभिक परीक्षा के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के बहु वैकल्पिक प्रश्न पूछे जाते हैं।

इस परीक्षा को पास करने के बाद ही आपको अगले चरण की परीक्षा के अंतर्गत बैठाया जाता है।‌ यह परीक्षा पास करने अनिवार्य है। इसीलिए अच्छी तरह से पढ़ाई करके पहले चरण की प्रारंभिक परीक्षा को पास करें।

मुख्य परीक्षा

प्रथम चरण की प्रारंभिक परीक्षा पास करने के बाद द्वितीय चरण की मुख्य परीक्षा के लिए आपको बुलाया जाता है। संघ लोक सेवा आयोग द्वारा हर वर्ष आयोजित होने वाली इस परीक्षा का यह द्वितीय चरण होता है।

यह एक लिखित परीक्षा होते हैं जिसमें आपको अच्छी तरह से सभी प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य होते हैं क्योंकि इस चरण की परीक्षा के आधार पर आने वाले अंकों के अनुसार मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है। मेरिट लिस्ट में स्थान प्राप्त होने वालों को ही एसडीओ का पद दिया जाता है।

इंटरव्यू

प्रथम चरण की प्रारंभिक परीक्षा तथा द्वितीय चरण की मुख्य परीक्षा पास करने वाले परीक्षार्थियों को ही तृतीय चरण की आखिरी परीक्षा के लिए बुलाया जाता है। यह साक्षात्कार परीक्षा होती है यानी कि अब आपका आखिरी परीक्षा के अनुसार इंटरव्यू लिया जाता है।

इंटरव्यू के अंतर्गत आने वाले अंकों को कुल अंकों के अंतर्गत मिलाया जाता है।‌ इसी आधार पर मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है। यहां पर आपका न्यूनतम अंक प्राप्त करना आवश्यक है। इंटरव्यू के दौरान व्यक्तित्व की परीक्षा ली जाती है।

SDO की परीक्षा का पाठ्यक्रम

उपविभागीय अधिकारी बनाने की परीक्षा संघ लोक सेवा आयोग द्वारा हर वर्ष आयोजित करवाई जाती है। यह परीक्षा 3 चरणों में संपन्न होती है।‌ तीनों ही चरणों के लिए अलग-अलग पाठ्यक्रम निर्धारित किया गया है, जो इस प्रकार है –

प्रारंभिक परीक्षा : प्रारंभिक परीक्षा में भारतीय इतिहास, करंट अफेयर्स, जनरल नॉलेज, जियोग्राफी, इकोनामी, राजनीति विज्ञान एवं सोशल डेवलपमेंट से संबंधित तथा गणित, अंग्रेजी, रिजनिंग एवं हिंदी से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं।

मुख्य परीक्षा: इस परीक्षा में भारतीय इतिहास इकोनामी, करंट अफेयर्स, ज्योग्राफी, विश्व का इतिहास, निबंध लेखन, जनरल स्टडीज इत्यादि महत्वपूर्ण प्रश्न पूछे जाते हैं। यह द्वितीय चरण की मुख्य परीक्षा होती है।

इंटरव्यू : यह तृतीय चरण की आखिरी परीक्षा होती है। इसके तहत इंटरव्यू लिया जाता है। इंटरव्यू के अंतर्गत व्यक्ति का व्यक्तित्व रखा जाता है। यहां पर सोच समझकर उत्तर देना आवश्यक होता है। कुछ सामान्य से प्रश्न पूछे जाते हैं, लेकिन न्यूनतम अंक हासिल करना आवश्यक है।

SDO अधिकारी की सैलरी

किसी भी विभाग के अंतर्गत एक मुख्य अधिकारी की नियुक्ति की जाती हैं जिसे उपविभागीय अधिकारी कहते हैं। यह अधिकारी सरकार के कार्य को अपनी जिम्मेदारी के अनुसार धरातल पर करवाता है और उसकी जमीनी स्तर की रिपोर्ट सरकार को सौंपता है। यह एक महत्वपूर्ण पद होता है।

इसीलिए सरकार द्वारा SDO अधिकारी को ₹50000 से लेकर ₹10000 तक आमतौर पर वेतन के आधार पर दिया जाता है। समय के अनुसार तथा अनुभव के आधार पर यह वेतन बढ़ाया जाता है।‌ इसके अलावा विभिन्न प्रकार के सरकारी सुविधा मिलती है।

निष्कर्ष

किसी भी विभाग के उप विभागीय अधिकारी को SDO कहा जाता है। यह एक महत्वपूर्ण पद होता है भारतीय समाज में इस पद को सम्मान की नजर से देखा जाता है। सरकार द्वारा इस पद की नियुक्ति किसी भी विभाग में की जाती है, जिस विभाग से संबंधित सरकार द्वारा कार्य का शुभारंभ किया जाता है उसे जमीनी स्तर पर विभाग के अंतर्गत एसडीओ अधिकारी को अपनी जिम्मेदारी से पहुंचाना होता है।

SDO अधिकारी सरकार के कार्यों को सुचारु रुप से चालू करवाता है और उसकी रिपोर्ट सरकार को सौंपता है। इस आर्टिकल में हम आपको एसडीओ (SDO) ऑफिसर कैसे बने? (योग्यता, फुल फॉर्म, प्रक्रिया, परीक्षा, पाठ्यक्रम, सैलरी) ( SDO Kaise Bane) पूरी जानकारी विस्तार से बता चुके हैं।

हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए जरूर ही उपयोगी साबित हुई होगी।‌ अगर आपका इस आर्टिकल से संबंधित कोई भी प्रश्न है, तो नीचे कमेंट करके पूछ सकते हैं। हम आपके द्वारा पूछे गए प्रश्न का उत्तर जल्द से जल्द देने की पूरी कोशिश करेंगे।

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Ripal
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