हिंदू धर्म में कई ऐसे पेड़ पौधे के बारे में बताया गया है, जो कि काफी शुभ होते हैं और प्रत्येक घरों में पाया जाता है। इसी में से एक पौधा है जिसका नाम है रातरानी का पौधा।
रातरानी का पौधा का दूसरा नाम चांदनी भी है। क्योंकि रातरानी का पौधा का फूल रात में खिलता है और इसकी खुशबू इतनी मनमोहक होती है कि लोगों को इसकी सुगंध सुनते ही मन में एक मानसिक शांति की प्राप्ति होती है।
रातरानी का पौधा हमें अपने घरों में लगाना चाहिए, जिससे कि हम अपने घरों के आसपास एक पॉजिटिव वातावरण बना कर रख सके। रातरानी की सुगंध से हमारा मन और हमारे चारों ओर एक पॉजिटिव वातावरण बनता है।
रातरानी का पौधा बहुत ही फायदेमंद है और इसमें बहुत सारे औषधीय गुण भी पाएं जाते हैं। तो आज के इस पोस्ट में हम रातरानी के पौधे के उपयोगिता और फायदे के बारे में जानेंगे साथ ही साथ इसे कैसे लगाया जाता है?, इसके बारे में भी जानेंगे।
रातरानी क्या है? (उपयोग, फायदे और लगाने का तरीका)
रातरानी के पौधे के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी
- रात की रानी को जिसे की चांदनी भी कहा जाता है, उसे इंग्लिश में Night blooming jasmine कहते हैं। रात की रानी का scientific name Cestrum Nocturnum है।
- रात की रानी इसलिए ज्यादा सुगंधित होती है क्योंकि वह चमेली फूल के कुल से संबंधित है।
- रातरानी के पौधे का उपयोग इत्र और तेल बनाने में किया जाता है।
- रातरानी का पौधा हर मास में फलता और खिलता है अर्थात रातरानी का पौधा बरमसिया पौधा होता है, जोकि साल के हर महीना में खिलता और फूलता है।
- ऐसा माना जाता है कि रातरानी पौधे की खोज वेस्ट इंडीज में की गई थी।
- रातरानी पौधे की लंबाई करीब 10 से 13 फीट तक की होती है और यह 6 फीट में ही अपने शाखाओं को फैलाने लगती है। यह झाड़ी की तरह फैलने लगती है, इसलिए इसकी छटाई करनी भी बहुत ही जरूरी होती है और इसकी छटाई हमें तब करनी चाहिए जब इसके फूल का सीजन चला जाता है।
- रातरानी का फूल एक स्टार की तरह दिखता है और इसके पत्ते छोटी लंबी और चिकनी कोमल होती है।
- रातरानी का फूल साल में 4 बार पौधे पर आता है और इसके बाद जब रातरानी के पेड़ पर फूल नहीं आते हैं। तब इस पर छोटे-छोटे बेरी जैसे फल रहते हैं, जिसके अंदर बीज भरा रहता है और जब वे सूखते हैं तो फिर वह जमीन में गिरते हैं और उसके बाद और बहुत सारी रात रानी के पौधे पौधे उग जाते हैं।
- रातरानी के ऊपर पौधे के ऊपर जो फल आते हैं, वह फल नहीं जानवर के खाने के योग्य होते हैं, ना ही मनुष्य के खाने के योग्य होते हैं। उन फलों में जो बीज होते हैं, उनसे आप दूसरी जगह अगर रातरानी के पौधे उगाने चाहते हैं तो उसे सूखने दें और उसके बाद उस बीज को जमीन में डालकर नए रातरानी का पौधा उग सकता है। लेकिन आपको अगर नए रातरानी के पौधे उगाने की जरूरत नहीं है तो आप उन सारे बीजों को फलों को तोड़ कर फेंक सकते हैं।
