एक समय हुआ करता था जब हम चांद को चंदा मामा कहकर पुकारा करते थे। लेकिन आज इंसान खुद चांद पर पहुंच कर इतिहास रच रहा है। ना केवल चांद पर बल्कि अन्य ग्रहों के बारे में भी जानकारी उपलब्ध कर रहा है।
अंतरिक्ष संबंधित जानकारी प्राप्त करने में लगभग हर किसी की रूचि होती है। क्योंकि हमारा ब्रह्मांड काफी रहस्यो से भरा हुआ है। यह इतना बड़ा है इसका कोई अंत भी नहीं और इसमें सागर से भी ज्यादा रहस्य छुपे हुए हैं, जिसके बारे में हर दिन हमें कुछ ना कुछ नया जानने को मिलता है।
आखिर ब्रह्मांड के बारे में इतनी सारी जानकारी हमें प्राप्त कैसे हुई? इसका श्रेय अंतरिक्ष संस्थान को जाता है। जो उपग्रह को लांच करती है, जो हमें अंतरिक्ष के बारे में नई जानकारी देते हैं।
ऐसा ही एक अंतरिक्ष अनुसंधान NASA भी है, जिसके बारे में आपने जरुर सुना होगा। लेकिन NASA के बारे में आप बहुत कम जानते होगे।
तो चली इस लेख के माध्यम से हम NASA के बारे में सब कुछ जानते हैं कि NASA का फुल फॉर्म क्या है (NASA Full Form in Hindi), nasa की स्थापना कब हुई और NASA क्या कार्य करता है?
NASA क्या है?
NASA संयुक्त राज्य अमेरिका की एक स्वतंत्र और दुनिया का सबसे बड़ा अंतरिक्ष अनुसंधान है। इसका मुख्यालय अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी में स्थित है।
इसकी स्थापना 29 जुलाई 1958 को हुई थी। यह संस्था अंतरिक्ष संबंधित कार्यक्रम और एयरोनॉटिक्स के ऊपर रिसर्च करती हैं। NASA ने अब तक अपने कई अंतरिक्ष मिशन से इतिहास रचा है।
नासा की फुल फॉर्म क्या है? (NASA Full Form in Hindi)
NASA का फुल फॉर्म National Aeronautics and Space Administration है। वहीं हिंदी में नासा का फुल फॉर्म राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रबंधन है।
NASA का काम
NASA कई तरह के कार्य करता है, जिस कारण हमारे अंतरिक्ष और ब्रह्मांड से संबंधित कई सारी जानकारी दिन प्रतिदिन पता चलती है। यहां के अंतरिक्ष यात्री ग्रह और उपग्रह की कक्षा में अनुसंधान करते हैं, ब्रह्मांड और धरती से जुड़ी जानकारी को एकत्रित करते हैं।
इन सबके अतिरिक्त NASA एक्टिविटीज और कार्यक्रमों पर काफी निवेश करती है ताकि स्टूडेंट्स, एजुकेटर और कम्युनिटीज को नई खोज करने के लिए प्रेरित किया जा सके।
यह संस्था छात्रों को पढ़ाने के लिए अध्यापकों की सहायता करती है ताकि भविष्य में नए और अच्छे इंजीनियर, साइंटिस्ट और एस्ट्रोनॉट्स NASA कै मिल सके।
यह अध्यापकों को ट्रेनिंग के लिए ऑफर करती हैं, अपने अंतरिक्ष मिशन में छात्रों को शामिल करती है। अंतरिक्ष से संबंधित ज्यादा से ज्यादा सीखने की इच्छा उत्पन हो।
NASA का इतिहास
NASA का इतिहास 19वीं सदी से शुरू होता है। जब द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद अमेरिका और सोवियत संघ के बीच हालात तनावपूर्ण चल रहे थे।
उस दौरान सोवियत संघ ने 4 अक्टूबर 1957 को अपना पहला अंतरिक्ष उपग्रह Sputnik I लांच किया था, जो सफल हुआ और 98 मिनट के अंदर ही उस उपग्रह ने पृथ्वी की कक्षा में अपना स्थान स्थापित कर लिया। वह उपग्रह 183 पौंड वजनदार था, जो बास्केटबॉल के आकार में था।
