इस लेख में निर्मल गहलोत का जीवन परिचय विस्तार से जानेंगे, जिसमें निर्मल गहलोत कौन है, निर्मल गहलोत की नेट वर्थ कितनी है, उत्कर्ष क्लासेज आदि के बारे में चर्चा करेंगे।
निर्मल गहलोत राजस्थान के जोधपुर के निवासी है और उत्कर्ष क्लासेस जोधपुर के संस्थापक है, जिससे ऑनलाइन भारत के लाखों छात्र पढ़ाई करते हैं।
बढ़ती टेक्नोलॉजी और इंटरनेट को देखते हुए शिक्षा के क्षेत्र में अनेक सारे नए-नए बदलाव आये है, उसी में से एक बदला हुआ ऑनलाइन कोचिंग का।
इस बदलाव का हिस्सा बने निर्मल गहलोत, जो कि खुद अपना घर बार चलाने के लिए छात्रों को पढ़ाया करा करते थे, कोचिंग करवाया करते थे। आज लाखों छात्र उनके ऑनलाइन शिक्षा के प्लेटफार्म का प्रयोग करके सफलता हासिल कर रहे हैं।
निर्मल गहलोत का जीवन परिचय (Nirmal Gehlot Biography in Hindi)
नाम | निर्मल गहलोत |
जन्म और जन्मस्थान | 13 अगस्त 1978, जोधपुर, राजस्थान |
पिता | ओम प्रकाश गहलोत |
भाई | तरुण गहलोत |
शिक्षा | M.A. की डिग्री |
स्कूल | आदर्श विद्या मंदिर, जोधपुर (राजस्थान) |
पेशा | अध्यापक |
कंपनी | Utkarsh Classes & Edutech Pvt Ltd |
धर्म | हिन्दू |
निवास | जोधपुर (राजस्थान) |
निर्मल गहलोत का जन्म परिचय
निर्मल गहलोत का जन्म राजस्थान के जोधपुर में 13 अगस्त 1978 को हुआ था। उनके पिता का नाम ओम प्रकाश गहलोत है।
निर्मल गहलोत ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा जोधपुर के आदर्श विद्या मंदिर से पूरी की। नकी पत्नी का नाम करुणा गहलोत है।
इनके पिता ओम प्रकाश गहलोत भी अध्यापक थे, इसलिए इनकी रुचि शुरुआत से ही शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ी रही।
परंतु उस समय अपने परिवार की स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से nirmal gehlot ने 11वीं कक्षा की पढ़ाई के साथ ही बच्चों को कोचिंग करवाना शुरू कर दिया ताकि उनका घर खर्चा चले और कुछ आमदनी हो सके।
तभी से निर्मल गहलोत को पढ़ाने का रूचि आने लगी और उन्हें लगने लगा कि वे बड़े लेवल पर भी छात्रों को पढ़ा सकते हैं। उनका यह सपना आगे चलकर साकार भी हुआ।
निर्मल गहलोत ने हिंदी मीडियम में M.A की डिग्री हासिल की तथा सरकारी नौकरी की उम्मीद में राजस्थान छोड़ दिल्ली में पढ़ाई करने के लिए चले गए, जहां पर उन्हें अनेक सारी परेशानियां देखने को मिली।
उन्होंने देखा कि भारत के कोने-कोने से छात्र नौकरी की तलाश में दर-दर भटकते हुए यहां पर आते हैं, जहां उन्हें अनेक सारी परेशानियों और तकलीफों का सामना करना पड़ता है।
निर्मल गहलोत का करियर
दिल्ली देश की राजधानी है और यहां की जनसंख्या के अनुसार रहने की व्यवस्था काफी मुश्किल से होती है। यहां पर छोटी सी जगह के लिए अधिक पैसे चुकाने होते हैं।
बच्चों को अपनी आगे की पढ़ाई के लिए यहां रहने और खाने के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने होते थे तथा छोटी सी जगह में रहकर पढ़ाई करनी होती है।