- रातरानी के पौधे में एक खास बात होती है कि रातरानी का पौधों self-pollinating करते है, क्योंकि इससे परागण करने के लिए दूसरे पौधे की जरूरत नहीं पड़ती है। आपने यह सुना ही होगा कि पौधों को परागण करने के लिए दूसरे पौधों की आवश्यकता पड़ती है। लेकिन रातरानी एक ऐसा पौधा है, जो कि परागण स्वयं खुद ही कर लेता है। क्योंकि यह पौधा रात में खिलता है, तो इसका परागण छोटे-छोटे कीट पतंगों द्वारा भी हो जाता है।
- रातरानी के पौधे लगाने के पीछे एक भरम भी फैला हुआ है। लोगों का मानना है कि इसकी खुशबू सांप को आकर्षित करती है। इसीलिए रातरानी का पौधा घर के पास नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि इसे लगाने से इसमें सांप आ जाते हैं। लेकिन यह केवल भ्रम मात्र है। आज तक इसका कोई प्रमाण नहीं मिला है।
- रातरानी के पौधे की फूल की खुशबू छोटे-छोटे कीट पतंगों मधुमक्खियों चिड़ियों को आकर्षित करती है, जो कि एक सामान्य बात है, जो हर प्रकार के खुशबूदार और फूलों के पौधे के साथ होती है। इसलिए हमें बेफिक्र होकर रातरानी के पौधे की फूल की खुशबू का आनंद लेना चाहिए और इसे अपने घर के पास लगाना चाहिए। क्योंकि इसके फूल की खुशबू हमारे घर के चारों और हमारे दिमाग में भी एक पॉजिटिव वातावरण को बनाता है।
रातरानी के फायदे
- रातरानी के पौधे के फूल से इतर और तेल बनाया जाता है, जो कि आपके चेहरे समझती संबंधी समस्याएं जैसे की कील मुंहासे, कोई चोट के निशान, दाग धब्बे इन जैसी परेशानियों से रातरानी के तेल बहुत ही फायदे देते हैं।
- रातरानी के इत्र का भी बहुत ही फायदा है। इसे लगाने से आपको मन की शांति मिलती है और आपका दिमाग शांत होता है और आपका मन एकाग्र चित्त होकर किसी काम को करने में अग्रसर होता है।
- कॉस्मेटिक इंडस्ट्री में रातरानी के पौधे के फूल की या उसके पत्तियों की इस्तेमाल करके कई प्रकार के शैंपू, क्रीम, एंटीसेप्टिक क्रीम, लोशन और भी बहुत तरह से प्रयोग किया जाता है।
- रातरानी के फूल की खुशबू में इतनी शक्ति होती है कि यह व्यक्ति के डर तनाव परेशानी को दूर कर देता है। इसीलिए इसका प्रयोग अरोमा थेरेपी में भी किया जाता है।
- रातरानी फूल के जो इतर होते हैं, उसका प्रयोग करके लोग अपने आत्मविश्वास को बढ़ाता है। अपने आप को उत्साही बनाता है और उसके अंदर एक नई ताजगी का अनुभव होता है।
- रातरानी के पौधे की फूल की खुशबू से एक महत्वपूर्ण प्रयोग किया जाता है कि इसे एसेंशियल ऑयल के साथ मिलाकर इस तेल की खुशबू को एक परफ्यूम के रूप में बना बनाकर रूम मे छिड़काव कर दिया जाए तो उस रूम में प्रेम और रोमांच का माहौल बन जाता है।
- रातरानी के पौधे के तेल से मालिश करने पर शरीर में ऊर्जा बनती है और व्यक्ति कार्य करने के लिए अग्रसर रहता है। अपने काम और अपने मानसिक तनाव में बैलेंस कर पाता है।
- रातरानी के पौधे की पत्तियां में मच्छर भगाने का गुण होता है। अगर इसकी पत्तियों को सुखाकर जला दे तो इसके धुआं से भी मच्छर नहीं आते हैं और नहीं तो अगर इसकी पत्तियों को पीसकर उसके रस को अपने खिड़की दरवाजे पर लगा दें तो इससे भी मच्छर घर में प्रवेश नहीं करते हैं।
- रातरानी के पौधे में एक औषधीय गुण होता है। अगर व्यक्ति के शरीर के किसी भी अंग में सूजन हो गया हो तो उस अंग में रातरानी के पौधे की पत्तियों को पीसकर पट्टी से बांध दें और कुछ ही देर में वह सूजन कम हो जाएगा।
