My Unforgettable Trip Essay In Hindi : अनादि काल से इंसान एक घुमक्कड़ जी रहा है, जिसे हर जगह घूमना पसंद है। घूमने की कला के वजह से ही इंसानों ने इतने कम समय में पृथ्वी के लगभग सभी इलाकों पर अपना वर्चस्व पा लिया है। जिन लोगों को घूमना पसंद होता है उनके जीवन में एक यात्रा ऐसी होती है, जिसे वह कभी नहीं भूल सकते।
आज हम आप सभी लोगों को मेरी अविस्मरणीय यात्रा पर निबंध के विषय में बताने वाले हैं। यदि आप इसके लिए इच्छुक हैं, तो हमारे इस निबंध को अंत तक जरूर पढ़ें क्योंकि हमारा यहां निबंध विद्यार्थियों के लिए बहुत ही ज्यादा उपयोगी होने वाला है क्योंकि ऐसे निबंध परीक्षाओं में भी पूछे जाते हैं, तो चलिए शुरू करते हैं।
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मेरी अविस्मरणीय यात्रा पर निबंध | My Unforgettable Trip Essay in Hindi
मेरी अविस्मरणीय यात्रा पर निबंध (250 शब्द)
लगभग सभी लोगों को अनोखे और विचित्र जगह पर घूमना पसंद होता है। घूमने से हमें उस क्षेत्र के बारे में जानकारी मिलती है। मुझे भी नए जगहों पर घूमना काफी पसंद है। इस वजह से मैं अक्सर विभिन्न जगहों पर घूमने जाता रहता हूं। हाल ही में मैंने उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर का सफर किया, जो मेरे लिए कभी ना भूलने वाला सफर रहेगा।
अगर आप उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर जाएंगे तो सबसे पहले वहां के साफ-सफाई को देखकर आश्चर्यचकित रह जाएंगे। भारत में जब से स्वच्छ भारत अभियान चला है, तब से भारत के सभी राज्य अपने आप को पहले से और ज्यादा खूबसूरत बनाने के लिए साफ-सफाई बड़ी जोरों से कर रहे है उसमें भुवनेश्वर भी पीछे नहीं है।
मैंने भुवनेश्वर का सफर अपने गृह शहर पटना से किया। पटना से भुवनेश्वर जाने की एक सीधी ट्रेन जाती है। हम अपने सभी मित्रों के साथ इस ट्रेन पर शाम को चल गए और अगले दिन सुबह भुवनेश्वर की स्टेशन पर उतरे।
ऑनलाइन सुविधा आ जाने की वजह से हमने स्टेशन के पास एक ओयो कंपनी के कमरे को बुक कर लिया था। अपने सभी मित्रों के साथ हम कमरे में गए और कुछ देर विश्राम करने के बाद भुवनेश्वर शहर के ट्रिप पर निकले। जब आप इस शहर को घूमने निकलेंगे तो इसकी खूबसूरती आपको कुछ इस कदर चकाचौंध करेगी कि आप अपने पूरे जीवन यहां की खुशबू को भूल नहीं पाएंगे।
नीले आसमान में कोई फीट ऊंचे मंदिर पर शिल्पकार की बनाई हुई। एक खूबसूरत आकृति आपके मन को इस कदर उतर जाएगी कि आप उन आकृतियों में कहीं खो से जाएंगे और पुराने जमाने के लोग कितनी समझदारी और गंभीरता से काम कर सकते थे। उनकी यह काबिलियत देखकर आपके होश उड़ जाएंगे।
शिल्प पर बनाई हुई आकृतियों की बात करें और सम्राट अशोक का याद ना आए ऐसा हो नहीं सकता। भारत के सर्वश्रेष्ठ राजाओं में हमेशा हम सम्राट अशोक को याद रखेंगे। इन की बनाई हुई शिल्प कारीगरी आज भी भुवनेश्वर के म्यूजियम में जीवित है। यहां के मंदिर और शिल्पकार इतनी प्रसिद्ध है कि भुवनेश्वर को पूर्व काशी की उपाधि मिली है।
इन सभी ऊंचे ऊंचे मंदिर और शिल्प कारी को देखने के बाद वहां के कुछ स्वादिष्ट व्यंजनों को भी हमने चखा मसालेदार खाने है और हरे भरे इलाके खूबसूरत मंदिर ने हमारे मन को कुछ इस कदर लूट लिया कि भुवनेश्वर की खूबसूरती को हम कभी नहीं भूल पाएंगे।
मेरी अविस्मरणीय यात्रा पर निबंध (500 शब्द)