इस बीच होने वाली परेशानियों का सामना करना होता है। सभी को देखते हुए इनके दिमाग में एक आइडिया आया कि क्यों ना इन सभी विद्यार्थियों की परेशानियों को दूर किया जाएं।
उन्होंने सोचा कि एक ऐसा प्लेटफार्म तैयार किया जाएं, जहां पर घर पर बैठे ही सभी छात्र पढ़ सके।
nirmal gehlot ने इंटरनेट और टेक्नोलॉजी के बढ़ते स्वरूप को देख लिया था। उन्होंने इंटरनेट पर एक ऐसा प्लेटफार्म तैयार करने का विचार किया, जिस पर सभी तरह की डिग्रियां और सभी तरह के कोर्स उपलब्ध हो सके।
बच्चों को कोचिंग करवाई जाएं, जिससे उन्हें अपना राज्य और अपनी जगह छोड़ कर किसी दूसरे राज्य में नहीं जाना पड़े।
इन सभी परेशानियों को देखते हुए उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में एक अलग कदम बढ़ाने की योजना बनाई।
निर्मल गहलोत का स्टार्टअप
निर्मल गहलोत ने आज से 20 वर्ष पहले 13 सितंबर 2002 को कोचिंग संस्थान का काम एक छोटे से कमरे से शुरू किया।
उन्होंने मात्र 23 साल की उम्र में यह पहला कदम बढ़ाया था। उस समय उन्होंने ₹100000 का लोन लेकर एक छोटे से कमरे से शिक्षा के क्षेत्र में यह स्टार्टअप शुरू किया था।
तब उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि वह कितना आगे जाएंगे और उनका यह स्टार्टअप कितना पॉपुलर हो जायेगा।
शुरुआत में उन्हें काफी ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ा। क्योंकि शिक्षा के क्षेत्र में यह एक नया कदम था, इसलिए उन्हें सारे काम खुद ही करने पड़े।
धीरे-धीरे करके उन्होंने अपने कोचिंग सेंटर का प्रचार व प्रसार करना शुरू किया। बच्चे कहते हैं कि निर्मल गहलोत काफी अच्छी तरीके से पढ़ाई करवाते हैं। उनके पढ़ाने का तरीका और अंदाज काफी पसंद आता है। इसलिए जो भी उसके पास पढ़ने के लिए आया, उसने ज्ञान प्राप्त ही किया है।
जब छोटे से कमरे से निर्मल गहलोत ने कोचिंग की शुरुआत की तब उन्हें सारे काम खुद ही करने होते थे और बच्चों को पढ़ाने के लिए समय अनुसार टाइम भी निकालना होता था, बच्चों को पढ़ाना भी होता था।
इस तरह से समय बीतता गया। धीरे-धीरे उनकी कमाई होने लगी और उनके कोचिंग संस्थान का नाम होने लगा। इसी बीच उन्होंने कुछ अनुभवी अध्यापकों को भी रख लिया, उन सब ने मिलकर पढ़ाना शुरू किया।
उत्कर्ष क्लासेस की स्थापना
समय के साथ भारत में इंटरनेट का प्रचार प्रसार होने लगा और टेक्नोलॉजी भी बढ़ने लगी। लोगों के हाथों में स्मार्टफोन आने लगे।
तभी समय देखकर निर्मल गहलोत ने अपने कोचिंग सेंटर को ऑनलाइन स्थानांतरित करने का सोचा और उन्होंने सन 13 जून 2017 को Utkarsh Classes Jodhpur एप्लीकेशन लांच किया।
निर्मल गहलोत अब ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन दोनों तरीकों से पढ़ाने के लिए प्रचार व प्रसार करने लग गए तथा ऑनलाइन क्लास की शुरुआत कर दी।
अब धीरे-धीरे विद्यार्थी ऑनलाइन जुड़ते गए और अपने घर से ही पढ़ने लगे। इसमें विद्यार्थियों का समय और पैसा दोनों बचने लगा तथा उन्हें आने-जाने की परेशानियों से भी छुटकारा मिलने लगा।
देखते ही देखते विद्यार्थियों और निर्मल गहलोत दोनों को ही अपने अपने काम सफलता मिलने लगी।
