Nikhat Zareen Biography in Hindi: गुरुवार को इस्तांबुल में आयोजित महिला विश्व चैंपियनशिप के फ्लाइवेट (52 किग्रा) वर्ग में निखत ज़रीन ने एकतरफा फाइनल में थाईलैंड की जिटपोंग जुटामस को 5-0 से हराकर जरीन इस खेल प्रतियोगिता की चैंपियन बनी।
इसी के साथ जरीन ने विश्व चैंपियन बनने वाली पांचवी भारत के महिला मुक्केबाज का पद हासिल कर लिया। उसके बाद से यह काफी सुर्खियों में है। हर कोई इनके सफलता की कहानी को जानने के लिए उत्सुक है।
इस लेख में भारत की प्रसिद्ध मुक्केबाज निखत जरीन की जीवनी बताने वाले हैं। इसमें हम इनकी प्रारंभिक जीवन, इनकी शिक्षा और खेल के क्षेत्र में इनकी उपलब्धियों के बारे में जानेंगे। तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
निखत ज़रीन का जीवन परिचय | Nikhat Zareen Biography in Hindi
निखत ज़रीन के बारे में संक्षिप्त जानकारी
नाम | निखत ज़रीन |
पेशा | बॉक्सिंग (51 किग्रा) |
जन्म | 14 जून 1996 |
जन्मस्थान | निजामाबाद जिला, तेलंगाना |
माता | परवीन सुल्ताना |
पिता | मोहम्मद जमील अहमद |
शिक्षा | एवी कॉलेज, हैदराबाद |
वजन | 51 किलो |
कोच | इमानी चिरंजीवी |
प्लेयिंग स्थिति | फ्लाई-वेट |
निखत ज़रीन का प्रारंभिक जीवन
निखत ज़रीन का जन्म भारत की पूर्वी दक्षिणी राज्य तेलंगाना के निजामाबाद जिले में 14 जून 1996 को हुआ था। इनकी माता का नाम परवीन सुल्तान है। पिता का नाम मोहम्मद जमील अहमद है, वे खुद भी एक खिलाड़ी रह चुके हैं। निखत जरीन के एक चाचा हैं, जिनका नाम शमशामुद्दीन है और इन्होंने ही जरीन को बॉक्सिंग की दुनिया से परिचित कराया।
जरीन ने 13 साल की उम्र से बॉक्सिंग करना शुरू किया। इनके चाचा शमशामुद्दीन अपने बेटों को बॉक्सिंग की ट्रेनिंग दिया करते थे, उन्हें देखकर जरीन में भी बॉक्सिंग सीखने की रुचि विकसित हुई। जरीन की बॉक्सिंग के प्रति उत्साह दिन इनके चाचा ने इन्हें भी कोचिंग देना शुरू किया। जरीन प्रसिद्ध मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम को अपना आदर्श मानती है।
निखत जरीन ने अपने एक साक्षात्कार में बताया कि बॉक्सिंग के फील्ड में जाने के निर्णय से इनकी माता हमेशा चिंतित रहा करती थी। परंतु इनके पिता और उनके चाचा ने इन्हें आगे बढ़ाने में बहुत सहायता की और उन्हीं के कारण इन्हें हौसला मिला।
निखत जरीन की शिक्षा
निखत जरीन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने जिले निजामाबाद के प्राथमिक स्कूल से किया। उसके बाद 2015 में इन्होंने अपनी स्नातक की डिग्री हैदराबाद के एवी कॉलेज से लिया। उसी समय तक वे जालंधर में आयोजित ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भाग लेकर सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाज बनी।
जरीन ने अपने साक्षात्कार में बताया कि शुरुआती समय में इन्हें पढ़ाई और मुक्केबाजी टूर्नामेंट का प्रबंधन सार-साथ करना थोड़ा मुश्किल हुआ करता था। लेकिन यह बहुत भाग्यशाली रही कि इन्हें अपने दोस्तों से बहुत समर्थन मिला।
इनके सहपाटी अध्ययन में इनकी काफी मदद किया करते थे और इनके साथ नोट्स सांझा करते थे। अपनी बोर्ड की परीक्षा देने के बाद इन्होंने अपना पूरा ध्यान बॉक्सिंग करियर पर केंद्रित किया।
निखत ज़रीन की उपलब्धियां
2009 में जरीन विशाखापट्टनम में स्थित खेल प्राधिकरण में भर्ती ली, जहां पर इन्होंने द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्त आइवी राव से प्रशिक्षण लिया। 2010 में मात्र 14 साल की उम्र में ही निखत ज़रीन ने इरोड नेशनल में स्वर्ण पदक जीता और फीर इन्हें बेस्ट बॉक्सर घोषित किया गया।