- रातरानी का पौधा एक औषधीय गुण है, जिसके फूलों की खुशबू का सुगंध सूंघकर व्यक्ति अपने मानसिक तनाव दुख हो, परेशानी को कम कर पाता है। साथ ही साथ रातरानी की पत्तियों को पीसकर या उसके फूलों का तेल निकालकर, समस्या चोट संबंधित समस्या, कील मुंहासे संबंधित समस्या, नेत्र रोग संबंधी समस्या, नपुंसकता, प्रसूता संबंधी समस्या आदि समस्याओं में काफी फायदेमंद होता है।
- यदि किसी व्यक्ति को मुंह के अंदर छाले आ गए हो तो उसमें भी रातरानी के पत्तियों को पीसकर दिन में दो-तीन बार लगाने से व्यक्ति को बहुत जल्द मुंह के छाले से आराम मिल जाता है।
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रातरानी के पौधे के उपयोग
- रातरानी के पौधा का उपयोग वास्तु दोष को दूर करने में भी किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि अगर आप अपने घर में रातरानी का पौधा लगाते हैं तो उसकी फूलों की खुशबू से आपके चारों और एक पॉजिटिव वातावरण बन जाता है, जिससे कि घर में पॉजिटिविटी आती है। घर में खुशियां आती है। यदि घर में कोई वास्तु दोष हो तो रातरानी का पौधा लगाने से वह वास्तु दोष भी दूर हो जाता है।
- रातरानी का पौधा बहुत ही औषधीय होता है। इसलिए इसका उपयोग करके व्यक्ति अपने मानसिक तनाव घबराहट जैसी बीमारियों से राहत पा सकता है।
- रातरानी के पौधे से बने इत्र को, अगर व्यक्ति रोज प्रयोग करें तो उसका रोज ही ताजगी भरा जीवन बीता है और रातरानी के पौधे के बने इत्र को लगाने से व्यक्ति का मन शांत होता है। दिमाग शांत होता है, वह अपने आप में एक ताजगी महसूस करता है और अपने दिन को पूरे ऊर्जा के साथ देता है।
- रातरानी के पौधे के बने इत्र या उसकी खुशबू सूंघने से व्यक्ति का दिमाग बहुत ही शांत होता है। क्योंकि इसके फूल की खुशबू और इसके इतर दिमाग पर बहुत ही गहरा छाप छोड़ती है। इसलिए व्यक्ति अगर इसका सुगंध या इत्र लगाएं तो व्यक्ति के मन में जो नकारात्मकता होती है, वह दूर हो जाती है और व्यक्ति पॉजिटिविटी से भर जाता है। जब व्यक्ति पॉजिटिविटी से भर जाता है तो वह अपने जीवन में तरक्की को प्राप्त करता है। इसलिए व्यक्ति को अपने आसपास या अपने दैनिक लाइफस्टाइल में रातरानी के पौधे का उपयोग या उसका इत्र का उपयोग करना चाहिए।
- रातरानी के पौधे के फूल रात के 8:00 बजे खिलते हैं। जब वातावरण पूर्ण रूप से शांत हो जाता है तब जाकर यह फूल खिलते हैं और अपनी फूलों की खुशबू दुर तक फैला देते हैं, जिसकी वजह से यह फूल की खुशबू आसपास के वातावरण में भी पॉजिटिविटी फैलाती है। हमारे चारों ओर एक खुशनुमा और पॉजिटिव वातावरण बन जाता है। इसीलिए हमें रातरानी के पौधे के उपयोग करना चाहिए।
- उसमें कई सारे औषधीय गुण होते हैं, जो कि हमारे चेहरे संबंधी और आंतरिक रोग संबंधी बीमारियों में भी सहायता करते हैं और सबसे महत्वपूर्ण कि यह हमारे दिमाग को शांत करते हैं। हमें पॉजिटिव थिंकिंग की ओर धकेल देते हैं, जो कि किसी भी व्यक्ति के लिए बहुत ही जरूरी है, इसलिए भी हमें रातरानी के पौधे का उपयोग करना चाहिए।
रातरानी के पौधे कैसे लगाएं जाते हैं?