अमेरिका सोवियत संघ के इस कामयाबी पर हैरान रह गया। बाद में उसे यह डर सताने लगा कि कहीं सोवियत संघ मिसाइल के जरिए अमेरिका सहित यूरोप के अन्य देशों में न्यूक्लियर हथियार का इस्तेमाल ना करें, जिस कारण अमेरिका के लिए खुद का अंतरिक्ष एजेंसी स्थापित करना महत्वपूर्ण हो गया था।
इसके बाद 3 नवंबर 1957 को सोवियत संघ ने अपना दूसरा उपग्रह लांच किया। उसी साल दिसंबर में अमेरिका ने भी अपना Vanguard नाम से पहला उपग्रह लांच किया लेकिन, वह सफल नहीं हो सका।
जिसके बाद 31 अक्टूबर 1958 को अमेरिका ने दोबारा प्रयास करते हुए Explorer I नामक उपग्रह को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। जिसके बाद अमेरिकी कांग्रेस ने आधिकारिक रूप से एयरोनॉटिक्स और अन्य सरकारी एजेंसियों के लिए एक राष्ट्रीय सलाहकार समिति के रूप में NASA की स्थापना करने का प्रस्ताव पारित किया।
इस तरह NASA की स्थापना होने के बाद NASA ने इंसानों और उपग्रहों की मदद से सौर प्रणाली और ब्रह्मांड के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध की। Apollo 11 मिशन के तहत चांद पर सबसे पहले व्यक्ति नील आर्म स्ट्रांग को भेज कर इतिहास रच दिया।
आगे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण करना NASA के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि साबित हुई। इस तरह NASA ने आगे कई सारे मिशन को सफल करते हुए दुनिया में इतिहास रचा।
हालांकि NASA ने अपने कामयाबी के दौर में कई बार बुरे हालातों का भी सामना किया। जब 1986 और 2003 में उनके दो स्पेस शटल विस्फोट हो कर बर्बाद हो गए, जिसमें चालक दल की मृत्यु भी हुई।
लेकिन NASA बुरे दौर से भी गुजरते हुए लगातार प्रोग्रेस करता ही रहा। इसीलिए आज NASA दुनिया के टॉप अंतरिक्ष एजेंसियों में से एक हैं।
NASA की कुछ खास उपलब्धियां
NASA की स्थापना के बाद NASA ने अपने कई उपलब्धियों से इतिहास रचा है चाहे चांद पर जाना हो या फिर मंगल ग्रह से संबंधित जानकारी उपलब्ध करना हो।
NASA ने अब तक कई सारे उपलब्धियों को हासिल किया है। लेकिन हम यहां पर NASA के कुछ प्रमुख पांच उपलब्धियों के बारे में जानते हैं।
Project Mercury
प्रोजेक्ट मरकरी के तहत NASA ने पहली बार इंसानों को अंतरिक्ष में भेजने का लक्ष्य बनाया। 1961 से 1963 के बीच यह प्रोजेक्ट में काम चला और इस दौरान NASA ने 25 उड़ानें भरी, जिसमें से 6 उड़ानों में अंतरिक्ष यात्री को शामिल किया गया।
इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य पृथ्वी के कक्षा में मानव अंतरिक्ष यान की परिक्रमा कराना और अंतरिक्ष में यात्री और यान को सफलतापूर्वक धरती पर वापस लाने का उद्देश्य था। इसके साथ ही अंतरिक्ष में इंसानों के कार्य क्षमता की जांच भी करना था।
Apollo Soyuz Test Project
Apollo Soyuz Test Project ने अमेरिका और सोवियत संघ के बीच 1970 के दशक में चल रहे राजनीतिक तनाव कम करते हुए सहयोग का रास्ता बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया।
इस प्रोजेक्ट के तहत अमेरिका और सोवियत जुलाई 1975 में 17 अंतरिक्ष यान को लॉन्च करते हुए अंतरराष्ट्रीय भागीदारी तय की।
