Mahant Narendra Giri Biography In Hindi: नमस्कार दोस्तों, आज हम आप सभी लोगों को अपने इस महत्वपूर्ण लेख के माध्यम से बताने वाले हैं भारत के एक ऐसे महान संत के विषय में जिन्होंने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के लिए अपने जीवन का बहुमूल्य समय समर्पित किया। इस महान संत की जन्म तिथि एवं जन्म स्थान के विषय में अभी तक मतभेद चल रहा है।
अब आप सभी लोग समझ गए होंगे कि हम किसकी बात कर रहे हैं। जी हां, सभी लोगों ने बिल्कुल सही समझा हम बात कर रहे हैं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रमुख संत नरेंद्र गिरी महाराज के विषय में। नरेंद्र गिरी महाराज ने अभी हाल ही में अपने प्राण त्यागकर स्वर्गवासी हो गए। नरेंद्र गिरी महाराज की 20 सितंबर वर्ष 2021 को संदिग्ध अवस्था में मृत्यु हो गई और इनकी लाश मिलने के बाद लोगों के दिलों में आश्चर्य का भाव पैदा हुआ।
आज हम आप सभी लोगों को बताने वाले हैं नरेंद्र गिरी महाराज के संपूर्ण जीवन परिचय के विषय में। आज आपको जानने को मिलेगा कि नरेंद्र गिरी महाराज कौन है? नरेंद्र गिरी महाराज का जन्म, व्यक्तिगत जीवन, शिक्षा, करियर इत्यादि के विषय में।
यदि आप सभी लोग नरेंद्र गिरी महाराज के विषय में संपूर्ण जानकारियां विस्तार पूर्वक से जानना चाहते हैं तो कृपया हमारे इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें।
महंत नरेंद्र गिरि का जीवन परिचय | Mahant Narendra Giri Biography In Hindi
नरेंद्र गिरी महाराज के विषय में संक्षिप्त जानकारी
नाम | नरेंद्र गिरी |
जन्म | अभी तक ज्ञात नहीं |
जन्म स्थान | ज्ञात नहीं |
कार्यक्षेत्र | अखाड़ा |
पद | अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रमुख |
अखाड़ा | जूना अखाड़ा |
मुख्य शिष्य | आनंद गिरि |
मृत्यु | 20 सितंबर 2021 |
मृत्यु का कारण | जांच के हिसाब से आत्महत्या (अभी भी जांच जारी है) |
मृत्यु का सक | आनंद गिरी |
नरेंद्र गिरी महाराज कौन है?
नरेंद्र गिरी महाराज भारतीय अखिल अखाड़ा परिषद के प्रमुख थे, उन्होंने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद में अपना अहम योगदान दिया। नरेंद्र गिरी महाराज जी और इस अखाड़े का नाम इतना ज्यादा प्रसिद्ध हो गया था कि इनके बहुत से शिष्य बन गए थे।
नरेंद्र गिरी महाराज के जन्म के विषय में मतभेद
हम आप सभी लोगों को बता देना चाहते हैं कि नरेंद्र गिरी महाराज की जीवन में उनके जन्म को लेकर अब तक कोई भी विशेष जानकारी नहीं प्राप्त है। नरेंद्र गिरी महाराज के जन्म को लेकर कई लोग अपना अलग-अलग मत प्रदान करते हैं। अतः नरेंद्र गिरी महाराज के जन्म को लेकर अभी भी मतभेद जारी है।
नरेंद्र गिरी महाराज जी की मृत्यु
नरेंद्र गिरी महाराज जी की मृत्यु कल दिनांक 20 सितंबर 2021 को संदिग्ध अवस्था में हुई। नरेंद्र गिरी महाराज जी का शव इस अवस्था में मिलने के बाद लोग आश्चर्यचकित रह गए। क्योंकि नरेंद्र गिरी महाराज बड़े उच्च विचार वाले व्यक्ति थे और किसी भी व्यक्ति को ऐसी कोई भी आशंका नहीं थी कि यह आत्महत्या भी कर सकते हैं। उनके चाहने वालों का यह कहना है कि इन्होंने आत्महत्या नहीं बल्कि इनका खून किया गया है।
नरेंद्र गिरी महाराज जी के मृत्यु का कारण
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रमुख नरेंद्र गिरी महाराज जी का शव संदिग्ध अवस्था में 20 सितंबर 2021 को प्रयागराज के बाघंबारी मठ से प्राप्त हुआ। आशंका जताई जा रही है कि इनकी मृत्यु भी प्रयागराज के बाघंबारी मठ में ही हुई होगी। इतना ही नहीं इनकी मृत्यु को आत्महत्या बताया जा रहा है क्योंकि इनके पास से लगभग 5 पन्नों का एक सुसाइड नोट मिला है।
