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महाभारत किसने लिखी थी और कब लिखी?

महाभारत बच्चे-बच्चे के बीच प्रचलित है। हर कोई इसकी कहानी जानता है। मगर महाभारत किसने लिखी थी (Mahabharat Kisne Likhi Thi) और क्यों लिखी? यह हर किसी को मालूम नहीं रहता।

अगर आप उनमें से एक है, जो महाभारत के रचयिता के बारे में जानना चाहते है तो नीचे बताई गई जानकारियों को ध्यानपूर्वक पढ़ें। 

आपने टीवी सीरियल में अक्सर महाभारत देखा होगा। इसके अलावा महाभारत ग्रंथ को भी पढ़ा होगा। हिंदू धर्म का सबसे प्रमुख ग्रंथ भगवत गीता महाभारत का ही एक हिस्सा है।

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महाभारत को विश्व के सबसे बेहतरीन ग्रंथ में से एक माना जाता है। इस ग्रंथ के जरिए आप पाप, पुण्य अच्छे बूरे के मध्य की महीन रेखा को समझ पाएंगे।

mahabharat kisne likhi thi

महाभारत बहुत ही प्रतिष्ठित विक्रांत है, जिसने इंसान को इंसान के रूप में रहने की शिक्षा प्रदान की है। महाभारत ने बताया है कि अगर पाप बढ़ जाएं तो कैसे मनुष्य का अंत हो जाता है। किस तरह के फैसले से घर का नाश होता है और किस तरह से इंसान को अपना जीवन जीना चाहिए।

महाभारत क्या है?

बहुत सारे लोगों को लगता है कि महाभारत एक ग्रंथ है। मगर बता दें कि ऋषि मुनि जो भी लिखते थे, उसे ग्रंथ नहीं कहा जाता था।

हर चीज की अलग-अलग परिभाषा होती है, जिसके आधार पर महाभारत को महाकाव्य कहा जाता है।

महाभारत महाकाव्य है, जिसमें आज से हजारों वर्ष पहले हुई एक घटना के बारे में बताया गया है। जिसमें पता चलता है कि लोग किस तरह से सभ्य बने? और जब वह सभ्य जीवन जीने लगे। उन्होंने अपने लालच में किस तरह के फैसले लिए?, उनके फैसले ने किस तरह से परिवार और समाज का अंत कर दिया?

सरल शब्दों में कहें तो महाभारत एक ऐसी गाथा है, जो बताती है कि अगर पढ़े लिखे लोगों से गलती हो जाएं तो समाज पर इसका कैसा दुष्प्रभाव पड़ता है।

अगर किसी अज्ञान मनुष्य से गलती होती है तो इसका प्रभाव उतना भयानक नहीं होता, जितना कुछ पढ़े-लिखे लोग सही फैसले का चयन नहीं कर पाने की वजह से करते हैं।

यह कहानी भाइयों की है, लालच और लोभ की है, स्त्री की इज्जत की है। समाज में बैठे कुछ उन बुद्धिजीवियों की है, जिन्होंने सही वक्त पर सही फैसला नहीं लिया।

पांडव और कौरव के अलावा स्वयं भगवान ने इस पूरे घटना में अपनी एक अहम भूमिका दिखाई है और बताया है कि किस प्रकार इंसान विषम परिस्थिति में भी अपना जीवन सही तरीके से जी सकता है।

महाभारत किसने लिखी थी?

महाभारत एक प्रचलित महाकाव्य है, जिसकी रचना महर्षि वेदव्यास के द्वारा की गई थी।

जब पृथ्वी पर महाभारत की घटना होने वाली थी तब महर्षि वेदव्यास को उनके ज्ञान की वजह से भगवान ब्रह्मा के द्वारा चुना गया ताकि वह इस पूरी घटना का एक सटीक लेखा-जोखा बना सके, जो आने वाले समय में मनुष्य के मार्गदर्शन का कारण बने।

हिंदू धर्म के मुताबिक आज से कई साल पहले जब धरती पर महाभारत की घटना घटने वाली थी तब भगवान ब्रह्मा महर्षि वेदव्यास को दर्शन देते है और उन्हें इस पूरी घटना को एक काव्य के रूप में सही तरीके से लिखने का कार्य सौंपते हैं।