इसके 1 साल के बाद 2011 में तुर्की में आयोजित महिला जूनियर और यूथ वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में इन्होंने फ्लाइट डिवीजन में मुक्केबाज उलकू डेमीर से मुकाबला करके 27:19 स्कोर के साथ तीन राउंड के बाद विजेता बनी और स्वर्ण पदक जीता।
2014 में सर्बिया के नौवीं सेंड में आयोजित तीसरे नेशन्स कप इंटरनेशनल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में रूस की पल्टसेवा एकातेरिना को 51 किलो वर्ग में हराते हुए स्वर्ण पदक हासिल किया।
इसके 1 साल के बाद 2019 में बुल्गारिया की राजधानी सोफिया में आयोजित स्ट्रैंड्जा मेमोरियल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में फिलिपीन की आयरिश मैग्नो को 51 किलोग्राम वर्ग में हराकर स्वर्ण पदक हासिल किया। इसी साल जूनियर नेशनल मुकाबले में जरीन को बेस्ट बॉक्सर घोषित किया गया।
निखत जरीन को प्रधानमंत्री ने दीं बधाई
जरीन की शानदार जीत पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इन्हें ट्वीट करते हुए इनकी शानदार विजय को बधाई दिया। इसके साथ ही बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष अजय सिंह ने भी जरीन की जीत पर बधाई व्यक्त करते हुए कहा कि विश्व स्तर पर मेडल जीतना हर खिलाड़ी का सपना होता है। जरीन ने यह खिताब जीतकर बॉक्सिंग फेडरेशन को ही नहीं बल्कि पूरे भारत को गौरवान्वित किया है।
निखत ज़रीन के जीत पर इनके माता पिता बहुत खुश हैं
निखत के जीत के बाद इनके परिवार का साक्षात्कार लेने के दौरान इनकी माता ने अपनी बेटी की जीत पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि इनके परिवार को इनकी जीत का इंतजार था। निखत जैसी एक चैंपियन की परवरिश करना आसान नहीं था। जीवन में बहुत कठिनाई आई लेकिन सभी ने हिम्मत रखा और जरीन को आगे बढ़ाने में मदद कीया।
लोग मजाक उड़ाया करते थे लेकिन इन्होंने हमेशा ही अपनी बेटी को प्रोत्साहित किया। इंटरव्यू के दौरान इनके पिता ने भी अपनी बेटी की जीत पर खुशी व्यक्त किया और कहा कि यह जीत उन सभी भारतीयों को समर्पित है, जिन्होंने जरीन की यात्रा के दौरान उनका सपोर्ट किया।
FAQ
निखत जरीन का जन्म तेलंगाना राज्य के निजामाबाद जिले में हुआ था।
निखत ज़रीन के पिता का नाम मोहम्मद जमील अहमद और माता का नाम परवीन सुल्ताना है।
2010 में मात्र 14 साल की उम्र में ही निखत ज़रीन ने इरोड नेशनल में स्वर्ण पदक जीतकर बॉक्सिंग के क्षेत्र में अपना कदम रखा।
निष्कर्ष
निखत जरीन एक प्रसिद्ध भारतीय मुक्केबाज हैं, जो लगातार अपने सपनों का पीछा कर रही है। इस मार्ग में वह कई उपलब्धियां पा चुकी है। लेकिन अभी भी इन्हें शिखर तक पहुंचना है, जिसके लिए यह अपने आप को और भी ज्यादा तैयार कर रही है और अनेक बाधाओं का सामना करने के लिए तैयार है।
अपनी इस कम उम्र में निखत जरीन सफलता के जिस मुकाम तक पहुंची है यह काबिले तारीफ है। इनकी जीवनी हर युवा पीढ़ियों को प्रोत्साहित करती है। जरीन एक के बाद एक टूर्नामेंट में भाग लेकर शानदार प्रदर्शन कर रही है और भारत को गौरवान्वित कर रही है। सभी भारतीयों को इस भारत की लड़की पर गर्व है।
हमें उम्मीद है कि आज के लेख में बताए गए निखत ज़रीन की जीवनी (Nikhat Zareen Biography in Hindi) से आपको इनके बारे में बहुत कुछ जानने को मिला होगा। यदि लेख अच्छा लगा हो तो इसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम इत्यादि के जरिए जरूर शेयर करें। लेख से संबंधित कोई भी प्रश्न या सुझाव हो तो कमेंट में लिखकर जरूर बताएं।
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