Viking
NASA के द्वारा लांच किया गया Viking 1 Probe अंतरिक्ष यान विश्व का पहला सफल पूर्वक मंगल ग्रह की सतह पर उतरने वाला अंतरिक्ष यान था, जिसे 1973 में लांच किया गया था।
हालांकि इससे पहले Soviat 2 और 3 को भी लॉन्च करके मंगल ग्रह की सतह पर उतरने का प्रयास किया गया लेकिन वह सफल नहीं हो सका।
Viking 1 ने मंगल ग्रह पर 6 साल और 116 दिन का समय बिताते हुए अपना रिकॉर्ड बनाया। अंतरिक्ष यान के कारण मंगल ग्रह के बारे में काफी सारी जानकारी हमें प्राप्त हुई।
Pioneer
Pioneer मिशन NASA के ऐतिहासिक उपलब्धियों में से एक है। इस मिशन के तहत 1972 में Pioneer 10 और 1973 में Pioneer 11 को लॉन्च किया गया। इन अंतरिक्ष यान को बृहस्पति और शनि ग्रह पर पहुंचाने का प्रयास किया गया। इसमें यह सफल भी हुआ।
Pioneer 10 बृहस्पति और मंगल ग्रह के बीच का क्षेत्र जहां चट्टाने परिक्रमा करती हैं, जिन्हें एस्टेरॉइड बेल्ट कहा जाता है, वहां तक पहुंचने वाला पहला यान था। बृहस्पति ग्रह पर यह 1 साल तक रहा। उसके बाद शनि ग्रह पर पहुंचा।
बृहस्पति ग्रह पर इस अंतरिक्ष यान ने ग्रेट रेड स्पॉट की तस्वीर भेजने वाला पहला यान बना। शनि ग्रह पर इस अंतरिक्ष यान ने उसके चारों और घूमते हुए उसके छोटे चंद्रमा के जोड़ों की खोज की। इसके साथ ही शनि ग्रह के छलों की जानकारी भी दी।
Vyogar
NASA के द्वारा लॉन्च किया गया Vyogar 1 और Vyogar 2 NASA की महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक है, जिसने यूरेनस के नजदीक पहुंचकर उसके 10 चंद्रमा का जानकारी दिया।
यहां तक कि इसी मिशन के तहत नेपच्यून ग्रह की भी खोज हुई। इसी स्पेस शटल के कारण ही चंद्रमा पर मौजूद ज्वालामुखी की भी जानकारी प्राप्त हुई।
इस मिशन के तहत हमें बृहस्पति और शनि ग्रह के बारे में कई सारी जानकारी प्राप्त हुई। बृहस्पति के चारों ओर फैले हुए छालों के बारे में भी कई नई जानकारी की खोज की गई।
FAQ
नैशनल एडवाइज़री कमिटी फॉर एरोनॉटिक्स (एनएसीए) के स्थान पर NASA का गठन किया गया था।
NASA के Gemini Program के तहत 3 जुलाई 1965 को Ed White पहले बने, जिन्होंने स्पेसवॉक किया।
NASA का यह प्रोजेक्ट काफी प्रसिद्ध था जिसके कारण ग्रह, उपग्रह, आकाशगंगा और सितारों से जुड़ी कई जानकारी प्राप्त हुई। इस अंतरिक्ष यान को 1990 में लांच किया गया था, जिसने ब्राह्मांड से संबंधित कई जानकारी NASA के सामने प्रस्तुत किया।
NASA के द्वारा साल 2005 में लांच किया गया यह अंतरिक्ष यान एक्स्ट्रासोलर ग्रहों के प्रकाश का पता लगाने वाला पहला टेलीस्कोप था।
निष्कर्ष
इस तरह उपरोक्त लेख में आपने दुनिया का प्रसिद्ध अंतरिक्ष अनुसंधान NASA के बारे में जाना। इस लेख में हमने NASA क्या है, NASA का फुल फॉर्म क्या है (NASA Full Form in Hindi), NASA की स्थापना कब हुई, NASA का इतिहास और NASA के द्वारा प्राप्त कुछ उपलब्धियो के बारे में जाना।
हमें उम्मीद है कि यह लेख आपके लिए जानकारी पूर्ण रहा होगा। इस लेख को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए अन्य लोगों के साथ भी जरूर शेयर करें।
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