रातरानी के पौधे लगाने के लिए हमें कोई खास मेहनत नहीं करनी पड़ती। बस रातरानी के पौधे के लिए हम जिस मिट्टी का उपयोग करेंगे, वह थोड़ी सी नरम होनी चाहिए और सामान्य मिट्टी होनी चाहिए।
रातरानी का पौधा आप नर्सरी से ले सकते हैं या इसके बीज अगर आपको मिल जाए तो आप उस बीज को छिड़ककर भी पौधे को लगा सकते हैं या फिर इसका पौधे का डंठल मिल जाए तो आप 7 से 8 इंच मिट्टी में गाड़ कर भी इस पौधे को उगा सकते हैं। बस हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि रातरानी के पौधे को ना ज्यादा धूप की जरूरत पड़ती है और ना ही ज्यादा पानी की।
यदि आप चाहे तो रातरानी के पौधे को पानी में भी उगा सकते हैं। बस इसके लिए आपको एक बोतल लेना होगा। शीशे का और उसमें पानी भर कर 2 से 3 इंच रातरानी के पौधे की डंठल उसमें डाल देनी होगी। आप देखिएगा कि कुछ दिनों के बाद उस डंठल में जड़ निकल आया है। उसके बाद भी आप इसे मिट्टी में गाड़ कर रातरानी के पौधे को उगा सकते हैं।
रातरानी के पौधे को ना ज्यादा धूप की जरूरत होती है, ना ज्यादा पानी की जरूरत होती है। गर्मी के दिनों में रातरानी के पौधे को वैसे जगह में रखना चाहिए, जहां कुछ देर ही धूप आती हो और आपको नियमित पानी देना चाहिए और ठंड के दिनों में रातरानी के पौधे को 2 या 3 दिनों के अंतराल में ही पानी देना चाहिए।
रातरानी का पौधा हो या कोई और भी पौधा इसमें हमें ध्यान देना चाहिए, किस में पानी जमा हुआ नहीं रहना चाहिए। अगर पानी जमा हुआ रहा तो यह पौधे को हानि पहुंचा सकती है। क्योंकि पौधे को ज्यादा नमी की आवश्यकता नहीं रहती है। इसीलिए आपको यह ध्यान देना चाहिए कि पौधे के गमले में ज्यादा पानी जमा हुआ ना हो।
रातरानी का पौधा लगाए हुए अगर आपको कुछ महीने बीत गए हैं तो आप को ध्यान देना चाहिए कि उसमें थोड़ा सा खाद देते क्योंकि किसी भी पौधे को पानी और धूप के अलावा खाद की जरूरत पड़ती है तभी अच्छे से फलता और खिलता है। इसीलिए आपको भी रातरानी के पौधे को कुछ महीनों के बाद थोड़े थोड़े खाद देनी चाहिए।
एक बेहद खास बात यदि आपने कोई रातरानी का पौधा लगाया है और उसके फूलों से कोई खुशबू नहीं आ रही है तो इसका मतलब है कि आपने किसी जंगली रातरानी पौधे को लगा दिया है। रातरानी का पौधा चमेली के कुल का बना हुआ पौधा है, इसीलिए उसमें खुशबू आनी ही चाहिए।
कभी-कभी मौसम काफी ठंड होने लगती है, जिससे कि पौधे को नुकसान होता है और यहां तक कि पौधे नष्ट भी हो जाते हैं। तो इसका मतलब यह होता है कि अभी पौधे नष्ट हो गए हैं लेकिन गर्मी आने पर फिर से इस पौधे में पत्तियां आने लगेगी और रातरानी का पौधा केवल गर्मी के मौसम में ही फूल देता है हमें इस बात का भी ध्यान देना चाहिए।
निष्कर्ष
हमें भी अपने घर के पास रातरानी का पौधा अवश्य लगाना चाहिए ताकि उसके गुणों का हम फायदा उठा सके। आज के इस आर्टिकल में हमने रातरानी क्या है? (उपयोग, फायदे और लगाने का तरीका) के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की है।
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