इस सुसाइड नोट में इनके प्रमुख शिष्य आनंद गिरी को दोषी ठहराया गया है। यह बात कितनी सच है, यह भी सिद्ध नहीं हुआ है। क्योंकि अभी इसकी छानबीन जारी है। कुछ लोगों का ऐसा भी कहना है कि कोई आनंद गिरि जी को फंसाया जा रहा है। क्योंकि आनंद गिरि जी नरेंद्र गिरी महाराज के प्रमुख शिष्य थे। इसी कारण कोई नहीं चाहता था कि यह आगे चलकर इस मठ के प्रमुख बने।
पिछले कुछ दिनों में ऐसी वाक्यांश सामने देखने को मिले, जो कि पूरे अखिल भारतीय अखाड़ा मठ के लिए आश्चर्यजनक थे। बीते पिछले कुछ दिनों में नरेंद्र गिरी महाराज और इनके शिष्य आनंद गिरि केवल एक विवाद हुआ, इसी विवाद को ध्यान में रखते हुए पुलिस के द्वारा ऐसा बताया जा रहा है कि यह आत्महत्या है। परंतु अभी भी इसकी जांच जारी है और सुसाइड नोट को पढ़ने के बाद पुलिस ने यह बताया है कि इसके पीछे आनंद गिरि का हाथ भी हो सकता है।
इसके बाद फॉरेंसिक टीम और स्पेशल टीम इस मामले की जांच में जुट गई है और अभी यह इस मामले की जांच ही कर रही है। प्रयागराज के आईजी के पी सिंह ने कहा है कि “हमें ऐसी सूचना मिली है कि प्रयागराज के मठ में ऐसी वारदात घटनाएं हुई और हम जल्द से जल्द इस घटनास्थल पर पहुंचे।”
प्रयागराज के आईजी के पी सिंह के वहां पहुंचने से पहले ही मर चुके थे और जमीन पर लेटे थे। उन्होंने यह भी कहा कि जब यह वहां पहुंचे तो उन्होंने देखा कि पंखे से रस्सी लटकी हुई थी और महंत जी की मृत्यु हो चुकी थी। शुरू में तो लोगों ने इस घटना को आत्महत्या बताया। परंतु उनके पास से एक सुसाइड नोट भी मिला, जिसमें उन्होंने अपने आश्रम के वसीयतनामा को लेकर पूरी चिट्ठी लिखी थी।
नरेंद्र गिरी महाराज जी ने अपने सुसाइड नोट पर लिखा था कि “मैं आत्महत्या कर रहा हूं और मेरे आत्महत्या करने का कारण यही है कि मैं अपने शिष्य से दुखी हूं।” नरेंद्र गिरी महाराज जी की लाश उनके गेस्ट हाउस में मिली और इतना ही नहीं कुछ सुसाइड नोट में आनंद गिरि जी के साथ-साथ उनके और भी शिष्यों के नाम थे।
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नरेंद्र गिरी महाराज की मृत्यु पर पीएम मोदी ने जताया शोक
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रमुख नरेंद्र गिरी जी की मृत्यु के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट करते हुए लिखा कि “अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी जी की मृत्यु बहुत ही दुखद है और आध्यात्मिक परंपराओं के प्रति समर्पित रहते हुए भी इन्होंने संत समाज की अनेक धाराओं को एक समाज से जोड़ने की प्रमुख भूमिका निभाई अतः भगवान उनकी आत्मा को शांति दे ओम शांति!।”
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ जी ने भी जताया शोक
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने भी अपने ट्विटर अकाउंट पर श्री नरेंद्र गिरी जी को ट्वीट करते हुए लिखा कि “अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रमुख महंत नरेंद्र गिरि जी का ब्रह्मलीन होना आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति है प्रभु श्रीराम से हमारी यही प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्य आत्मा को अपने श्री चरण कमलों में स्थान दे और शोकाकुल अनुयायियों को इस अपार दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें!।”
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और भारत के प्रधानमंत्री के अलावा भी अनेक राजनेताओं ने महंत नरेंद्र जी महाराज की मृत्यु पर शोक जताया और उन्हें श्रद्धांजलि भी अर्पित की।
निष्कर्ष
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Aapane bahut badhiya jankari di hai