वर्ष 2020 की शुरुआत में कोरोनावायरस के कारण पूरे भारत में लॉकडाउन की घोषणा हो गई। इसके साथ ही दुनिया के सभी कार्य रुके हुए थे।
परंतु ऑनलाइन सब कुछ सही चल रहा था। इसलिए ऑनलाइन कोचिंग और ऑनलाइन पढ़ाई का विस्तार होने लगा और देखते ही देखते सभी तरह की पढ़ाई या परीक्षा टेस्ट ऑनलाइन होने लगे।
उत्कर्ष क्लासेस की सफलता
लॉकडाउन के समय निर्मल गहलोत तथा उत्कर्ष को बड़ी सफलता तब मिली जब लाखों विद्यार्थियों ने ऑनलाइन ही कोचिंग करने के लिए अप्लाई किया और ऑनलाइन कोचिंग करने लगे।
तब उत्कर्ष क्लासेस की देश भर में चर्चा होने लगी और उत्कर्ष क्लासेस विद्यार्थियों के बीच लोकप्रिय ऑनलाइन कोचिंग प्लेटफॉर्म बन गया।
उस समय सभी विद्यार्थी घर से ही पढ़ाई कर रहे थे और ऑनलाइन ही कोचिंग कर रहे थे। सरकार ने भी ऑनलाइन ही टेस्ट परीक्षाएं देने पर जोर दिया था।
इसलिए ऑनलाइन कोचिंग प्लेटफॉर्म की डिमांड बढ़ने लगी और जिन्होंने पहले से ऑनलाइन कोचिंग प्लेटफार्म बना रखे थे, उनकी वाह-वाह होने लगी।
आज के समय में उत्कर्ष क्लासेस जोधपुर के एप्लीकेशन को 10 मिलियन से भी ज्यादा लोगों ने डाउनलोड किया है तथा उस पर लाखों लोग जुड़ चुके हैं।
आज उत्कर्ष क्लासेस जोधपुर द्वारा ऑनलाइन और ऑफलाइन शिक्षा दी जाती है। यह शिक्षा के क्षेत्र में एक नया और बड़ा कदम है।
कोरोना महामारी के दौरान उत्कर्ष क्लासेस के संस्थापक निर्मल गहलोत ने सरकार को ₹210000 की राशि मुख्यमंत्री कोविड-19 कोश में जमा कराई थी।
निर्मल गहलोत ने यह राशि महामारी के दौरान राज्य की जनता के हित के लिए दान दी थी। उसके बाद निर्मल गहलोत को दानवीर के रूप में जाना जाने लगा।
आज के समय में उत्कर्ष क्लासेज के नाम से हर कोई विद्यार्थी वाकिफ हैं, लेकिन जो लोग नहीं जानते, मैं उन्हें बता दूं कि निर्मल गहलोत एक सामान्य परिवार से आते हैं, जिन्होंने इस मुकाम तक पहुंचने में अनेक सारी घटनाएं और परेशानियों का सामना किया। स्टार्टअप की शुरुआत की, जिन्हें कई वर्षों की मेहनत के बाद आज सफलता हासिल की है।
आज उत्कर्ष क्लासेज को देश भर के छात्र जानते हैं। देशभर के छात्रों ऑनलाइन एक ही जगह पर कई तरह की शिक्षा प्रदान करते हैं।
उत्कर्ष क्लासेस जोधपुर के नाम से यूट्यूब चैनल, मोबाइल एप्लीकेशन तथा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से 50,00000 से भी ज्यादा विद्यार्थी जुड़े हुए हैं, जो नियमित रूप से अध्ययन कर रहे हैं, कोचिंग कर रहे हैं, अपनी पढ़ाई कर रहे हैं।
उन्हें अब ज्यादा पैसा भी खर्च नहीं करना होता है। अपने राज्य शहर को छोड़कर कहीं नहीं जाना होता है और ना ही किसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उनके लिए ऑनलाइन पढ़ाई का प्लेटफार्म वरदान साबित हुआ।
शिक्षा के क्षेत्र में उत्कर्ष क्लासेस का योगदान
भारत में इंटरनेट और टेक्नोलॉजी के विस्तार के साथ ही कई तरह के नए-नए क्षेत्र उत्पन्न हुए तथा उन क्षेत्रों में बड़े बड़े बदलाव देखने को मिले।