लगभग हर व्यक्ति को घूमना बहुत पसंद होता है आखिर इस दुनिया में शायद ही कोई ऐसा होगा जो अनोखे और विचित्र जगहों को देखकर आश्चर्यचकित ना होता हो। मैं भी इस दुनिया के अन्य घुमक्कड़ लोगों में से एक हूं जो किसी ने जगह पर जाने की बात को सुनकर ही उत्साह से भर जाता हूं। एक बार अपने मित्रों के साथ मैंने कोलकाता जाने का मन बनाया। सभी को भारत के पूर्व राजधानी को देखने का काफी मन था इस वजह से कोलकाता जाने का प्लान बना।
हम झारखंड की राजधानी रांची में निवास करते थे। यहां से सुबह एक ट्रेन कोलकाता के लिए थी जिस पर विराजमान होकर रात तक कोलकाता पहुंच गए। सबसे पहले तो कोलकाता के स्टेशन पर उतरते। हम बड़े आश्चर्य चकित और उत्साह से भर गए।
यह सोचकर ही आश्चर्य लगता है कि कोलकाता से आगे ट्रेन नहीं जाती। यह भारत की ट्रेन का अंतिम छोर है। कोलकाता भारत के उन गिने-चुने स्टेशनों में से है, जहां आपको स्टेशन पर पुल देखने को नहीं मिलेगा मगर ऐसा नहीं है कि पुल बनाने में कोलकाता पीछे है। स्टेशन से बाहर निकलते ही हावड़ा पुल को देखकर आपके होश उड़ जाएंगे।
उसे स्टेशन की खूबसूरती और हावड़ा पुल को पार करते हुए हमने इन सब को निहारा और फिर पास ही एक होटल के कमरे में गए। कुछ देर विश्राम करने के बाद अगले दिन सुबह कोलकाता घूमने का निश्चय किया गया। इस जगह पर सबने एक्वा पार्क और जू के बारे में बहुत सुन रखा था मगर सबसे पहले रानी विक्टोरिया का महल देखने का निश्चय किया गया।
विक्टोरिया मेमोरियल कोलकाता के एक प्रसिद्ध महल में से एक है, जिसे देखकर आपके होश उड़ जाएंगे। वह बिल्कुल ताजमहल की तरह सफेद है मगर काफी बड़ा है। विक्टोरिया मेमोरियल के दरवाजे पर खड़े होकर बहुत देर तक हम इस बात के बारे में सोचते रहे कि आखिर वह कौन होगा जो इस महल में रहता होगा।
वहां से आगे जाने के लिए हमने मेट्रो ट्रेन का सहारा लिया। जिसे हमारे मित्रों के समूह में बहुत सारे लोगों ने पहली बार इस्तेमाल किया था। हालांकि इसके बाद एक्वा पार्क और जू में जाकर हमने बहुत सारी मस्ती की। ऐसी एक से एक ऐसे झूले थे जिसपर बैठ कर हम उत्साह और खुशी से भर गए। इसके बाद हम वहा के काली मंदिर में जाने का विचार किया।
कोलकाता की काली मंदिर में काली मां को देखकर ऐसा लगता था, जैसे वह मंदिर से बाहर आ रही है। मगर इन सबके बाद हम आपने सभी मित्रो के साथ इतने विभिन्न प्रकार के खाना को हमने खाया और कोलकाता के इतने खूबसूरत नजारे मस्ती देने वाले पार्क और एक से बढ़कर एक स्वादिष्ट व्यंजन ने हमारे दिल को कुछ इस तरह लूटा कि हम अपने इस सफर को जीवन भर भूल ना पाए।
मेरी अविस्मरणीय यात्रा पर निबंध (850 शब्द)
प्रस्तावना
घूमना हर किसी को पसंद है लेकिन कभी-कभी हम ऐसे विचित्र सफर पर चले जाते हैं, जिस सफर को हम कभी अपने जीवन में भूल नहीं पाते। यह हमारे जीवन भर हमारी चाय के साथ हो हम से जुड़ा हुआ रहता है। मैं एक घुमक्कड़ किस्म का इंसान हूं। मैंने भारत में कश्मीर से कन्याकुमारी और गुजरात से मिजोरम तक की दूरी तय की है। मैंने भारत के विभिन्न राज्यों को काफी करीब से देखा है। मगर जब मैं कश्मीर घूमने गया था, तो अपने कश्मीर के सफर को कभी भूल नहीं पाया।
धरती का स्वर्ग है कश्मीर
कश्मीर को भारतीय धरती का स्वर्ग कहा जाता है। इसी से इसकी खूबसूरती का अंदाजा लगा सकते हैं। चारों और इतने सफेद पहाड़ जिसे देखकर मानव लगता है कि जैसे उन पर कोई दूध उड़ेला रहा है। इतनी लाल सेब के बगीचे जिसे देख कर आप किसी गोरी के गाल को भूल जाएं। ना केवल वहां के बगीचे और पहाड़ बल्कि हरे भरे खेत खलिहान और उन में घूमते हुए गोरे चिट्टे लोग आपको अपना दीवाना बना लेंगे।
वहां क्या क्या देखा?
