Sanjay Singh WFI President Biography in Hindi: कुछ समय पहले भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद का चुनाव चल रहा था, जिसमें परिणाम आते ही संजय सिंह को भारतीय कुश्ती महासंघ का नया अध्यक्ष चुना गया।
यह भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के काफी करीब माने जाते हैं, जिन्होंने चुनाव से पहले ही दावा कर दिया था कि अगले अध्यक्ष संजय सिंह बबलू ही होंगे।
संजय सिंह बबलू के अध्यक्ष चुने जाने के बाद ही उनके विरोध में साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास लेने की घोषणा कर दी। इस लेख में हम संजय सिंह बबलू के जीवन परिचय के बारे में जानेंगे।
संजय सिंह का जीवन परिचय (Sanjay Singh WFI President Biography in Hindi)
नाम | संजय सिंह ‘बबलू’ |
पेशा | राजनेता |
जन्मस्थान | चंदौली |
पिता | नंदलाल सिंह |
जाति | राजपूत |
वर्तमान पता | वाराणसी |
संजय सिंह का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
संजय सिंह बबलू मूल रूप से पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में स्थित अलीपुर थाना क्षेत्र के झांसी गांव के निवासी हैं। हालांकि वर्तमान में यह अपने पूरे परिवार सहित वाराणसी में रहते हैं।
बात करें इनकी शिक्षा की तो संजय सिंह ने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से B.Ed और एलएलबी की डिग्री प्राप्त की है।
संजय सिंह बबलू के द्वारा किए गए महत्वपूर्ण कार्य
संजय सिंह बबलू भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष से पहले वाराणसी कुश्ती संघ के भी अध्यक्ष रह चुके हैं। इस पद पर रहने के दौरान ये संघ की कई कार्य समिति में शामिल रहे।
संजय सिंह बबलू ने पूर्वांचल की महिला पहलवानों को आगे ले जाने में अपना अहम किरदार निभाया है। इसी के परिणाम स्वरुप अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय पहलवान की लंबी सूची बन चुकी है। वह बेहतर तरीके से जानते थे कि पूर्वांचल की महिला खिलाड़ियों में क्षमता है लेकिन उन्हें मौका नहीं मिल पा रहा है।
आखिरकार उनका याह प्रयास भी रंग लाया और बड़ी संख्या में महिला खिलाड़ी ने कुश्ती का अभ्यास करना शुरू किया। इन्हें शुरुआत से कुश्ती से बेहद ही लगाव था। भारतीय कुश्ती संघ का नेतृत्व करने के लिए ये विदेशों का भी दौरा कर चुके हैं। संजय सिंह बबलू की कुश्ती को मिट्टी से गद्दे पर लाने में महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
पूर्वांचल में कई अरसे से कुश्ती परंपरागत तरीके से अखाड़े में मिट्टी पर खेली जाती थी लेकिन संजय सिंह ने मिट्टी पर खेल रहे खिलाड़ियों को गद्दे पर खेलने के लिए प्रोत्साहित किया ताकि वह अंतर्राष्ट्रीय खेलों में भाग ले सके।
भारतीय कुश्ती महासंघ के नए अध्यक्ष के रूप में संजय सिंह
भारतीय कुश्ती महासंघ के नए अध्यक्ष चुनाव में संजय सिंह के पैनल ने 15 पदों में से 13 पदों पर जीत दर्ज करके इस चुनाव में अध्यक्ष पद को प्राप्त करने में सफल हुए।
इस चुनाव में संजय सिंह बबलू को 40 वोट मिले। वहीं उनके प्रतिद्वंद्वी 2010 राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता अनीता श्योराण थी, जिन्हें केवल सात वोट ही मिले।
जीत प्राप्ति के बाद संजय सिंह ने कहा कि उनकी जीत हजारों पहलवानों की जीत है, जो पिछले महीनों से परेशान है। उन्होंने यह भी कहा कि राजनीति का राजनीति से और कुश्ती का कुश्ती से वे जवाब देंगे।
संजय सिंह बबलू का करियर
संजय सिंह बबलू को शुरुआत से ही कुश्ती से लगाव था। यह कुश्ती में ही अपना करियर बनाना चाहते थे। 2008 में वाराणसी कुश्ती संघ के जिला अध्यक्ष चुने गए। 2009 में वाराणसी कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष के रूप में चयनित हुए।
इन्होंने मिट्टी पर खेले जाने वाले कुश्ती को गद्दे पर लाने का प्रयास किया। इन्हीं के प्रयास के परिणाम स्वरुप वाराणसी में 500 से भी अधिक खिलाड़ी हर रोज अलग-अलग जगह पर गद्दो पर कुश्ती का अभ्यास करते हैं।
इन खिलाड़ियों में 100 से भी अधिक ने राष्ट्रीय और 50 से भी अधिक ने अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भाग लिया है। इतना ही नहीं इनके पहलवान में महिलाओं की संख्या भी अच्छी खासी है।
आगे संजय सिंह बबलू भारत के कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण के संपर्क में आए। देखते ही देखते दोनों की दोस्ती काफी गहरी हो गई। जिसके बाद साल 2023 में भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पद का चुनाव होना था।
इस चुनाव से पहले ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक ने केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से विरोध किया कि बृजभूषण से जुड़े किसी भी व्यक्ति को इस चुनाव में लड़ने से रोका जाए। उसके बाद बृजभूषण के बेटे और उनके दामाद इस चुनाव में नहीं उतर पाए।
इस कारण बृजभूषण ने अपने सबसे करीबी संजय सिंह को चुनाव में उतारा और संजय सिंह ने इसमें जीत भी प्राप्त की और इस तरह वे वर्तमान में भारतीय कुश्ती महासंघ के नए अध्यक्ष बन चुके हैं।
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