नानी पर कुछ कविताएँ (Poem on Nani in Hindi): हम अपने जीवन में कई सारे लोगों को देखते हैं और मिलते हैं, सभी के जीवन का अलग अलग पड़ाव भी देखते हैं। लेकिन हमारे नाना-नानी और दादा-दादी के जीवन से हमें बहुत लगाव होता है और हमारी इनसे कई सारी यादें जुड़ी होती है। उनके चेहरा हम बचपन में देखते हैं, वैसा ही आज अंतिम समय तक रहता है।
जब हमारी स्कूल की छुट्टियाँ होती है तो सभी अपनी नानी के घर ही जाना पसंद करते हैं। आज हम यहां पर मेरी नानी पर कविताएं शेयर कर रहे हैं। उम्मीद करते हैं आपको यह हिंदी कविताएं (Hindi Poem) बहुत पसंद आएगी। तो आइये पढ़ते कुछ नानी की तारीफ में लिखी गई प्रसिद्ध हिंदी कविताएं।
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नानी पर प्रसिद्ध कविताएं – Poem on Nani in Hindi
नानी की कविता – Nani Teri Morni Ko Mor Le Gaye Poem in Hindi – 1
नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए,
बाकी जो बचा था काले चोर ले गए।
नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए,
बाकी जो बचा था काले चोर ले गए।
खाके-पीके मोटे हो के चोर बैठे रेल में,
चोरों वाला डब्बा कट के पहुँचा सीधा जेल में।
नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए,
बाकी जो बचा था काले चोर ले गए।
उन चोरों की खूब ख़बर ली मोटे थानेदार ने,
मोरों को भी खूब नचाया जंगल के सरकार ने।
अच्छी नानी, प्यारी नानी, रूसा-रूसी छोड़ दे,
जल्दी से एक पैसा दे दे, तू कंजूसी छोड़ दे।
नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए,
बाकी जो बचा था काले चोर ले गए।
नानी पर कविता – Poem on Nani Maa in Hindi
नानी होती हैं कितनी प्यारी,
रोज़ नई कहानियाँ सुनाती
अपने हाथों से खाना खिलाती,
माँ की डाँट से हमें बचाती
जब हम अच्छा काम करें तब,
थप-थपा कर पीठ देती शाबाशी
अब बड़े हुए तो क्या हुआ,
हमें आज भी याद आती हैं नानी।
मेरी नानी पर कविता – Meri Nani Par Kavita In Hindi
मेरी नानी कितनी भोली,
हँसमुख चेहरा मीठी बोली।
हर दम पूछे सबका हाल,
करती हम सब की देखभाल।
खाने को देती मीठे-मीठे आम,
सब बच्चो को करती दुलार।
मेरी नानी सब से प्यारी,
आप जियो हजारों साल।
ओ नानी नाना – Nani Poem in Hindi
ओ नानी नाना, ओ नानी नाना!
शादी की इस सालगिरह पर जमकर जश्न मनाना।
ओ नानी नाना ओ नानी नाना!
जल्दी उठना सुबह सुबह के काम सभी निपटाना।
कपड़े नए पहनना फिर दर्पण के आगे जाना।
दूल्हा दुल्हन जैसे सजना बिल्कुल ना शर्माना।
पहले प्यार बड़ो से पाना फिर मंदिर जाना।
ओ नानी नाना ओ नानी नाना!
कॉफ़ी बाईट टॉफ़ी पेस्ट्री केक ब्रिटानिया लाना।
मस्ती खूब करेंगे मिलकर बच्चे सभी बुलाना।
करके बचपन याद झूमना गीत ग़ज़ल भी गाना।
डीजे आर्केस्ट्रा की धुन में ठुमके खूब लगाना।
ओ नानी नाना ओ नानी नाना!
है पचासवीं सालगिरह लेकिन इस तरह मनाना।
बने आपका दीवाना ये सारा नया जमाना।
इक्यावन के आगे तिरपन पचपन गिनते जाना।
अस्सी नब्बे सौ तक हम पर आशीर्वाद लुटाना।
ओ नानी नाना ओ नानी नाना!