ऐसा ही एक बड़ा बदलाव शिक्षा के क्षेत्र में देखने को मिला जब स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई को ऑनलाइन ही किए जाने लगा।
यह बड़ा बदलाव इतना अत्यधिक हुआ कि लोगों को बिना कंप्यूटर के अपने मोबाइल में ही पढ़ाई करने को मिली, जिससे लोगों के अनेक सारे खर्चे बच गए और काफी परेशानियां कम हो गई।
वर्तमान समय में बच्चों को पढ़ाने के लिए अनेक सारे ऑनलाइन कोचिंग और शिक्षण संस्थान उपलब्ध है, जो भारत के लाखों-करोड़ों विद्यार्थियों को ऑनलाइन कोचिंग करवाते हैं।
इससे शिक्षक और विद्यार्थी दोनों का समय, पैसा बच जाता है। उन्हें अनेक सारी परेशानियां तथा आने जाने का जो खर्चा पड़ता था, वह नहीं उठाना पड़ता है।
जब देश में ऑनलाइन कोचिंग नहीं थे, तब विद्यार्थियों को कोचिंग तथा आगे की पढ़ाई हेतु दूसरे राज्य या दूसरे शहरों में जाना होता था। जहां उन्हें रहने के लिए कमरा और खाने की व्यवस्था भी पहले करनी होती थी। उसके बाद उन्हें अपने पढ़ाई पर ध्यान देना होता था।
इस बीच में रहने और खाने की भी व्यवस्था समय अनुसार करनी होती थी। इस बीच उनके समय और खर्चों के बीच तालमेल नहीं बैठ रहा था क्योंकि खर्चे तो ज्यादा थे।
साथ ही उन्हें समय भी कम मिल रहा था, जिसमें उन्हें रहना-खाना और पढ़ाई करना भी शामिल था। लेकिन समय बदलता गया और शिक्षा के क्षेत्र में फैले हुए बदलाव देखने को मिले।
Nirmal Gehlot Net Worth
निर्मल गहलोत एक शिक्षक के साथ एक अच्छे समाज सेवक भी है। यह सामाजिक जगहों के विकास में अपना सहयोग देते रहते हैं।
कोरोना महामारी के दौरान इन्होंने ₹210000 की राशि मुख्यमंत्री कोविड-19 कोश में जमा कराई थी, जिससे कोरोना महामारी से लड़ने के लिए सरकार का सहयोग हो सके।
उत्कर्ष क्लासेस जोधपुर भारत के शीर्ष ऑनलाइन शिक्षा के प्लेटफार्म में से एक है। यह ऑनलाइन शिक्षा के साथ ऑफलाइन शिक्षा भी उपलब्ध करवाता है। इस प्लेटफार्म के साथ लाखों छात्र जुड़े हुए है, जो अपने भविष्य को सफल बना रहे है।
इससे हम अनुमान लगा सकते हैं कि निर्मल गहलोत की नेट वर्थ करोड़ों में हो सकती है।
FAQ
निर्मल गहलोत जोधपुर राजस्थान के रहने वाले हैं।
निर्मल गहलोत एक टीचर है, जो पहले कोचिंग करवाते थे और उत्कर्ष क्लासेस जोधपुर के संस्थापक है।
निर्मल गहलोत ने एम.ए की डिग्री हासिल की हुई है।
निर्मल गहलोत पढ़ने के लिए राजस्थान से दिल्ली गए थे।
निर्मल गहलोत के पिता का नाम ओम प्रकाश गहलोत है, जो कि एक अध्यापक रह चुके है।
निर्मल गहलोत के स्टार्टअप का नाम उत्कर्ष क्लासेस जोधपुर है।
निष्कर्ष
उत्कर्ष क्लासेस जोधपुर द्वारा विद्यार्थियों को ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों ही तरीकों से पढ़ाया जाता है। जहां पर उन्हें अनेक प्रकार की कोचिंग तथा कई प्रकार के विषयों के बारे में विस्तार से बताया जाता है।
उत्कर्ष क्लासेस जोधपुर प्लेटफार्म पर आज अनेक सारे अनुभवी शिक्षक जुड़े हुए हैं, जो देश भर के छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाते हैं।
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