यह पूरी घटना जिस तरह से बढ़ रही थी, उसे काव्य का रूप देना और कदम दर कदम तरीके से बताना कि क्या हो रहा है? बड़ा मुश्किल था।

जिसके लिए ब्रह्मा ने महर्षि वेदव्यास को गणेश को अपना मुंशी बनाने की सलाह दी।

वेदव्यास ने ऐसा ही किया। उन्होंने इस पूरी गाथा को सही तरीके से सूचीबद्ध करके एक काव्य का रूप देने के लिए अपने मुंशी के रूप में गणेश को चुना और वह जितनी तेजी से इस पूरी घटना को अपने ध्यान से देखते चले गए, उतनी तेजी से गणेश ने उस पूरी घटना को कागज पर लिख लिया। जिसे बाद में महर्षि वेदव्यास ने एक महाकाव्य का रूप देकर महाभारत का नाम दिया।

वेदव्यास कौन थे?

महाभारत की रचना करने वाले महर्षि वेदव्यास को अलग-अलग जगहों पर व्यास के नाम से भी जाना जाता है। यह भारत के सबसे पुराने संत में से एक थे।

भगवान विष्णु के आशीर्वाद से वेद व्यास ने विष्णु पुराण की रचना की थी, जिसके बाद उन्होंने अनेकों वेद और पुराण की रचना की, जिसे समझना काफी कठिन था।

इसलिए उन्होंने उसे अलग-अलग भाग में विभाजित करते हुए 4 वेद और 18 पुराण बना दिए, जिसके बाद उन्हें वेद विभाजन कर्ता का भी नाम मिला।

वेदव्यास को सबसे पुराने ऋषि मुनि के रूप में जाना जाता है। मगर हम कुछ ग्रंथों की बात करें तो हिंदू धर्म के मुताबिक वेदव्यास पांडव और कौरव के दादा हुआ करते थे।

अर्थात कई हजार साल पहले वेदव्यास नाम के एक ऋषि मुनि थे, जिन्होंने अलग-अलग तरह के वेदों की रचना की, जिसे पढ़कर इंसान अपनी सभ्यता को ज्यादा सभ्य बना पाया।

उस वक्त उनके 4 पुत्र हुए पांडु, धृतराष्ट्र, विदुर और सुखदेव। आगे चलकर पांडू के बेटे पांडव और धृतराष्ट्र के बेटे कौरवों के बीच महाभारत का युद्ध हुआ, जिसके बारे में हम सब जानते हैं।

महाभारत क्यों लिखा गया?

यह एक ऐसी घटना थी, जिसमें यह दिख रहा था कि मानव सभ्यता जब अत्यधिक शक्ति रखने लगी तो अपने वर्चस्व को बड़ा बनाने के लिए वह अपने परिवार से भी लड़ने लगी।

परिवार में भी जब बड़े बूढ़ों ने सही और गलत को देखने की मर्यादा छोड़ दी तब परिवार के लोग आपस में कट मरने लगे।

महाभारत को लिखने का मकसद केवल इतना था कि भगवान आने वाली पीढ़ी को यह सीख दे सके कि चाहे आप जीवन में कितना भी धन और ताकत कमा लें, आपको अपने परिवार की इज्जत करनी चाहिए।

हालांकि महाभारत के लिखने का मकसद उसके पढ़ने वाले के नजरिए पर निर्भर करता है। महाभारत काव्य को इस तरीके से लिखा गया है कि पढ़ने वाला जिस नजरिए से इसे पड़ता है, उसे वैसा दिखने लगता है।

महाभारत समाज के बारे में सीख देने के लिए लिखा गया है। महाभारत जीवन जीने के तरीके बताने के लिए लिखा गया है।

इसे लिखने का मुख्य उद्देश्य आने वाली पीढ़ी को एक सही राह दिखाना है। किस तरह भगवान ने विषम परिस्थिति में अपने जीवन को जीया?, किस तरह दो भाई धन के लिए आपस में लड़ गए? और किस तरह समाज के अपने लोग क्षण भर की खुशी के लिए अपना शत्रु बन गया?

निष्कर्ष

इस महत्वपूर्ण लेख में महाभारत किसने लिखी थी और क्यों लिखी? (mahabharat kisne likha) के बारे में जानकारी प्रदान की है। हमें उम्मीद है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरुर करें। यदि आपका इस लेख से जुड़ा कोई सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर बताएं।

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