इतना खूबसूरत पहाड़ और बगीचा हमने अपने पूरे जीवन में कभी नहीं देखा। बगीचा में सेब के पेड़ के नीचे सोकर हमने कहीं देर तक अपने मित्रों से बातें की। बर्फीले पहाड़ पर चढ़ाई की। वहां के खेत खलिहान को देखते हुए हम कश्मीर के कुछ गांव में भी गए, जहां लगे हुए मेले और उन मेलों में अखरोट और विभिन्न ड्राई फ्रूट के व्यंजन ने हमारी भूख के साथ-साथ हमारे दिल को भी असीम सुख का अनुभव करवाया।
कश्मीर घूमना किसी सपने से कम नहीं था। हमने वहां डल झील को देखा जहां पानी के आरपार सभी जीव अमित साफ साफ दिखाई दे रहे होते है हाउसबोट का सफर तो बिल्कुल ऐसा लग रहा था। जैसे मानो हम अपने घर में बैठे हो और वह घर पानी में तैरने निकल पड़ा हो।
कश्मीर की वादियां और वहां की खूबसूरत नजारों की तारीफ करते हुए हमारे मस्तिष्क में उपमाओं की कमी हो जाएगी। मगर ऐसी कोई उपमा नहीं बनी, जो उस खूबसूरत शहर की खूबसूरती का परिचय दे सके। कश्मीर को घूमते वक्त लेह को भी जरूर घूमे। लेह गर्मी में घूमने लायक जगह है, जहां की खूबसूरत वादियां और पहाड़ आपको दीवाना बना देंगे।
घाटी और झील कुछ इतने प्रसिद्ध प्रसिद्ध झील हैं, जिनके आसपास के बगीचे और उन पर चल रहे वोट आपको दीवाना बना देंगे यहां हाउसबोट का सफर करना ना भूलें।
डल झील कुछ गिने-चुने ऐसे जिलों में आता है जहां आपको पानी के अंदर की चीज है बिल्कुल साफ साफ बाहर से ही नजर आती हैं इस जगह पर भी जाना ना भूलें।
इन सबके अलावा कारगिल की पहाड़ियां अपनी वीरता और पराक्रम की कहानियों की वजह से काफी प्रचलित है उस जगह को भी घूम आए और वहां की युद्ध की कहानियों को सुनें और वीरों को नमन कर के अपने सफर पर आगे बढ़े।
कश्मीर का सफर कब करना चाहिए
केवल हम नहीं इस विश्व में शायद ही ऐसा कोई होगा जो कभी कश्मीर घूमने जाए और वह इस बात को भूल जाए। कश्मीर और वहां के लोग दोनों ही अपनी खूबसूरती के वजह से पूरे विश्व भर में प्रचलित है। इस जगह को सभी के लिए खूबसूरत कहा जाता है, जब आप गर्मी के दिन में यहां घूमने जाएं। गर्मी के दिन में आपको वहां सभी वादियां हरी-भरी दिखाई देंगी और वहां के सर्द मौसम कब सही मायने में लुफ्त उठा पाएंगे।
कश्मीर घूमने लायक जगह है और इस सफर को हम भूल जाएं, इस सोच से ही हमारा मन इस प्रकार चिंतित हो जाता है। जैसे मानो अपनी जिंदगी के सबसे खूबसूरत पल को त्यागने के बारे में कोई कह रहा हो। इस वजह से मस्तिक से चाहकर भी कश्मीर की खूबसूरती यों को भूल नहीं पाता। कुछ सबसे सुनहरे पलों में से आपके जीवन का वह पल होगा ,जब आप कश्मीर की वादियों में खड़े होकर वहां के ड्राई फ्रूट की खुशबू लेते हुए बड़े-बड़े बर्फ से नहाते हुए पहाड़ को देखेंगे और अपने आप आपके मुंह पर एक मुस्कुराहट आ जाएगी। जो इस बात का प्रमाण होगी कि इस जगह की खूबसूरती ने आपके दिल को छू लिया है।
निष्कर्ष
मैंने कभी सोचा भी नही था की यह सफर मेरे जीवन में यादगार बन जायेगा। जब कभी भी इस सफर को अपने खाली पलों में याद करता हूँ, तब मेरा मन फिर से रोमांचित हो जाता है और शरीर में पूरी ऊर्जा भर जाती है।
अंतिम शब्द
आज के आर्टिकल में हमने मेरी अविस्मरणीय यात्रा पर निबंध (My Unforgettable Trip Essay in Hindi) के बारे में बात की है। मुझे पूरी उम्मीद है की हमारे द्वारा लिखा गया यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। यदि किसी व्यक्ति को इस आर्टिकल में कोई शंका है तो वह हमें कमेंट में पूछ सकते है।
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