नमस्कार दोस्तों, इस पोस्ट में हमने राष्ट्र पर संस्कृत श्लोक (Sanskrit Slokas on Nation) लिखे हैं। उम्मीद करते हैं आपको यह संस्कृत श्लोक (Sanskrit Shlok) पसंद आयेंगे।
राष्ट्र पर संस्कृत श्लोक – Sanskrit Slokas on Nation
त्यजेदेकं कुलस्यार्थे ग्रामस्यार्थे कुलं त्यजेत्।
ग्रामं जनपदस्यार्थे आत्मार्थे पृथिवीं त्यजेत्।।
हिंदी अनुवाद
कुल के हितार्थ एक का त्याग करना, गाँव के हितार्थ कुल का, देश के हितार्थ गाँव का और आत्म कल्याण के लिए पृथ्वी का त्याग करना चाहिए।
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मातृभूमि पर श्लोक
नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे त्वया हिन्दुभूमे सुखं वर्धितोहम्।
महामङ्गले पुण्यभूमे त्वदर्थे पतत्वेष कायो नमस्ते नमस्ते।।
हिंदी अनुवाद
हे वात्सल्य मयी मातृ भूमि, तुम्हें सदा प्रणाम करता हूँ। इस मातृभूमि ने अपने बच्चों की तरह प्रेम और स्नेह दिया है। हमें इस सुखपूर्वक हिन्दू भूमि पर में बड़ा हुआ हूँ। यह भूमि मंगलमय और पुण्यभूमि है। इस भूमि के लिए में अपने नश्वर शरीर को मातृभूमि के लिए अर्पण करते हुए इस भूमि को बार बार प्रणाम करता हूँ।
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प्रभो शक्तिमन् हिन्दुराष्ट्राङ्गभूता इमे सादरं त्वां नमामो वयम्।
त्वदीयाय कार्याय बध्दा कटीयम् शुभामाशिषं देहि तत्पूर्तये।।
हिंदी अनुवाद
हे सर्व शक्तिमान परमेश्वर, इस हिन्दू राष्ट्र के घटक के रूप में मैं तुमको सादर प्रणाम करता हूँ। आपके ही कार्य के लिए हम कटिबद्ध हुवे है। हमें इस कार्य को पूरा करने किये आशीर्वाद दे।
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भारत पर संस्कृत श्लोक
अजय्यां च विश्वस्य देहीश शक्तिं सुशीलं जगद्येन नम्रं भवेत्।
श्रुतं चैव यत्कण्टकाकीर्ण मार्गं स्वयं स्वीकृतं नः सुगं कारयेत्।।
हिंदी अनुवाद
हमें ऐसी अजेय शक्ति दीजिये कि सारे विश्व मे हमे कोई न जीत सकें और ऐसी नम्रता दें कि पूरा विश्व हमारी विनयशीलता के सामने नतमस्तक हो। यह रास्ता काटों से भरा है, इस कार्य को हमने स्वयँ स्वीकार किया है और इसे सुगम कर
काँटों रहित करेंगे।
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समुत्कर्षनिःश्रेयस्यैकमुग्रं परं साधनं नाम वीरव्रतम्।
तदन्तः स्फुरत्वक्षया ध्येयनिष्ठा हृदन्तः प्रजागर्तु तीव्रानिशम्।।
हिंदी अनुवाद
ऐसा उच्च आध्यात्मिक सुख और ऐसी महान ऐहिक समृद्धि को प्राप्त करने का एकमात्र श्रेष्ट साधन उग्र वीरव्रत की भावना हमारे अन्दर सदेव जलती रहे। तीव्र और अखंड ध्येय निष्ठा की भावना हमारे अंतःकरण में जलती रहे।
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Sanskrit Slokas on Patriotism
विजेत्री च नः संहता कार्यशक्तिर् विधायास्य धर्मस्य संरक्षणम्।
परं वैभवं नेतुमेतत् स्वराष्ट्रं समर्था भवत्वाशिषा ते भृशम्।।
हिंदी अनुवाद
आपकी असीम कृपा से हमारी यह विजयशालिनी संघठित कार्यशक्ति हमारे धर्म का सरंक्षण कर इस राष्ट्र को परम वैभव पर ले जाने में समर्थ हो।
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यौवनं धनसंपत्ति प्रभुत्वमविवेकिता।
एकैकमप्यनर्थाय किमु यत्र चतुष्टयम्।।
हिंदी अनुवाद
युवानी, धन, सत्ता और अविवेक ये हर अपने आप में ही अनर्थकारी है, तो फिर जहाँ (एक के पास) चारों चार इकट्ठे हो, तब तो पूछना ही क्या?
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Sanskrit Slokas on Desh Bhakti
यस्मिन् देशे न सन्मानो न प्रीति र्न च बान्धवाः।
न च विद्यागमः कश्चित् न तत्र दिवसं वसेत्।।
हिंदी अनुवाद
जिस देश में सन्मान नहीं, प्रीति नहीं, संबंधी नहीं, और जहाँ विद्या मिलना संभव न हो, वहाँ एक दिन भी नहीं ठहरना चाहिए।
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यौवनं धनसंपत्ति प्रभुत्वमविवेकिता।
एकैकमप्यनर्थाय किमु यत्र चतुष्टयम्।।
हिंदी अनुवाद
युवानी, धन, सत्ता और अविवेक ये हर अपने आप में ही अनर्थकारी है, तो फिर जहाँ (एक के पास) चारों चार इकट्ठे हो, तब तो पूछना ही क्या?
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Sanskrit Slokas on Bharat Mata
मर्कटस्य सुरापानं तत्र वृश्चिकदंशनम्।
तन्मध्ये भूतसंचारो यद्वा तद्वा भविष्यति।।
हिंदी अनुवाद
बंदर ने शराब पी, उसे बिच्छु ने काटा, उपर से उस में भूत प्रविष्ट हुआ, फिर सर्वथा अनिष्ट ही होगा (होने में क्या शेष बचेगा?)।
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केचिदज्ञानतो नष्टाः केचिन्नष्टाः प्रमादतः।
केचिज्ज्ञानावलेपेन केचिन्नष्टैस्तु नाशिताः।।
हिंदी अनुवाद
कुछ लोग अज्ञान से बिगड गये हैं, कुछ प्रमाद से, तो कुछ ज्ञान के गर्व से बिगड गये हैं और कुछ लोगों को बिगडे हुए लोगों ने बिगाडा है।
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नेयं स्वर्णपुरी लङ्का रोचते मम लक्ष्मण।
जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी।।
हिंदी अनुवाद
हे लक्ष्मण! यह स्वर्णपुरी लंका मुझे (अब) अच्छी नहीं लगती। माँ और मातृभूमि स्वर्ग से भी बडे होते है।
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