नानी का घर – Few Lines on Nani in Hindi
मुझे माँ के संग जाना है
मुझे नानी के घर जाना है।
जहाँ रहते मेंरे नाना नानी
मामा मामी और मासी
मुझे नानी के घर जाना है।
रात में नानी कहानी सुनती है
नाना अच्छी बात सीखते है
हमें मासी संग गाना गाना है
मुझे नानी के घर जाना है।
मां लाते पिज्जा केक
मामी करती नोडल मेक
ऐसा मुझे समघ आया है
मुझे नानी के घर जाना है।
राधिका और राघव भैया
हमें खूब हसाते है
हम सब धमाँ चौकड़ी मचाते है।
जब माँ हमारे कान उमेठती
तब मामाँ मामी हमें बचाते है
नानी माँ को डाट लगाती है।
वहां हमें बड़ा मजा आता है
मुझे नानी के घर जाना है
मुझे माँ के संग जाना है।
नानी पर हिंदी कविता – Nani Par Kavita
नानी मेरी न्यारी है
सब दुनिया से प्यारी है।
मुझको रोज़ पढ़ाती है
होमवर्क करवाती है।
समझ ना आए कोई पाठ तो
बिन मारे समझाती है।
मीठे जल की झारी है
नानी मेरी न्यारी है।
सोने से पहले यह मुझको
लोरी रोज़ सुनाती है
नींद न आए मुझे कभी तो
सिर मेरा सहलाती है।
फूलों की फुलवारी है
नानी मेरी न्यारी है।
मामा-मामी, बहन और भाई
सारे आज्ञाकारी हैं।
घर नानी का, घर जैसा है
रंग-रंगीली क्यारी है
घर की छत है नानाजी
तो नानी चारदीवारी है।
नानी मेरी न्यारी है
सब दुनिया से प्यारी है।।
नानी का संदूक – Poem on Nani in Hindi
नानी का संदूक निराला,
हुआ धुएँ से बेहद काला
पीछे से वह खुल जाता है,
आगे लटका रहता ताला!
चंदन चौकी देखी उसमें,
सूखी लौकी देखी उसमें,
बाली जौ की देखी उसमें,
खाली जगहों में है जाला,
नानी का संदूक निराला!
शीशी गंगा जल की उसमें,
ताम्रपत्र,. तुलसीदल॒ उसमें,
चींटा, झींगुर, खटमल उसमें,
जगन्नाथ का भात उबाला,
नानी का संदूक निराला!
मिलता उसमें कागज कोरा,
मिलता उसमें सुई व डोरा,
मिलता उसमें सीप-कटोरा,
मिलती उसमें कौड़ी माला,
नानी का संदूक निराला!
नानी की नाव चली – Poem on Nani in Hindi
नाव चली
नानी की नाव चली
नीना के नानी की नाव चली
लम्बे सफ़र पेसामान घर से निकाले गये
नानी के घर से निकाले गये
इधर से उधर से निकाले गये
और नानी की नाव में डाले गये(क्या क्या डाले गये)
एक छड़ी, एक घड़ी
एक झाड़ू, एक लाडू
एक सन्दुक, एक बन्दुक
एक तलवार, एक सलवार
एक घोड़े की जीन
एक ढोलक, एक बीन
एक घोड़े की नाल
एक जीवर का जाल
एक लह्सुन, एक आलू
एक तोता, एक भालू
एक डोरा, एक डोरी
एक बोरा, एक बोरी
एक डंडा, एक झंडा
एक हंडा, एक अंडा
एक केला, एक आम
एक पक्का, एक कच्चा
और…
टोकरी में एक बिल्ली का बच्चा
(म्याऊँ म्याऊँ)
फिर एक मगर ने पीछा किया
नानी की नाव का पीछा किया
नीना के नानी की नाव का पीछा किया
(फिर क्या हुआ)
चुपके से, पीछे से
ऊपर से, नीचे से
एक एक सामान खींच लिया
एक बिल्ली का बच्चा
एक केला, एक आम
एक पक्का, एक कच्चा
एक अंडा, एक हंडा
एक झंडा, एक डंडा
एक बोरी, एक बोरा
एक डोरी एक डोरा
एक तोता, एक भालू
एक लह्सुन, एक आलू
एक जीवर का जाल
एक घोड़े की नाल
एक ढोलक, एक बीन
एक घोड़े की जीन
एक तलवार, एक सलवार
एक बन्दुक, एक सन्दुक
एक लाडू, एक साडू
एक छड़ी, एक घड़ी
(मगर नानी क्या कर रही थी)
नानी थी बिचारी बुड्ढी बहरी
नानी की नींद थी इतनी गहरी
इतनी गहरी (कित्ती गहरी)
नदिया से गहरी, दिन दोपहरी
रात की रानी, ठंडा पानी
गरम मसाला, पेट में ताला
साड़े सोला, पंद्रह एका पंद्रह
दूना तीस, तीया पैंतालिस
चौके साठ, पौना पच्चत्तर
छक्के नब्बे, साती पिचलन
आठी बीसा, नबर पतीसा
गले में रस्सा…
-हरिंद्रनाथ चट्टोपाध्याय
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